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शराब नीति बदलने से सरकार को 2 हजार करोड़ रूपये का नुकसान, कैग रिपोर्ट से हुआ खुलासा

नई दिल्ली. विधानसभा में मंगलवार की शराब नीति से जुड़ी कैग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी गयी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब नीति से जुडी कैग की रिपोर्ट पेश की है।
यह ऑडिट 2017-18 से 2020-2021 तक की 4 अविध का है। विधानसभा के पटल पर रखी गयी है। इस रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली की शराब पॉलिसी बदलने से 2,002 करोड़ रूपये की शासन का क्षति पहुंची है।
आप सरकार के लायसेंस उल्लंघन से सरकार को लगी चपत
दिल्ली एक्साइज नियम 2010 के नियम 35 को सही से लागू नहीं किया।
मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल में दिलचप्सी रखने वाली व्यापारियों को थोक बिक्री का लायसेंस दिया गया है। इससे पूरी लिकर सप्लाई चेन में एक तरह के लोगों को लाभ हुआ है। इससे थोक बिक्री मार्जिन 5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हुआ है।
शराब जोन चलाने के लिये 100 करोड़ रूपये की जरूरत थी। लेकिन सरकार ने कोई जांच नहीं की।
शराब घोटाले को लेकर CAG की रिपोर्ट में क्या-क्या है?
आम आदमी पार्टी सरकार की नई शराब नीति से लगभग 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
गलत फैसलों की वजह से दिल्ली सरकार को भारी नुकसान हुआ है.
जोनल लाइसेंस जारी करने में छूट देने से लगभग 940 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
रिटेंडर प्रक्रिया से 890 करोड़ रुपये का नुकसान.
कोविड-19 प्रतिबंधों की वज

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बजट 2025 में डिफेंस सेक्टर से अपार उम्मीदें

नई दिल्ली. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये पेश किये जाने वाले बजट में सरकार ने रक्षाक्षेत्र के लिये 6,21,940,85 (करीब 75 मिलियन डॉलर) का आवंटन किया था। यह किसी भी मंत्रालय कोमिलने वाला सबसे बड़ा बजट था। पिछले वर्ष के मुकाबले यह 4.79प्रतिशत अधिक था। अब जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को नया बजट पेश करने वाली है। भारत के रक्षाक्षेत्र में स्वदेशी उद्योग, पब्लिक -प्रायवेट पार्टनरशिप और प्रायवेट सेक्टर के लिये अधिक मौके मिलने की उम्मीदें बढ़ रही है। इस बारे में रक्षा क्षेत्र के कुछ एक्सपर्टो की राय जानने की कोशिश की कि इस बड़ा सेक्टर बजट से क्या-उम्मीदें लगाये बैठा है।
फोकस -रक्षा तैयारियों पर हैं
एक्सपर्टो का कहना है कि रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा नई तकनीक के विमानों, जहाजों और वाहनों की खरीदारी में जायेगा। इससे भारत की सेना को बेहतर तरीके से तैयार किया जा सकेगा। इसके अलावा बजट में ऑपरेशनल रेडीनेस पर भी ध्यान दिया जायेगा। इसके लिये ट्रेनिंग और अभ्यास जैसे जरूरी उपायों पर खर्च होगा। किसी भी स्थिति में निपटने के लिये हमारी सेना पूरी तरह तैयार रहें।

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ग्वालियर मेले में झूला सेक्टर बना आकर्षण का केन्द्र -मेले में मूँगफली, पिंडखजूर और पापड़ का स्वाद लेने से नहीं चूक रहे सैलानी 

ग्वालियर – व्यापार मेले में न केवल ग्वालियर बल्कि आस-पास के जिलों के भी सैलानियों के लिये झूला सेक्टर जन आकर्षण का केन्द्र बना है। झूले के साथ-साथ ही मेले की गरमा-गरम मूँगफली और पिंडखजूर भी मेले में आने वाले सैलानियों के लिये सबसे पहली पसंद बने हैं। मेले में बड़ी संख्या में ग्वालियर शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के भी नागरिक अपने पूरे परिवार के साथ पहुँचकर मेले का आनंद उठा रहे हैं।
ग्वालियर का व्यापार मेला कई वर्षों से लोगों के लिये आकर्षण का केन्द्र है। साल भर लोग मेले के लगने का इंतजार करते हैं और मेले के दिनों में अपने पूरे परिवार के साथ मेले में आकर आकर्षक झूलों के आनंद के साथ-साथ मूँगफली, पिंडखजूर और मेले का प्रसिद्ध पापड़ का स्वाद लेने से नहीं चूकते हैं। मेले में दोपहर से ही शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों का आगमन प्रारंभ होता है जो देर रात तक मेले की सतरंगी रोशनी का आनंद लेने के बाद ही समाप्त होता है। बच्चों के साथ-साथ महिलाओं के लिये भी मेला हमेशा से ही जन आकर्षण का केन्द्र रहा है। मेले में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद गतिविधियों का भी सैलानी भरपूर लाभ उठाते हैं।
ग्वालियर व्यापार मेले के कला रंगमंच पर स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ बाहर से आने वाले कलाकार भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सैलानियों का मन मोह लेते हैं। इस वर्ष भी ग्वालियर व्यापार मेले में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई विभागीय प्रदर्शनियों में बड़ी संख्या में लोग पहुँचकर शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 20 जनवरी से ग्वालियर व्यापार मेले में महिला एवं पुरुष वर्ग की कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में न केवल ग्वालियर जिले, संभाग बल्कि प्रदेश भर के पहलवान आकर अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। ग्वालियर मेले की कुश्ती हमेशा से ही लोगों के लिये उत्सुकता का विषय रही है।
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एलपीजी गैस से भरा टैंकर कोटपूतली में पलटा, गैस रिसाब के बाद होटल और ढाबे बन्द कराये, टैंकर को हटाने में लगे 14 घंटे

जयपुर. दिल्ली नेशनल हाईवे 48 पर कोटपूतली के पास सोमवार की रात 1 बजे एलपीजी गैस से भरा टैंकर सर्विस रोड़ पर पलट गया। 14 घंटे के बाद दोपहर 3 बजे टैंकर को सीधा किया गया। टैंकर कांडला पोर्ट गुजरात से रोहतक जा रहा था। टैंकर पलटने पर आसपास के होटल वाले घटनास्थल पर पहुंचे और घायल ड्रायवर को बाहर निकाला। सूचना पर भाबरू पुलिस टीम पहुंची और जख्मी ड्रायवर को अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया है।
टैंकर के ड्रायवर राजवीर सिंह नेबताया कि रविवार की सुबह गुजरात के कांडला पोर्ट से 17 टन एलपीजी गैस से भरा टैंकर हरियाणा के रोहतक के लिये निकला था। इस बीच कोटपूतली में रात 1 बजे महरोज कट (भाबरू थाना) के सामने पीछे से आ रही एक गाड़ी के कट मारने के टैंकर बेकाबू हो गया और सर्विस लाइन पर पलट गया।

स्थानीय लोगों ने बताया- रातभर टैंकर सर्विस रोड पर पड़ा रहा। हालांकि इस दौरान जानकारी नहीं थी कि टैंकर में एलपीजी गैस भरी हुई है। सुबह करीब 11 बजे पुलिस की मौजूदगी में दो क्रेन की मदद से टैंकर को सीधा करने की कोशिश शुरू की। इस दौरान टैंकर से गैस लीकेज होते ही प्रशासन के हाथ पैर फूल गए।गैस लीक की सूचना के बाद पुलिस और प्रशासन अलर्ट हो गए। आसपास के करीब 500 मीटर एरिया तक सभी ढाबा संचालक और होटल मालिकों को अपनी बिल्डिंग खाली करने के निर्देश दिए गए।

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जिसकी बैसिक सैलरी 50 हजार रूपये तो UPS में कितनी मिलेगी पेंशन

नई दिल्ली. केन्द्र सरकार ने कर्मचारियों के लिये एक नयी पेंशन योजना को पेश किया है। जो नेशनल पेंशन स्कीम के तहत ही सामान्तर है। इस योजना को 1 अप्रैल 2025 यानी वित्त वर्ष 2026 से लागू किया जायेगा। केन्द्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन देने के लिये इस योजना की घोषणा की है। यूनिफाइड पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दिया जायेगा। अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो फैमिली पेंशन का भी प्रावधान है। इसके अलावा, मिनिमम एश्योर्ड पेंशन भी दिया जायेगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है
शनिवार को कैबिनेट से यूनिफाइड पेंशन योजना की मंजूरी मिल गयी। यूपीएस के तहत अब रिटायर्ड कर्मचारियों को 12 माह की एवरेज बेसिक सैलरी का 50%  निश्चित पेंशन के तौर पर दिया जायेगा। हालांकि यह पेंशन पाने के लिये कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी।
वहीं अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो परिवार को भी एक निश्चित पेंशन दिया जायेगा। जो रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को मिलने वाले पेंशन 60%  होगा।
थ्मनिमम एश्योर्ड पेंशन भी दिया जायेगा। जिसका मतलब है कि जो लोग 10 साल तक ही नौकरी करते हैं तो उन्हें कम से कम 10 हजार रूपये की पेंशन दी जायेगी।
किसे मिलेगा इसका फायदा?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत करीब 23 केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। अगर राज्य सरकारें इस स्कीम को लागू करती हैं तो भी इसका लाभ दिया जायेगा। यूनिफाइड पेंशन योजना या यूपीएस को सरकारी कर्मचारियों को निश्चित पेंशन और फैमिली पेंशन की गारंटी देकर बेहतर वित्तीय सुरक्षा पेश करने के लिये तैयार किया गया है। इसके अलावा, जैसे -जैसे महंगाई बढ़ेगी, वैसे ही इस योजना के तहत पेंशन में बढ़ोतरी का भी प्रावधान है।
UPS और NPS में से आपको कोई एक चुनना चाहिए। अगर आपने यूपीएस का विकल्‍प एक बार चुन लिया तो कभी भी एनपीएस नहीं चुन पाएंगे। वहीं अगर आपने एनपीएस का विकल्‍प चुन लिया तो कभी भी UPS का ऑप्‍शन नहीं सेलेक्‍ट कर पाएंगे।
UPS में कितना देना होगा योगदान?
सरकार के इस योजना के तहत NPS के जैसे ही सैलरी में से कंट्रीब्‍यूशन देना होगा। सरकारी कर्मचारियों को UPS के तहत 10 फीसदी का योगदान देना होगा, जो NPS के तहत भी दिया जाता है। हालांकि सरकार ने यूपीएस में अपना कंट्रीब्‍यूशन 14 % से बढ़ाकर 18.5 %  कर दिया है. यानी कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक अच्‍छा पेंशन मिल सकता है।
अगर 50 हजार बेसिक सैलरी तो कितना मिलेगा पेंशन?
जैसा कि इस योजना के तहत कहा गया है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 12 महीने के एवरेज बेसिक सैलरी का 50 % पेंशन के तौर पर दिया जाएगा. इस हिसाब से कैलकुलेशन करें तो अगर आप एक सरकारी कर्मचारी हैं और आप NPS की जगह UPS का विकल्‍प चुनते हैं और आपके अंतिम 12 महीने की एवरेज बेसिक पे 50 हजार रुपये है तो आपको इस योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद हर महीने 25 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। हालांकि इसके बाद महंगाई राहत (DR) अलग से जोड़ा जाएगा।
वहीं अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है और उसकी पेंशन 30 हजार रुपये मंथली रहती है तो फैमिली को एक निश्चित महीने की पेंशन 18 हजार रुपये होगी, क्‍योंकि कर्मचारी के मौत के बाद फैमिली को पेंशन कर्मचारी को मिले लास्‍ट पेंशन का 60 फीसदी देने का प्रावधान है।
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8th Pay Commission के गठन को लेकर इस संगठन ने केन्द्र सरकार को लिखा पत्र

नई दिल्ली. 8वें वेतन आयोग -लोकसभा चुनाव खत्म होने और नई सरकार के सत्ता संभाल लेने के बाद ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेंडरेशन (AIRF) ने केन्द्र सरकार को एक पत्र लिखकर आठवें वेतन आयोग को गठित करने का आग्रह किया है। नया वेतन आयोग केन्द्र सरकार के कर्मचारियोंकेलिये वेतन और पेंशन में संभावित संशोधन को लेकर रिपोर्ट बनायेगा और अपनी सिफारिशें करेगा।
भारतीय रेलवे कर्मचारियों की सबसे बड़ी ट्रेड यूनियन ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव का एक पत्र लिखा है। इसमें केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के वेतन/भत्ते/पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने के लिये 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग के तत्काल गठन की मांग की गयी है। इसके गठन का एक करोड़ से ज्यादा केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह सरकारी कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों से संबंधित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगा।
कब होगा 8वें वेतन आयोग का गठन
7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से 10 साल के अंतराल के साथ, अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना चाहिये। केन्द्र आमतौर पर 2 अलग-अलग वेतन आयोगों के कार्यान्वयन के बीच 10 साल का अंतराल रखता है। लेकिन, केन्द्र अगले वेतन आयोग के गठन के मामले में अभी तक चुप रहा है। अब जबकि लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और मोदी 3.0 सत्ता में हैं। 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर चर्चा तेज हो गयी है।
अपने पत्र में एआईआरएफ ने सरकार से कहा है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर 1 जनवरी 2016 में अमल किया गया था। हालांकि, जनवरी 2016 से न्यूनतम वेतन को संशोधित कर 26 हजार रूपये प्रतिमाह करने की मांग को खारिज कर दिया गया। 26 हजार रूपये के न्यूनतम वेतन की गणना आईएलसी मानदंडों और डॉ. एक्रोयड फॉर्मूला आदि के विभिन्न घटकों के आधार पर की गयी थी।
क्या है AIRF की न्यूनतम वेतन की मांग
संघ ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि उसने सीपीसी के समक्ष यह बात भी रखी है। राष्ट्रीय परिषद () के कर्मचारी पक्ष के प्रस्तावित न्यूनतम वेतन अब भी कम है। दुर्भाग्य से हमारे सभी तर्को को 7वें सीपीसी ने बिना किसी आधार के खारिज कर दिया और न्यूनतम वेतन के रूप् में 18 हजार रूपये की सिफारिश की है।

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वर्ष 2024 तक आयेगी पहली मेड इन इंडिया चिप, माइक्रोन प्लांट का शुरू, टाटा का अहम रोल

नई दिल्ली. मेड इन इंडिया आईफोन से लेकर मेड इन इंडिया लैपटॉप तक आने वाले समय में भारत सभी इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स पर अपनी छाप छोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सेमी-कडंक्टर के क्षत्र में ग्लोबल प्लेयर बनने की तरफ एक बड़ा कदम गुजरात में उठाया गया है। जहां पर माइक्रोनस-टेक्नोलॉजी के भूमिपूजन के साथ प्लांट का काम शुरू हो गया है और प्लांट का कंस्ट्रक्शन टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा किया जा रहा है।
पहली कंपनी देश में चिप का प्रॉडक्शन करने वाली
भारत को सेमी कंडक्टर हब नाने के उद्देश्य के तहत देश में माइक्रोन टेक्नोलॉजी देश में चिप बनाने वाली पहली कंपनी होगी। शनिवार को सूचना प्रौद्योतगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर और गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेलकी उपस्थिति गुजरात के साणंद में सेमी कंडक्टर टेस्टिंग एंड एसेंबलिंग प्लांट का भूमि पूजन किया। कंपनी की तरफ से इस बात की जानकारी भी शेयर की गयी कि इस प्लांट के माध्यम से लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिये हायरिंग भी स्टार्ट कर दी गयी है।
जून में हुआ था समझौता
गौरतलब है कि पीएम नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के 3 माह के बाद इस प्लांट का काम शुरू हो गया है। इस साल जून 2023 में पीएम मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान माइक्रोन के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी और देश में सेमी कंडक्टर प्लांट स्थापित करने के लिये माइक्रोन टेक्नोलॉजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे। अब महज 3 माह बाद ही माइक्रोन अपना प्लांट शुरू करने के लिये पूरी तरह तैयार है। आपको बता दें कि कंपनी का प्रस्तावित निवेश 2.75 अरब डॉलर है। यह सेमी कंडक्टर मिशन के तहत सबसे बड़ा निवेश हैं।

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लो आ गया सैटेलाइट कॉलिंग स्मार्टफोन, बिना नेटवर्क के ही बात कर सकेंगे, फीचर्स हैं अलग अंदाज में

नई दिल्ली. Satellite Calling Smartphone सैटेलाइट फोंस के बारे में आप सभी ने जरूर सुना होगा। लेकिन शायद आप में से कोई ऐसा शख्स होगा जिसने कभी भी सैटेलाइट फोन उपयोग किया होगा। दरअसल सैटेलाइट फोंस का उपयोग आप बिना नेटवर्क के भी कर सकते हैं और इनसे कॉलिंग की जा सकती है। अधिकतर मामलों में सैटेलाइट फोन को ऐसी जगहों में उपयोग किया जाता है। जहां नेटवर्क नहीं आता है। जैसे पहाडि़यों पर, समुद्री इलाकों और ज्यादा बर्फीले दूरदराज के इलाकों पर, इतना ही नहीं इनका उपयोग करने की परमिशन फोर्सेज को ही दी जाती है जिससे इनका गलत उपयोग न किया जा सके। हालांकि अब आम आदमी के लिये भी ऐसा फोन बाजार में उतार दिया गया है। जो नॉर्मल फोन की तरह दिखता है। लेकिन असल में यह सैटेलाइट फोन हैं।


जिस फोन के बारे मे ंहम आपको बताने जा रहे हैं वह है। Huawei Mate 60 Pro  यह असल में एक सैलेलाइट स्मार्टफोन है जिसे बेहद ही दमदार तरीके से बिना नेटवर्क के भी उपयोग किया जा सकेगा।


अगर आप इसकी कीमत जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि यह भारतीय करेंसी के हिसाब से तकरीबन 80 हजार रूपये का है। यह फोन कीमत के मामले में आईफोन को टक्कर देता है। लेकिन इसकी कीमत आईफोन 14 मॉडल से अधिक करीब है।


आपको बता दें कि में आपको सैटेलाइट कॉलिंग की खासियत मिल जाती है जिसका उपयोग करके आप बड़ी ही आसानी से बिना नेटवर्क के भी बातचीत कर सकते हैं।


स्मार्ट फोन 5जी प्रोसेसर औरे सिस्टम-ऑन-चिप के साथ आता है जिसे किरिन 9000 कहा जाता है। इसे चीन में ही तैयार किया गया है।


यह फोन ऐसे लोगों के बड़े काम आ सकता है जो लगातार ट्रिप पर रहते हैं और दूर-दराज के इलाकों में भ्रमण करते हैं। इससे नेटवर्क की समस्या नहीं रहती है। इस वजह से आपको कॉलिंग में परेशानी नहीं आती है।

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व्यापार मेला की सबसे पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल लांच-आर मुरलीधरन

ग्वालियर. ग्वालियर व्यापार मेला में गुरूवार की दोपहर 4 बजे ऑटोमोबाइल सेक्टर में खाटूश्याम ऑटोमोबाइल शोरूम पर होप ने बाजार में पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल को बाजार में उतारा है इस इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल को होम कंपनी सेल्स हैड आर मुरलीधरन, खाटूश्याम ऑटोमोबाइल शोरूम के संचालक रोहित और भरत राजपूत सहित अपनी टीम के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक मोटरसाईकिल को बाजार में लांच किया है। मध्य प्रदेश के उभरते स्मार्ट-सिटी, ग्वालियर ने आज भारत के सबसे तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता HOP इलेक्ट्रिक द्वारा शहरी कम्यूट हाई-स्पीड ई-मोटरसाइकिल, HOP OXO के लॉन्च का जश्न मनाया।

HOP OXO एक आकर्षक डिजाइन में स्थिरता और सामर्थ्य को जोड़ती है। अपनी अत्याधुनिक विशेषताओं के साथ, HOP OXO लोगों के राइड करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। OXO की टॉप स्पीड 90 किमी/95 किमी/घंटा* और वास्तविक रेंज 135 किमी/150 किमी है। ई-मोटरसाइकिल 72 V के उद्योग-प्रथम वोल्टेज आर्किटेक्चर, 5.2Kw / 6.2kw* की मोटर पावर (पीक) और 185 Nm / 200 Nm* के अधिकतम टॉर्क (व्हील पर) पर आधारित है। मोटरसाइकिल एक BLDC हब मोटर, साइनसॉइडल FOC वेक्टर कंट्रोल और इको-पावर-स्पोर्ट राइडिंग मोड्स और रिवर्स मोड से लैस है।

आर मुरलीधरन, नॉर्थ सेल्स हेड, HOP इलेक्ट्रिक ने कहा, “बढ़ती जलवायु संरक्षण जागरूकता, और सस्टेनेबल मोबिलिटी प्लेटफार्मों को अपनाने से कार्बन फुट-प्रिंट को कम करने की दिशा में सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में काफी मदद मिलेगी। … ईवी का हमारा पोर्टफोलियो और नया HOP OXO, सरकार के एजेंडे के अनुरूप हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। ग्वालियर, जो भारत में उभरते स्मार्ट-शहरों में से एक है, में संभावित ग्राहकों के लिए हमारे उत्पादों को लाना खुशी की बात है । “

HOP OXO 5 अलग-अलग रंगों में उपलब्ध है – ट्वाइलाइट ग्रे, कैंडी रेड, मैग्नेटिक ब्लू, इलेक्ट्रिक येलो और ट्रू ब्लैक। प्रो पैकेज की विशेषताएं नियम और शर्तों के अधीन हैं।

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एके-203 का भारत में निर्माण शुरू, दुश्मन के होंगे दांत खट्टे

AK-203 Assault Rifleनई दिल्ली. उत्तरप्रदेश के अमेठी जिले में स्थित कोर्वा आर्डिनेंस फैक्ट्री में भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से बनी असॉल्ट राइफल कलाशनिकोव AK-203 का उत्पाउदन शुरू हो चुका है। पहला बैच बनकर तैयार है। जल्दी इंडियन आर्मी को इसकी डिलेवरी की जायेगी। भारतीय सेना के लिये कुल मिलाकर 6.01 लाख असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू कर दिया गया है।             इससे पहले रूसी से 70 हजार से 1 लाख राइफल्स, उनके पार्ट्स और तकनीकी भारत भेजा गयी थी। AK-203 कलाशनिकोव सीरीज की सबसे एडवांस असॉल्ट राइफल हैं। जो कम्पनी इसे बना रही है उसका है। इंडो-रसिया राइफल्स प्रा. लिमि (IRRPL)। इस राइफल्स के आने से भारत में इंसास(INSAS) का उपयोग बन्द कर दिया जायेगा या फिर बेहद कम हो जायेगा। एके-203 इंसास से कई मामलों में बेहतर, आसान और घातक हैं।

AK-203 Assault Rifle

INSAS में 20 से 30 राउंड की मैगजीन लगती है. AK-203 में 30 राउंड की बॉक्स मैगजीन लगती है. इंसास की मजल वेलोसिटी 915 मीटर प्रति सेकेंड है. AK-203 की मजल वेलोसिटी 715 मीटर प्रति सेकेंड है. यानी इंसास की गोलियां ज्यादा तेज गति से जाती है. दोनों ही राइफलें गैस ऑपरेटेड, रोटेटिंग बोल्ट तकनीक पर काम करती हैं.

इंसास राइफल पर इन-बिल्ट आयरन साइट, माउंट प्वाइंट लगाया जा सकता है, ताकि दूरबीन से दुश्मन को देखा जा सके. इस मामले में AK-203 ज्यादा बेहतर है क्योंकि इसपर एडजस्टबल आयरन साइट तो है ही, इसके अलावा पिकैटिनी रेल लगी है, यानी आप दुनिया के किसी भी तरह के दूरबीन को इस बंदूक पर लगा सकते हैं. यानी जितनी ताकतवर दूरबीन उतना घातक हमला.