MP के शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया,एसटीएफ ने ग्वालियर के 8 लोगों पर किया केस दर्ज, 26 संदिग्धों की जांच जारी
ग्वालियर. मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने खुलासा किया है कि कई लोगों ने नकली और कूटरचित डी.एड. (डिप्लोमा इन एजुकेशन) अंकसूचियों के आधार पर सरकारी शिक्षक की नौकरी हासिल की। ग्वालियर जिले के आठ शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 26 अन्य संदिग्धों की जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई है कि इस धोखाधड़ी के पीछे एक संगठित गिरोह सक्रिय था, जो सरकारी भर्ती में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहा था।

एसटीएफ की जांच में खुला घोटाला
एसटीएफ को कुछ समय पहले सूचना मिली थी कि प्रदेश के कई जिलों में फर्जी डी.एड. मार्कशीट लगाकर शिक्षक पदों पर नियुक्तियां की गई हैं। सूचना के आधार पर एसटीएफ ग्वालियर इकाई की एक विशेष टीम ने गोपनीय जांच शुरू की। जांच में यह सामने आया कि जिन दस्तावेजों के आधार पर उम्मीदवारों ने नौकरी पाई थी, वे न तो संबंधित शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी थे और न ही वैध क्रमांक से मेल खाते थे। कई मामलों में वही अंकसूची किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर पहले ही जारी की जा चुकी थी।
फर्जी डी.एड. से नौकरी पाने वाले शिक्षक
जांच के दौरान ग्वालियर जिले के आठ शिक्षकों की फर्जी अंकसूचियां पाई गईं। इन सभी ने कथित रूप से नकली डी.एड. मार्कशीट का उपयोग कर सरकारी नौकरी पाई।
गंधर्व सिंह रावत
साहब सिंह कुशवाह
बृजेश रोरिया
महेन्द्र सिंह रावत
लोकेंद्र सिंह
रूबी कुशवाह
रविन्द्र सिंह राणा
अर्जुन सिंह चौहान
ग्वालियर के आठ शिक्षकों पर एफआईआर
एसटीएफ की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर ग्वालियर जिले के आठ शिक्षकों के खिलाफ थाना एसटीएफ भोपाल में अपराध क्रमांक 15/2025 के तहत धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (कूटरचित दस्तावेज का उपयोग) और 120-बी (आपराधिक साजिश) आईपीसी में केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा, 26 अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच जारी है, जिनके दस्तावेजों की सत्यता की जांच की जा रही है।





