रोशनीघर अग्निकांड-मौत से लड़कर बच्चों की जान बचाने वाला हीरो महेश बाथम, टीआई पंकज त्यागी और प्रवीण अष्ठाना रहें
ग्वालियर. जैसे ही रोशनी घर पर आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड पर पहुंची तो सबसे पहले फायरबिग्रेड से आग पहुंची तो सामने काम करने वाला युवक असल जिन्दगी में जरूरी नहीं हीरो 6 फीट लम्बा, गोरा और स्टायलिंश बॉडी बिल्डर हो। असम में हीरो बनने के लिये मानवीय संवेदना और मदद करने का जज्बा होना जरूरी है। अपनी जान की परवाह किये बगैर घर में जा पहुंचा बच्चे को अपनी गोद में बालकनी में आया यह शख्स महेश बाथम है। यह रोशनी घर हादसे का असली हीरो हैं।
झुलसने के बाद भी 2 बच्चों को बचा लिया महेश बाथम ने
दरअसल इन्दरगंज थाने महज 100 मीटर की दूरी पर रोशनी घर पर गोयल पेंट हाउस में लगी भीषण आग ने परिवार के 7 सदस्यों की जान ले ली। आग लगते ही सामने सीमेंट व्यापारी पप्पू गुप्ता के यहां पर काम करने वाले महेश बाथम ने अपनी जान की परवाह किये बगैर ही आग में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास किया। जैसे ही उसने आग देखी तो सीढि़यों के सहारे आग की लपटों में घिरे मकाने के ऊपरी हिस्से में दौड़ लगा दी । वह वर्षो से सीमेंट व्यापारी की दुकान में काम कर रहा है और सामने रहने वाले गोयल परिवार से उसका पुराना संबंध थे, महेश को बच्चों की चिंता थी उसने जान की बाजी लगाकर दो बच्चों को बचा भी लिया इस बीच वह स्वयं भी कई जगह से झुलस गया।
मासूमों की जान बचाने का किया प्रयास टीआई इंदरगंज पंकज त्यागी और प्रवीण अष्ठाना
हालांकि इन्दरगंज टीआई पंकज त्यागी ने फायरमैन के साथ अपनी टीम को लेकर पड़ोस के घर की छत से कूंदकर मकान की पानी टंकी फोड़कर जिससे कमरे अन्दर पानी डालकर आग को कन्ट्रोल करने का प्रयास किया । टीआई इन्दरगंज पंकज त्यागी की मदद के लिये कोतवाली टीआई प्रवीण अष्ठाना ने भी साथ दिया। लेकिन जब हालात बेकाबू हुए तो सेना की फोम वाली फायर ब्रिगेड से बड़ी मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस अग्निकांड के सही हीरो कहे जाये तो महेश बाथम, टीआई इन्दरगंज पंकज त्यागी और प्रवीण अष्ठाना है। जिन्होंने अपनी जान की परवाह नहीं की और लोगों की जान बचाने का प्रयास किया।