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ईरान-इजरायल के बीच खत्म हुआ युद्ध, सीजफायर लागू, डोनाल्ड ट्रम्प की रणनीति लाई रंग

नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया है कि ईरान और इजरायल के बीच पूर्ण सीजफायर पर सहमति बन गयी है। दोनों ही देश मध्य पूर्व में शांति बहाल करने के लिये राजी हो गये है। ट्रम्प के ऐलान के बाद सीजफायर लागू हो गया है।
अमेरिकी डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ पर पोस्ट किया। बधाई हो सभी, ईरान और इजरायल के बीच पूर्ण और अंतिम सीजफायर पर सहमति बन गयी है। सीजफायर 6 घंटे के भीतर शुरू होगा। ईरान को पहले इसे पालन करना होगा। ईरान की तरफ से सीजफायर का पालन करने के बाद, अगले 12 घंटे के बाद इजरायल भी सीजफायर में शामिल हो जायेगा। 24 घंटे बाद युद्ध का औपचारिक तौर पर समाप्त माना जायेगा।

हमले को लेकर क्या बोले ईरान के सर्वोच्च नेता?

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कतर की राजधानी दोहा में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल से हमले करने को लेकर प्रतिक्रिया दी है।  उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट की. जिसमें युद्धग्रस्त क्षेत्र की तस्वीर के साथ जलती अमेरिकी झंडे की तस्वीर है।  खामेनेई ने पोस्ट में लिखा, हमने हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है. हम किसी के द्वारा की गई ज्यादती को बर्दाश्त नहीं नहीं करेंगे. ईरान आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है।  जो ईरान के लोगों और ईरान के इतिहास को जानते हैं, वो इसे अच्छे से जानते है।

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11वें दिन सेंट्रल में ईरान ने दागी मिसाइल, ईरान में अभी तक 950 मौतें

नई दिल्ली. ईरान और इजरायल के बीच चल संघर्ष 11वें दिन में दाखिल कर चुका है। इस दौरान अमेरिका ने इशारा किया है कि वह ईरान के साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिये तैयार है जिसस लम्बा युद्ध टाला जा सके। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार की रात देश को संबोधित किया। वहीं, ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें की बौछार की। जिसमें 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ईरान के विदेश मी अब्बास अराघची ने कहा है कि अब कूटनीति का समय खत्म हो गया है ईरान का आत्मरक्षा का हक है।
इजरायल और ईरान के बीच तनाव की शुरूआत 13 जून का हुई है। जब इजरायल ने ईरान में कई ठिकानों पर अचानक हमला कर दिया जहां पीएम नेतन्याहू ने हमले के पीछे दलील दी कि ईरान अगले कुछ दिनों में ही न्यूक्लियर बम बना लेने वाला था। हमारे लिय यह अस्तित्व के खतरे की बात है। इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से पलटवार किया। जहां हजारों रेजीडेंशियल बिल्डिंग और सरकारी संस्थानों को तबाह कर दिया गया है। मौजूद समय में अमेरिकी हमलों के बाद हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गये हैं। इस दौरान यूएनएससी में अमेरिकी हमलों की निंदा भी गयी है।
हमलों में ईरान में 950 लोगों की मौत
इजरायली हमलों में ईरान में कम से कम 950 लोगों की मौत हुई है और 3,450 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी एक मानवाधिकार संगठन ने दी है, जिसे AP ने रिपोर्ट किया है।

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सीरिया के दमिश्क के चर्च में आत्मघाती हमले में 15 लोगों की मौत, कई जख्मी

दमिश्क. सीरिया की राजधानी दमिश्क के एक चर्च में रविवार को उस वक्त भयावह आत्मघाती धमाका हुआ है। जब वहां प्रार्थना सभा चल रही थी। हमले में 15 लोगों की मौत हो गयी और 13 लोग की हालत नाजुक बनी है। यह हमला राजधानी के केन्द्र में हुआ। जिसे सीरियाई शासन का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता है। सरकारी मीडिया ने इस एक कायरतापूर्ण आतंकी हमला बताया है। हालांकि अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार सीरिया की राजधानी दमिश्क के ड्वैला इलाके में स्थित मार एलियास चर्च में आत्मघाती बम का धमाका हुआ। जिसमें 15 लोगों की मौत होगी। सीरियाई सुरक्षा सूत्रों के अनुसार हमलावर ने चर्च अन्दर को खुद को उड़ा लिया।

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अमेरिका बॉम्बर्स बी-2 ने ईरान की फोर्डो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियरी साइट्स को उड़ाया

नई दिल्ली. इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका की एंट्री हो गयी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया है कि उनकी वायुसेना ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर एक बड़ा और सफल हवाई हमला किया है। अमेरिकी सेना ने इन ठिकानों पर पूरी तैयारी के साथ बम गिराये है। जिसमें मुख्य निशाना फोर्डो था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बताया है कि सभी लड़ाकू विमान अब सुरक्षित रूप से ईरानी हवाई इलाके से बाहर निकल चुके हैं और अपने बेस की तरफ लौट रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसी क्षमता दुनिया की किसी और सेना में नहीं है। उन्होंने इसे अमेरिका की सैन्यशक्ति की एक बड़ी उपलब्धि बताया और अब शांति की अपील की है। यह हमला उस वक्त हुआ है जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर इजरायल के सामने चिंता बनी हुई है।
बी-2 बॉम्बर्स ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बरसाये बम
ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिकी वायुसेना ने बी-2 बॉम्बर्स से 3 न्यूक्लियर प्लांट्स पर बम बरसाये हैं। इस एयर स्ट्राइक के बाद अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में स्थित अपने तमाम एयरबेस पर हाईअलर्ट जारी कर दिया है। अब स्थानीय समय के अनुसार रात 10 ट्रम्प देश को संबोधित करेंगे।
गुआम के लिये रवाना किये बी-2 बॉम्बर्स
ईरान के खिलाफ इजरायल के मिलिट्री कैम्पेन पर फैसला करने के लिये डोनाल्ड ट्रम्प ने दो हफ्ते का समय लिया था। उन्होंने कहा था कि 2 हफ्ते में इसका फैसला करेंगे और यह कि कोई नहींु जानता कि वह क्या करने जा रहे है।। इसी क्रम में अमेरिका न अपने अत्याधुनिक फायटर जेट्स बी-2 बॉम्बर्स को प्रशांत महासागर में स्थित अपने गुआम एयरबेस की ओर रवाना किया था। ऐसे में माना जा रहा था कि अमेरिकी विमान की रणनीतिक रूप से मूवमेंट्स की गयी है। लेकिन माना जा रहा है कि उन्हीं विमानों ने ईरान पर हमले किये है। हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि इस नयी बमबारी में कोई इजरायली सेना शामिल थी या नहीं।

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ईरान की न्यूक्लियर साइट पर बम बरसाने निकले हैं US के बंकर बस्टर बम, एयरबेस से उड़े 6 बी-2 स्टेल्थ बमवर्षक

नई दिल्ली. अमेरिका के बंकर -बस्टर बम ईरान के अत्याधिक सुरक्षित परमाणु संयंत्र को निशाना बना सकते है। ऐसा अनुमान इसलिये लगाया जा रहा है। अमेरिका से 6बी-2 स्टेल्थ फायटर जेट ने उड़ान भरी है। फॉक्स न्यूज के अनुसार फ्लाइट ट्रैंिकंग डेटा और हवाई यातायात नियंत्रण के ऑडियो कम्युनिकेशन के मुताबिक फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा और हवाई यातायात नियंत्रण के ऑडियो कम्युनिकेशन के मुताबिक अमेरिका के मिसौरी स्थित व्हाइटमैन वायुसेना के अड्डे से 6 बी-2 स्टेल्थ बमवर्षक विमान मुआम स्थित अमेरिकी वायुसेना अड्डे की ओर जाते हुए दिखाई दिये है।
एक बी-2 बॉम्बर में 2 बंकर बस्टर ले जाने की है क्षमता
एक बी-2 स्टेल्थ फायटर जेट 15 टन के 2 बंकर बस्टर बम ले जा सकता है। यह बंकर बम केवल अमेरिका के पास है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बम ईरान के सबसे अधिक मजबूत परमाणु स्थल फोर्डो को निशाना बनाने के लिये काफी अहम हो कसते है। उसे सिर्फ बंकर बस्टर बम ही तबाह कर सकता है। यह किसी अमेरिका के पास है। वहीं इजरायल को इस समय बंकर बस्टर बम की सख्त आवश्यकता है।
ट्रम्प ने 2 सप्ताह के अंदर निर्णय लेने की कहीं थी बात
टमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले भी कह चुके हैं। ईरान पर हमले को लेकर विचार कर रहे हैं। ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत के लिये आना होगा। डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरूवार को कहा था। वह ईरान पर हमले के लिये 2 सप्ताह के भीतर निर्णय लेंगे कि इसके लिये आदेश दें या नहीं। वहीं, इजरायल ने साफ कर दिया है कि फोर्डो के दुर्गम इलाके में हमले के लिये अमेरिका आता है तो ठीक नही ंतो वह अकेले ही कार्यवाही करेगा।

 

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इजरायल में माइक्रोसॉफ्ट के ऑफिस के पास गिरी मिसाइल, 6 लोग जख्मी, अमेरिका बोला-ईरान परमाणु बम बनाने के लिये नजदीक, सिर्फ खामेनेई के आदेश का इंतजार

तेहरान/तेल अवीव. ईरान ने इजरायल के बीर्शेबा शहर पर शुक्रवार की सुबह बैलिस्टिक मिसाइल से अटैक किया है। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार मिसाइल माइक्रोसॉफ्ट के पास गिरी है। इससे कई कारों में आग लग गयी है। आस-पास के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। इसमें 6 लोग जख्मी हुए है। यह लगातार दूसरा दिन है। जब बीर्शेबा शहर पर मिसाइल हमला हुआ है। इससे पहले गुरूवार को भी ईरान ने बीर्शेबा के एक अस्पताल पर मिसाइल दागी थी। जिसमें 50 से अधिक लोग जख्मी हो गये थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का मानना है कि ईरान अब परमाणु हथियार बनाने की पूरी क्षमता रखता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने गुरूवार को कहा है कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई आदेश दे दे ंतो ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है। लेविट ने कहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के लिये जरूरी हर चीज मौजूद है। अब बस इन्हें उन्हें अपने नेता के हां कहने भर की देर है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर ईरान ऐसा करता है तो इससे सिर्फ इजरायल नहीं, बल्कि अमेरिका और पूरी दुनिया की सुरक्षा को खतरा होगा। 7 दिन की लड़ाई में अभी तक इजरायल के 24 लोग मारे गये है। जबकि 600 से अधिक लोग जख्मी है। वहीं, वॉशिंगटन स्थित एक ह्यूमनल राइट्स ग्रुप ने दावा किया है कि ईरान में मौत आंकड़ा जब 639 हो चुका है और 1329 लोग घायल है।

ईरान के शुक्रवार सुबह मिसाइल हमले के बाद बीर्शेबा शहर में पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई।
ईरान के शुक्रवार सुबह मिसाइल हमले के बाद बीर्शेबा शहर में पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका का मानना है कि ईरान अब परमाणु हथियार बनाने की पूरी क्षमता रखता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने गुरुवार को कहा कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आदेश दे दें, तो ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है।लेविट ने कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी हर चीज मौजूद है। अब बस उन्हें अपने नेता के हां कहने भर की देर है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ईरान ऐसा करता है, तो इससे सिर्फ इजराइल नहीं, बल्कि अमेरिका और पूरी दुनिया की सुरक्षा को खतरा होगा।7 दिन की लड़ाई में अब तक इजराइल के 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं, वॉशिंगटन स्थित एक ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने दावा किया है कि ईरान में मौत का आंकड़ा अब 639 हो चुका है और 1329 लोग घायल हैं।

इजराइल-ईरान संघर्ष की 5 फुटेज…

ईरान ने गुरुवार को भी इजराइल के बीर्शेबा शहर पर मिसाइलें दागी थीं। इसमें से एक सोरोका हॉस्पिटल पर गिरी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।
ईरान ने गुरुवार को भी इजराइल के बीर्शेबा शहर पर मिसाइलें दागी थीं। इसमें से एक सोरोका हॉस्पिटल पर गिरी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।
इजराइल के बीर्शेबा में सोरोका मेडिकल सेंटर में गुरुवार को ईरानी मिसाइल हमले के बाद धुआं उठता हुआ।
इजराइल के बीर्शेबा में सोरोका मेडिकल सेंटर में गुरुवार को ईरानी मिसाइल हमले के बाद धुआं उठता हुआ।
सोरोका हॉस्पिटल पर गुरुवार को हुए हमले के बाद महिला और उसके बच्चे को बाहर निकालती रेस्क्यू टीम।
सोरोका हॉस्पिटल पर गुरुवार को हुए हमले के बाद महिला और उसके बच्चे को बाहर निकालती रेस्क्यू टीम।
ईरान की खोंडब न्यूक्लियर साइट पर गुरुवार को इजराइली हमले के बाद काफी देर तक धुएं का गुबार उठता रहा।
ईरान की खोंडब न्यूक्लियर साइट पर गुरुवार को इजराइली हमले के बाद काफी देर तक धुएं का गुबार उठता रहा।
ईरान के कज्विन में गुरुवार को इजराइली हमलों में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हुए।
ईरान के कज्विन में गुरुवार को इजराइली हमलों में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हुए।

इजराइल-ईरान संघर्ष के पिछले 7 दिनों का अपडेट…

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ईरान का परमाणु बम बनाने का सपना नहीं होगा पूरा? अब इजरायल का अराक पर हमला जहां बनाया जाता था प्लूटोनियम

नई दिल्ली. इजरायल लगातार ईरान पर हमलावर है। इन हमलों में सबसे बड़े टारगेट हैं इजरायल के न्यूक्लियर बेस, इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर बेस जैसे नतांज और फोर्डो पर बार-बार हमले किये है। इजरायल का आशंका है कि ईरान परमाणु बम बनाने के बहुत करीब है। इस वजह से उसने ईरान पर हमला बोला है। अब इस क्रम में इजरायल ने ईरान के अराक रियेक्टर को निशाना बनाया है। जो भी एक न्यूक्लियर बेस है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर यह ईरान के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट के लियिे कितना महत्वपूर्ण है।
अराक रिएक्टर को बनाया निशाना
आपको बता दें कि आईडीएफ ने ईरान के अराक इलाके में एक निष्क्रिय परमाणु रिएक्टर पर अटैक किया है। देर रात इजरायल ने खुफिया विभाग के सटीक खुफिया मार्गदर्शन के तहत 40 फायटर प्लेन ने 100 से ज्यादा गोला बारूद के जरिये तेहरान और ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। इन हमलों में ही ईरानी शासन के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने के लिये ईरान के अराक इलाके में परमाणु रिएक्टर पर हमला किया गया है। इमसें प्लूटोनियम बनाने वाले कुछ स्ट्रक्चर भी शामिल है।

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फोर्डो प्लांट -पहाड़ों के नीचे 300 फीट नीचे हैं न्यूक्लियर बेस, इसे अमेरिका ही भेद सकता है

नई दिल्ली. खूबसूरत वादियां, हरे-भरे पहाड़ और चट्टानों के एकदम भीतर एक बंकर में मौजूद ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट उसका सबसे गुप्त एटमी ठिकाना है। चट्टानों की करीब 300 फीट मोटी तह के नीचे मौजूद यह वह परमाणु साइट है। जहां इजरायली बमों का भी कोई असर नहीं होता है। इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान के नतांज परमाणु साइट को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है। इजरायली हमले में वहां के 15 हजार सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो गये हैं। इजरायल ने फोर्डो प्लांट पर भी हमला किया। लेकिन आईएएफए के अनुसार इसे सीमित नुकसान हुआ है।
इजरायल के पास इसे पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता नहीं है। इस प्लांट को नष्ट किये बिना इजरायल ईरान को परमाणु शक्तिविहीन करने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेगा। इस उद्देश्य का ेपाने के लिये इजराइल अमेरिका से जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम और बी-2 बॉम्बर की मांग कर रहा है। लेकिन ऐसा करने का मकसद होगा। ईरान इजरायल वॉर में अमेरिका की डायरेक्ट एंट्री। क्या अमेरिका ऐसा करने के लिये तैयार होगा।
कहां और कैसा है ईरान का अभेद्य परमाणु साइट फोर्डो
दरअसल इससे बाद की सारी चीजें पहाड़ों के गर्भ में छिपी सुरंगों में मौजूद है। धार्मिक शहर क़ोम के नजदीक बना यह गुप्त, भारी सुरक्षा वाला परिसर 2009 में तब पहली बार सार्वजनिक हुआ जब 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने इसका खुलासा किया है। यह लगभग 30 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है. यह प्लांट पहाड़ों के भीतर करीब 80-90 मीटर (लगभग 300 फीट) की गहराई में बना है।  इसकी भौगोलिक स्थिति इसे प्राकृतिक और कृत्रिम सुरक्षा प्रदान करती है, क्योंकि यह हवाई हमलों और पारंपरिक बमबारी से लगभग अभेद्य है।
सीएनएन कहता है इसके बारे में हम जो कुछ भी जानते है। उसका एक बड़ा हिस्सा इजरायली खुफिया एजेंसियों द्वारा सालों पहले चुराए गए ईरानी दस्तावेजों के भंडार से आता है। इसका मुख्य हॉल जमीन से 80 से 90 मीटर (लगभग 262 से 295 फीट) नीचे है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे इजरायल के पास मौजूद किसी भी हवाई बम से सुरक्षित है, इस वजह से हवा से मारकर इसे ध्वस्त करना लगभग असंभव कार्य बन जाता है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह फोर्डो ही है जहां ईरान एनरिच यूरेनियम भंडार को परमाणु बम में बदलने की जल्दी कर सकता है. पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार बनाने का अंतिम निर्णय लिया तो फोर्डो उसका प्राथमिक केंद्र होगा । इसकी गोपनीयता और सुरक्षा ने इसे इजरायल और अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा बना दिया है।

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आग्रह पर पीएम मोदी ने किया फोन पर 35 मिनट तक हुई बातचीत

नई दिल्ली. कनाड़ा में जी7 शिखर सम्मेलन के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच फोन पर 35 मिनट तक बात हुई है। जानकारी के अनुसार इस कॉल का आग्रह ट्रम्प की ओर से किया गया था। इस बीच दोनों के बीच ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तार से बातचीत हुई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर को लेकर जारी रस्साकशी के बीच यह दोनों नेताओं की पहली सीधी बातचीत थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत में स्पष्ट कर दिया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी। किसी भी स्तर पर, न तो भारत -अमेरिका व्यापार समझौते पर चर्चा हुई और न ही भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की मध्यस्थता का मुद्दा उठा, जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वह कनाड़ा से लौटते समय अगर अमेरिका होकर जाये ंतो उनकी मुलाकात हो सकती है। लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते पीएम मोदी ने इसमें असमर्थता जताई है।
पीएम मोदी और ट्रम्प के बीच 35 मिनट हुई चर्चा
पीएम मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात जी7 समिट के बीच होना तय थी। लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को जल्दी वापिस अमेरिका लौटना पड़ा। जिस वजह से यह मुलाकात नहीं हो पायी। इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई है। यह बातचीत लगभग 35 मिनट तक चली। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फोन पर पीएम मोदी को शोक संवेदना प्रकट की थी और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था। उसके बाद से दोनों नेताओं की यह पहली बातचीत थी।
ऑपरेशन सिंदूर पर हुई विस्तार से चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था।  PM मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था. भारत की कार्रवाई बहुत ही ‘संतुलित, सटीक और तनाव बढ़ाने से बचने वाली’ थी।

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11 वर्षो के बाद व्हाट्सएप पर दिखाई देंगे विज्ञापन

नई दिल्ली. मेटा ने आखिरकार वह ऐलान कर ही दिया जिसका डर लोगों को पिछले एक दशक से सता रहा था। यानी कि व्हाट्सएप पर विज्ञापन का। मेटा (तब फेसबुक) ने वर्ष 2014 में व्हाट्सएप को 19 अरब डॉलर में खरीदा था। उस समय ही कयास लगाया जा रहा था। व्हाट्सएप पर अब विज्ञापन देखने को मिलेंगे।
हालांकि, कंपनी ने इस अपडेट को रोलआउट करने में करीब 11 वर्ष का समय लिया है। अब मेटा ने आधिकारिक रूप से ऐलान कर दिया है कि वह व्हाट्सएप पर विज्ञापन देखने को मिलेंगे। यह ऐड्स आपको स्टेट्स टैब में दिखेंगे। पिछले 2 वर्षो में कम्पनी ने अपने अपडेट टैब को पूरी तरह से बदल दिया है। जो पहले स्टे्टस दिया करता था।
क्या कुछ होगा अपडेट टैब में नया?
आप अपने पसंद के व्हाट्सएप चैनल्स को मंथली फीस पर सब्सक्राइब कर सकते है। इसके बाद आपको एक्सक्लूसिव अपडेट्स और कंटेंट उस चैनल से मिलेंगे। फिलहाल चैनल्स को फ्री में सब्सक्राइब किया जा सकता है। व्हाट्सएप के इस कदम के बाद कंटेंट क्रिएटर्स को कमाई का एक तरीका मिलेगा।