लखनऊ. मैच में भारतीय टीम ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए 9 विकेट पर 229 बन बनाये थे। कप्तान रोहित शर्मा ने सबसे अधिक 87 रनों की शानदार पारी खेली। जबकि सूर्यकुमार यादव ने 49 रन और केएल राहुल ने 39 रन बनाये। इंग्लैंड के लिये डेविड बिली ने 3 विकेट लिये जबकि क्रिस वोक्स और आदिल राशिद को 2-2 कामयाबी मिली है।
इसके बाद 330 रनों का पीछा करने के लिये उतरी इंग्लैंड की टीम शुरूआत से ही लड़लखड़ाती नजर आयी और 129 रनों पर आकर ढेर हो गयी। जोंस बटलर की कप्तानी वाली इंग्लैंड टीम 34.5 ओवर ही खेल सकी। टीम के लिये सबसे अधिक 27 रन लियाम लिविंगस्टोन ने बनाये ।भारतीय टीम के लिये मोहम्मद शमी ने 4 और जसप्रीत बुमराह ने 3 विकेट झटके हैं। भारतीय टीम 6 मैच जीतकर 12 अंक के साथ सेमीफायनल की दहलीज पर पहुंच गयी है। अब एक जीत उसकी जगह पक्की कर देगी और दूसरी तरफ इंग्लैंड 6 मैचों में 5 हार के साथ सेमीफायनल की रेस से बाजहर हो गयी है।
तेल अवीव. इजरायल और हमास के बीच युद्ध की 21 दिनों के बाद तस्वीर साफ होने लगी है। हमास के खात्मे की कसम खाकर युद्ध के मैदान में उतरा इजरायल हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहा है। गाजा में ग्राउण्ड ऑपरेशन की चर्चाओं के बीच इजरायल ने वॉर की अपनी पूरी रणनीति बदल दी है। यही कारण है कि इजरायल अब जमीनी हमले की बजाय भारत की तरह सर्जीकल स्ट्राइक पर जोर दे रहा है। पहले हमास के ठिकानों को चिन्हित किया जा रहा है। उसके बाद ऊपर से बमबारी, रॉकेट और मिसाइलें दागकर तबाही के निशान छोड़े जा रहे हैं।
इजरायल की नयी रणनीति से हमास के लड़ाके भी परेशान हैं और छिपकर भागने के लिये नये ठिकानों की तलाश में हैं। हालांकि यह कारगर साबित नहीं हो रहा है। इजरायल ने हमास के लड़ाकों के साथ हिजबुल्लाह से निपटने के लिये भी ऑपरेशन तेज कर दिया है। इजरायल का कहना है कि गाजा से हमास ने रॉकेट हमले किये हैं। जिससे कई इजरायली नागरिकों को चोटें आयी हैं। उसकेबाद हमने सर्जीकल स्ट्राइक तेज की है।
सुरंगों में छिपे हैं हमास के आतंकी
सुरक्षा सूत्रों के अनुसार गाजा में हमास के लड़ाके सुरंग बनाकर भी छिपे हैं और इजरायल पर हमले की रणनीति तैयार कर रहे हैं। यह सुरंगें इजरायल के लिये मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। गाजा में हमास का सैकड़ों किमी लम्बा और 80 मीटर तक गहरा सुरंग नेटवर्क हैं। इनमें हमला के लिये हथियारन, स्मलिंग, जरूरी स्टोरेज की व्यवस्था की गयी है। ऐसे में जमीन के नीचे छिपे हमास के लड़ाकों से निपटने के लिये इजरायल के विशेष बलों को बेहद चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इजरायल को जमीन हमले को लेकर नये सिरे रणनीति तैयार करनी होगी।
इजरायल ग्राउण्ड अटैक नहीं करेगा, सर्जीकल स्ट्राइक तेज करेगा
इजरायल ने तय किया है कि अब ग्राउण्ड नहीं, बल्कि सर्जीकल स्ट्राइक पर जोर दिया जायेगा। ऐसे में सेना ने पहले हमास के सुरक्षित ठिकानों का पता लगाया है और उसके बाद सिलसिलेवार हमले तेज कर दिये हैं। इजरायली सेना अब सीधे हमला नहीं कर रही है। बल्कि सर्जीकल स्ट्राइक कर रही है और इतना ही नहीं, गाजा पट्टी में अब इजरायल अपनी पूरी सेना नहीं घुसा रहा है। बल्कि चिन्हित जगहों पर बम गिराये जा रहे हैं।
हमास के ठिकाने तहत-नहस
इजरायल का गाजा बॉर्डर पर हमास को घेरने का फुल प्रूफ प्लान है और इसके लिये इजरायली सेना टैंक और सामान लेकर भी गाजा की ओर जा रही है इनमें बुलडोजर भी लिये हैं। वहां हमास के ठिकाने तहस-नहस किये जा रहे हैं। ऊपर से बम भी गिराये जा रहे हैं और इतना ही नहीं, भारत ने जिस तरह 2016 में पाकिस्तान में सर्जीकल स्ट्राइक की थी। ठीक उसी तरह इजरायल भी हमास के ठिकानों को मिटाने के लिये हमला कर रहा है।
गाजा में घुसकर मार गिराये हमास के कमाण्डर
इजरायली सेना ने बताया है कि इस कार्यवाही में हमने टैंक और पैदल सेना का उपयोग किया। सेना ने हमास के ठिकानों पर बमबारी की और फिर पैदल सेना ने उन ठिकानों पर कब्जा कर लिया। इजरायल रक्षा बलों का कहना है कि उसने गुरूवार को गाजा पट्टी में हवाई हमले किये। इसमें हमास की दराज-तुफा बटालियन के 3 सीनियर कमाण्डरर्स को मार गिराया है। आईडीएफ का कहना है कि हमले में बटालियन के कमाण्डर रिफत अब्बास, डिप्टी कमाण्डर इब्राहिम जदबा और एक लड़ाकू सहायता कमाण्डर तारेक मारौफ को मार गिराया है। इजरायली सेना ने दावा किया है कि इस कार्यवाही से हमास को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
आईडीएम के मुताबिक दराज-तुफा बटालियन हमास की गाजा सिटी ब्रिगेड का हिस्सा है। जिसे हमास की सबसे महत्वपूर्ण ब्रिगेड माना जाता है। आईडीएफ का कहना है बटालियन के वर्कर्स ने 7 अक्टूबर को इजरायल के खिलाफ आक्रमण और जानलेवा हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
गाजा में रातभर गूंजे मिसाइलें और बम
आपको बता दें कि गुरूवार को इजरायली सैनिकों और टैंकों ने रात भर उत्तरी गाजा में ऑपरेशन चलाया। हमास के लड़कों से आमने-सामने वॉर हुआ है। युद्ध शुरू होने के बाद से यह तीसरा इजरायली हमला था। इजरायली सेना के रेडियो ने कहा है कि सेना ने रातोंरात उत्तरी गाजा में युद्ध की सबसे बड़ी घुसपैठ की है। फिलिस्तीनों ने कहा है कि इजरायली हवाई हमलों ने रातभर क्षेत्र पर फिर से हमला किया। मध्य गाजा में लोगों ने पूरी रात टैंक गोलाबारी की सूचना दी है।
हमास के आतंकी कर रहे इजरायल पर अटैक
युद्ध के मैदान में हमास के आतंकी भी शांत नहीं हुए हैं। उन्होंने मध्य इजरायल को निशाना बनाया है और वहां जबरदस्त रॉकेट दागे गये हैं। आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हमारी ने कहा है सेना गाजा पट्टी में सीमित ग्राउण्ड जारी रखेगी। रात में पैदल सेना बलों और टैंकों ने हमास के ठिकानों और सदस्यों पर हमला किये और बॉर्डर पर कई घंटों तक कार्यवाही की है।
‘रणनीति बनाकर युद्ध कर रहा है इजरायल’
गैंटज ने यह स्पष्ट किया कि बंधकों को बचाने की कोशिश करना सिर्फ एक सामरिक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक विचार भी है. उन्होंने कहा कि आईडीएफ जल्द ही अपने हमलों को बढ़ाएगा. गैंट्ज ने यह भी स्पष्ट किया कि गाजा को लेकर रणनीति हिजबुल्लाह और ईरान के अगले कदमों को ध्यान में रखकर की जा रही है.
‘गाजा में 7 हजार से ज्यादा लोग मारे गए’
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध चल रहा है. सबसे पहले हमास ने अचानक इजरायल में घुसपैठ की और नागरिकों के साथ बर्बरता की. इस हमले में 1,400 से ज्यादा इजरायली लोग मारे गए थे. हमास के लड़ाके कई लोगों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी ले गए थे. बाद में इजरायल ने हमास पर हमला किया. गाजा में मरने वालों की संख्या 7,000 से ज्यादा हो गई है. वेस्ट बैंक में 100 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. युद्ध के कारण गाजा पट्टी में बड़े तौर पर तबाही हुई है. कई इमारतें तबाह हो गई हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
मॉस्को. हमास और इजरायल के बीच पिछले 20 दिनों ये युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में गाजा पट्टी में 6500 से अधिक लोग मारे गये हैं। 10 हजार से अधिक लोग जख्मी हो चुके हैं। लेकिन जंग थमने की बजाय बढ़ती जा रही है। 7 अक्टूबर को पहला हमला हमास ने इजरायल पर किया था और इसके बाद इजरायल ने हजारों मिसाइलें और रॉकेट हमास पर दागे। इन हमलों से हमास बुरी तरह से हिल चुका है। लिहाजा हमास का डेलीगेशन अब ईरान के मंत्री लेकर रूस पहुंच गया है। रूस में हुई बैठक के बाद ईरानी विदेश मंत्री ने कहा है कि हमास युद्ध के दौरान बंधक बनाये गये लोगों को आजाद करने और उन्हें ईरान को सौंपने के लिये तैयार है।
मॉस्को में रूसी विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में हमास के एक प्रतिनिधि मंडल ने रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत मिखाइल बोगदानोव और विदेश मामालों के उपयमंत्री से मुलाकात की। हमास प्रतिनिधि मण्डल में मॉस्कों में आन्दोलन के प्रतिनिधि और राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य डॉ. बासेम नईम भी शामिल थे। यह अहम बैठक गाजा पट्टी पर इजरायली अटैक और इजरायली वॉर क्राइम को रोकने को लेकर हुई।हमास प्रतिनिधिमंडल ने फिलिस्तीनी लोगों की आजादी के अधिकार को दोहराया. उन्होंने इजरायली के कब्जे को हटाने और अपने विरोध करने के अधिकार की भी वकालत की. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ इजरायली अत्याचार 7 अक्टूबर को शुरू हुआ था । साथ ही कहा कि इजरायली सेना जिस तरह से हमला कर रही है वह किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता। हमास बोला- अंतरराष्ट्रीय समुदाय संभाले जिम्मेदारी
हमास के प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रुख की भी सराहना की और रूसी कूटनीति की सक्रिय भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजरायली सेना के नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी संभालने के महत्व पर जोर दिया। रूस ने युद्धविराम पर दिया जोर
वहीं रूसी रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत बोगदानोव ने फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के लिए अपने देश के समर्थन की आवाज़ उठाई और युद्धविराम करने, फिर से बॉर्डर खोलने और गाजा में मानवीय सहायता में सुधार के लिए संबंधित पक्षों के साथ रूस के प्रयासों पर चर्चा की। पहले भी हो चुकी है इन तीन अहम किरदारों की माीटिंग
इससे पहले 25 अक्टूबर को हिज्बुल्ला, हमास और फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के प्रमुखों की लेबनान की राजधानी बेरूत में बड़ी बैठक हुई थी। हमास का डिप्टी चीफ सालेह अल अरुरी, इस्लामिक जिहाद का प्रमुख जियाद अल नकाल्लाह और हिज्बुल्ला का चीफ हसन नसरल्लाह ने एकजुट होकर इजरायल के खिलाफ जंग लड़ने पर विस्तृत चर्चा की थी।
नई दिल्ली. पिछले साल कतर में गिरफ्तार किये गये 8 पूर्व नेवी अधिकारियों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। कतर की अदालत के इस फैसले पर भारत सरकार ने हैरानी जताई है। भारत सरकार की ओर से गुरूवार को कहा गया है कि कतर में फंसे भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिये सभी कानूनी विकल्पों की तलाश की जा रही है।
केन्द्र सरकार ने कहा है कि अभी हम मौत की सजा के फैसले की डिटेल्ड कॉपी का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के भी संपर्क में हैं। भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिये सभी कानूनों विकल्पों की तलाश की जा रही है। हम इस मामले की बहुत ही गंभीरता से ले रहे हैं। हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। कतरी अदालत के इस फैसले को हम वहां के अधिकारियों के सामने भी उठायेंगे। मामले की गंभीरता और जरूरी गोपनीयता को देखते हुए इस वक्त इस पर कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
तेल अवीव. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से इजरायली सेना ने गाजा को चारों ओर से घेर रखा है। हालांकि सेना को अभी ग्राउण्ड ऑपरेशन की अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में इजरायली सेना ने हमास के सफाये के लिये नयी तरकीब निकाली है। इजरायली ग्राउण्ड फोर्स ने उत्तरी गाजा पट्टी में घुसकर हमास के कई ठिकानों को तबाह कर दिया और इतना नहीं इस सर्जीकल स्ट्राइक को अंजाम देने के बाद इजरायली सेना वापिस अपनी सीमा में भी वापिस लौट आयी।
इजरायली सेना रेडियो ने हमास से जारी युद्ध के दौरान इसे सबसे बड़ी घुसपैठ बताया है कि सेना ने इस कार्यवाही का वीडियो भी जारी किया है। इसमें देखा जा सकता है कि कैसे इजरायली सैनिक बख्तरबंद वाहनों से गाजा सीमा में घुसे और यहां टैंक से हमास के कई ठिकानों पर गोले दागे। इसमें एंटी टैंक मिसाइल लांच पोस्ट भी शामिल थी।
नई दिल्ली. रासायनिक हथियारों की ओर इजराइल और हमास की जंग बढ़ती दिखाई दे रही है। इजरायल के राष्ट्रपति हेजोंग का दावा है कि हमास के जिन आतंकियों ने 7 अक्टूबर को म्यूजिक फेस्टीवल पर हमला किया था। उन्हें केमीकल हथियार बनाने के निर्देश दिये गये थे।
अब यह दावा किया जा रहा है कि किबुत्ज के म्यूजिक फेस्टीवल में कत्लेआम मचाने वाले कुछ आतंकी मारे गये थे। उनकी लाशें को जब बारीकी से छानबीन की गयी तो आतंकियों के पास से केमीकल हथियार बनाने का सामान भी बरामद हुआ। इजरायली राष्ट्रपति हेजोंग का दावा है कि आतंकियों के पास से रासायनिक हथियान बनाने का जो सामन मिला है। उसका कनेक्शन अल-कायदा से हैं।
नई दिल्ली. रॉकेट और एयरस्ट्राइक से शुरू हुई इजरायल -हमास जंग अब केमीकल हथियरों की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हेर्जोग ने दावा किया है कि हमास के जिन आतंकियों ने 7 अक्टूबर को म्यूजिक फेस्टिवल पर हमला किया था। उन्हें केमीकल वेपन बनाने के निर्देश दिये गये थे। इजरायली सेना के अनुसार किबुत्ज के म्यूजिक फेस्टिवल में कत्लेआम मचाने वाले कुछ आतंकी मारे गये थे। उनकी लाशों को जब बारीकी से चेक किया गया तो आतंकियों के पास से केमीकल वेपन बनाने का सामन बरामद हुआ। मिले सामान से सायनाइड भी शामिल है।
इजरायली राष्ट्रपति का यह दावा इसलिये भी चौंकाने वाला है। क्योंकि इतिहास में जब भी आतंकियों के हाथ खतरनाक लगे हैं। उसका परिणाम बेहद बुरा ही रहा है। इजरायली राष्ट्रपति ने एक और बड़ा खुलासा किया है। उनका दावा है कि केमीकल वेपन बनाने का जो सामान हमास के आतंकियों से बरामद किया गया है। उसका कनेक्षन अल कायदा से हैं। उन्होंने इस दावे को सिद्ध करने के लिये कई कागज भी मीडिया को भी दिखाये हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार आतंकियों के हाथ केमीकल वेपन लगे हैं। इससे पहले आईएसआईएस से लेकर अल कायदा तक कई बार केमीकल वेपन का उपयोग कर चुके हैं।
नई दिल्ली. सीमा पर चाइना अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अमेरिकी रक्षाविभाग पेंटागन की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन ने भारत से सटी एलएसी पर 2022 में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किये और अपनी सेना की तैनाती को भी बढ़ा दिया। भारत के बढ़ते तनाव के दौरान चीन ने डोकलाम के पास नयी सड़कें, बंकर, पैंगोग झील पर एक दूसरा पुल और एलएसी के पास एक दोहरे उद्देश्य वाला हवाई अड्डा और कई हेलीपैड बना लिये हैं।
भारत और चीनी सैनिकों के बीच पिछले 3 साल से पूर्वी लद्दाख में कई केन्द्रों को लेकर टकराव की स्थिति बनी हुई है। इस टकराव को कम करने के लिये दोनों पक्षों ने व्यापक स्तर पर राजनायिक और सैन्यवार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापिसी की ।इन सबके बीच पेंटागन ने मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डवलपमेंट्स इन्वोल्विंग रिपब्लिक ऑफ चाइना नाम से यह रिपोर्ट जारी की है। पेंटागन की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
पेंटागन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘‘वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा निर्धारण के संबंध में भारत और चाइना के बीच अलग-अलग धारणाओं के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण की वजह से कई झड़पें हुई जिससे गतिरोध जारी रहा है और दोनों ओर से सीमा पर सैन्य जमावड़ा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में चीन ने एलएसी पर सैन्य बुनियादी ढांचे का विकास जारी रखा है।
नई दिल्ली. फिलस्तीनी आतंकी संगठन हमास के खिलाफ इजरायल का युद्ध जारी है। इस दौरान इजरायल में लोगों ने प्रदर्शन किया और अपनी सरकार से हमास द्वारा बंधक बनाये गये अपने नागरिकों को वापिस लाने की मांग की। बंधकों की रिहाई के लिये प्रदर्शन के बीच लोगों ने कहा है कि हमारा किसी से संपर्क नहीं हो रहा है। हम नर्क की स्थिति में पहुंच गये हैं।
प्रदर्शन के बीच लोगों ने कहा है कि हमारा पूरा संपर्क टूट गया है न जीवित रहने के कोई निशान मिल रहे हैं और न ही संकेत । अब 2 सप्ताह बीच गये है और हम यहां हैं, हमारे 200 से ज्यादा लोग बंधक बने हुए हैं और हम यहां अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिये जुटे हैं। प्रदर्शन करने वाले लोगबों ने कहा है कि दुनिया और अंर्तराष्ट्रीय समुदाय को लोग हमारी मदद करनी चाहिये ताकि हम अपने बंधकों को छुड़ा सके। हमउ न्हें वापिस लाने की मांग कर रहे हैं।
7 अक्टूबर को हमास ने किया था हमला
आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा हमला किये जाने के बाद लापता हुए लोगों ने परिवारों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शनिवार की रात राजधानी तेल अवीव में विरोध प्रदर्शन किया। सरकार से हमास द्वारा बंधक बनाये गये उनके संबंधियों को वापिस लाने के लिये तत्काल कार्यवाही करने की मांग की। वहीं, हमास ने कहा है कि उसे 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमले के दौरान करीब 200 लोगों को बंधक बना लिया था। 1973 के अरब इजरायल युद्ध के बाद से यह हमास द्वारा किया गया। सबसे बड़ा हमला किया था। जिसमें सैकड़ों की संख्या में इजरायली नागरिक मारे गये थे। 23 लाख फिलस्तीनियों के घर बरबाद
इजरायल ने हमास आतंकवादियों द्वारा 7 अक्टूबर को किये गये हमले का जवाब गाजा पर बमों की बरसात कर दी थी। जिसमें 23 लाख फिलस्तीनियों के घर बरबाद हो गये थे। जरूरी बुनियादी ढांचे को भी भारी नुकसान पहुंचा और पूरा गाजा ऐसा लगता है मलबे में तब्दील हो गया है।
नई दिल्ली. कहते हैं इश्क और जंग में सब जायज है। इश्क का तो पता नहीं…..लेकिन जंग में सब कुछ जायज नहीं होता। जंग के अपने नियम होते हैं। उन्हीं नियमों के हिसाब से जंग लड़ी जाती है। जंग के बीच इन नियमों को तोड़ा जाता है तो उसे ‘युद्ध अभ्यास’ यानी ‘‘वॉर क्राइम’’ कहा जाता है। इसी युद्ध अपराध के आरोप इजरायल और हमास पर भी लग रहे हैं। दोनों ही एक-दूसरे पर अंर्तराष्ट्रीय कानून तोड़ने के आरोप लगा रहे हैं।
हमास ने 7 अक्टूबर से ही 200 से 250 नागरिकों को गाजा में बंधक बनाकर रखा है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने इसे युद्ध अपराध बताया है। वहीं, इजरायल की सेना पर भी इस जंग में व्हाइट फॉस्फोरस बम का उपयोग करने का आरोप लगा रहा है। हालांकि इजरायल ने इस बात से मना किया है।