पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमले में 2 बम विस्फोटों में 3 पुलिसकर्मियों की मौत
नई दिल्ली. पाकिस्तान के खैरब पख्तूनख्वा प्रांत में शुक्रवार को हुए दोहरे बम धमाकों में कम से कम से 3 पुलिसकर्मियों की मोत हो गयी है। कई अन्य घायल हुए है। यह घटना प्रांत के हंगू शहर में उस वक्त हुई जब पुलिस बल आतंकवाद विरोधी गश्त पर था। अधिकारियों ने इसे एक आतंकी हमला बताया है।
प्रान्तीय पुलिस प्रमुख इंस्पेक्टर जनरल जुल्फिकार हामिद ने बताया है कि हमला धमका हंगू के एक पुलिस चेकपोस्ट को निशाना बनाकर किया गया है। यह धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास के कई घरों की खिड़किया चटक गयी है पास खड़ी गाडि़यां क्षतिग्रस्त हो गयी है। पहले विस्फोट के बाद पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंची है। तभी दूसरा धमाका हो गया। यह धमाका तब हुआ जब सुरक्षाकर्मी पहले हमले की जांच करने के लिये घटनास्थल की तरफ बढ़ रहे थे। ऐसा बताया जा रहा है कि दूसरा धमाका रिमोट कंट्रोल डिवाइस से किया गया। ताकि बचाव दल को नुकसान पहुंचाया जा सके।
स्थानीय अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, धमाकों में मारे गए पुलिसकर्मियों में हंगू के एसपी (ऑपरेशंस) असद जुबैर भी शामिल है। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई । अन्य दो पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई । हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है। हंगू और उसके आसपास का इलाका लंबे समय से आतंकियों की गतिविधियों का गढ़ रहा है, जहां पहले भी सुरक्षाबलों पर कई हमले हो चुके है। विस्फोटों के बाद पूरे क्षेत्र में उच्च सतर्कता घोषित कर दी गई है। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घायलों को हंगू जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।


नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना के लिये तेजस विमान बना रही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को चौथा इंजन मिल गया है। यह इंजन अमेरिकी कम्पनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) ने सौंपा है। नवमब्र तक भारतीय वायुसेना को 2 तेजस मार्क1ए फायटर जेट मिल जायेंगे। फरवरी 2021 में सरकार ने एचएएल के साथ 83 तेजस मार्क -1ए खरीदने के लिये 48 हजार करोड़ रूपये का करार किया था। लेकिन एचएएल अमेरिकी इंजन की डिलेवरी में देरी की वजह से अभी तक एक भी एयरक्राफ्ट नहीं सौंपा गया है। अनुमान है कि 2028 तक एचएएल सभी एयरक्राफ्ट वायुसेना को सौंप देगा।