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लगातार तीसरे दिन 250 से ज्यादा इंडिगो फ्लाइट्स रद्द, रातभर परेशान रहे हजारों यात्री

नई दिल्ली. एविशन सेक्टर के नए सुरक्षा नियमों की वजह से देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो लगातार तीसरे दिन क्रू की कमी से जूझ रही है। इससे इंडिगो के ऑपरेशन पर बुरा असर पड़ा है। गुरुवार को सिर्फ मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर ही इंडिगो की 250 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट पर आज सुबह से इंडिगो की कुल 95 उड़ानें रद्द हुई हैं। इनमें 48 दिल्ली से जाने और 47 आने वाली घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट्स थीं। मुंबई में 86 फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, जबकि बेंगलुरु में 73 फ्लाइट्स रद्द की गई हैं।


यात्रियों ने फ्लाइट के इंतजार में पूरी रात एयरपोर्ट पर गुजार दी
हैदराबाद में लगभग 33 उड़ानें रद्द हुई हैं। जयपुर एयरपोर्ट पर 4 फ्लाइट्स रद्द की गई हैं। इंदौर में 3 उड़ानें रद्द हुई हैं। सूत्र के मुताबिक, शाम तक रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। कई जगह यात्रियों ने फ्लाइट के इंतजार में पूरी रात एयरपोर्ट पर ही गुजार दी। दरअसल, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने सभी एयरलाइंस के लिए 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े सुरक्षा नियमों में बदलाव किए हैं। इसका सबसे ज्यादा असर इंडिगों एयरलाइन पर पड़ा है।

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हीरे की हो रही कालाबाजारी, पन्ना में देश का इकलौता हीरा कार्यालय

पन्ना. खुदाई-मचाई-छंटाई, कई-कई दिन और कई-कई वर्षो तक यह काम चलता है। तब जाकर हीरा मिलता है। किस्मत हो तो पहली कुदाल जमीन पर पड़ते ही फट से चकाचौंध कर देगा। रूठा हो तो पीडि़यां खप जाये, छिपा ही रहेगा।
कभी हीरा मिला क्या
हां… मिला क्यों नहीं, इतनी बार मिला कि गिनती छोउ़ दी। मैं मजदूर थी। ठेकेदार के हाथ में हीरा देती तो सीना धड़-धड़ करता। आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है। फिर आद हो गयी, चाहे करोड़ों का हीरा मिले तो हमारे लिये उसका मोल शाम के चूल्हे जितना है। पन्ना, मध्य भारत का यह जिला हीरों की खदान के लिये मशहूर रहा है। वहां के राजा छत्रसाल को वरदान था कि उनके घोड़े के पांव जहां-जहां पड़ेंगे। वहां-वहां धरती के भीतर हीरा जी उठेगा। पन्ना के बाशिंदों के पास इस पर लम्बी छोटी ढेरों कहांनियां है। शहर के अन्दर घुसते ही यह कहानियां जिन्दा हो जाती है। खदानों में, चाय की दुकानों में और सुबह फावड़े-तसलियां लेकर जाते और देर दोपहर टूटी झोपडि़यों में लौटते मजदूरों में।
एमपी के उत्तरी कोने पर बसे जिले में अन्दर घुसते ही घने जंगल मिलेंगे। यहां करीब 5.50 वर्ग किमी में फैला टाइगर रिजर्व है।जिसमें सफरारी के लिये दूर-दूर से लोग आते हैं। इससे गुजरने के बाद पन्ना के खदानी इलाके प्रारंभ हो जायेंगे। यह इलाका पारंपरिक रूप से डायमंड मायनिंग के लिये ही जाना जाता है। जहां देश का इकलौता हीरा कार्यालय भी है।खनन इलाके में शुरू से आखिर तक घेमते चलें तो कुछ चीजें कॉमन है। धूप और धूल से बनी खानों में धूसर रंगे लोग दनादन फावड़े चलाते हुए। प्यास लगने पर जीभ फेरकर मुंह तर करते हुए और बिना सुस्ताये दोबारा हीरा तलाशते हुए।
हीरे की आस में जीते हुए
पन्ना मुख्यालय से एनएच-39 लेते हुए आगे जाने पर 7 किमी दूर मनौर गांव पड़ेगा। सड़क के नीचे उतरते ही कच्ची-पक्की रोड़। करीब 200 घरों वाला यह गांव है। शहर को छूता हुआ लेकिन शहराती छुअन से बचा हुआ। पन्ना की कहानियों में मनौर का नाम ही लिया जात है। क्यों यहां विधवाये अधिक बसती है। इसकी जड़ में भी खदानें ही है। पत्थर खदानें। जहां काम करते-करते पुरूषों के सीने पथराने लगे है।
पन्ना में हीरे की ब्लैक मार्केटिंग का फैला जाल
इस संबंध में पता करते हुए एक ऐसे शख्स तक पहुंचे जो वर्षो से अवैध हीरों का एजेेंट है। दुबला-पतला एजें दिल्ली-एनसीआर के आईटी प्रोफेशनल की झलक दे रहा है और इतना ही उसके साथ कम से कम तस्करी शब्द सटीक नहीं बैठता है। एजेंट बताता हैकि हमारे मोहल्ले में एक एजेंट था। उसके पास सूरत से मुंबई से पार्टियां आती रहती थी। दोस्ताने में मैं भी साथ जाने लगा और फिर यहीं मेरा काम बन गया। हमारे लोग गांव-गांव हैं। जैसे ही किसी को हीरा मिलता है वह सबसे पहले हमारे पास खबर आती है। हम उससे मिलते हैं। हीरा देखते हैं फिरकीमत का अंदाला लगातार पार्टी को कॉल (वह व्यापारी जो ब्लैक में हीरा खरीदेंगे) करते हैं। वह लोग पन्ना आते है स्वयं तसल्ली करते हैं। फिर सब फायनल हो जाता है। पार्टी हवाला से पैसा भेजती है।
जो हमारे पास आता है। इसके बाद हम अपना एक से 2प्रतिशत काटकर हीरा पाने वाले को पूरी रकम दे देते हैं। पैसों को लेकर कभी कोई फसाद नहीं हुआ है। नहीं, 2 नम्बर के काम में सबसे ईमानदारी होती है। लेकिन कईबार दूसरे झंझट आते हैं। जैसे ही पुलिस पकड़ लेती है। उन्हें भी अपना हिस्सा चाहिये होता है। लोग अपना हीरा नम्बर 2 में क्यों बेचने लगे। पैसे तत्काल के तत्काल मिल जाते हैं। दूसरा सरकारी नीलामी में व्यापारी पहले से तय करके बैठने लगे कि इतनी बोली से ऊपर जायेंगे ही नहीं। वह कम कीमत देने लगे। जिससे तुआदार के पास कोई रास्ता नहीं बचता था। ब्लैक मार्केट में वहीं व्यापारी बेहतर कीमत देते हैं। एजेंट इससे ज्यादा जानकारी देने से मना करता है।

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एफ-16 फायटर प्लेन क्रैश, कुछ सेकेंड पहले सुरक्षित निकला पायलट, जमीन से टकराते ही लगी आग

वॉशिंगटन डीसी. अमेरिका में गुरूवार यूएस एयरफोर्स का एक एफ-16 फायटर प्लेन क्रैश हो गया है। इस हादसे में कुछ सेकेण्ड पहले पायलट सुरखित बाहर निकल गया है। जिससे उसकी जान जाने से बच गयी। हादसा भारतीय समयानुसार रात लगभग 12.30 बजे दक्षिणी कैलीफोर्निया में ट्रॉना शहर के एक रेगिस्तान में हुआ है। फायटर प्लेन ट्रॉना एयरपोर्ट से लगभग 3 किमी दूर जा गिरा। एयरपोर्ट मैनेजर ने बताया कि इस इलाके में अक्सर मिलिट्री विमान उड़ते रहते हैं। सोशल मीडिया आये वीडियो में देखा गया है कि विमान तेजी से नीचे गिर रहा था। पायलट पैराशूट के सहारे बाहर निकल आया। जमीन से टकराते ही विमान में बड़ा विस्फोट हुआ और काला धुआं से आसमान भर गया।+

हादसे से जुड़ीं 2 तस्वीर

एयरक्राफ्ट के जमीन से टकराते ही आग और काला धुआं दिखाई दिया। उसी समय विमान से सुरक्षित निकला पायलट पैराशूट की मदद से जमीन पर उतरता नजर आया।
धमाके के बाद F-16 फाइटर जेट में लगी आग की फुटेज।
धमाके के बाद F-16 फाइटर जेट में लगी आग की फुटेज।
हादसे के बाद जेट की पुर्जे जगह-जगह बिखरे पड़े हैं। घटना की जांच की जा रही है।
हादसे के बाद जेट की पुर्जे जगह-जगह बिखरे पड़े हैं। घटना की जांच की जा रही है।

एफ-16 कीमत 1.70 हजार करोड़
एयरफोर्स के 2021 के डेटा के अनुसार एक एफ-16 फायटिंग फाल्कन की कीमत करीब 18.8 मिलियन डॉलर लगभग 1.70 हजार करोड़ रूपये है। यह एयरक्राफ्ट थंडरबडर््स स्क्वॉड्रन का था। यह टीम लास बेगास के पास नेलिस एयरफोर्स बेस से काम करती है। अपने एयरशो और खतरनाक स्टंट्स के लिये दुनिया में जानी जाती है। थंडरबडर््स टीम ने बताया है कि ट्रेनिंग मिशन के दौरान पायलट विमान से सफलतापूर्वक बाहर निकल गया। पायलट को मामूली चोटें आयी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट ने बताया है कि घटनास्थल पर सिर्फ पायलट मौजूद था। आग से आसपास के इलाके को कोई खतरा नहीं है।
25 से ज्यादा देश F-16 इस्तेमाल करते हैं
F-16 अमेरिका का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे 1970 के दशक में जनरल डायनामिक्स ने बनाया था। अब इसे अमेरिकी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है। पाकिस्तान समेत 25 से ज्यादा देश F-16 इस्तेमाल करते हैं। F-16 ने 2 फरवरी 1974 को पहली बार उड़ान भरी थी। इसे 21 जुलाई 1980 को “फाइटिंग फाल्कन” का नाम दिया गया था। साल 1976 से अब तक 4,600 से भी ज्यादा F-16 जेट अलग-अलग देशों के लिए बनाए जा चुके हैं। F-16 की स्पीड 2414 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी रेंज 4220 किलोमीटर तक है। इसमें एडवांस रडार सिस्टम है। साथ ही ये एडवांस हथियार से लैस होता है। ये फाइटर जेट हवा से हवा में मारने में सक्षम है। ये एक मिनट में करीब 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। F-16 चौथी जनरेशन का लड़ाकू विमान है। ये खराब मौसम में भी उड़ान भर सकता है।

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NHEV हाईवे दिल्ली-गुरूग्राम-जयपुर कॉरिडोर पर इलेक्ट्रिक कार महज 30 मिनट से भी कम में चार्ज होगी

NHEV द्वारा 5000 किमी के हाईवे को इलेक्ट्रिक व्हीकल हाईवे बनाने का प्लान बनाया गया है।

नई दिल्ली. देश में तकनीकी युग में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की चार्जिंग समस्या के समाधान के लिये 10 किमी इलाके में नेशनल हाइवे फॉर ईवी (एनएचईवी) द्वारा 3जी एनर्जी स्टेशन बनाने जा रही है। देश में पहली बार चार्जिंग स्टेशन पर ही ग्रिड फ्री यानी सोलर, विंड, थर्मल और हाइड्रोजन से पॉवर जनरेल करके गाडियां चार्ज हो सकेगी।
इन चार्जिंग स्टेशनों पर 200 से 500 किलोवाट तक के अल्ट्रा फास्ट चार्जर लगाये जायेंगे। जिससे कोई भी इलेक्ट्रिक कार महज 30 मिनट से भी कम वक्त में 100-200 किमी की रेंज चार्ज हो सकेगी। प्रथम चरण में देश के पहले नेशनल हाइवे फॉर इलेक्ट्रिक वाहनों दिल्ली-गुरूग्राम-जयपुर कॉरिडोर और दिल्ली से आगरा हाईवे पर इसे शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है। गुरूग्राम के ग्वाल पहाड़ी स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी में 5 दिसम्बर को होने वाली एनएचईवी वर्किंग कमेटी की 7वीं बैठक में इसका रोडमैप फायनल किया जायेगा।
देश का पहला NHEV
एनएचईवी ने डेढ़ साल पहले दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर कॉरिडोर कोई इलेक्ट्रिक वाहन फ्रेंडली बनाने के लिए ट्रायल किया था। ट्रायल सफल होने पर इसे देश का पहला एनएच फॉर ईवी (NHEV)घोषित किया था। अब सरकार ने इसे पूरी तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल फ्रेंडली बनाने की रफ्तार तेज की है। इंडिया गेट से लेकर जयपुर के अलबर्ट पिंटोहॉल तक करीब 280 किमी लंबे हाईवे पर प्रत्येक प्रत्येक 10 किमी पर दोनों साइड मेगा चार्जिंग हब बनाने की प्लानिंग है।
क्या है 3G चार्जिंग स्टेशन
ग्रीन एनर्जी-ये स्टेशन 100% रिन्युएबल एनर्जी से ऑपरेट होगा। यानी सोलर पैनल, विंड टरबाइन, हाइड्रोजन और स्टोरेज बैटरी से पावर जनरेट की जाएगी। कोई ग्रिड कनेक्शन नहीं होगी। इससे एक स्टेशन सालाना 8,000 टन CO2 बचा सकता है। यानी हाईवे पर चलने वाली ईवी रियल जीरो एमिशन होगी। यह भारत का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जो थर्मल पावर को पूरी तरह बायपास करेगा।
गिगानटिक-इसका मतलब है कि विशाल पावर यानी 3.2 मेगावाट क्षमता के चार्जिंग स्टेशन बनाए जा सकेंगे। एक साथ 60-120 kW फास्ट चार्जर, ट्रक-बस के लिए 600 kW पैंटोग्राफ, वायरलेस पैड, बैटरी स्वैप और हाइड्रोजन डिस्पेंसर एक ही जगह पर होंगे। 800 kWh के 4 सब-स्टेशन मिलाकर 3,200 kWh तक की पावर बनाने की प्लानिंग है। इतनी बिजली से 300 कारें या 50 ट्रक-बस एक साथ चार्ज हो सकते हैं।
जेनरेशन नेक्स्ट-ये स्टेशन 5जी नेटवर्क, AI लोड मैनेजमेंट, जियो रूट प्लानिंग से लैस होंगे। गाड़ी अपने आप बता देगी अगला 3G स्टेशन कहां है, कितना चार्ज बचा है, कितनी देर रुकना है। 2047 तक ये 6.4 MW के 5G स्टेशन में अपग्रेड हो जाएंगे।

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हार्वेस्टर मशीन में एसएमएस टूल नहीं लगाने पर 2 हार्वेस्टर मशीन जब्त, किसानों ने विरोध में सड़क पर जाम लगाया

ग्वालियर. भितरवार में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिये प्रशासन ने सख्त कार्यवाही को अंजाम दियाहै। तहसीलदार ने बुधवार को 2 हार्वेस्टर मशीनों को जब्त कर लिया है। क्योंकि वह एसएमएस टूल मशीन का उपयोग नहीं कर रहे थे। यह कार्यवाही ग्राम धाकड़ खिरिया में एक हार्वेस्टर मशीन को रोकने के बीच हुई और बाद किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। तहसीलदार ने किसानों के विरोध के बावजूद मशीनों को करहिया थाने में रखवाया। वहीं, एक अन्य हार्वेस्टर मशीन को भितरवार थाने में जब्त कर रखा गया है। करहिया क्षेत्र में तहसीलदार की इस कार्यवाही से नाराज किसानों ने एक करीब 1 घंटे तक सड़क को जाम रखा है। जिससे आवागमन बाधित हुआ और बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को समझाकर जाम खुलवाया।
हार्वेस्टर में नहीं लगा था एसएमएस टूल मशीन
एसएमएस टूल मशीन हार्वेस्टर के साथ लगाई जाती है। जिससे फसल काटने के साथ-साथ पराली भी पूरी तरह से कट जाती है। इससे पराली जमीन की समस्या से निजात मिल सकती है। हालांकि हार्वेस्टर मशीन संचालक मशीन पर अत्याधिक लोड़ पड़ने की वजह से इस टूल का उपयोग नहीं करते हैं। इसके परिणामस्वरूप खेतों में पराली लगी रह जाती है। जिसे किसान बाद में जलाकर नष्ट करते हैं। इस संबंध में तहसीलदार धीरजसिंह परिहार ने बताया कि 2 हार्वेस्टर मशीनें जब्त की गयी है। जो एसएमएस टूल का इस्तेमाल नहीें कर रही थी। एक मशीन करहिलया थाने में और दूसरी भितरवार थाने में रखवाई गयी है। दोनों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।

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यातायात पुलिस कंपू द्वारा शिफ्ट का उल्लंघन करने वाले टमटम चालकों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की गई

ग्वालियर -वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह के निर्देशन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनु बेनीवाल व उप पुलिस अधीक्षक यातायात अजीत सिंह चौहान के मार्गदर्शन में यातायात पुलिस कम्पु द्वारा शिफ्ट का उल्लंघन करने वाले टमटम चालकों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की गई जिसमें 25 टमटम चेक की गई तथा 11 टमटमों में कमी पाए जाने पर थाने पर खड़ी की गई और चालानी कार्रवाई की गई जिसमें कुल चालान 11 व कुल 5500 रूपये की समन राशि अधिरोपति कर जमा कराई गई।
इस प्रकार की मुहिम यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालो के विरूध्द लगातार जारी है। जिला ग्वालियर पुलिस का आमजन को यह संदेश है कि यातायात नियमों का पालन करें उक्त कार्यवाही के दौरान, थाना यातायात कंपू प्रभारी निरी धनंजय शर्मा, सूबेदार राधाबल्लभ गुर्जर, सूबेदार प्रबल सिंह यादव एवं अन्य अधिकारी/ कर्मचारी उपस्थित रहकर भूमिका निभाई गई।

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मुरैना में ग्वालियर पुलिस पर हमला, पुलिस के जवान को मारी गोली, हत्या के प्रयास के आरोपी को पकड़ने गयी थी ग्वालियर पुलिस

घायल पुलिसकर्मी को ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ग्वालियर. महाराजपुरा थाना पुलिस पर मुरैना में हमला कर दिया गया है। हमलावरों ने टीम के साथ मारपीट की है। एक आरक्षक के पैर में गोली मार दी है। टीम किसी तरह से जान बचाकर भागी है। घायल सिपाही को पहले मुरैना जिला अस्पताल ले जाया गया है। यहां प्रारंभिक उपचार के बाद ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गौरतलब है कि ग्वालियर पुलिस ने दविश देने से पहले स्थानीय पुलिस को खबर तक नहीं दी थी। महाराजपुरा थाना पुलिस बुधवार को हत्या के प्रयासके आरोपी को पकड़ने मुरैना के जनकपुर गांव पहुंची थी। यहां जैसे ही आरोपी हद्दू गुर्जर को दबोचा और गाड़ी में बैठाने का प्रयास किया तो उसके साथियों ने पुलिस पर हमला कर दिया है। मामले में ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह ने मुरैना एसपी समीर सौरभ से फोन पर चर्चा की है।

गोली लगने से घायल पुलिसकर्मी अनिल तोमर की हालत फिलहाल स्थिर है।
हमलावर आरोपी पर दर्ज है हत्या के प्रयास का मामला
दरअसल, पिछली 2 नवम्बर की देर रात मुरैना के करगवां गांव निवासी रनवीर सिंह गुर्जर ने ग्वालियर के महाराजपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि रात लगभग 8 बजे उसके साले सत्येन्द्र ने फोन किया कि विरासत होल के पास आ जाओ। जब रनवीर सिंह वहां पहुंचा तो उसका भतीजा श्याम गुर्जर खून से लथपथ मिला था। श्याम ने रनवीर को बताया कि हद्दू गुर्जर, भूरा गुर्जर, अरविंद गुर्जर, अजीत गुर्जर और उनके साथ मारपीट की है। हत्या के इरादे से उसे उठाकर जमीन पर पटक दिया। फिर हद्दू ने भारी पत्थर उठाकर सिर पर दे मारा। गंभीर हालत में श्यामू को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सिविल ड्रेस में थी पुलिस की टीम
महाराजपुरा पुलिस मामले की जांच में जुटी थी। बुधवार को पांच पुलिसकर्मियों की टीम हद्दू गुर्जर को पकड़ने उसके गांव जनकपुर पहुंची थी। सिविल ड्रेस पहने पुलिसकर्मियों ने हद्दू को पकड़ा और कार में बैठाने लगे। इसी दौरान शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर इकट्‌ठा हो गए। इनमें से कुछ लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया।

 

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मुख्यमंत्री अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो में 3 चीते छोड़ेंगे जंगल में, चीतों की संख्या बढ़कर हुई 32

चीता परियोजना के अभूतपूर्व परिणाम, चीतों की संख्या बढ़कर हुई 32
भोपाल – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर गुरुवार 4 दिसम्बर को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 3 चीतों को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 3 वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश को चीता परियोजना की सौगात मिली थी। प्रधानमंत्री ने 17 सितम्बर, 2022 को अपने जन्म-दिवस पर कूनो पालपुर में चीते छोड़कर प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी। नामीबिया से 8 चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाया गया था। वर्तमान में कूनो पालपुर और गाँधी सागर अभयारण्य में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।
में प्रोजेक्ट चीता को “इनोवेटिव इनिशिएटिव्स अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया है। चीतों ने भारतीय वातावरण को आश्चर्यजनक रूप से पूरी तरह अपना लिया है। पिछले 3 वर्षों में 5 मादा चीता द्वारा 6 बार शावकों को जन्म देना इस परियोजना की सफलता और लचीलापन का परिचायक है। परिणाम स्वरूप चीते न केवल जीवित रहे, बल्कि चीतों ने सफलतापूर्वक अपना परिवार भी बढ़ाया है।
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस का मुख्य उद्देश्य चीतों की घटती आबादी, उनके आवास के नुकसान और शिकार जैसी समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिये वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देना है।
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खाद्य विभाग की टीम ने विभिन्न प्रतिष्ठानों से लिए दूध, घी, पनीर व मसालों के सैंपल 

ग्वालियर – खाद्य विभाग द्वारा बुधवार को डबरा एवं मुरार में डेयरियों से दूध, घी व पनीर के सैंपल लिए। इसके साथ ही बारादरी मुरार स्थित पिसाई केंद्र से टीम ने मसालों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं।
संभागीय उड़नदस्ते ने मुरार स्थित बारादरी में जतन फूड एण्ड स्पाइस प्रा.लि. पर पहुंचकर हल्दी एवं धनिया पाउडर के नमूने लिए। इसके बाद उन्होंने बजाज खाना स्थित गोपाल डेयरी से पनीर एवं दूध के नमूने लिए। साथ ही नरवरिया डेयरी तानसेन नगर से मावा, पनीर व घी के नमूने लिए। वहीं डबरा में वायआरएस चिलिंग सेंटर, फिलसिटी एसी प्रा.लि. एवं शीतला डेयरी एवं चिलिंग सेंटर से मिश्रित दूध के नमूने लिए हैं।
कार्रवाई के लिये गई टीम में खाद सुरक्षा अधिकारी डा. अवनीष गुप्ता, गिरीश राजौरिया एवं सतीष शर्मा मौजूद थे। वहीं डबरा में जांच के लिए सैंपल लेने पहुँचे दल में खाद सुरक्षा अधिकारी सतीश कुमार धाकड, गोविंद सरगैइया व प्रगेश शिरोमणी शामिल रहे।
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सम्पत्तिकर वसूलने निगम ने की तालाबंदी तो बकायादारों ने जमा कराये 3 लाख रूपए

सम्पत्तिकर बकायादारों पर निगम की सख्ती, बडे बकायादारों को जारी किये नोटिस
ग्वालियर – नगर निगम ग्वालियर द्वारा सम्पत्तिकर वसूली के लिये निरंतर अभियान चलाया जाया कर बडे बकायादारांे की सम्पत्ति पर ताला बंदी की कार्यवाही की जा रही है जिसके तहत आज बुधवार को वार्ड 50 एवं 53 में बडी कार्यवाही कर 3 लाख रूपए सम्पत्तिकर मौके पर वसूल किया गया।
नगर निगम आयुक्त के निर्देशानुसार अपर आयुक्त के निर्देशन में भवन शाखा, सम्पत्तिकर विभाग एवं मदाखलत अमले द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये दक्षिण विधानसभा अंतर्गत वार्ड 50 स्थित दर्जी ओली में हेमा शर्मा के भवन पर 4 लाख रूपए से अधिक सम्पत्तिकर बकाया होने पर तालाबंदी की कार्यवाही हेतु निगमअमला मौके पर पहुंचा तो उन्होने ढाई लाख रूपए का चैक प्रदान किया तथा शेष राशि शीघ्र जमा करने का आश्वासन दिया।
इसके पश्चात निगम की टीम द्वारा वार्ड 53 स्थित नारायणी वाटिका पर 1.50 लाख रूपए से अधिक सम्पत्तिकर बकाया होने पर वसूली की कार्यवाही की गई जिसको लेकर गार्डन संचालक द्वारा मौके पर ही 50 हजार रूपए जमा कराये गये तथा शेष राशि शीर्घ जमा करने का आश्वासन दिया।