GeneralLatestNewsअंतरराष्ट्रीयमप्र छत्तीसगढ़राजनीतिराज्यराष्ट्रीय

कैसे कहें कि रामबाबू गड़रिया मर गया-रामश्री (रामबाबू की बहन)

डकैत रामबाबू गड़रिया को पुलिस रिकॉर्ड में टी-1 कहा जाता था। उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। गड़रिया गैंग ने ग्वालियर के भंवरपुरा गांव में 13 गुर्जरों को एक लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी। इसके बाद गड़रिया चर्चा में आया था।

ग्वालियर. आज से ठीक 24 वर्ष पूर्व, 8 जनवरी 1999 को पुलिस ने दुर्दांत डकैत रामबाबू गड़रिया का पहला एनकाउंटर किया था। पुलिस ने रामबाबू की डेडबॉडी का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार भी करा दिया गया। लेकिन 4 माह के बाद रामबाबू गड़रिया के जिन्दा होने की खबर मिली। खुलासा तब हुए जब एक अपहृत शख्स की उसकी गिरफ्त से मुक्त होकर घर लौटा है।
पहली मुठभेड़ में गड़रिया नही तो कौन मारा गया
पुलिस विभाग में खलबली मचा कर रखने वाला और पुलिस रिकॉर्ड में टी-1 यह पहचान हैं दुर्दांत डकैत रामबाबू गड़रिया की। सरकारी दस्तावेजों में पुलिस 3 बार रामबाबू का एनकाउंटर कर चुकी है। इनमें से 2 बार की मुठभेड़ झूठी निकली और तीसरे पुलिस मुठभेड़ के बाद से ग्वालियर-चम्बल के बीहड़ में उसका मूवमेंट तो रूक गया, लेकिन उसकी मौत वाले एनकाउंटर पर अब भी सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह अप्रैल 2007 में मारे गये डकैत के चेहरे का मिलान रामबाबू गड़रिया के चेहरे से नहीं होपा है। इसका पर्दाफाश हुआ है। पुलिस की डकैत गड़रिया की जांच पड़ताल में।
2007 में हुए एनकाउंटर में मारे जाने का दावा कर है पुलिस
दुर्दांत डकैत रामबाबू गड़रिया के बहनोई दयाराम ने बताया कि अप्रैल 2007 में पहले 2 बार जनवरी 1999 और जनवरी 2007 में ग्वालियर और शिवपुरी पुलिस रामबाबू के एनकाउंटर में मारे जाने का दावा कर चुकी थी। लेकिन दोनों ही बार रामबाबू गड़रिया जिन्दा पाया गया। जनवरी 1999 में थाना बैराड़ के टीआई अशोक तोमर और उनके साथियों के रामबाबू एनकाउंटर में मारे जाने की घोषणा की थी। सरकार ने इस मुठभेड़ के लिये बैराड़ थाना टीआई अशोक तोमर को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी दिया गया था।
2001 में फरार हुये थे गड़रिया बंधु
इसके लगभग 6 माह के बाद ग्वालियर के रिठोदन के जंगल में पुलिस की रामबाबू, गोपाल, दयाराम और प्रताप के साथ मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ के बाद चारों गड़रिया बंधुओं ने सरेंडर किया था। तब बैराड़ टीआई अशोक तोमर के साथ हुई पुलिस एनकाउंटर में रामबाबू के मारे जाने का दावा झूठा साबित हुआ था। हालांकि इसके बाद 2001 में पेशी से डबरा से लौटते समय शाम 4.30 बजे पुलिस कर्मियों की आंखों में मिर्ची झोंक कर चारों भाई पुलिस कस्टडी से फरार हो गये थे।


पुलिस ने जबरदस्ती पहचान कराई -दयाराम गड़रिया
रामबाबू गड़रिया के बहनोई दयाराम गड़रिया ने बताया कि अप्रैल 2007 में पुलिस जिस दिन रामबाबू गड़रिया का एनकाउंटर करना बता रही है तो उस दिन में शिवपुरी जेल से रिहा हुआ था। जेल के दरवाजे से जैसे ही बाहर निकला तो वहां पर मौजूद पुलिस ने मुझे पकड़ लिया। गाड़ी में बैठाकर पुलिस सीधे शिवपुरी के कोतवाली थाना ले आयी। यहां जेल से छूटते ही पकड़े जाने का वजह पूछा, तो वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने चुप रहने के लिये कहा। शाम को अंधेरा होने लगा था। तभी पुलिस ने दोबारा गाड़ी में बैठा लिया। यहां से वह सीधे जंगल के रास्ते एक ठिकाने पर ले जाये। यहां सफेद कपड़े में लिपटा एक शव रखा था। पुलिस उस कपड़े को हटाया। बैट्री से लाइट चेहरे पर डाली और कहा-पहचानो यह रामबाबू हैं। उसी वक्त मैने पुलिस को कहा वह नहीं रओ पिचनाई (यह पहचान में नहीं आ रहा) जे हैई नईया (वह नहीं है) अरे, चलो। तुम तो दाग लगाओ। इस पर पुलिस कहा-अरे वहीं है। तुम तो चलो दाग लगाओ। बस उनका दाग लगा दिया और इसके बाद पुलिस मुझे मेरे घर छोड़ गयी।


कैसे कहे कि रामबाबू मर गया, बहन बोली- न हमने डेडबॉडी देखी और न ही शिनाख्त की-रामश्री
डकैत रामबाबू की बहन रामश्री कहती है कि रामबाबू की डेडबॉडी पुलिस ने नहीं दी और हमसे शिनाख्त भी नहीं करायी। पूछने पर डीएनए टेस्ट हुआ क्या? कहती है हमत ब जेल में थे। जेल में से हमारा ब्लड सैम्पल लेकर गये थे। फिर हमें कोई जवाब नहीं दिया, न हमने शिनाख्त की। न हमें बताया, हम कैसे कह दें कि रामबाबू जिन्दा या मर गये। डीएनए रिपोर्ट में सैम्पल मैच हुआ या नहीं? इस बारे में पुलिस ने भी अभी तक कुछ भी नहीं बताया है। रामश्री कहती है कि वैसे तो हर एक… कोई भी पकड़ हो जाये। कुछ भी हो जाये, बहनें, भैया, भानेज सब को धर के ले जायें। जब मारे हैं, तो डेडबॉडी तो बताते न। कोई डेडबॉडी नहीं बताई और न ही कोई शिनाख्त कराई यह आतंक जब से खत्म हुआ है, तब से हमें कुछ भी नहीं मालूम। जब रामबाबू, दयाराम फरार थे। तब 22 केस लगे थे, जो अब खत्म हो गये हैं।

Please follow and like us:
Pin Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Warning: Undefined array key "sfsi_plus_copylinkIcon_order" in /home/webhutor/newsmailtoday.com/wp-content/plugins/ultimate-social-media-plus/libs/sfsi_widget.php on line 275
RSS
Follow by Email