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PM की सुरक्षा में चूक के मामले में पंजाब के DGP और चीफ सेक्रेटरी पर गिरेगी गाज

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक मामले में सेंट्रल होम मिनिस्ट्री ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जानकारों के अनुसार इस मामले में केंद्र कड़ा कदम उठा सकता है। राज्य के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग कर सकता है। वहीं इस पर पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह कहते है कि केंद्र सीधी कार्रवाई नहीं कर सकता है। वह राज्य से डीजीपी को बर्खास्त करने की मांग कर सकता है या फिर उसे दिल्ली बुलाने का फरमान जारी कर सकता है लेकिन सब कुछ राज्य सरकार की सहमति के साथ होगा।

वे कहते हैं इस पूरे मामले में सड़क मार्ग में ट्रैफिक पर प्रधानमंत्री के फंसने की बात सामने आ रही है। कहीं न कहीं, राज्य पुलिस सवालों के घेरे में है। उसने वह रास्ता क्लीन क्यों नहीं करवाया प्रोटेस्टर्स कैसे वहां पहुंच गए लिहाजा DGP को केंद्र तलब कर सकता है। नोटिस भेज सकता है। DGP को दिल्ली भेजना है या नहीं, उसे बर्खास्त करना है या नहीं। यह निर्णय राज्य सरकार लेगी।

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दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू, शनिवार-रविवार को बंद रहेगी राजधानी

नई दिल्ली. दिल्ली में बढ़ते कोरोना केस और ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके तहत शनिवार और रविवार को दिल्ली पूरी तरह बंद रहेगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है।

प्राइवेट ऑफिस 50 प्रतिशत कैपिसिटी के साथ काम करेंगे
उन्होंने बताया कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी सरकारी ऑफिस में कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा जाएगा। वहीं, प्राइवेट ऑफिस 50 प्रतिशत कैपिसिटी के साथ काम करेंगे। दिल्ली में सोमवार को 4099 कोरोना केस मिले थे और पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 6.46 प्रतिशत हो गई। दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह ओमिक्रॉन वैरिएंट है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने वाले पेशेंट्स की संख्या बढ़ने पर और भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

बस और मेट्रो पूरी क्षमता के साथ चलेंगे
उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक हुई जिसके बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया। फैसले के मुताबिक दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगेगा। जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी। निजी दफ्तरों में 50 प्रतिशत स्टाफ ही काम करेगा। सरकारी कायालयों में वर्क फ्रॉम होम लागू होगा। केवल अनिवार्य सेवाओं के कार्यालय खुले रहेंगे। बस और मेट्रो पूरी क्षमता के साथ चलेंगे लेकिन बिना मास्क के किसी को अनुमति नहीं रहेगी।

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कोविड-19-तीसरी लहर में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंसीडेंट कमांडर अपने दायित्वों को संभालें – कलेक्टर

ग्वालियर कोविड-19 की तीसरी लहर में केस तेजी से बढ़ने लगे हैं। हम सबको पूरी मुस्तैदी के साथ संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्य करना होगा। सभी इंसीडेंट कमाण्डर अपने-अपने क्षेत्र में पूरी सतर्कता के साथ संक्रमण को रोकने की कार्रवाई करें। इसके साथ ही कोरोना के जो मरीज सामने आते हैं उनसे संक्रमण न फैले, इसके लिये भी सभी उपायों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सोमवार को कंट्रोल कमाण्ड सेंटर में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिये आयोजित समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिये आयोजित इस समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल, सीईओ जिला पंचायत आशीष तिवारी, सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती जयति सिंह, एडीएम इच्छित गढ़पाले, एचबी शर्मा, एएसपी सुश्री हितिका वासल सभी इंसीडेंट कमाण्डर, पुलिस अधिकारी और कोविड-19 के लिये तैनात किए गए प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे।
कोविड-19 की तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। आने वाले दिनों में हमारे जिले में भी मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमने कोरोना की दूसरी लहर में व्यवस्थायें की थीं, उसी प्रकार की व्यवस्थायें हमें अब कर लेनी होंगी। सभी इंसीडेंट कमाण्डर अपने-अपने क्षेत्र की कमान संभालें और सभी व्यवस्थाओं को समय रहते पूर्ण करें। कंट्रोल कमाण्ड सेंटर भी पूर्व की भांति सभी गतिविधियां प्रारंभ करे।
कोविड अनुरूप व्यवहार करें नागरिक
बैठक में कहा है कि कोविड-19 के मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। आम नागरिक कोविड अनुरूप व्यवहार करें, यह जरूरी है। सभी इंसीडेंट कमाण्डर अपने-अपने क्षेत्र में बिना मास्क के घूमने वालों पर चालान की कार्रवाई करें। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी दुकान पर काम करने वालों के साथ-साथ आने वाले ग्राहकों को मास्क पहनने की अनिवार्यत: करने के निर्देश दें। समझाइश के बाद भी अगर कोई व्यवसायिक प्रतिष्ठान नहीं मानता है तो उसके खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज कराया जाए। दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिये गोले बनाने का कार्य भी शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत के माध्यम से कराया जाए।
मीडिया ब्रीफिंग के लिए डॉ. बिन्दु सिंघल अधिकृत
कोविड-19 के संक्रमण के दौरान विभिन्न मीडिया संस्थानों को कोविड की सही जानकारी उपलब्ध हो, इसके लिये प्रतिदिन मीडिया ब्रीफिंग हेतु डॉ. बिन्दु सिंघल को अधिकृत किया गया है। डॉ. सिंघल प्रतिदिन कोविड के लिये किए जा रहे प्रबंधनों की जानकारी मीडिया के साथियों को उपलब्ध करायेंगीं।
अधिक से अधिक की जाए सेम्पलिंग
बैठक में यह भी निर्देशित किया है कि कोविड-19 की सेम्पलिंग का काम अधिक से अधिक किया जाए। सेम्पलिंग के माध्यम से जो भी मरीज सामने आते हैं उनको होम क्वारंटाइन अथवा अस्पताल में भर्ती कराने की व्यवस्था इंसीडेंट कमाण्डरों के माध्यम से की जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि सेम्पलिंग का काम स्वास्थ्य विभाग निर्धारित केन्द्रों के साथ-साथ मोबाइल केन्द्र के माध्यम से भी कराए।
एम्बूलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित हो
अगर कोविड-19 के प्रकरण बढ़ते हैं तो एम्बूलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग शासकीय एम्बूलेंसों के साथ-साथ निजी एम्बूलेंसों से भी अनुबंध करके रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर एम्बूलेंस की उपलब्धता तत्काल हो सके।

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UP में विधानसभा चुनाव तय समय पर होंगे-चुनाव आयोग

लखनऊ. चुनाव आयोग ने यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर तीन दिन की बैठक के बाद गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा, यूपी में वर्तमान सरकार का कार्यकाल 14 मई को समाप्त हो रहा है। निर्वाचन आयोग सामान्य पोलिंग ही कराएगा। हमने राजनीतिक पार्टियों के साथ मीटिंग की है, हमने जिलाधिकारियों के साथ भी बैठक की है, हमने आयकर विभाग, जीएसटी, एनसीबी, नोडल अफसरों के साथ भी चर्चा की है। हमारा प्रयास है कि प्रलोभन फ्री इलेक्शन हो। इस बारे में हमारी मुख्य सचिव, डीजी, आदि के साथ भी मीटिंग हुई है।

5 जनवरी को मतदाता लिस्ट जारी की जाएगी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने बताया है कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत चुनाव कराए जाएं। चुनाव आयोग घनी आबादी वाले पोलिंग बूथों को खुले में लाएगा, महिलाओं की सुरक्षा और बुजुर्गों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा है कि पेड न्यूज पर भी चर्चा की गई है। साथ ही यह सूचना भी दी कि 5 जनवरी को मतदाता लिस्ट जारी की जाएगी।

वोटिंग का वक़्त 1 घंटा बढ़ाया
इस बार के ​चुनाव में टोटल वोटर्स की संख्या 15 करोड़ के लगभग है, जिसमें 52.8 लाख नए मतदाता है। इसमें 28.86 लाख महिला मतदाता हैं। कोविड को देखते हुए चुनाव में वोटिंग का वक़्त पूरे राज्य में एक घंटा बढ़ा दिया गया है। अब 8 से 5 के बजाय मतदान 8 से 6 बजे तक होगा।

जनवरी के दूसरे हफ्ते में जारी हो सकती अधिसूचना
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जनवरी के दूसरे हफ्ते में जारी हो सकती है। 403 विधानसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव कराने की इस बार भी प्लानिंग है। माना जा रहा है कि 9 से 15 जनवरी के बीच कभी भी यूपी में आचार संहिता लग सकती है।

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डकैत ने शादी के लिये किया अपहरण, 50 साल के इनाम डकैत ने 20 वर्ष की छोटी लड़की शादी करोओ, नही ंतो तुम्हारे भाई को उड़ा देंगे

मुरैना. चम्बल में कुख्यात डकैत ने अपने से 20 साल छोटी युवती से शादी के लिये उसके चाचा का अपहरण कर लिया है। डकैत पर 70 हजार रूपये का इनाम मुरैना पुलिस की ओर से हैं। लड़की के पिता धमकी दी है कि बात नहीं मानी तो भाई को जान से मार देंगे। डकैत का नाम गुड्डा गुर्जर बताया गया है। इस वक्त वह ग्वालियर-चम्बल संभाग का सबसे खूंखार डकैत है। इस पर हत्या, लूट व अपहरण समेत लगभग 3 दर्जन मामले विभिन्न पुलिस थानों में कायम है। इसकी न केवल मुरैना बल्कि धौलपुर (राजस्थान) भिण्ड, शिवपुरी और ग्वालियर पुलिस को तलाश है। फिलहाल लड़की जिसके साथ गुड्डा शादी करना चाहता है उसके पिता मेहताब ने गुरूवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर एएसपी रायसिंह नरवरिया से अपने भाई और बेटी को बचाने की गुहार लगाई है।

मेहताब सिंह का आवेदन
यह है पूरा घटनाक्रम
मेहताब की बेटी से डकैत गुड्डा गुर्जर शादी करना चाहता है। उसने मेहताब से कहा कि वह उसकी शादी अपनी लड़की से करा दे। इस पर वह तैयार नहीं हुआ। डकैत गुड्डा गुर्जर ने उसके भाई का 17 नवंबर को अपहरण कर लिया। भाई का अपहरण होने के बाद मेहताब सिंह दौड़ा.दौड़ा पहाडगढ़ थाने पहुंचा और इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद अगले दिन गुरुवार को आज वह पुलिस अधीक्षक मुरैना के कार्यालय पहुंचा। पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार मौजूद नहीं थे। लिहाजा वह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायसिंह नरवरिया के पास पहुंचा और बोला कि डकैत गुड्डा गुर्जर उसकी लड़की से जबरन शादी करना चाहता है।

मेहताब सिंह द्वारा पहाड़गढ़ थाने में की गई एफआईआर की कॉपी
पुलिस पहाड़गढ ने नहीं किया गिरफ्तार
मेहताब सिंह ने पहाड़गढ़ पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसने गुड्डा गुर्जर को 12 नवम्बर 2021 की रात 11 बजे पहाड़गढ़ के ईश्वर की सिरकाई जगही पर गैंग के साथ देखा गया था। उसने इस बात की सूचना पहाड़गढ़ थाना पुलिस को दी है। लेकिन वहां जाकर दविश नहीं दी।

मेहताब सिंह के साथ आया उसका भाई।
पुलिस की कुछ ओर कहानी
पुलिस दूसरी कहानी बता रही है । पुलिस का कहना है कि मेहताब अपनी लड़की की शादी 28 साल के युवक से कराना चाहता है। वह वरवासिन गांव में हुई एक हत्या के जुर्म में जौरा की उपजेल में बन्द है। वह युवक गुड्डा गुर्जर का विरोधी है। इसलिये गुड्डा गुर्जर इस शादी के खिलाफ है। वह नहीं चाहता है कि मेहताब अपनी लड़की की शादी उस युवक के साथ करें। जहां तक उसके भाई का लापता होने का सवाल है तो पुलिस का कहना है कि कल 11 बजे तक उसकी लोकेशन पहाड़गढ़ की सीमा पास मौजूद गांव भूपपुरा में मिली थी।

 

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14 महीने बाद तीनों कृषि कानून वापस

नई दिल्ली. किसानों के हठ के आगे आखिरकार मोदी सरकार को झुकना पड़ा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इस ऐलान के लिए दिन चुना गया प्रकाश पर्व का, पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम 18 मिनट के संबोधन में यह बड़ा ऐलान किया और कहा कि सरकार ये कानून काश्तकारों के हित में नेक नीयत से ये लाई थी लेकिन हम कुछ किासनों को समझाने में नाकाम रहे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई। साथियों आज गुरू नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है और इसी महीने हम इसे वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर देंगे।

टिकैत बोले संसद में कानून वापसी का इंतजार करेंगे
सिंघु और टीकरी समेत दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 14 महीने से आंदोलन कर रहे थे। अब सरकार के फैसले के बाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम तुरंत आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बल्कि इन्हें संसद में वापस लेने का इंतजार करेंगे।

प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ शुरुआत की
मोदी ने कहा, ‘मेरे प्यारे देशवासियों आज देव दीपावली का पावन पर्व है। आज गुरु नानक देव जी का भी पावन प्रकाश पर्व है। मैं विश्व में सभी लोगों और सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। यह भी बेहद सुखद है कि डेढ़ साल बात करतारपुर साहिब कॉरिडोर फिर से खुल गया है। ‘गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है।’

 

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ग्वालियर से बनकर गई गोडसे के साथी नारायण आप्टे की मूर्ति मेरठ में हुई स्थापित

ग्वालियर. शहर में एक घर में चोरी छुपे बनवाई गई गोडसे के साथ नारायण आप्टे की मूर्ति को अब नाथूराम के साथ मेरठ के हिंदू महासभा भवन में स्थापित कर दिया गया। 15 नवंबर 1949 को दोनों को महात्मा गांधी की हत्या में फांसी हुई थी इसलिए दोनों की मूर्ति की स्थापना के लिए यह दिन चुना गया। गांधी के हत्यारों की मूर्ति स्थापना से तनाव का माहौल हो गया है। मेरठ पुलिस दो बार पहले भी मूर्ति स्थापना को रोक चुकी है। मूर्ति स्थापना मेरठ में हुई है लेकिन इसमें ग्वालियर के हिंदू महासभा की टीम का रोल अहम माना जा रहा है। मेरठ के कार्यक्रम की गोपनीय बैठक से लेकर मूर्ति तैयार कराने का पूरा काम ग्वालियर टीम का ही था।

मूर्ति यहां प्रशासन से चोरी छुपे तैयार कराई गई
गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे की बात चले और ग्वालियर व हिंदू महासभा का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता है। हिंदू महासभा की एक टीम ने मेरठ हिमस के भवन में सोमवार 15 नवंबर को नाथूराम गोडसे व नारायण आप्टे की मूर्तियों की स्थापना की है। खास बात यह है कि नारायण आप्टे की मूर्ति ग्वालियर में ही बनी है। यह मूर्ति यहां प्रशासन से चोरी छुपे तैयार कराई गई थी। इसके साथ ही नाथूराम गोडसे की मूर्ति भी बनाई गई  जिसे कभी भी ग्वालियर में स्थापित किया जा सकता है। आप्टे की मूर्ति सितंबर के आखिरी सप्ताह में मेरठ पहुंचा दी गई थी। पहले उसे 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर स्थापित करना था, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते नहीं हो सकी। अब जाकर मूर्तियों को स्थापित किया है।

हम चाहते हैं कि गोडसे को युवा पीढ़ी जाने
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने बताया कि उनका मकसद सिर्फ नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे से पूरे देश के युवाओं को परिचित कराना है। युवा पीढ़ी उनके विचारों को समझें। उनके बारे में जितना बताया जाता है उससे कहीं ज्यादा छुपाया जाता है।

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हत्या का मामला दर्ज कराने की मांग को लेकर परिजनों ने किया चक्काजाम, एएसपी सत्येन्द्रसिंह तोमर के आश्वासन पर माने परिजन

ग्वालियर. एक युवक की संदिग्ध हालत में हुई मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर सड़क पर चक्काजाम कर दिया। सड़क पर लाश रखकर आक्रोशित परिजन हत्या का मामला दर्ज करने पर अड़े हुए थे। शनिवार की शाम तक कम्पू के कस्तूरबा गांधी चौरहा पर हंगामा चलता रहा। हुआ यह था कि शुक्रवार की सुबह एक युवक को ठेकेदार मजदूरी कराने के लिये लेकर निकला था। पर रात को ठेकेदार के खेत में बने हुए कुएं में मजदूर का शव पड़ा मिला। घटनास्थल से पुलिस ने तत्काजल शव को उठवा कर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। शनिवार को जब पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को मिला तो उन्होंने कंपू के कस्तूरबा चौराहा पर लाश रखकर चक्काजाम कर दिया। भीम आर्मी के सदस्य भी इस चक्काजाम में शामिल थे। 3 घंटे तक हंगामा चलता रहा। परिजन की मांग थी कि ठेकेदार पर हत्या का मामला दर्ज किया जाये। पुलिस अधिकारियों ने जब मौके पर पहुंच कर समझाया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हत्या का मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन माने हैं।
क्या है पूरा घटनाक्रम
कंपू स्थित नौगांव निवासी 30 वर्षीय प्रदीप जाटव पुत्र विजय सिंह जाटव पेशे से मजदूर है। शुक्रवार सुबह गांव का ही ठेकेदार देवेन्द्र गुर्जर उसे काम करने अपने खेत पर ले गया था। रात को देवेन्द्र ने उसके घर फोन कर सूचना दी कि प्रदीप कहीं मिल नहीं रहा था। जब उसकी तलाश की तो वह उसके ही खेत में बने कुएं में पड़ा मिला था। यह सूचना मिलते ही परिजन वहां पहुंचेए लेकिन उससे पहले पुलिस पहुंच गई थी और शव को निगरानी में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पहुंचा दिया। शनिवार की दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन के सुपुर्द कर दिया गया। परिजन प्रदीप की मौत पर आक्रोशित थे। परिजन का कहना था कि जब उसे कोई परेशानी नहीं थी तो वह कुएं में कूद नहीं सकता और कुएं में गिरने से हादसा हुआ नहीं है। इसलिए साफ है कि देवेन्द्र गुर्जर से कुछ विवाद हुआ है और प्रदीप की हत्या की गई है। पुलिस इसे हत्या नहीं मान रही थी।
सड़क पर लाश रखकर 3 घंटे किया चक्काजाम
पुलिस ने जब मामले को हत्या का नहीं माना तो प्रदीप के परिजन ने शनिवार दोपहर पोस्टमार्टम हाउस से शव को ले जाकर शहर के मुख्य चौराहा कस्तूरबा गांधी चौराहा पर रखकर ट्रैफिक रोक दिया। साथ ही भीम आर्मी के सदस्य भी चक्काजाम में शामिल हो गए। हंगामा और चक्काजाम की सूचना मिलते ही एएसपी सतेन्द्रसिंह तोमर व अन्य अफसर मौके पर पहुच गए। पुलिस अफसरों ने समझाने का प्रयास किया। मृतक के परिजन का कहना था कि पहले देवेन्द्र गुर्जर पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए और थ्प्त् की कॉपी हमारे हाथ में दी जाए। इसके बाद ही वह रास्ते से हटेंगे। करीब 3 घंटे तक समझाना चलता रहा। आखिर में ।ैच् शहर सतेन्द्र सिंह तोमर ने आश्वासन दिया कि वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी बात निकलकर आएगी उस आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा।
भीम आर्मी ने पुलिस पर लगाया आरोप
भीम आर्मी के सदस्य राहुल बाल्मीक ने आरोप लगाया है कि लगातार दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। जो ठेकेदार काम कराने ले गया था उनके कुएं में बॉडी मिली है। पर पुलिस ने भाजपा सरकार के दबाव में मामला दर्ज नहीं कर रही है, पर जब तक हत्या का माला दर्ज नहीं होगा। हम नहीं हटेंगे। कलेक्टर, एसपी को बुलाने की मांग की है। मृतक के भाई गजेन्द्र सिंह ने बताया है कि शुक्रवार की रात को कुएं में शव मिलने के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है।

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हनीट्रैप काण्ड में आया मोड़, आरती दयाल की याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस, क्यों न मानव तस्करी मामले में आरोपी बनाया?

भोपाल. मप्र के बहुचर्चित हनीट्रैप काण्ड में नया मोड़ आ गया है। मामले में गिरफ्तार आरोपी आरती दयाल की याचिका पर हाईकोर्ट ने इन्दौर नगरनिगम के तत्कालीन इंजीनियर हरभजन सिंह सहित 8 लोगों को नोटिस भेजा है। नोटिस में उनसे जवाब मांगा है कि मोनिका यादव की मानव तस्करी के मामले में उन्हें आरोपी क्यों न बनाया जाये। 4 वीक के अन्दर इन सभी को जवाब देने के लिये कहा गया है। इन 8 लोगों में पूर्व मंत्रियों के ओएसडी भी शामिल है।
आपको बता दें कि मोनिका यादव के पिता ने इन्दौर के पलासिया थाने में बेटी की मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया था। इसमें आरती दयाल, श्वेता जैन, अभिषेक सहित 4 लोगों को आरोपी बनाया था। मोनिका यादव ने मुख्य परीक्षण के दौरान दिये अपने बयान में 11 लोगों के नाम बताये थे और बाद में वह सिर्फ आरती दयाल, अभिषेक, श्वेता जैन को छोड़कर बाकी लोगों के नाम से मुकर गयी। मुख्य परीक्षण के दौरान मोनिका के बयानों को आरती नेआधार बनाकर हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। याचिका में उसने मांग की थी कि मोनिका की ओर से मुख्य परीक्षण के दौरान लिये गये सभी नामों को उसी तरह आरोपी बनाया जाये । जिस तरह उस जैसे तीन अन्य लोगों को बनाया गया है। इस पर हाईकोर्ट ने उन सभी लोगों को नोटिस भेजा है। जिनके नाम मोनिका ने मुख्य परीक्षण के दौरान लिये थे। वर्तमान में आरती इन्दौर जेल में बन्द है। उसके वकील मानस मनी वर्मा ने यह याचिका कोर्ट में लगाई थी।
हनीट्रैप की सूत्रधार है श्वेता विजय जैन
हनीट्रैप काण्ड की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन अधिकारी और नेताओं से आरती सहित गिरोह में शामिल युवतियों की दोस्ती करवा देती थी और बाद में आरती उन्हें अपने जाल में फंसा कर वीडियो बना लेती थी। फिर श्वेता के इशारे पर रूपये वसूलने का काम होता था। इंजीनियर के लिये भी इसी तरहजाल बिछाया गया था। आरती दयाल उर्फ आरती अहिरवार उर्फ ज्योत्सना ने पूछताछ में बताया कि गिरोह की मुखिया श्वेता विजय जैन है।

गैंग ऑफ ब्लैकमेलर्स, जो गिरफ्तार हुईं
आरती दयाल

छतरपुर की रहने वाली। हनीट्रैप कांड में गिरफ्तारी से पहले कृषि, ग्रामीण व पंचायत विभाग से एनजीओ के नाम पर फंडिंग ली। भोपाल-इंदौर में कलेक्टर रहे एक आईएएस की करीबी रही। मीनाल रेसीडेंसी में फ्लैट, होशंगाबाद रोड पर प्लॉट।

श्वेता विजय जैन

मूलत: सागर निवासी। भाजपा में सक्रिय रही। मीनाल रेजीडेंसी में बंगला। बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़ के एक-एक पूर्व मंत्री की करीबी रही। एनजीओ को फंडिंग। सागर के एक कलेक्टर संग बंगले पर उनकी पत्नी ने पकड़ा था।

श्वेता स्वप्निल जैन

भोपाल की रहने वाली। रिवेयरा में पूर्व मंत्री के बंगले में 35 हजार महीना किराए से रह रही थी।

बरखा भटनागर सोनी

निमाड़ के एक नेता के साथ कांग्रेस में आई। इन नेता के पूर्व मंत्री के भाई से अच्छे संबंध रहे हैं। एनजीओ के लिए काफी डोनेशन लिया। पति अमित सोनी कांग्रेस आईटी सेल में रहा।

मोनिका यादव

राजगढ़ निवासी। बीएससी की पढ़ाई करने भोपाल आई। गिरफ्तारी के दौरान उम्र 18 साल से थोड़ी ज्यादा थी। आरती दयाल ने मदद के बहाने उसे हनी ट्रैप के दलदल में ढकेला।

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5 लाख रूपये की फिरौती के लिये जीजा ने साले का गला घोंटकर की हत्या, फोन से मांगे 5 लाख रूपये

ग्वालियर. दादा की दुर्घटना में मौत के बाद मिले 15 लाख रूपये पर दामाद लालच में आ गया और उसने साले को घुमाने के बहान जंगल में ले जाकर उसकी रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। साले के मोबाइल से परिवारवालों को फोन करके 5 लाख रूपये की फिरौती मांगी। फिरौती की डिमांग आते अधिकारी अलर्ट हो गये और छात्र का सुराग लगाने के लिये क्राइम ब्रांच के टीआई दामोदर गुप्ता अपनी टीम और भितरवार थाना पुलिस की 2 टीमंे बनाई गयी। जांच पड़ताल में जुटी टीमों ने महज कुछ ही घंटों में किशोर का शव बरामद कर लिया। आरोपी को दबोच लिया है। घटना भितरवार थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 9 रावत कॉलोनी की है। आरोपी बुआ का दामाद है।
अपहृत की तलाश में जुटी टीमें
एसपी अमित सांघी ने बताया कि भितरवार थाना क्षेत्र के वार्ड क्र.09 रावत कॉलोनी निवासी पुष्पेन्द्र रावत पुत्र रामाधारसिंह रावत 17 मंगलवार की सुबह घर से निकला था और उसके बाद वह देर रात तक वापिस नहीं आया तो परिजनों ने उसकी तलाश की। लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसके बाद बुधवार कीशाम 5 बजे पिता के मोबाइल नम्बर से कॉल आया कि पुष्पेन्द्र की जान से खत्म करने की धमकी देकर 5 लाख रूपये की फिरौती मांगी। फिरौती का कॉल आते ही परिजन थाने पहुंचे और मामले की शिकायत की है। मामले का पता चलते ही सीनियर अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल में जुट गये।
अपहरण के 24 घंटे के अन्दर हुआ खुलासा
घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच के लिये 2 टीमें तैयार की गयी, जिसमें क्राइम ब्रांच टीआई दामोदर गुप्ता, एएसआई राजवीर सोलंकी और आरक्षक रूपेश शर्मा दूसरी टीम में टीआई भितरवार राजकुमारी परमार व थाने का पुलिस बल लगाया। मामले की जांच में जब पुलिस ने घर से निकलने के बाद कडि़यां मिलाई तो पता चला कि अंतिम बार पुष्पेन्द्र दिनेश रावत के साथ देखा गया था और साथ ही पता चला कि दिनेश पुष्पेन्द्रे की बुआ का दामाद है। इसका पता चलते ही पुलिस दिनेश को पकड़कर पूछताछ की तो उसने अपहृत की हत्या करना स्वीकार कर लिया।