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ग्वालियर से आगरा के बीच ग्रीनफील्ड बनने का रास्ता साफ, 3841 करोड़ रूपये टेण्डर जारी

ग्वालियर. आगरा-ग्वालियर के बीच ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने के लिये एनएचएआई ने 3841 करोड़ रूपये का टेण्डर जारी कर दिया है। इससे आगरा से ग्वालियर के बीच दूरी 150 मिनट से घटकर महज 90 मिनट की रह जायेगी। यह कॉरिडोर बनने से चम्बल और ग्वालियर संभाग में व्यवसायिक व औद्यौगिक गतिविधियां बढ़ जायेगी। इससे 5 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। ऐसा माना जा रहा है। 2025-26 में इस प्रोजेक्टर का काम जमीन पर दिखाई देने लगेगा।
अभी ग्वालियर से आगरा के बीच फोनलेन हाइवे पर पैसेंजर कार यूनिट 60 हजार है। इस वजह से दुर्घटनायें बढ़ी है। ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से हैवी ट्रैफिक इस रूट पर डायवट होने से दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। फोरलेन व सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का लोड बटने से वायु व ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आयेगी और स्थानीय लोगोंका आवागमन सुगम हो जायेगा।
नये एरिया डवलप होंने से व्यापार बढ़ेगा
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर से आगरा से मुरैना होते हुए ग्वालियर तक एक नया एरिया डवलप होने से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी। ग्वालियर की इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आये निवेशकों को एक नया रूट मिलने से उनके पूंजी निवेश की संभावनायें और बढ़ने का अनुमान है।
भारी वाहनों के दबाव से राहत मिलेगी
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से आगरा से लेकर सैंया, मनियां, धौलपुर, मुरैना, बानमोर, पुरानी छावनी तक वाहनों का दबाव कम होगा। अभी वाहनों के दबाव के कारण लोग जाम में फंसते हैं।लोडिंग वाहनों को कच्चे माल की सप्लाई के लिए हाइवे खाली मिलेगा जिससे समय पर माल की डिलीवरी हो सकेगी। अभी हैवी ट्रैफिक के कारण माल सप्लाई में देरी होती है।
दूरी 32 किमी कम होगी, समय बचेगा
नया सिक्सलेन हाइवे बनने के बाद आगरा से ग्वालियर की दूरी में 32 किमी की कमी आएगी। इससे सफर का समय एक से सवा घंटे कम होगा। अधिग्रहण की जाने वाली जमीन पर यदि किसानों के मकान, नलकूप, टीनशेड, बिजली के पोल या ट्रांसफार्मर लगे हैं तो उनको सर्वे में शामिल किया जाकर संबंधित विभागों से उस प्रॉपर्टी के मूल्य का आंकलन कराकर उसका मुआवजा किसान को दिया जाएगा। किसानों की जमीन से निकलेगा एक्सप्रेस-वे… ग्रीनफील्ड कॉरिडोर जिले की सीमा में अंबाह अनुविभाग के 3 व मुरैना अनुविभाग के 22 गांव कुल 25 गांव के 7357 किसानों की जमीन से निकलेगा। अंबाह में 582 किसानों की जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। इसी प्रकार मुरैना अनुविभाग में 6755 किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।

 

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आने बाला समय फिजियोथैरेपिस्ट का होगा – डाॅ. सुनील राठौर

ग्वालियर. VISM ग्रुप ऑफ स्ट्डीज़ में संचालित व्हीआईएसएम काॅलेज ऑफप्रोफेशनल स्ट्डीज़ में वल्र्ड फिजियोथैरेपी डे बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत माॅ सरस्वती के पूजन से हुई। यह आयोजन बीपीटी कोर्स के छात्र-छात्राओं द्वारा सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम नुक्कड नाटक का मंचन हुआ जिसमें छात्र-छात्राओं ने फिजियोथैरेपी विषय से जागरूक कराया। तत्पश्चात् छात्र-छात्राओं द्वारा एक और नाटक का मंचन किया गया जिसमें सभी किरदार तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल से लिए गए थें। नाटक के माध्यम से आसान शब्दों में बताया कि फिजियोथैरेपी से क्या-क्या लाभ होते है। इसके बाद बच्चों ने ग्रुप डांस प्रस्तुति दी जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा बताया गया कि सैनिक देश की सीमा पर रहकर हमें सुरक्षा देतें है एवं हमारे डाॅक्टर्स देश के अन्दर रहकर हमारी सुरक्षा करते है।
कार्यक्रम के इस दौर में बीपीटी की छात्रा कशिश ने अपनी मधूर आवाज में गाना गाकर उपस्थित डाॅक्टर्स का उत्साह वर्धन किया। इसके बाद छात्रा अंशी पवैया ने उपस्थित सभागार में छात्र-छात्राओं को समाज में फिजियोथैरेपी एवं फिजियोथैरेपिस्ट का समाज में योगदान बताया। अंत में संस्थान में के चेयरमैन डाॅ. सुनील राठौर ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आने वाला जो समय है उसमें फिजियोथैरेपिस्ट समाज में एक अपनी अहम भूमिका में रहेंगे। क्योकि आज के समय में मनुष्य की जो दिनचर्या है उसके हिसाब से आने वाले समय में ज्यादा रोगी दर्द से पीड़ित रहेंगें। आपको पता होना चाहिए कि कुछ बिमारियों का ईलाज जैसे गठियाबाय, कंधे का जाम होना, स्लीपडिस्क केवल फिजियोथैरेपी से ही संभब है। इसी के साथ उन्होंने छात्र-छात्राओ को मेडीकल के क्षेत्र में अनुशासन का महत्व भी बताया। इस मौके पर संस्थान की चेयरपर्सन श्रीमती सरोज राठौर निदेशक डाॅ. प्रज्ञा सिंह सहित फिजियोथैरेपी महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्या सहित समस्त स्टाॅफ व छात्र-छात्राऐं मौजूद रहें।

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ग्‍वालियर में डेंगू का तांडव, सिर्फ 6 दिन में सामने आए 85 पॉजिटिव

ग्वालियर. लगातार हो रही बारिश के बीच कई जिलों में डेंगू का कहर भी बढता जा रहा है। लगातार सामने आ रहे डेंगू मरीजों को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। मरीजों की जांच की जा रही है और इससे निजात पाने के उपाय भी बताए जा रहे है। बात करें सूबे के ग्वालियर की तो यहां डेंगू की बढती रफ्तार ने स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है।
6 दिनों में यहां डेंगू के 85 पॉजिटिव मिल चुके
ग्वालियर जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढता जा रहा है। हालात को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर आ गया है। ग्वालियर जिले में अब तक 299 लोग डेंगू संक्रमित पाए जा चुके है लेकिन बीते एक सप्ताह से यहां हालात बेकाबू होने लगे है। पिछले 6 दिनों में यहां डेंगू के 85 पॉजिटिव मिल चुके है। अभी तक कुल 5 हजार 848 रोगियों की डेंगू जांच की गई है। डेंगू पॉजिटिवों में 3 साल के बच्चों से लेकर 36 साल के लोग बडी संख्या में है।
137 सैंपल में 16 पॉजिटिव
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमित क्षेत्रों और जल भराव वाले इलाकों में घर-घर जाकर सर्वे कर रही है। जांच परीक्षण के दौरान घरों से लार्वा मिलने पर चालान तो बनाए ही जा रहे है साथ ही साथ डेंगू के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे है। बावजूद इसके जिले में डेंगू की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही। जनवरी से अब तक शहर में डेंगू संक्रमितों की संख्या 299 पर जा पहुंची है। शनिवार को 137 सैंपल की जांच में 16 डेंगू पाजिटिव सामने आए, जबकि अभी तक कुल 5 हजार 848 लोगों का डेंगू टेस्ट किया जा चुका है।

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MP में बनेंगे एक दर्जन नए जिले, सीएम का बड़ा ऐलान, परिसीमन आयोग बनाया

भोपाल. मध्य प्रदेश में जिलों और संभागों का पुनर्गठन होगा, इस संबंध में सीएम मोहन यादव ने बडी घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर के संभागों और जिलों की सीमाएं में नए सिरे से तय की जाएंगी जिसके लिए परिसीमन आयोग गठित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा सोमवार को उनके बीना दौरा के ऐन पहले की। गौरतलब है कि सागर जिले की बीना तहसील को जिला घोषित किए जाने की मांग लगातार जोर पकड रही है। इतना ही नहीं बीना सहित प्रदेश की करीब एक दर्जन तहसीलों को जिला बनाने की मांग उठ रही है।
सीएम मोहन यादव के अनुसार प्रदेश के सभी संभागों, जिलों और तहसीलों की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने परिसीमन आयोग बना दिया है। तीन सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष एमपी के सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव होंगे। अन्य दो सदस्य बाद में नियुक्त किए जाएंगे।
प्रदेश में कई संभागों, जिलों की सीमाओं के आकार में खासा अंतर है। भौगोलिक दृष्टि से कई जिले बहुत छोटे हैं जबकि इंदौर जैसे कुछ जिले आकार में बहुत बड़े हैं। राजनैतिक मांगों के बाद बनाए गए कुछ नए जिलों के कारण सीमाओं में कमीबेशी हो गई है। इससे न केवल प्रशासनिक दिक्कतें पैदा हो रही हैं बल्कि आमजन भी परेशान हो रहे हैं। इन दिक्कतों को दूर करने की जिम्मेदारी परिसीमन आयोग को सौंपी गई है। यह आयोग राज्य के सभी संभागों, जिलों की सीमाओं का जायजा लेगा। जिलों, संभागों का निरीक्षण करके आमजन और प्रशासन की सहूलियत के नजरिए से उनकी सीमाओं का उचित निर्धारण भी करेगा। परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर राज्य सरकार अंतिम फैसला लेगी।

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MP में 29 IAS अफसरों के तबादले, बिजली कंपनी के सीएमडी को हटाया

भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने 29 आईएएस और 20 राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के तबादले किए हैं। 3 अलग-अलग आदेशों में 11 जिलों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत के खाली पदों पर आईएएस पदस्थ किए हैं। वहीं, एक अन्य आदेश में 20 राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों का तबादला किया है। इसके अलावा जिलों में सहायक कलेक्टरों की पदस्थापना भी की गई है। इंदौर में बैठक लेने के 24 घंटे बाद सीएम ने पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी को बदल दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को इंदौर में बैठक ली थी। इसके बाद यहां पदस्थ पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अमित तोमर का तबादला कर दिया है। तोमर को अपर सचिव कार्मिक सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ किया है। वे लंबे समय से इंदौर में पदस्थ रहे हैं। तोमर के स्थान पर अपर आयुक्त वाणिज्यिक कर इंदौर रजनी सिंह को पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का प्रबंध संचालक पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) के सीईओ पद से हटाए जाने के करीब तीन महीने बाद गृह विभाग के उपसचिव बनाए गए संदीप केरकेट्टा को अब मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ किया है। इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन को भोपाल का अपर कलेक्टर बनाया गया है।
इन जिलों में सीईओ जिला पंचायत बनाए
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) से जारी आदेश में 11 जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पद पर आईएएस अफसरों की पदस्थापना की गई है। जिन जिलों में सीईओ पदस्थ किए गए हैं, उनमें मंदसौर, धार, खंडवा, शिवपुरी, बालाघाट, डिंडौरी, सीधी, अलीराजपुर, सागर, छिंदवाड़ा और शहडोल जिले शामिल हैं।
सागर में पदस्थ सीईओ जिला पंचायत पीसी शर्मा पंचायत और ग्रामीण विकास कैडर के अफसर हैं। उनके स्थान पर आईएएस की पोस्टिंग सागर में की गई है। अभी शर्मा की नवीन पदस्थापना किया जाना बाकी है। इसी तरह बालाघाट के सीईओ जिला पंचायत डीसी रणदा भी ग्रामीण विकास सेवा के अफसर हैं, उनकी भी सेवाएं ग्रामीण विकास विभाग को वापस लौटाई गई हैं।
सेलवेंद्रन को सचिव कार्मिक जीएडी बनाया
सोमवार को जारी आदेश में सचिव किसान कल्याण और आईजी पंजीयन व मुद्रांक एम सेलवेंद्रन को सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक का सचिव बनाया गया है। अभी इस पद पर जीवी रश्मि पदस्थ हैं। जीवी रश्मि अभी जीएडी कार्मिक के सचिव की जिम्मेदारी निभा रही थीं।

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ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी एक्सप्रेस में 5 जनरल कोच जोड़े, 500 से अधिक यात्रियों को मिलेगी रोजाना राहत

भोपाल. प्रतीक्षा सूची को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त यात्री यातायात को क्लियर करने एवं आगामी त्योहारी सीजन में यात्रियों की सुविधा के लिए, गाड़ी संख्या 12198/12197 ग्वालियर-भोपाल-ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस में 9 सितंबर से 31 दिसंबर तक सामान्य श्रेणी के 5 अतिरिक्त कोच अस्थायी रूप से लगाने का निर्णय लिया गया है। इस परिवर्तन के बाद गाड़ी में कुल 21 कोच होंगे, जिनमें 16 सामान्य श्रेणी, 1 वातानुकूलित कुर्सीयान, 2 द्वितीय श्रेणी कुर्सीयान और 2 एसएलआरडी कोच शामिल होंगे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस सुविधा के बाद सीधे करीब 500 से अधिक यात्रियों को राहत मिलेगी।

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चिडियाघर से हटाई झुग्गी झोपडी, भेजा मेला ग्राउंड

ग्वालियर – गांधी प्राणी उद्यान में स्वर्णरेखा पुल के पास से अवैध रूप से झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहे रहे नागरिकों को हटाने की कार्यवाही मदाखलत अमले द्वारा पुलिस के सहयोग से की।
मदाखलत अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव के निर्देशानुसार चिडियाघर के प्रवेश द्वार के पास स्वर्ण रेखा पर नवीन पुल का निर्माण किया गया है। जिसके पास वर्ड एवरी एवं सर्प घर बनाया जाना है। जिसका लेआउट प्लान केन्द्रीय चिडियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली से स्वीकृत है।
वर्तमान में उक्त स्थल पर निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। परंतु कुछ लोगों द्वारा उक्त भूमि पर अवैध रूप से झुग्गी झोपडी बनाकर रह रहे थे, जिससे चिडियाघर का निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा था तथा कार्यस्थल पर रखी सामग्री के चोरी होने के डर रहता है एवं उक्त लोगों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही थी। उक्त स्थल से झुग्गी झोपडी वालों को हटाने की कार्यवाही पुलिस बल के सहयोग से की गई तथा उनको सामान के साथ मेला ग्राउंड पहुंचाया गया। इसके साथ ही फूलबाग मैदान के पास सडक पर झुग्गी झोपडी बनाकर रह रहे लोगों को भी हटाने की कार्यवाही की गई।

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नम्बर प्लेट से कटेगा टोल, फॉस्टैग नहीं होगी जरूरत

नई दिल्ली. देश में अब टोल प्लाजा पर टोल वसूलने की व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव होने वाला है। इसके लिये टोल प्लाजा पर स्वचलित नम्बर प्लेट पहचान कैमरे यानी एएनपीआर कैमरे लगाये जायेंगे। हरियाणा के हिसार और रोहतक जिले के एक-एक टोल प्लाजा पर नये सिस्टम को लगाने का काम शुरू हो गया है। इसके बार धीरे-धीरे पूरे देश में यह व्यवस्था लागू हो जायेगी।
क्या है यह सिस्टम
ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिगनीशन बेस स्कैनिंग कैमरे नम्बर प्लेट को पहचानते है और उन्हें डिजीटल बना देत है। कैमरों की अहम बात यह है कि यह काफी शक्तिशाली होंगे और तत्काल नम्बर प्लेेट को स्कैन कर लेंगे। जैसे ही गाड़ी टोल पर पहुंचेगी टोल प्लाजा की स्क्रीन पर गाड़ी का नम्बर वाहन का मॉडल दिख जायेगा। अगर फास्टैग काम नहीं कर रहा होगा तो नम्बर प्लेट स्कैन होते ही बैंक के सर्वर से टोल कंपनी के पास मैसेज आयेगा और यह भी बता देगा कि फास्टैग ऑरिजनल है या नहीं है। आपको बता दें हाईसिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट में वाहन की पूरी कुण्डली दर्ज होती है।
इस सिस्टम से कई फायदे
नयी व्यवस्था के एक नहीं कई लाभ है। सबसे बड़ा लाभ तो यही है कि वाहन पर अगर नम्बर प्लेट फर्जी और फास्टैग किसी दूसरे नम्बर का लगा होता तो यह बात तत्काल पकड़ में आ जायेगे। नया सिस्टम लागू होने के बाद वाहन की नम्बर प्लेट को फॉस्टैग से लिंक किये गये बैंक खाते से भी जोड़ा जायेगा ताकि वाहन के टोल पर पहुंचते ही नम्बर प्लेट को कैमरा पहचान कर टोल टैक्स काट लें।

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GST काउंसिल की बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स घटाने पर हुई सहमति, अभी इंतजार करना होगा

नई दिल्ली. सोमवार का GST  काउंसिल की अहम बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य रूप से 2 मुद्दों पर चर्चा होनी थी। हेल्थ इंश्यारेंस पर जीएसटी की दरें कम करने और 2 हजार रूपये कम के ऑनलाइन (डेबिट और क्रेडिट कार्ड से) ट्रांजेक्शन पर 18प्रतिशत सस्ता होने नहीं जा रहा है। क्योंकि इस मामले पर अंतिम फैसला अगली बैठक तक के लिये टाल दिया गया है। इसके अलावा नमकीन पर जीएसटी की दरें 18%  से घटाकर 12%  करने का फैसला लिया गया और साथ ही कुछ कैंसर की दवाओं पर जीएसटी की दरें कम करने पर सहमति बन गयी है। बैठक के दौरान उत्तराखंड के वित्त मंत्री ने बताया कि तीर्थयात्रा पर जीएसटी घटाकर 5%  कर दिया गया है।
स्वास्थ्य बीमा पर GST दर को लेकर हुई चर्चा
आपको बता दें जीएसटी परिषद में स्वास्थ्य बीमा पर मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी दर को कम करने को लेकर व्यापाक सहमति बन गयी हैं। टैक्स दर को युक्तिसंगत बनाने की केन्द्र और राज्यों के कर अधिकारियों की समिति (फिटमेंट कमेटी)ने सोमवार को जीएसटी परिषद के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की है। इसमें जीवन, स्वास्थ्य और पुर्नबीमा प्रीमियम पर जीएसटी कटौती के आंकड़े और विश्लेषण दिये गये है। बैठक में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली की वित्तमंत्री आतिशी ने पत्रकारों साथ बातचीत में इस पर मुहर लगाई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यह 54वीं बैठक हुई दिल्ली म ें हुई इस परिषद की बैठक में सभी राज्यों के वित्तमंत्री मौजूद थे। फिलहाल पेमेंट एग्रीगेटर्स को 2 हजार रूपये से कम की राशि के लेनदेन पर जीएसटी का भुगतान करने से छूट है।
निर्मला सीतारमण की अगुवाई में बैठक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18% से कम करने पर व्यापक रूप से सहमति हो गई. लेकिन, इस पर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में लिया जाएगा।जीएसटी परिषद की अगली बैठक में तौर-तरीके तय किए जाएंगे । इसलिए काउंसिल की बैठक में बीमा प्रीमियम पर GST लगाए जाने के फैसले को टाल दिया गया है।  जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक नवंबर में होने वाली है।  इसके अलावा चर्चा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2000 रुपये तक के छोटे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटर्स (Payment Aggregators) पर 18% जीएसटी लगाए जाने को लेकर होने वाले ऐलान पर नजर थी. लेकिन इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है और इस मामले को फिलहाल फिटमेंट कमेटी के पास भेज दिया गया है।

 

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तिघरा बांध का जलस्तर 739 फीट तक पहुंचा, 740 फीट तक पहुंचने पर खोले जायेंगे तिघरा बांध के गेट

ग्वालियर. जल संसाधन विभाग ने अपर ककेटो बांध के जल संग्रहण क्षेत्र में अतिवर्षा की चेतावनी देखते हुए रविवार ककी शाम 4 बजे 4 गेट खोलकर 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया। यह पानी ककेटो पेहसारी बांध के माध्यम से तिघरा तक आने के साथ ही हरसी बांध के वेस्ट वियर में जाना शुरू हो जायेगा। इस मानसून सीजन में 6वीं बार अपर ककैटो बांध के गेट खोले गये है। उधर अपर ककैटो, ककैटो और पेहसारी डेम से लगातार पानी की शिफ्ंिटग के चलते तिघरा बांध का जलस्तर 738.20 फीट तक पहुंच गया है।
पार्वती नदी पर बने अपर ककैटो बांध में लगातार पानी आने की वजह से तिघरा बांध तक पानी की शिफ्ंिटग चल रही है। रविवार की 9 बजे तक तिघरा का जलस्तर 738.20 फीट तक पहुंच गया था। अब बांध में कुल 4099.6 एमसीएफटी पानी आ चुका और बांध 91.44 प्रतिशत भरा हुआ है। जल संसाधन विभाग के मुताबिक बांध की कुल जल संग्रहण क्षमता 740 फीट है। लेकिन इसे फिलहाल 739 फीट तक भरा गया है । इसके बाद अपर स्ट्रीम में मौजद बांधों से हो रही पानी शिफ्टिंग को बंद कर दिया जायेगा। इस दौरान तिघरा के कैचमेंट एरिया में वर्षा होने पर जब बांध का जलस्तर 739 फीट से ज्यादा होगा। तब गेट खोलने की तैयारी की जायेगी।


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