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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमले में 2 बम विस्फोटों में 3 पुलिसकर्मियों की मौत

नई दिल्ली. पाकिस्तान के खैरब पख्तूनख्वा प्रांत में शुक्रवार को हुए दोहरे बम धमाकों में कम से कम से 3 पुलिसकर्मियों की मोत हो गयी है। कई अन्य घायल हुए है। यह घटना प्रांत के हंगू शहर में उस वक्त हुई जब पुलिस बल आतंकवाद विरोधी गश्त पर था। अधिकारियों ने इसे एक आतंकी हमला बताया है।
प्रान्तीय पुलिस प्रमुख इंस्पेक्टर जनरल जुल्फिकार हामिद ने बताया है कि हमला धमका हंगू के एक पुलिस चेकपोस्ट को निशाना बनाकर किया गया है। यह धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास के कई घरों की खिड़किया चटक गयी है पास खड़ी गाडि़यां क्षतिग्रस्त हो गयी है। पहले विस्फोट के बाद पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंची है। तभी दूसरा धमाका हो गया। यह धमाका तब हुआ जब सुरक्षाकर्मी पहले हमले की जांच करने के लिये घटनास्थल की तरफ बढ़ रहे थे। ऐसा बताया जा रहा है कि दूसरा धमाका रिमोट कंट्रोल डिवाइस से किया गया। ताकि बचाव दल को नुकसान पहुंचाया जा सके।
स्थानीय अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, धमाकों में मारे गए पुलिसकर्मियों में हंगू के एसपी (ऑपरेशंस) असद जुबैर भी शामिल है। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई । अन्य दो पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई । हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है।  हंगू और उसके आसपास का इलाका लंबे समय से आतंकियों की गतिविधियों का गढ़ रहा है, जहां पहले भी सुरक्षाबलों पर कई हमले हो चुके है।  विस्फोटों के बाद पूरे क्षेत्र में उच्च सतर्कता घोषित कर दी गई है।  पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।   घायलों को हंगू जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

 

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हमास ने घुटनों के बल बैठा कर सिर में मार गोलियां, गाजा में सिहरा देने वाला है हमास का यह कांड

नई दिल्ली. हमास ने एक बेहद अप्रत्याशित घटनाक्रम में 8 गाजावासियों को मौत के हवाले कर दिया है। हमास ने इस नरसंहार को तब अंजाम दिया है। जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस आतंकी समूह हथियारविहीन करने का वादा किया है। लेकिन मध्ययुगीन बर्बरता के इस हैरान करने देने वाले उदाहरण के बाद हमास ने फिलीस्तीन में एक बार फिर से अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है।
इसे फिलीस्तीनी इलाके पर हमास की नियंत्रण बनाये रखने की पुरजोर प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। हमास के बर्बर प्रतिशोध के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गये है। अमेरिका की मध्यस्थता से इजरायल के साथ हुए युद्धविराम समझौते के बाद गाजा पट्टी पर नियंत्रण बनाये रखने के लिये हमास दूसरे फिलीस्तीनी कबीलों से भिड़ गये थे। यह वीडियो कई घंटों से सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है। इस में 8 लोगों को सड़क पर मौत के घाट उतारते हुए दिखाया गया है। हमास ने इन्हें सहयोगी और अपराधी करार दिया है। इस वीडियो में बुरी रतह से पीटे गये 8 लोगों की आंखों पर पट्टी बांधी और वह सड़क पर घुटनों के बल बैठे है फिर हमास से जुड़े हरे रंग के हेडबैंड पहने आतंकी बंदूकधारी पीछे से उन पर गोलियां की बौछार कर देते हैं। घटनास्थल पर ही इन आठों की मौत हो गयी।
इस बीच भीड़ को अल्लाहू-अक्कबर का नारा लगाते हुए सुना जा सकता है। हमास ने बिना कोई सबूत दिये हुए कहा है कि जिन लोगों की उसने हत्या की है। वसह अपराधी और इजरायल के सहयोगी थे। गाजा से इजरायली डिफेंस फोर्स की वापिसी के बाद हमास ने इस इलाके के ऊपर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का प्रयास किया है। कई इलाकों को अपने कंट्रोल में ले लिया है। इस बीच हमास कई सशस्त्र सतहों से टक्कर ले रहा है। यह वॅसे समूह हैं। जिन्होंने जंग के दौरान हमास के कमजोर पड़ने पर कई इलाकों पर कंट्रोल स्थापित कर लिया था।
गाजा पर कब्जे का प्रयास
गाजा में युद्ध विराम लागू होने के साथ हमास के सुरक्षा बल सड़कों पर लौट आये है। वह अन्य सशस्त्र समूहों के साथ झड़पें कर रहे हैं। उन लोगों को मार रहे हैं। जिन्हें उन्होंने गैंगस्टर करार दिया था। गाजा इलाके के उत्तरी भाग में हमास सरकार की काले नकाबपोश सशस्त्र पुलिस ने गाजा शहरों से इजरायली सेना के हटने के बाद सड़कों पर गश्त फिर से शुरू कर दी है।
ट्रंप की चेतावनी
ट्रंप ने हमास की हिंसा पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि हमास ने “कुछ बहुत ही खतरनाक गिरोहों” का सफाया कर दिया है और उनके कई सदस्यों को मार गिराया है लेकिन “सच कहूं तो इससे मुझे ज़्यादा परेशानी नहीं हुई.”लेकिन ट्रंप ने हमास से हथियार डालने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा, “वे हथियार डाल दें, और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम उन्हें हथियार डाल देंगे और यह जल्दी और शायद हिंसक तरीके से होगा.”हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई विशेष जानकारी देने से इनकार कर दिया कि वाशिंगटन ऐसा कैसे करेगा और जब उनसे समय सीमा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह ‘एक उचित टाइमलाइन’ में किया जाएगा.

 

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PAK तालिबानी हमले में 11 पाक सैनिकों की हुई मौत, 19 लड़ाके भी मारे गये, भारत पर हमलावरों की मदद करने का आरोप

मारे गए अधिकारियों में लेफ्टिनेंट (बाएं) कर्नल जुनैद आरिफ और (दाएं) मेजर तैय्यब राहत शामिल हैं।

मारे गए अधिकारियों में लेफ्टिनेंट (बाएं) कर्नल जुनैद आरिफ और (दाएं) मेजर तैय्यब राहत शामिल हैं।

इस्लामाबाद. तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के हमले में मंगलवार की रात को 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गयी है। इसमें पाकिस्तान सेना के 2 अधिकारी और 9 सैनिक शामिल हैं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अफगानिस्तान सीमा के पास पाकिस्तानी सेना टीटीपी के खिलाफ ऑपरेषन चला रही थी। इस बीच दोनों के बीच मुठभेड ़ हो गयी। इसमें टीटीपी के 19 लड़ाके भी मारे गये है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने आरोप लगाया है कि हमलावरों को भारत का समर्थन मिल रहा है। सेना ने दावा किया है कि वह इन्हें खत्म करने में जुटी है। पिछले कुछ माह से टीटीपी ने पाकिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिये हैं।
पाक सेना पर हमलावरों ने फेंका बम, फायरिंग की
पाकिस्तानी सैनिक टीटीपी के खिलाफ कुर्रम जिले में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिये पहुंचे थे। इस बीच हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर बम से हमला किया और फिर फायरिंग की। रॉयटर्स को भेजे गये एक बयान में पाकिस्तानी तालिबान ने टीटीपी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और कहा है कि उनके लढ़कों ने काफिल को निशाना बनाया है। पाकिस्तान सेना ने अपने बयान में कहा कि उन्हें कुर्रम में इंडियर प्रॉक्सी सगठन फितना अल-ख्वारिज से जुड़े आतंकियों की मौजूदगी की खबर मिली थी। जिसके बाद ऑपरेशन चलाया गया। पाकिस्तान सेना टीटीपी को फितना अल-ख्वारिज बुलाती है। यह एक अरबी शब्र है। फितना का मतलब है ‘‘उपद्रवी’’ और अल -ख्वारिज का मतलब ‘‘चरमपंथ’’ के रास्ते पर चले जाने वाले लोग होते हैं।
अमेरिकी हमले के जवाब में TTP का गठन
2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले का समर्थन किया। इससे नाराज होकर 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) बनाया।
TTP ने कबायली इलाकों में शरिया कानून लागू किया और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों पर हमले किए। TTP ने यूनिवर्सिटीज, धार्मिक नेताओं और नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाया, और यहां तक कि पाकिस्तान के बड़े शहरों में भी हमले किए। पाकिस्तानी सेना और अमेरिकी ड्रोन हमलों के बावजूद, पाकिस्तानी तालिबान (TTP) को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका। 2018 में पाकिस्तान ने TTP पर जीत की घोषणा की थी, लेकिन बाद में यह गलत साबित हुआ।

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नोबेल पुरस्कार 2025 -आर्थराइटिस, डायबिटीज का उपचार खोजने वाले वैज्ञानिकों को मिला मेडीसन का नोबेल

नई दिल्ली. नोबेल पुरूस्कारी की घोषणा ने दुनिया करे बार फिर चमत्कार से रूबरू करा दिया। वर्ष 2025 का नोबेल पुरस्कार फिजियोलॉजी या मेडीसन (चिकित्सा) में अमेरिका की मैरी ई. ब्रंकों, अमेरिका के फ्रेड राम्सडेल और जापान के शिमोन सकागुची को दिया गया है। यह पुरस्कार उनकी ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस; (शरीर के बाहरी हिस्सों में इम्यून सिस्टम की सहनशीलता) से जुड़ी खोजों के लिये हैं। यह खोज शरीर की रक्षा प्रणाली को समझने में क्रांति लाई है। जो ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे रूमेटॉइड आर्थराइटिस, टाइप-1, डायबिटीज और ल्यूपस के उपचार का रास्ता खोलेगी। स्टॉकहोम के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने सोमवार को घोषणा की है।
इम्यून टॉलरेंस क्या है, शरीर की रक्षा प्रणाली का रहस्य
हमारा शरीर इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) से सदैव खतरे से लड़ता है-जैसे वायरस या बैक्टीरिया से। लेकिन कभी-कभी यह सिस्टम गलती से अपने ही अंगों पर हमला कर देता है। जिसे ऑटोइम्यून बीमारी कहते हैं। पुराने वैज्ञानिकों को लगता था कि इम्यून सेल्स (रोगाणु से लड़ने वाली कोशिकायें) शरीर के अन्दर ही सहिष्णु (टॉलरेंट) बन जाती है। जिसे सेंट्रल इम्यून टॉलरेंस कहते हैं। लेकिन विजेताओं ने दिखाया कि शरीर के बाहरी (पेरिफेरल) में भी एक खास तंत्र काम करता है। जो इम्यून सिस्टम को नियंत्रित रखता है। इससे शरीर के अंग सुरक्षित रहते हैं। यह खोज 1990 के दशक से शुरू हुई। विजेताओं ने पाया कि ‘‘रेगुलेटरी टी सेल्स’’ (टीआरईजीएस) नामक कोशिकायें इम्यून सिस्टम को ब्रेक लगाती है। अगर यह कोशिकायें कमजोर हों तो शरीर के अंगों पर हमला होता है। यह खोज कैंसर, ट्रांसप्लांट और एलर्जी के इलाज में भी सहयोग करेगी।
तीन साइंटिस्टों का टीम वर्क
शिमोन सकागुची (जापान)
शिमोन सकागुची को रेगुलेटरी टी सेल्स की खोज के लिये जाना जाता है। 1995 में उन्होंने दिखाया है कि सीडी4, सीडी25 प्लस कोशिकायें इम्यून सिस्टम को दबाती है। यह कोशिकायें शरीर का अपने ही ऊतकों से लड़ने से रोकती है। सकागुची की खोज से पता चला है कि ट्रेग्स इम्यून टॉलरेंस बनाये रखने में मुख्य भूमिका निभाती है। उनके काम ने ऑटो इम्यून रोगों की समझ बदल दी। आज ट्रैग्स को इंजीनियर करे दवाये बन रही है।
मैरी ई. ब्रंकों और फ्रेड राम्सडेल (अमेरिका)
मैरी ब्रंकों और फ्रेड राम्सडेल ने फॉक्सपी3 (एफओएक्सपी3) जीन की खोज की, जो ट्रैग्स कोशिकाओं का मास्टर स्विच हैं। 2001 में उन्होंने पाया कि फॉक्सपी 3 में म्यूटेशन से आईपीईएक्स सिंड्रोम होता है। एक दुर्लभ बीमारी जहां बच्चे का इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर पर हमला करता है। इससे बाल रोग, डायबिटीज और आंतों की समस्या होती है। उनके काम ने साबित किया है फॉक्सपी3 ट्रैग्स कोशिकाओं को सक्रिय रखता है। यह खोज पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस को समझने में मील का पत्थर साबित हुई। तीनों ने मिलकर दिखाया कि सेंट्रल टॉलरेंस के अलावा पेरिफेरल टॉलरेंस भी जरूरी है। उनकी खोजें अब दवाओं में उपयोग हो रही है। जैसे ऑटो इम्यून बीमारियों के लिये ट्रैग्स थेरेपी।
नयी दवाओं का दौर
यह पुरस्ेार ऑटो इम्यून बीमारियों से जूझ रहे करोड़ों लोगों लिये उम्मीद है। दुनिया में 50 मिलियन से अधिक लोग इन बीमारियों से प्रभावित है। ट्रैग्स थेरेपी से ट्रांसप्लांट रिजेक्शन कम होगा। कैंसर में ट्रैग्स को काबू करके इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। नोबेल समिति ने कहा है कि यह खोज इम्यून सिस्टम को नियंत्रित रखने का तरीका बताती है। पुरस्कार राशि 11 मिलियन स्वीडिश कोना (लगभग 8.5 रूपये है)

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इजरायल और गाजा के बीच खत्म होगी जंगी, आयेगी शांति, इजरायली पीएम बोले पीस प्लान के पहले चरण को करेंगे लागू

नई दिल्ली. पीएम बैंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने शनिवार की देर रात एक असाधारण बयान जारी कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की शांति योजना पर प्रतिक्रिया दी। इस बयान में कहा गया है कि इजरायल ट्रम्प की योजना के पहले चरण के तत्काल कार्यान्वयन के लिये तैयार है। जिसके तहत सभी बंधकों की रिहाई शामिल है।
बैंजामिन नेतन्याहू के कायर्ा्रलय ने यह भी कहा है कि इजरायल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी टीम के साथ मिलकर युद्ध समाप्त करने के लिये काम जारी रखेगा। ताकि यह इजरायल के सिद्धांतों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दृष्टि के अनुरूप हो। हालांकि बयान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस अपील का कोई जिक्र नहीं किया है। जिसमें उन्होंने बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिये गाजा पर हमले रोकने के लिये कहा था।
शांति के लिये हमास तैयार-ट्रम्प
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस दौरान, शुक्रवार को घोषणा की थी कि हमास स्थाई शांति के तैयार है। उन्होंने पहली बार सार्वजनकि रूप से इजरायल से तत्काल गाजा पर हमले बन्द करने का आव्हान किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का यह संदेश हमास द्वारा उनके प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के कुछ ही समय बाद आया।
प्रस्ताव को हमास ने किया स्वीकार
हमास ने अपने बयान में प्रस्ताव के कुछ हिस्सों का स्वागत किया है। लेकिन कुछ प्रावधानों पर असहमति जताते हुए अतिरिक्त बातचीत की मांग रखी है। संगठन ने कहा है कि वह सभी 48 शेष बंधकों की रिहा करने के लिये तैयार है। योजना के अनुसार स्थाई युद्धविराम लागू होने के 72 घंटे के अन्दर बंधकों को रिहा किया जायेगा। बदले में 2 हजार से अधिक फिलिस्तीनी सुरक्षा बंदियों और मारे गये गाजावासियों के शवों को सौंपा जायेगा और साथ ही इजरायल गाजा से पहले चरण में वापिसी करेगा।

 

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तेजस के लिये अमेरिका से मिला चौथा इंजन, 2 तेजस मार्क 1ए फायटर जेट मिलेंगे 2028 तक देने थे 83 फायटर प्लेन

LCA मार्क 1A में 40 सुधार किए गए हैं, जिससे इन फाइटर प्लेन का मेंटेनेंस आसान हो जाएगा। - Dainik Bhaskarनई दिल्ली. भारतीय वायुसेना के लिये तेजस विमान बना रही हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को चौथा इंजन मिल गया है। यह इंजन अमेरिकी कम्पनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) ने सौंपा है। नवमब्र तक भारतीय वायुसेना को 2 तेजस मार्क1ए फायटर जेट मिल जायेंगे। फरवरी 2021 में सरकार ने एचएएल के साथ 83 तेजस मार्क -1ए खरीदने के लिये 48 हजार करोड़ रूपये का करार किया था। लेकिन एचएएल अमेरिकी इंजन की डिलेवरी में देरी की वजह से अभी तक एक भी एयरक्राफ्ट नहीं सौंपा गया है। अनुमान है कि 2028 तक एचएएल सभी एयरक्राफ्ट वायुसेना को सौंप देगा।
एलसीए मार्क 1ए, तेजस एयरक्राफ्ट का एडवांस वर्जन है। इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम लगे हैं। LCA  माक्र-1ए, के 65प्रतिशत से अधिक उपकरण भारत में ही बनाये गये है। तेजस को भी एचएएल ने डवलप िकया है। यह सिंगल इंजन वाला हल्का फायटर प्लेन है।
HAL को 97 और तेजस फाइटर जेट का ऑर्डर दिया गया
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 25 सितंबर को HAL को भारतीय वायुसेना के लिए अतिरिक्त 97 मार्क-1A लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस फाइटर जेट) बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया। केंद्र ने HAL के साथ ₹62,370 करोड़ की डील की है।मार्क-1A एयरक्राफ्ट वायुसेना के मिग-21 के बेड़े को रिप्लेस करेगा। इसे पाकिस्तान बॉर्डर के पास राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। मिग-21 26 सितंबर को रिटायर हो चुका है। इसने 62 साल की सर्विस के दौरान 1971 युद्ध, कारगिल और कई बड़े मिशन में अहम भूमिका निभाई थी।

 

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गाजा में आर्मी भेजकर चौधराहट दिखाना चाहता है पाकिस्तान, जिन्ना के इजरायल हेट का क्या होगा

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजा पीस प्लान की घोषणा करते हुए कहा है कि इस प्लान का पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर का 100 प्रतिशत सपोर्ट हासिल है। उन्होंने कहा है कि दोनों शुरू से ही हमार साथे, डोनाल्ड ट्रम्प के इस बयान से पाकिस्तान को एक बार फिर से गलतफहमी हो गयी है। पाकिस्तान को लगता है कि इंटरनेशनल लेवल पर चौधराहट दिखाने का बड़ा मौका उसके पास है। इसलिये पार्किस्तान में अब यह चर्चा हो रही है कि गाजा में जिस इंटरनेशनल स्टेबाइजेन फोर्स की तैनाती होने जा रही है। क्या पाकिस्तान की सेना उसका हिस्सा बनेगी।
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजा के लिये जिस शांति प्लान की रूपरेखा तैयार की है। उसके तहत गाजा में 72 घंटे में जंग की समाप्ति। बंधकों की वापिसी, युद्ध से जुड़े हथियारों का सरेंडर, गाजा में शांति सैनिकों तैनाती और युद्ध से ध्वस्त हो चुके इस शहर का पुर्ननिर्माण शामिल हैं गाजा पीस प्लान के ऐलान से पूर्व पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने वॉशिंगटन में डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की थी।
जिन्ना, इजराइल को नहीं मानता था
पाकिस्तान का संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने इजरायल के निर्माण का कड़ा विरोध किया था। 1947 में जब संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन विभाजन योजना को मंजूरी दी तो जिन्ना ने इसे अन्यायपूर्ण और फिलिस्तीनी अरबों के अधिकारों का उल्लघंन करार दिया। उन्होंने तर्क दिया कि यह योजना ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीतियों का परिणाम थी और मुस्लिम दुनिया के हितों के खिलाफ थी।
अरब देशों में पाकिस्तान ने कब कब अपनी सेना भेजी है?
गाजा में पाकिस्तान ने अब तक अपनी सेना नहीं भेजी है, लेकिन 1960 के दशक से ही पाकिस्तान की सेना सऊदी समेत कुछ अन्य खाड़ी देशों में मौजूद रही है. पाकिस्तान की सेनाओं ने यहां ट्रेनिंग, सलाहकार, सुरक्षा सहायता और युद्धकालीन समर्थन की जिम्मेदारी ली है. ये तैनातियां पाकिस्तान की विदेश नीति का हिस्सा रही हैं, जो अरब देशों को सैन्य क्षमता विकसित करने में मदद करती हैं।
पाकिस्तान ने पहली बार 1960 के दशक में अपने सैनिकों को सऊदी सीमाओं की रक्षा के लिए भेजा. ये वो दौर था जब मिस्र ने यमन युद्ध शुरू किया था. इस दौरान पाकिस्तानी वायु सेना के पायलटों ने सऊदी वायु सेना को प्रशिक्षण दिया और लगभग 20,000 सैनिक तैनात किए. 1969 में सऊदी अरब के अल-वादीह युद्ध में पाकिस्तानी मिलिट्री इंजीनियरों ने यमन सीमा पर किले बनाए. वायु सेना के पायलटों ने सऊदी विमानों को उड़ाया.1973 के योम किप्पुर युद्ध में पाकिस्तान के सैनिक मिस्र और सीरिया गए. पाकिस्तानी वायु ब्रिगेड को दमिश्क की रक्षा के लिए तैयार किया गया और पाकिस्तान ने हथियारों की आपूर्ति भी की. 1979 में जब चरमपंथियों ने सऊदी अरब के मक्का में ग्रैंड मस्जिद पर कब्जा कर लिया तो पाकिस्तान ने स्पेशल फोर्सेज को विद्रोहियों को हटाने में सहायता के लिए भेजा।

 

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अमेरिका के मिशिनन के चर्च में फायरिंग के बाद लगी आग, एक शख्स की मौत

नई दिल्ली. अमेरिका के मिशिगन राज्य में रविवार को एक चर्च में फायरिंग और आगजनी की बड़ी घटना हुई। पुलिस ने बताया है कि इस हमले में एक शख्स की मौत हो गयी और 9 लोग जख्मी हुए है। हमलावर को भी मार गिराया गया है। यह घटना ग्रैंड ब्लैक शहर के चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लेटर-डे सेंट्स मेंु हुई है। जो डेट्रायट से लगभग 50 मील उत्तर में है। पुलिस प्रमुख विलियम रेनी ने पत्रकारों को बताया कि चर्च मेंगोलीबारी के बाद बिल्डिंग में आग भी लग गयी। हालांकि अब लोगों के लिये किसी तरह का खबरा नहीं है।
रविवार की सुबह लगभग 11 बजे से पहले पुलिस को फायरिंग की कॉल मिली थी। कुछ देर बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और करीब 11.25 बजे तक शूटर को मार गिराया गया। पुलिस ने कहा है कि अब लोगों के लिये कोई खतरा नहीं है। अधिकारियों ने घायलों की हालत के बारे में फिलहाल कोई जानकारी शेयर नहीं की है। चर्च एक बड़े पार्किंग लॉट औरे लॉन से घिरा हुआ है। इसके पास रिहायशी इलाका और जेहोवा’ज विंटनेस का एक और चर्च है। ग्रैंड ब्लैंक की आबादी करीब 8 हजार है। यह फिं्लट शहर के बाहर स्थित है।
घटना के बाद मिशिगन की गवर्नर ग्रेंटचेन व्हिटमर ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा है कि ‘‘ग्रैंड ब्लैंक समुदाय के लिये मेरा दिल टूट गया है। कहीं भी हिंसा अस्वीकार्य है। खासकर किसी धार्मिकस्थल पर ‘‘यह गोलीबारी उस वक्त हुई जब शनिवार की रात द चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लेटर डे सेंट्स के सबसे वरिष्ठ अध्यक्ष रसेल एम नेल्सन का 101 साल की उम्र में निधन हो गया। चर्च की परंपरा के मुताबिक अब इसके लिये नये अध्यक्ष डलिन एच. ओक्स बनने की संभावना है। स्थानी लोगों ने सोशल मीडिया पर घटनास्थल के वीडियो साझाा किये हैं। जिनमें चर्च से उठता घना धुआं दिखाई दे रहा है। पुलिस ने इलाके से दूर रहने की अपील की है। घायलों के लिये पास के पवेलियन और थियेटर को रीयूनिसफिकेशन साइट बनाया गया है। जहां पीडि़त परिवार के लोग और अन्य लोग एक -दूसरे से मिल सकते हैं।

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क्या इजरायल और कतर के बीच छिड़ेगा युद्ध? जो रडार नहीं पकड़ सके इजरायल ने वही हथियार दागे

नई दिल्ली. इजरायल ने 9 सितम्बर 2025 को कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर हवाई हमला किया। जिसमें रडार से बचने वाले हथियारों का उपयोग किया गया। कतर की सरकार ने इसे आतंकवाद और अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। इस हमले के बाद सवाल उठा रहे हैं कि क्या कतर ओर इजरायल के बीच जंग छिड़ सकती है।
दोहा में इजरायली हमले में क्या हुआ
9 सितम्बर 2025 को दोपहर 3 बजे (स्थानीय समय) दोहा में कई जोरदार धमाके सुने गये। इजरायल की सेना (आईडीएफ) ने घोषणा की कि उसने हमास के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाकर सटीक हमला किया। यह हमला दोहा के वेस्ट बै लैगून और कटारा इलाके में हुआ। जहां वदेशी दूतावास स्कूल और रिहायशी इमारतें है।
कतर की प्रतिक्रिया और जंग की आशंका
कतर ने इस हमले को कायराना और अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन बताया. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी ने कहा कि हम इस लापरवाही भरे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की और हमले की निंदा की।
कतर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत दर्ज की और जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखा. क्या इसका मतलब जंग है? जानकारों का मानना है कि कतर और इजरायल के बीच सीधी सैन्य जंग की संभावना कम है. इसका कारण है कतर की सैन्य और कूटनीतिक स्थिति।
सैन्य क्षमता में अंतर: 2025 ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में इजरायल 15वें और कतर 62वें स्थान पर है ।  इजरायल के पास F-35 स्टील्थ जेट, न्यूक्लियर हथियार और आयरन डोम जैसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं। कतर के पास राफेल और F-15QA जेट्स हैं, लेकिन उसकी सेना छोटी है. कतर के पास लंबी दूरी की मिसाइलें या न्यूक्लियर हथियार नहीं हैं, जिससे वह इजरायल पर सीधा हमला नहीं कर सकता।

 

 

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ग्वालियर की तान्या मित्तल पर विग बॉस में कॉमेडियन प्रणित ने जोक मारा तो सलमान खान ने लगाई फटकार

नई दिल्ली. सुपरस्टार सलमान खान शनिवार के दिन अपने पॉपुलर रियलिटी शो बिग बॉस 19 के पहले वीकेंण्ड का वार एपिसोड में नजर आये। जिसमें उन्होंने सभी घरवालों संग बातचीत की। जहां एक ओर सलमाएन ने कुछ कंटेस्टें्स संग मस्ती माजक किया। वहीं कुछ कंटेस्टेंट्स उनके गुस्से का शिकार हुए।
बिग बॉस के घर में किस पर बरसे सलमान
बिग बॉस 19 का पहला वीकेंड का वार एपिसोड काफी एंटरटेनिंग रहा है। सलमान ने इस बीच घर के 3 सदस्यों अभिषेक बजाज, गौरव खन्ना और कॉमेडियर प्रणित मोरे की क्लास लगाई। अभिषेक को सलमान ने घर में गंदगी फैलाने और सही ढंग से नहीं रहने के लिये लताड़ लगाई। वहीं एक्टर ने गौरव खन्ना को कैप्टेंसी टास्क के दौरान कुनिका सदानंद को सपोर्ट नही ंदेने वाली बात पर भी घेरा।
सलमान ने तान्या मित्तल को बनाया घर का सितारा
इसके बाद स्टैण्डअप कॉमेडियन प्रणित मौरे सलमान के निशाने पर आये। उन्होंने प्रणित को तान्या पर जोक मारने के लिये क्लास लगाई। सलमान के अनुसार वह ग्वालियर की तान्य मित्तल केअलावा किसी और पर जोक नहीं मारते जो गलत है। एक्टर ने प्रणित को उन पर जोक मारने के लिये भी घेरा जो कॉमेडियन ने घर में आने से पहले सलमान के लिये उपयोग किये थे।
दरअसल गौरव कुनिका की जगह असनूर कौर को घर की कप्तान बनाना चाहते थे। उनके अनुसार अशनूर भी उतनी ही काबिल है। जितना कोई और कंटेस्टेंट, जिससे कुनिका नाराज हुई। हालांकि जब सलमान ने गौरव को इस बात पर घेरा, तब पूरा घर गौरव के खिलाफ होता नजर आया। मगर वह अपनी बात पर अटल दिखे।