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दिल्ली जा रही ओवर लोड ट्रेन के कोच का आधा सामान ग्वालियर में उतारा

ग्वालियर. सवारी और सामान अधिक होने के कारण सड़कों पर चलने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहनों के बैठने के कई मामले नजर आते हैं, लेकिन लोहे की पटरियों पर दौड़ने वाली ट्रेन को क्षमता से अधिक सामान भरा होने के कारण रोका जाना कम ही सुना होगा। रात चेन्नई सेंट्रल से चलकर नई दिल्ली जाने वाली जीटी एक्सप्रेस ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों और बुक हुए सामान के बोझ के कारण रोक दी गई। सूचना मिलने पर रेलवे के कैरिज एंड वैगन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच करने के बाद ट्रेन में बुक सामान को उतारकर आगे के लिए रवाना किया।
ऐसे हुआ अनुमान
जानकारी के अनुसार जीटी एक्सप्रेस में चेन्नई से ही एसएलआर कोच में क्षमता 3.9 टन से लगभग दोगुना अधिक माल चढ़ाया गया। इसके अलावा अन्य स्टेशनों से भी कोच में अतिरिक्त सामान लोड हुआ। इसके चलते कंपन और झटकों को कम करने के लिए लगाए गए कोच के बफर स्प्रिंग बैठने लगे। ट्रेन जब भोपाल से रवाना हुई तो लोको पायलट को इसका आभास भी हुआ। उसने झांसी स्थित कंट्रोल को सूचना दी, लेकिन झांसी में ट्रेन की जांच नहीं की गई।
ट्रेन अपने निर्धारित समय से 1:38 घंटे की देरी से रात 1:33 बजे ग्वालियर पहुंची तो कंट्रोल से मैसेज मिलने के बाद कैरिज एंड वैगन विभाग के अधिकारी स्टेशन पहुंचे। उन्होंने एसएलआर कोच को चेक किया तो पाया कि उसमें सामान अधिक था। ऐसे में ट्रेन से 3648 किलो (3.6 टन) सामान उतारा गया। इस दौरान ट्रेन लगभग दो घंटे तक ग्वालियर स्टेशन पर ही खड़ी रही। रात 3:38 बजे उसे दिल्ली के लिए रवाना किया गया। कैरिज एंड वैगन विभाग और अन्य स्थानीय कर्मचारियों ने एक ज्वाइंट नोट भी तैयार कर झांसी स्थित मंडल कार्यालय भेजा है।

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ग्वालियर कलेक्टर ने ली बैठक, मतगणना जल्दी पूरी करने 5 विस क्षेत्र में लगेंगी 21-21 टेबल

ग्वालियर. जिला निर्वाचन अधिकारी रुचिका चौहान ने शनिवार को एमएलबी कॉलेज में मतगणना की तैयारियों को लेकर एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने लोक निर्माण के विभाग के अधिकारियों से कहा कि मतगणना के लिए निर्धारित सभी कक्ष 25 मई तक तैयार करें। मतगणना जल्दी करने के लिए इस बार ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, दक्षिण व डबरा के लिए 14 की जगह 21 टेबल लगाई जाएंगीं। इसी तरह भितरवार क्षेत्र की मतगणना के लिए 18 टेबल लगाई जाएंगीं।

 

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जैविक खतरे से एक साथ लड़ेंगे डीआरडीई ग्वालियर और एनआइवी पुणे

ग्वालियर. देश को जैविक-रासायनिक खतरे के बचाने के लिए काम करने वाली दो बड़ी एजेंसियां अब साथ काम करेंगी। रसायन, जैव रक्षा क्षेत्र में अग्रणी संस्थान रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना ग्वालियर (डीआरडीइ) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे (एनआइवी) की दोनों प्रयोगशालाएं साथ अनुसंधान करने के साथ विकास कार्य में काम करेंगी। एनआइवी देश की एकमात्र बीएसएल-4 लैब है और डीआरडीई की ग्वालियर में नई लैब निर्माणाधीन है। इसके बाद देश में दो लैब हो जाएंगी। हाल में दोनों लैबों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं जिसमें साथ अनुसंधान करने के साथ-साथ एनआइवी पुणे बीएसएल-4 प्रयोगशाला में उच् जोखिम वाले रोगाणुओं पर अनुसंधान करने के लिए कार्मिकों को अल् कालीन और दीर्घकालीन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद ग्वालियर डीआरडीई के विज्ञानी व स्टाफ बीएसएल-4 लैब के लिए तैयार भी हो जाएंगे।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना (डीआरडीइ) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक भारतीय रक्षा प्रयोगशाला है। ग्वालियर में स्थित, यह मुख्य रूप से जहरीले रासायनिक और जैविक एजेंटों के खिलाफ पहचान और सुरक्षा के अनुसंधान और विकास की दिशा में काम करती है। डीआरडीइ की नई बीएसएल-4 लैब ग्वालियर में ही महाराजपुरा इलाके में निर्माणाधीन है। आइसीएमआर के तहत कार्य करने वाली पुणे की एनआइवी लैब विषाणु विज्ञान के क्षेत्र में काम करती है। अब पहली बार ऐसा होगा कि दोनों लैब जैविक खतरे से लड़ने के लिए साथ काम करके नए आयाम खड़े कर सकेंगी। दोनों संस्थानों के बीच कुछ दिनों पहले दिल्ली में एक समारोह में आपसी समझ के ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। इस दौरान डीआरडीइ ग्वालियर के निदेशक डा मनमोहन परीडा एवं डा यू.के. सिंह, महानिदेशक (जैव विज्ञान) एवं डा राजीव बहल, सचिव एवं महानिदेशक, आइसीएमआर विशेष तौर पर मौजूद रहे।
उन्नत निदान व उपचार प्रणाली होगी विकसित
डीआरडीई के निदेशक डा मनमोहन परीडा ने बताया कि डीआरडीइ व एनआइवी के बीच यह एमओयू रक्षा एवं जन-स्वास्थ्य के महत्व के जैविक अभिकारकों एवं उच्च जोखिम वाले विषाणुओं के विरुद्ध उन्नत निदान एवं उपचार प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से किया गया है। इसका उद्देश्य देश को जैविक खतरे विशेष रूप से विषाणु अभिकारकों से सुरक्षित करना है।

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ग्वालियर में तकनीकी पेंच में फंसे 100 करोड़ के निर्माण कार्य

ग्वालियर. स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन द्वारा शहर में किए जा रहे लगभग 100 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य अवैध की श्रेणी में आ गए हैं। इसमें मल्टी लेवल कार पार्किंग, इंटर स्टेट बस टर्मिनल, शिक्षा नगर में बन रहे स्कूल सहित अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन सभी प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए नगर निगम से अनुमति नहीं लेने के कारण अवैध निर्माण की श्रेणी के नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन इसके साथ ही एक तकनीकी पेंच भी फंस गया है। स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन द्वारा तैयार किए जाने वाले ज्यादातर प्रोजेक्ट नगर निगम के नाम पर चढ़ी जमीनों पर तैयार किए जा रहे हैं, जबकि निर्माण अनुमति के लिए मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज दिखाना जरूरी है। ऐसे में निर्माण कार्यों की मंजूरी का मामला भी अटक गया है। दिलचस्प बात यह है कि ऐसा तब है जब नगर निगम और स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के बास एक ही हैं यानी नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के कार्यकारी संचालक भी हैं।
पिछले दिनों निगमायुक्त ने सभी सरकारी निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों की बैठक लेकर भवन निर्माण की अनुमति लेने के बाद ही काम शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब निर्माण कार्यों को बंद कराने की कार्रवाई की जा रही है। गत गुरुवार को नगर निगम के अमले ने पद्मा विद्यालय में सीएम राइज स्कूल और जनकगंज थाने के निर्माण कार्यों को मंजूरी न लेने के कारण बंद करा दिया। ठीक इसी प्रकार अन्य एजेंसियों के बिना अनुमति निर्माण कार्यों पर भी कार्रवाई होनी है। इसी क्रम में स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन के प्रोजेक्ट को भी अवैध बताकर नोटिस जारी किए गए हैं। यदि जल्द ही निर्माण की अनुमति नहीं मिलती है, तो ये कार्य भी बंद कराए जा सकते हैं। वहीं बिना अनुमति निर्माण कार्य जारी रहते हैं और प्रोजेक्ट पूरे हो जाते हैं, तो भी नियम के मुताबिक ये अवैध ही रहेंगे। ये तकनीकी समस्या सामने आने के बाद अब नगर निगम के अधिकारी इस समस्या का निराकरण करने का दावा कर रहे हैं, क्योंकि नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ही कार्पोरेशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी हैं।

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ग्वालियर में छात्रा से दुष्कर्म

ग्वालियर. थाटीपुर इलाके में रहने वाली युवती के साथ मुरैना निवासी युवक ने दुष्कर्म किया। युवती से उसकी दोस्ती थी, इसके चलते वह युवती के घर आया था। युवती का नहाते समय का वीडियो उसने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया। इसे बहुप्रसारित करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगा। युवती के साथ दुष्कर्म किया। करीब छह साल तक दुष्कर्म करता रहा। अब जब युवती ने शादी के लिए कहा तो वह मुकर गया। युवती ने थाटीपुर थाने पहुंचकर एफआइआर दर्ज कराई है। थाटीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुरेश नगर इलाके में रहने वाली युवती जहां काम करती थी, वहां मुरैना निवासी जगदीश कढ़ेरे भी काम करता था। दोनों की दोस्ती हो गई। युवती के घर वह मिलने के लिए गया था। तभी युवती नहाने के लिए जा रही थी। इसी दौरान जगदीश ने मोबाइल वाशरूम में छिपा दिया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने लगा। अब युवती ने उससे शादी की बात कही तो वह मुकर गया। शादी से मुकरा तो पीड़िता थाने पहुंची। पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है।

 

 

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MP में चौथे चरण के लिए थमा प्रचार, बाहरी नेताओं की रवानगी

धार. मध्य प्रदेश की आठ सीटों पर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए शाम छह बजे से प्रचार थम गया। लोकसभा चुनाव के लिए भीषण गर्मी में प्रचार प्रसार का दौर चलता रहा। 29 अप्रैल के बाद प्रचार प्रसार ने जोर पकड़ लिया था। प्रत्याशियों ने दिन-रात एक की है। शनिवार की शाम को 6 बजे प्रचार प्रसार थम गया है। वाहन रैली से लेकर व्यक्तिगत संपर्क और सभा में दोनों ही राजनीतिक दल ने अंतिम समय तक ताकत लगाई।
भाजपा के स्टार प्रचारक क्षेत्र में मौजूद रहे। इस तरह से अंतिम दौर तक यह दौर चलता रहा। शाम 6 बजे बाद आचार संहिता के तहत कार्रवाई के नाम पर प्रचार थम गया। अब दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल के साथ सातों प्रत्याशी अपने चुनावी प्रबंधन में लग गए हैं। इसके तहत उन्हें मतदान केंद्र पर अपने एजेंटों को बैठाने से लेकर अन्य सारे चुनावी प्रबंधन अगले 48 घंटे तक करना होंगे। लोकसभा निर्वाचन को लेकर जिला प्रशासन की तैयारियां लगभग पूर्ण हो गई हैं। 13 मई को होने वाले मतदान को लेकर मतदान दलों के प्रशिक्षण की कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है। 12 मई रविवार को पालीटेक्निक कालेज से मतदान दलों की मतदान सामग्री, इवीएम के साथ रवाना होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंक मिश्रा ने मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अपील की है।
उप ज़िला निर्वाचन अधिकारी और अपर कलेक्टर अश्विनी कुमार रावत ने बताया कि मतदान दल निर्धारित वाहन, रूट चार्ट अनुरूप सुरक्षित, सुविधाजनक रूप से उनके मतदान केंद्रों तक पहुंचेंगे व मतदान उपरांत पूर्व निर्धारित वाहन, रूट चार्ट से वापस आएंगे। लोकसभा निर्वाचन अंतर्गत जिले के कुल 1879 मतदान केंद्रों के लिए रिजर्व सहित कुल 8264 मतदानकर्मी नियुक्त किए गए हैं। लोकसभा निर्वाचन-2024 के चौथे चरण में धार में सोमवार 13 मई को सुबह सात से शाम छह बजे तक मतदान होना है। ज्ञात हो कि संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय के 48 घंटे से पहले से चुनाव प्रचार बंद करने का प्रविधान है। प्रचार-प्रसार समाप्त होने की समय-सीमा के बाद बाहरी क्षेत्र के उन व्यक्तियों जो उस लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें वह निर्वाचन क्षेत्र छोड़ना होता है। ऐसे मे जिले के बाहर के नेताओं ने स्वत ही यहां से रवानगी डाल दी।

 

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ग्वालियर में सगाई समारोह के दौरान युवकों को टोकने पर विवाद, फायरिंग कर भागे, मामा-भांजे को लाठी-डंडों से पीटा

ग्वालियर. जिले में बदमाशों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आज फिर जिले से एक किस्सा सामने आया है कि एक होटल में आधा दर्जन बदमाशों ने दो लोगों पर फायरिंग कर दी है। फायरिंग में मामा-भांजे घायल हुए हैं, गनीमत रही कि किसी की भी जान नहीं गई है। फिलहाल इस मामले में पुलिस कारणों का खुलासा नहीं कर पाई है, लेकिन बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है।

मारपीट का वीडियो शनिवार को सामने आया। - Dainik Bhaskar
मामा को बचाने आया भांजा
जानकारी के मुताबिक मामला विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के ब्लू बेल होटल का है। इसमें कुछ लोगों द्वारा दो व्यक्तियों को घायल कर दिया गया है। उनपर जमकर फायरिंग की गई है। जिससे दोनों घायल बताए जा रहे हैं। घटना की एक सीसीटीवी भी सामने आया है। जिसमें दिख रहा है कि करीब आधा दर्जन लोग एक व्यक्ति पर फायरिंग कर रहे हैं। साथ ही शोरगुल और हंगामा भी हो रहा है। इस फायरिंग में एक व्यक्ति जो मामा था वो घायल हो गया है। उसके हाथ में गोली लगने की जानकारी सामने आई है। इसके बाद अपने मामा को बचाने आए भांजे को भी गोलियों के कारण चोट लग गई है। बताया जा रहा है कि फायरिंग से पहले सभी के बीच जनकर मारपीट भी हुई थी। मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल वीडियो के माध्यम से आरपियों की तलाश की जा रही है। घायलों का इलाज कराया जा रहा है।

 

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आंधी चलते ही गुल हो गई आधे शहर की बिजली, सुबह से 20 फीडर हुए प्रभावित

ग्वालियर. आंधी आते ही आधे शहर की बिजली गुल हो गई। शाम के समय तेज हवा शुरू होते ही बिजली कंपनी ने दो फीडर से सप्लाई बंद कर दी। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हवा की गति धीमी पड़ने पर बिजली सप्लाई बहाल हुई। सिटी सेंटर इलाके में करीब आधा घंटे तक बिजली गुल रही। वहीं कई क्षेत्रों में एक घंटे से ज्यादा देरी तक बिजली गुल रही। नगर संभाग पूर्व के उपमहाप्रबंधक ने पावर कट की बात से इनकार किया, जबकि प्रभारी महाप्रबंधक ने दो फीडर से बिजली सप्लाई बंद होने की बात स्वीकारी। वहीं 20 फीडर पर सप्लाई बंद की गई थी, कंपू के पाटरीज फीडर की 11 केवी लाइन पर पेड़ गिर गया, जिसे हटाने में करीब 30 मिनट का समय लगा।
शहर में 50 हजार से ज्यादा की आबादी रही प्रभावित
संधारण कार्य के नाम पर बिजली कंपनी शनिवार को आठ फीडर पर पावर कट की । जिससे करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित रही। नगर संभाग केन्द्रीय के दालबाजार फीडर पर सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक बिजली गुल रही । जिससे दाल बाजार, हाइकोर्ट रोड, जयेन्द्रगंज, मैनावाली गली, तेजेन्द्र की गली, कासिम खां बाड़ा सहित अन्य क्षेत्र प्रभावित रहें। नगर संभाग पूर्व के सिटी सेंटर फीडर और मानिक विलास फीडर पर सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक बिजली गुल रही। इससे कैलाश बिहार, तुलसी बिहार, सिटी सेंटर, मानिक विलास, झांसी रोड,गांधी रोड बंगले सहित अन्य क्षेत्र प्रभावित रहेंगे। नगर संभाग उत्तर के सेवानगर, टीपीएन नम्बर तीन पर सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक बिजली गुल रहेगी। जिससे सेवानगर, फूलबाग चौराहा, खेड़ापति रोड, रविनगर, ट्रांसपोर्ट नगर सहित अन्य क्षेत्र प्रभावित रहें। नगर संभाग दक्षिण के गोल पहाडिया एक व दो फीडर पर सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक बिजली गुल रहे। जिससे तिघरा, एबी रोड, लक्ष्मीगंज, जनकगंज, बेलदारपुरा, लाला का बाजार, आपागंज, वर्कशाप क्षेत्र के कई इलाके प्रभावित रहें। 33 केवीए गिरवाई फीडर पर सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक बिजली गुल रहे। जिससे विष्णु कालोनी, गिरवाई, सिद्धबाबा क्षेत्र सहित अन्य इलाके प्रभावित रहें।

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एजी पुल के दूसरी ओर रास्ता शुरू होने में एक सप्ताह और लगेगा

ग्वालियर. एजी पुल की दूसरी ओर से रास्ता शुरू होने में तीन दिन नहीं, बल्कि एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाएगा। इसका कारण है कि नए मार्ग को खोलने में तीन पेड़, नाला और गैस की पाइपलाइन अड़चन बन रहे हैं। शुक्रवार को निगम के अमले ने इस मार्ग को खोलने के लिए निरीक्षण किया। इस दौरान रास्ते में खड़े तीन पेड़ों को काटने पर मंथन किया गया। हालांकि कुछ इंजीनियर पेड़ काटने के बजाय रास्ते को थोड़ा घुमाने के पक्ष में थे, तो कुछ इंजीनियर रास्ते को सीधा करने के लिए पेड़ काटने की मंजूरी लेने पर चर्चा करते नजर आए।
इस रोड पर जलजमाव की स्थिति भी निर्मित हो सकती है, ऐसे में पानी की निकासी के लिए नाला तैयार करने की भी जरूरत होगी। वहीं एजी पुल के बगल से मौजूद डिवाइडर के पास गैस पाइपलाइन मौजूद है। ऐसे में रोड निर्माण के दौरान इसके टूटने की भी संभावना बनी हुई है। शुक्रवार को निगम के इंजीनियर सुरेश अहिरवार, शैलेंद्र सक्सेना और राकेश कश्यप इस रोड का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। निरीक्षण के दौरान देखा कि सड़क के दाईं तरफ खड़े कुछ पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ सकती है। यदि पेड़ नहीं काटे जाते हैं, तो रोड को थोड़ा या घुमाव देना पड़ेगा। वहीं निर्माण की खोदाई के दौरान नीचे नाले के पाइप भी मिले, जिन्हें वर्षा जल की निकासी के लिए अन्य पाइप से जोड़ना पड़ेगा। इन सभी कार्यों में समय लगेगा। वर्तमान में कार्यशाला के मुख्य द्वार के पास ही सड़क बनी हुई है। बाकी एजी पुल के अंत तक अभी सिर्फ गिट्टी डाली गई है। ऐसे में डामरीकरण उसी स्थिति में हो सकेगा, जब पेड़, नाले और पाइपलाइन से संबंधित कार्य हो सकें।

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ग्वालियर में संजोईं पोखरण की यादें, ऐतिहासिक शहर तकनीक में भी समृद्ध

ग्वालियर. वैसे तो ग्वालियर की पहचान भारत के जिब्राल्टर के रूप में प्रसिद्ध किले सहित अन्य ऐतिहासिक इमारतों और पुरा संपदाओं के कारण होती है, लेकिन तकनीक के मामले में भी शहर का इतिहास बहुत समृद्ध है। भले ही देश को परमाणु शक्ति बनाने का काम हो या फिर अंतरिक्ष मिशनों के लिए क्रायोजेनिक इंजन तकनीक विकसित करने की बात हो, इनका कुछ न कुछ कनेक्शन ग्वालियर से जरूर है। इसके अलावा शहर में डीआरडीओ की लैब में लगातार नए-नए प्रयोग कर तकनीकें विकसित की जा रही हैं, जो देशहित में बहुत कारगर साबित हो रही हैं।
आज से ठीक 26 साल पहले पोखरण में परमाणु परीक्षण कर देश को परमाणु शक्ति बनाने का काम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुआ था। स्व. अटलजी का ग्वालियर से गहरा नाता है और इसी शहर में अटलजी की स्मृति में बनाए गए संग्रहालय में पोखरण परीक्षण की यादों को संजोया गया है। गोरखी में बनाए गए अटल म्यूजियम में पोखरण परीक्षण से जुड़े फोटो और अन्य गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया है। पोखरण में जिस प्रकार के परमाणु बमों का विस्फोट किया गया था, उनके माडल इस संग्रहालय में प्रदर्शित किए गए हैं। इसके अलावा उस समय के फोटोग्राफ भी यहां लगाए गए हैं। अब इस म्यूजियम में होलोग्राफिक तकनीक के जरिए परमाणु परीक्षण का सीन रीक्रिएट करने के लिए काम किया जा रहा है। इसमें अटलजी के साथ तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज और महान वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम मंत्रणा करते हुए नजर आएंगे। स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन द्वारा कराए जा रहे अपग्रेडेशन का काम पूरा होने के बाद में सैलानियों को यह सीन बिल्कुल सजीव नजर आएगा।
देश में विकसित की क्रायोजेनिक इंजन तकनीक
इसरो जल्द ही मिशन गगनयान के तहत तीन सदस्यीय दल को तीन दिन के मिशन के लिए पृथ्वी की कक्षा में भेजेगा। इसकी घोषणा पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की थी। गगनयान मिशन में जिस क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा, उसे भारत में विकसित करने का श्रेय ग्वालियर के पिछोर कस्बे से निकलकर इसरो तक पहुंचने वाले वैज्ञानिक डा. नवल किशोर गुप्ता को जाता है। वे एमआइटीएस में वर्ष 1971 बैच के मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र रहे हैं। क्रायोजेनिक इंजन तकनीक पहले भारत को रूस से मिलने वाली थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण रूस ये तकनीक देने से पीछे हट गया। इस बीच डा. नवल किशोर गुप्ता और उनकी टीम को रूस भेजा गया। वहां उन्होंने क्रायोजेनिक इंजन को देखा और वर्ष 1995 से 2002 के बीच इसे भारत में विकसित किया। अब आगामी गगनयान मिशन में इसी तकनीक का इस्तेमाल कर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।