MP प्रमोशन आरक्षण पर बड़ा अपडेट, कोर्ट ने सरकार के जवाब पर उठाए सवाल
जबलपुर. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष मंगलवार को मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को लेकर दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने सीलबंद लिफाफे में क्वांटिफायबल डाटा पेश किया।
कोर्ट ने सरकार के जवाब पर असंतोष जताया
कोर्ट ने किसी एक विभाग के आंकडे देखने के बाद आश्चर्स जताते हुए कहा कि इसमें तो सभी पद आरक्षित वर्ग से भरे है। ऐसे में समानता का क्या होगा। कोर्ट ने प्रथमदृष्टया सरकार के आंकडों और जवाब पर असंतोष जताया। कोर्ट ने सरकार को पदोन्नति नीति और एडीकेसी वह रिप्रेजेंटेशन पर दोबारा कार्य कर स्पष्ट जवाब पेश करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 12 नवंबर को निर्धारित की है।
सरकार ने सीलबंद लिफाफे में क्वांटिफायबल डाटा पेश किया
विगत सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में कहा था कि नई प्रमोशन पॉलिसी 2016 के बाद प्रमोशन पर लागू होगी जबकि 2016 से पहले के प्रमोशन में वर्ष 2002 के नियमों प्रभावी रहेंगे। इसके बाद के प्रमोशन में वर्ष 2025 के नियम प्रभावी होंगे। कोर्ट ने सरकार को नए नियम के अनुसार क्वांटिफायबल डेटा एकत्र करते हुए सील बंद लिफाफे में पेश करने कहा था।
