MP की सड़कों से हटेंगी 15 साल पुरानी 899 बसें
भोपाल. मध्य प्रदेश की सड़कों पर ऐसी 899 बसें दौड़ रही हैं, जिन्होंने अपनी 15 साल की उम्र पार कर ली है। सीधी भाषा में कहें तो ये बस खटारा हो चुकी हैं, इसके बावजूद ये आज भी शहरों के बीच सवारियां ढोने का काम कर रही हैं। अब इस मामले पर सरकार ने सख्त कदम उठाया है। परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने प्रदेश के परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा को एक पत्र लिखकर इन सभी बसों की सूची सौंप दी है। इन पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इनमें सबसे ज्यादा खटारा बसें जबलपुर तो सबसे कम रीवा संभाग में चल रही हैं।

बस संचालकों में नाराजगी
सरकार के इस आदेश के बाद बस संचालकों में नाराजगी है। उनकी दलील है कि जब उनकी बसों को परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया था, तब उनकी उम्र 15 साल नहीं हुई थी। बसों का फिटनेस और परमिट अभी बकाया है। ऐसे में अचानक बसों को बंद करने का फैसला अव्यवहारिक है।
परिवहन सचिव ने लिखा- अवैध तरीके से चल रहीं
14 नवंबर को परिवहन सचिव मनीष सिंह ने परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा को पत्र में लिखा- इंदौर, रीवा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, सागर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार से जारी मंजिली गाड़ी परमिट की 899 बसों का विवरण सूची के रूप में संलग्न है। इस सूची में उन्हीं बस श्रेणी के वाहनों का विवरण है, जिन्होंने 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है।
चूंकि इनके परमिट की वैधता अभी समाप्त नहीं हुई है, इस कारण पूरी संभावना है कि ये बसें फील्ड में अवैध रूप से संचालित हो रही होंगी। अतः इन सभी श्रेणी की बसों, जो आमजन की सुरक्षा के मान से खतरनाक हैं, उनकी जांच करवा लें। अगर किसी बस का संचालन पाया जाता है तो उस बस संचालक के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाए।

