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पुतिन की कार के चारों टायर फटने के बाद भी 80किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है ऑरस सीनेट

नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा में शामिल उनकी लिमोजिन कार ‘‘ऑरस सीनेट’’ एक फिर से चर्चाओं में है। 7 टन वजनी यह कार एक चलता-फिरता किला है। इसका 900 किलो का एक दरवाजा हाथ से नहीं बल्कि हाइड्रोलिक सिस्टम के जरिये खुलता है। कार की टॉप स्पीड 250 किमी प्रतिघंटा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की कार ‘‘द बीस्ट’’ से दोगुनी स्पीड से दौड़ती है। ‘‘द बीस्ट’’ की रफ्तार 112 किमी प्रतिघंटा है। यह कार पूरी तरह से बुलेट और ब्लास्ट प्रूफ है।
टायर फटने के बाद भी फर्राटे से दौड़ेगी लिमोजिन कार
चारों टायर फटने के बाद भी यह गाड़ी 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। 6सीएम मोटा कांच पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है। यह असॉल्टी राइफल एक-47, ग्रेनेड हमले झेल सकता है। केमीकल हमले होने पर कार के अन्दर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम शुरू हो जाता है। पुलिस की ऑरस सीनेट एक मात्र ऐसी कार है। जो पूरी तरह से स्वदेशी है। दुनिया किसी राष्ट्राध्यख्ज्ञ के पास स्वदेशी कार नहीं है।
काउंटर अटैक में सक्षम
1. टियर गैस लॉन्चर सिस्टम: सेल्फडिफेंस के लिए इसमें ऑटोमैटिक टियर गैस लॉन्चर फिट किए गए हैं। दुश्मन के करीब आने पर ऑटोमैटिकली टियर गैस फायर होता है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।
2. स्मोक स्क्रीन सिस्टम: गाड़ी के विभिन्न हिस्सों से ऑटोमैटिक स्मोक ग्रेनेड निकलते हैं। इस सिस्टम के ऑन करते ही कार के चारों तरफ से धुएं की एक चादर बन जाती है। यह दुश्मन की नजर को धुंधला कर चकमा दे सकती है।
3. फायर सप्रेशन सिस्टम: अगर बम विस्फोट हो जाए या आग लग जाए, तो इसका सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेता है। इसके बाद इसमें लगा फायर सप्रेशन सिस्टम खुद ऑन हो जाता है और फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशामक यंत्र) बाहर निकलकर आग पर काबू पा लेता है। इसमें विशेष फ्लेम रिटार्डेंट केमिकल स्प्रे होता है।
4. इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम: गाड़ी इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम से भी लैस रहती है। इसके गेट व हैंडल से इलेक्ट्रिक शॉक छोड़ा जा सकता है। हमले की स्थिति में इसका इस्तेमाल होता है, ताकि बाहर से कोई हमलावर उसे पकड़ न सके।

 

 

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व्हाइट हाउस के पास फायरिंग, नेशनल गार्ड के 2 जवान घायल, संदिग्ध गिरफ्तार

वॉशिंगटन. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जहां रहते हैं। उसे महज कुछ दूरी पर फायरिंग की घटना सामने आयी है। वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस से कुछ ही सड़कों की दूरी पर फायरिंग हुई है। इस गोलीबारी मेंकम से कम 3 लोग जख्मी हुए है। जिनमें से 2 नेशनल गार्ड सदस्य भी शामिल है। यह घटना स्थानीय समयानुसार की दोपहर 2.30 बजे हुई है। घायल हुए नेशनल गार्ड के 2 सदस्यों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वेस्टे वर्जीनिया के गवर्नर पेट्रिक मॉरिसी ने पहले एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया था। 2 नेशनल गार्ड के सदस्यों की मौत हो गयी है। हालांकि उन्होंने अपने पोस्ट को बाद में डिलीट कर दिया है।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग ने बताया है कि फायरिंग व्हाइट हाउस के पास हुई। घटना के तत्काल बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। असॉल्ट राइफल से लैस अधिकारी कई ब्लॉक्स में फैल गये और पूरा इलाके को सीलबन्द कर दिया।

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फाइटर प्लेन तेजस क्रैश, पायलट की घटनास्थल पर ही हुई मौत, शहीद पायलट का पार्थिव शरीर रविवार को भारत आयेगा

नई दिल्ली. दुबई एयर शो 2025 के अंतिम दिन एक दुःखद हादसा हुआ है। भारत के स्वदेशी फायटर प्लेन तेजस एक प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे में विमान के पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। भारतीय वायुसेना ने इसकी पुष्टि की है। जांच के आदेश दिये है। यह तेजस का दूसरा बड़ा हादसा है।
घटना के पूर्व का एक वीडियो वायरल हो रहा है।जिसमें भारत के वीर पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल को रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, यूएई में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल और विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (खाड़ी) असीम महाजन के साथ देखा जा सकता है। दुबई से पहले गुवाहाटी में हुए एयर शो में शानदार प्रदर्शन किया था।
तेजस कैसे हुआ दुर्घटनाग्रस्त
यह हादसा शुक्रवार की दोपहर करीब 2.10 बजे (स्थानीय समय) अल मकतूम इंटरनेशन एयरपोर्ट पर हुआ। तेजस विमान प्रदर्शन के लिये हवा में उड़ रहा था। यह कई बार शो साइट के ऊपर से गुजरा और एक लो रोल (कम ऊंचाई पर घुमाव) कर रहा था तभी अचानक विमान नियं़त्रण खो गया और यह तेजी से जमीन की ओर गिर गया। टकराने पर जोरदार धमाका हुआ है। काला धुआं निकलने लगा। वीडियो फुटेज में दिखा कि विमान ने बैरल रोल (घुमाव) किया। लेकिन फिर संतुलन बिगड़ गया।
अंतिम संस्कार रविवार को
शहीद का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर 2 बजे गग्गल एयरपोर्ट पहुंचेगा. इसके बाद पैतृक दाह-संस्कार स्थल सेलुड़ में पूरे राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. ताया जोगिंदर स्याल ने बताया कि खबर शुक्रवार दोपहर 3 बजे मिली थी.
भारतीय वायुसेना का बयान
भारतीय वायुसेना (IAF) ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि दुबई एयर शो में प्रदर्शन के दौरान IAF के तेजस विमान का हादसा हो गया. पायलट को गंभीर चोटें आईं और उनकी मौत हो गई. IAF इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है. हादसे के कारण जानने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का गठन किया गया है. नमांश स्याल हिमाचल के कांगड़ा के रहने वाले थे. नागरोटा बागवान के वार्ड नंबर-7, पैतलकर पंचायत के रहने वाले 34 साल के नमांश स्याल की शहादत की खबर आते ही गांव में मातम छा गया. रिश्तेदार, पड़ोसी और गांव की महिलाएं घर पर इकट्ठा होकर रो-रोकर बिलख रही हैं. घर के बाहर शोक की लहर है.

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कार्गो प्लेन क्रैश में 3 की मौत 11 घायल

प्लेन उड़ान के कुछ मिनट बाद ही क्रैश हो गया।

वॉशिंगटन डीसी. अमेरिका के केंटकी राज्य में बुधवार को लुईविल में एक कार्गो प्लेन क्रैश हो गया है। दुर्घटना में 3 लोगों की मौत हो गयी है। जबकि कम से कम 11 लोग घायल होने की खबर है। फेडरल एविएशन अथॉरिटी (एफएए) के अनुसार यूपीएस कम्पनी की फ्लाइट 2976  मोहम्मद अली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से से होनोलुलु (हवाई) के डेनियल इनौये इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिये उड़ान भरी थी।
एफएए ने बताया कि यह हादसा शाम लगभग 5.15 बजे (स्थानीय समयानुसार) हुआ है। इसके बाद एयरपोर्ट के दक्षिण हिस्से में घना धुआं और आग की लपटें देखी गयी है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में तेज आग और मलबा दिखाई दे रहा है। पुलिस ने एयरपोर्ट से 8 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को घर के भीतर रहने का आदेश दिया और साथ ही एयरपोर्ट को फिलहाल बन्द कर दिया है।
दावा है कि 45 प्लेन में 95 हजार लीटर फ्यूल था
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा हैकि विमान में लगभग 25 हजार गैलन (95 हजार लीटर) जेट फ्यूल भरा था। जिससे आग तेजी से फैल गयी। यह विमान मैकडॉनेल डगलस एमडी-11 मॉडल था और यूपीएस वर्ल्डपोर्ट सुविधा के पास गिरते ही विस्फोट के साथ आग का गोला बन गया। यह मॉडल पहले 1990 में एक यात्री विमान के तौर पर लांच किया गया था। लेकिन ईधन की बढ़ती लागत की वजह से बाद में इसे कार्गो विमान में बदल दिया गया। यह विमान लगभग 2.8 लाख किलो वजन लेकर उड़ान भर सकता है। इसमें 38 हजार गैलन (करीब 1.44 लाख लीटर) तक ईधर भरा जा सकता है।
हादसे वाली जगह पर अभी भी आग लगी है
लुईविल पुलिस (LMPD) ने कहा कि हादसे वाली जगह पर अभी भी आग लगी हुई है और मलबा फैला है। शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि हो सकता है प्लेन में लिथियम बैटरियों से आग लगी हो, ठीक वैसे ही जैसे 2010 में UPS फ्लाइट 6 के हादसे में हुआ था।UPS कंपनी ने बताया कि विमान में तीन क्रू मेंबर थे।

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न्यूक्लीयर पॉवर्ड मिसाइल का रूस ने किया सफल परीक्षण, पुतिन बोले-इसे कोई डिफेंस सिस्टम नहीं रोक सकता

रूस ने 21 अक्टूबर को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पहली क्रूज का परीक्षण किया। - Dainik Bhaskar

मॉस्को. रूस ने दुनिया की पहली न्यूक्लीयर पॉवर्ड यानी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल बुरेवस्तनिक -9एम739 का सफल परीक्षण किया जा चुका है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल अनलिमिटेड रेंज वाली है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को वीडियो कॉफ्रेंस के दौरान कहा है कि इसके सभी परीक्षण पूरे हो चुके हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसा मिसाइल दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है। पहले कई एक्सपर्ट यकीन नहीं करते थे कि ऐसा हथियार भी बन सकता है। लेकिन यह हकीकत में बन चुका है।
रूसी सेना के प्रमुख वैलेरी गेरेसिमोव ने बताया है कि मिसाइल का सफल टेस्ट 21 अक्टूबर को किया गया है। इस टेस्ट में बुरेवस्तनिक ने लगभग 15 घंटे तक उड़ान भरी है।इस बीच मिसाइल ने 14 हजार किमी की दूरी तय की। गेरेसिमोव ने यह भी बताया कि यह मिसाइल की अधिकतम रेंज नहीं है। यह इससे अधिक दूरी भी तय कर सकती है।
एक्सपर्ट्स ने मिसाइल टेस्टिंग को खतरा बताया
मिसाइल एक्सपर्ट जेफरी लुईस ने कहा कि रूस का बुरेवेस्तिन मिसाइल की सफल टेस्टिंग एक खतरे की बात है। यह एक छोटा उड़ता हुआ ‘चेरनोबिल’ है। चेरनोबिल यूक्रेन का एक शहर है। सोवियत काल में यहां 26 अप्रैल 1986 को इतिहास का सबसे भयावह परमाणु हादसा हुआ था। चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के एक रिएक्टर में भयंकर विस्फोट हो गया था। इसकी वजह से यूक्रेन, बेलारूस, रूस और यूरोप के कई हिस्सों में रेडिएशन फैल गया था। जेफरी के मुताबिक यह मिसाइल बहुत खराब और खतरनाक चीज है। यह किसी साइंस-फिक्शन फिल्म जैसा हथियार है, जो दुनिया में अस्थिरता बढ़ाएगा और हथियारों पर नियंत्रण रखना और भी मुश्किल बना देगा।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमले में 2 बम विस्फोटों में 3 पुलिसकर्मियों की मौत

नई दिल्ली. पाकिस्तान के खैरब पख्तूनख्वा प्रांत में शुक्रवार को हुए दोहरे बम धमाकों में कम से कम से 3 पुलिसकर्मियों की मोत हो गयी है। कई अन्य घायल हुए है। यह घटना प्रांत के हंगू शहर में उस वक्त हुई जब पुलिस बल आतंकवाद विरोधी गश्त पर था। अधिकारियों ने इसे एक आतंकी हमला बताया है।
प्रान्तीय पुलिस प्रमुख इंस्पेक्टर जनरल जुल्फिकार हामिद ने बताया है कि हमला धमका हंगू के एक पुलिस चेकपोस्ट को निशाना बनाकर किया गया है। यह धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास के कई घरों की खिड़किया चटक गयी है पास खड़ी गाडि़यां क्षतिग्रस्त हो गयी है। पहले विस्फोट के बाद पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंची है। तभी दूसरा धमाका हो गया। यह धमाका तब हुआ जब सुरक्षाकर्मी पहले हमले की जांच करने के लिये घटनास्थल की तरफ बढ़ रहे थे। ऐसा बताया जा रहा है कि दूसरा धमाका रिमोट कंट्रोल डिवाइस से किया गया। ताकि बचाव दल को नुकसान पहुंचाया जा सके।
स्थानीय अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, धमाकों में मारे गए पुलिसकर्मियों में हंगू के एसपी (ऑपरेशंस) असद जुबैर भी शामिल है। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई । अन्य दो पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई । हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का हाथ हो सकता है।  हंगू और उसके आसपास का इलाका लंबे समय से आतंकियों की गतिविधियों का गढ़ रहा है, जहां पहले भी सुरक्षाबलों पर कई हमले हो चुके है।  विस्फोटों के बाद पूरे क्षेत्र में उच्च सतर्कता घोषित कर दी गई है।  पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।   घायलों को हंगू जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

 

अंतरराष्ट्रीयमप्र छत्तीसगढ़

हमास ने घुटनों के बल बैठा कर सिर में मार गोलियां, गाजा में सिहरा देने वाला है हमास का यह कांड

नई दिल्ली. हमास ने एक बेहद अप्रत्याशित घटनाक्रम में 8 गाजावासियों को मौत के हवाले कर दिया है। हमास ने इस नरसंहार को तब अंजाम दिया है। जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस आतंकी समूह हथियारविहीन करने का वादा किया है। लेकिन मध्ययुगीन बर्बरता के इस हैरान करने देने वाले उदाहरण के बाद हमास ने फिलीस्तीन में एक बार फिर से अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है।
इसे फिलीस्तीनी इलाके पर हमास की नियंत्रण बनाये रखने की पुरजोर प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। हमास के बर्बर प्रतिशोध के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गये है। अमेरिका की मध्यस्थता से इजरायल के साथ हुए युद्धविराम समझौते के बाद गाजा पट्टी पर नियंत्रण बनाये रखने के लिये हमास दूसरे फिलीस्तीनी कबीलों से भिड़ गये थे। यह वीडियो कई घंटों से सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है। इस में 8 लोगों को सड़क पर मौत के घाट उतारते हुए दिखाया गया है। हमास ने इन्हें सहयोगी और अपराधी करार दिया है। इस वीडियो में बुरी रतह से पीटे गये 8 लोगों की आंखों पर पट्टी बांधी और वह सड़क पर घुटनों के बल बैठे है फिर हमास से जुड़े हरे रंग के हेडबैंड पहने आतंकी बंदूकधारी पीछे से उन पर गोलियां की बौछार कर देते हैं। घटनास्थल पर ही इन आठों की मौत हो गयी।
इस बीच भीड़ को अल्लाहू-अक्कबर का नारा लगाते हुए सुना जा सकता है। हमास ने बिना कोई सबूत दिये हुए कहा है कि जिन लोगों की उसने हत्या की है। वसह अपराधी और इजरायल के सहयोगी थे। गाजा से इजरायली डिफेंस फोर्स की वापिसी के बाद हमास ने इस इलाके के ऊपर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का प्रयास किया है। कई इलाकों को अपने कंट्रोल में ले लिया है। इस बीच हमास कई सशस्त्र सतहों से टक्कर ले रहा है। यह वॅसे समूह हैं। जिन्होंने जंग के दौरान हमास के कमजोर पड़ने पर कई इलाकों पर कंट्रोल स्थापित कर लिया था।
गाजा पर कब्जे का प्रयास
गाजा में युद्ध विराम लागू होने के साथ हमास के सुरक्षा बल सड़कों पर लौट आये है। वह अन्य सशस्त्र समूहों के साथ झड़पें कर रहे हैं। उन लोगों को मार रहे हैं। जिन्हें उन्होंने गैंगस्टर करार दिया था। गाजा इलाके के उत्तरी भाग में हमास सरकार की काले नकाबपोश सशस्त्र पुलिस ने गाजा शहरों से इजरायली सेना के हटने के बाद सड़कों पर गश्त फिर से शुरू कर दी है।
ट्रंप की चेतावनी
ट्रंप ने हमास की हिंसा पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि हमास ने “कुछ बहुत ही खतरनाक गिरोहों” का सफाया कर दिया है और उनके कई सदस्यों को मार गिराया है लेकिन “सच कहूं तो इससे मुझे ज़्यादा परेशानी नहीं हुई.”लेकिन ट्रंप ने हमास से हथियार डालने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा, “वे हथियार डाल दें, और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम उन्हें हथियार डाल देंगे और यह जल्दी और शायद हिंसक तरीके से होगा.”हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई विशेष जानकारी देने से इनकार कर दिया कि वाशिंगटन ऐसा कैसे करेगा और जब उनसे समय सीमा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह ‘एक उचित टाइमलाइन’ में किया जाएगा.

 

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PAK तालिबानी हमले में 11 पाक सैनिकों की हुई मौत, 19 लड़ाके भी मारे गये, भारत पर हमलावरों की मदद करने का आरोप

मारे गए अधिकारियों में लेफ्टिनेंट (बाएं) कर्नल जुनैद आरिफ और (दाएं) मेजर तैय्यब राहत शामिल हैं।

मारे गए अधिकारियों में लेफ्टिनेंट (बाएं) कर्नल जुनैद आरिफ और (दाएं) मेजर तैय्यब राहत शामिल हैं।

इस्लामाबाद. तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के हमले में मंगलवार की रात को 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गयी है। इसमें पाकिस्तान सेना के 2 अधिकारी और 9 सैनिक शामिल हैं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अफगानिस्तान सीमा के पास पाकिस्तानी सेना टीटीपी के खिलाफ ऑपरेषन चला रही थी। इस बीच दोनों के बीच मुठभेड ़ हो गयी। इसमें टीटीपी के 19 लड़ाके भी मारे गये है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने आरोप लगाया है कि हमलावरों को भारत का समर्थन मिल रहा है। सेना ने दावा किया है कि वह इन्हें खत्म करने में जुटी है। पिछले कुछ माह से टीटीपी ने पाकिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिये हैं।
पाक सेना पर हमलावरों ने फेंका बम, फायरिंग की
पाकिस्तानी सैनिक टीटीपी के खिलाफ कुर्रम जिले में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिये पहुंचे थे। इस बीच हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर बम से हमला किया और फिर फायरिंग की। रॉयटर्स को भेजे गये एक बयान में पाकिस्तानी तालिबान ने टीटीपी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली और कहा है कि उनके लढ़कों ने काफिल को निशाना बनाया है। पाकिस्तान सेना ने अपने बयान में कहा कि उन्हें कुर्रम में इंडियर प्रॉक्सी सगठन फितना अल-ख्वारिज से जुड़े आतंकियों की मौजूदगी की खबर मिली थी। जिसके बाद ऑपरेशन चलाया गया। पाकिस्तान सेना टीटीपी को फितना अल-ख्वारिज बुलाती है। यह एक अरबी शब्र है। फितना का मतलब है ‘‘उपद्रवी’’ और अल -ख्वारिज का मतलब ‘‘चरमपंथ’’ के रास्ते पर चले जाने वाले लोग होते हैं।
अमेरिकी हमले के जवाब में TTP का गठन
2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले का समर्थन किया। इससे नाराज होकर 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) बनाया।
TTP ने कबायली इलाकों में शरिया कानून लागू किया और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों पर हमले किए। TTP ने यूनिवर्सिटीज, धार्मिक नेताओं और नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाया, और यहां तक कि पाकिस्तान के बड़े शहरों में भी हमले किए। पाकिस्तानी सेना और अमेरिकी ड्रोन हमलों के बावजूद, पाकिस्तानी तालिबान (TTP) को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका। 2018 में पाकिस्तान ने TTP पर जीत की घोषणा की थी, लेकिन बाद में यह गलत साबित हुआ।

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नोबेल पुरस्कार 2025 -आर्थराइटिस, डायबिटीज का उपचार खोजने वाले वैज्ञानिकों को मिला मेडीसन का नोबेल

नई दिल्ली. नोबेल पुरूस्कारी की घोषणा ने दुनिया करे बार फिर चमत्कार से रूबरू करा दिया। वर्ष 2025 का नोबेल पुरस्कार फिजियोलॉजी या मेडीसन (चिकित्सा) में अमेरिका की मैरी ई. ब्रंकों, अमेरिका के फ्रेड राम्सडेल और जापान के शिमोन सकागुची को दिया गया है। यह पुरस्कार उनकी ‘पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस; (शरीर के बाहरी हिस्सों में इम्यून सिस्टम की सहनशीलता) से जुड़ी खोजों के लिये हैं। यह खोज शरीर की रक्षा प्रणाली को समझने में क्रांति लाई है। जो ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे रूमेटॉइड आर्थराइटिस, टाइप-1, डायबिटीज और ल्यूपस के उपचार का रास्ता खोलेगी। स्टॉकहोम के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने सोमवार को घोषणा की है।
इम्यून टॉलरेंस क्या है, शरीर की रक्षा प्रणाली का रहस्य
हमारा शरीर इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) से सदैव खतरे से लड़ता है-जैसे वायरस या बैक्टीरिया से। लेकिन कभी-कभी यह सिस्टम गलती से अपने ही अंगों पर हमला कर देता है। जिसे ऑटोइम्यून बीमारी कहते हैं। पुराने वैज्ञानिकों को लगता था कि इम्यून सेल्स (रोगाणु से लड़ने वाली कोशिकायें) शरीर के अन्दर ही सहिष्णु (टॉलरेंट) बन जाती है। जिसे सेंट्रल इम्यून टॉलरेंस कहते हैं। लेकिन विजेताओं ने दिखाया कि शरीर के बाहरी (पेरिफेरल) में भी एक खास तंत्र काम करता है। जो इम्यून सिस्टम को नियंत्रित रखता है। इससे शरीर के अंग सुरक्षित रहते हैं। यह खोज 1990 के दशक से शुरू हुई। विजेताओं ने पाया कि ‘‘रेगुलेटरी टी सेल्स’’ (टीआरईजीएस) नामक कोशिकायें इम्यून सिस्टम को ब्रेक लगाती है। अगर यह कोशिकायें कमजोर हों तो शरीर के अंगों पर हमला होता है। यह खोज कैंसर, ट्रांसप्लांट और एलर्जी के इलाज में भी सहयोग करेगी।
तीन साइंटिस्टों का टीम वर्क
शिमोन सकागुची (जापान)
शिमोन सकागुची को रेगुलेटरी टी सेल्स की खोज के लिये जाना जाता है। 1995 में उन्होंने दिखाया है कि सीडी4, सीडी25 प्लस कोशिकायें इम्यून सिस्टम को दबाती है। यह कोशिकायें शरीर का अपने ही ऊतकों से लड़ने से रोकती है। सकागुची की खोज से पता चला है कि ट्रेग्स इम्यून टॉलरेंस बनाये रखने में मुख्य भूमिका निभाती है। उनके काम ने ऑटो इम्यून रोगों की समझ बदल दी। आज ट्रैग्स को इंजीनियर करे दवाये बन रही है।
मैरी ई. ब्रंकों और फ्रेड राम्सडेल (अमेरिका)
मैरी ब्रंकों और फ्रेड राम्सडेल ने फॉक्सपी3 (एफओएक्सपी3) जीन की खोज की, जो ट्रैग्स कोशिकाओं का मास्टर स्विच हैं। 2001 में उन्होंने पाया कि फॉक्सपी 3 में म्यूटेशन से आईपीईएक्स सिंड्रोम होता है। एक दुर्लभ बीमारी जहां बच्चे का इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर पर हमला करता है। इससे बाल रोग, डायबिटीज और आंतों की समस्या होती है। उनके काम ने साबित किया है फॉक्सपी3 ट्रैग्स कोशिकाओं को सक्रिय रखता है। यह खोज पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस को समझने में मील का पत्थर साबित हुई। तीनों ने मिलकर दिखाया कि सेंट्रल टॉलरेंस के अलावा पेरिफेरल टॉलरेंस भी जरूरी है। उनकी खोजें अब दवाओं में उपयोग हो रही है। जैसे ऑटो इम्यून बीमारियों के लिये ट्रैग्स थेरेपी।
नयी दवाओं का दौर
यह पुरस्ेार ऑटो इम्यून बीमारियों से जूझ रहे करोड़ों लोगों लिये उम्मीद है। दुनिया में 50 मिलियन से अधिक लोग इन बीमारियों से प्रभावित है। ट्रैग्स थेरेपी से ट्रांसप्लांट रिजेक्शन कम होगा। कैंसर में ट्रैग्स को काबू करके इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। नोबेल समिति ने कहा है कि यह खोज इम्यून सिस्टम को नियंत्रित रखने का तरीका बताती है। पुरस्कार राशि 11 मिलियन स्वीडिश कोना (लगभग 8.5 रूपये है)

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इजरायल और गाजा के बीच खत्म होगी जंगी, आयेगी शांति, इजरायली पीएम बोले पीस प्लान के पहले चरण को करेंगे लागू

नई दिल्ली. पीएम बैंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने शनिवार की देर रात एक असाधारण बयान जारी कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की शांति योजना पर प्रतिक्रिया दी। इस बयान में कहा गया है कि इजरायल ट्रम्प की योजना के पहले चरण के तत्काल कार्यान्वयन के लिये तैयार है। जिसके तहत सभी बंधकों की रिहाई शामिल है।
बैंजामिन नेतन्याहू के कायर्ा्रलय ने यह भी कहा है कि इजरायल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी टीम के साथ मिलकर युद्ध समाप्त करने के लिये काम जारी रखेगा। ताकि यह इजरायल के सिद्धांतों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दृष्टि के अनुरूप हो। हालांकि बयान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस अपील का कोई जिक्र नहीं किया है। जिसमें उन्होंने बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिये गाजा पर हमले रोकने के लिये कहा था।
शांति के लिये हमास तैयार-ट्रम्प
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस दौरान, शुक्रवार को घोषणा की थी कि हमास स्थाई शांति के तैयार है। उन्होंने पहली बार सार्वजनकि रूप से इजरायल से तत्काल गाजा पर हमले बन्द करने का आव्हान किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का यह संदेश हमास द्वारा उनके प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के कुछ ही समय बाद आया।
प्रस्ताव को हमास ने किया स्वीकार
हमास ने अपने बयान में प्रस्ताव के कुछ हिस्सों का स्वागत किया है। लेकिन कुछ प्रावधानों पर असहमति जताते हुए अतिरिक्त बातचीत की मांग रखी है। संगठन ने कहा है कि वह सभी 48 शेष बंधकों की रिहा करने के लिये तैयार है। योजना के अनुसार स्थाई युद्धविराम लागू होने के 72 घंटे के अन्दर बंधकों को रिहा किया जायेगा। बदले में 2 हजार से अधिक फिलिस्तीनी सुरक्षा बंदियों और मारे गये गाजावासियों के शवों को सौंपा जायेगा और साथ ही इजरायल गाजा से पहले चरण में वापिसी करेगा।