सौरभ की कैद में पहचान कैदी नंबर 5882, तीनों को अखबार पढ़ने की इजाजत नहीं, मा ने सौरभ से 2 बार मुलाकात की, शरद से मिली महिला मित्र

भोपाल. आरटीओ के पूर्व करोड़पति कांन्स्टेबल सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी शरद जयसवाल और चेतनसिंह गौर को जेल में सामान्य कैदियों की तरह पूरे अनुशासन में रह रहे है। सौरभ को जेेल में विचाराधीन बन्दी नम्बर 5882, शरद को 5881 और चेतनसिंह गौर को 5880 रूप में पहचाना जाता है। शरद से सबसे पहले एक महिला मित्र 5 फरवरी को मिलने पहुंची थी और दूसरी मुलाकात उसकी भतीजी पलक ने 7 फरवरी को की थी। सौरभ से 5-7 फरवरी को दोनों मुलाकात करने उसकी मां उमा शर्मा पहुंची थी। इधर, चेतनसिंह गौर से पहली मुलाकात 5 फरवरी को पिता प्रतापसिंह गौर और दूसरी मुलाकात बहन चित्रासिंह गौर ने की है।
जेल में तीनों को ’’ब‘‘ खण्ड के अलग-अलग बैरक में रखा गया है। तीनों को खाने से लेकर पूरी दिनचर्या की मॉनीटरिंग की जा रही है। जेल में तीनों की घूमने -फिरने की सीमा फिक्स है। निगरानी के लिये 2’2 जवानों को तैनात रखा जाता है। सूत्रों के अनुसार तीनों की सुरक्षा को देखते हुए इन बैरक में मौजूद कुख्यात बंदियों को शिफ्ट किया गया था। जेल में 4 दिन निकल जाने के बाद तीनों ने कोई विशेष डिमांड जेल प्रशासन से नहीं की है। हालांकि तीनों का आम कैदियों से अलग बैरक में खाना दिया जाता है। आपको बता दें कि लोकायुक्त कोर्ट के आदेश पर तीनों को चार फरवरी की दोपहर जेल भेजा गया था। यह तीनों 17 फरवरी तक जेल में रहेंगे।
2 दर्जन से ज्यादा कैदियों के साथ बीत रही रातें
त्ीनों को ब खंड के पास बनी 4 विशेष बैरक में रखा गया है। इन बैरक में तीनों के अलावा 20-20 अन्य कैदी रह रहे हैं। इन कैदियों के बीच जेल प्रशासन के लिये अंदरखाने की खबरें जुटाने का काम करने वाले कैदी भी मौजूद है। जो पल-पल की अपडेट प्रहरियों के माध्यम से जेल प्रशासन तक पहुंचाने का काम करते हैं। तीनों की सुरक्षा को देखते हुए बैरक में आक्रामक कैदियों के साथ नहीं रखा गया है।
किसी को भी अखबार पढ़ने की अनुमति नहीं
सौरभ, चेतन और शरद को एक फिक्स दायरे तक जाने की इजाजत है। जेल के जिस हिस्से में तीनों को रखा गया, वहां मौजूद हवालात में बंद अन्य कैदियों के अलावा किसी दूसरे कैदियों का जाना वर्जित है। इसी के साथ अन्य कैदियों की तरह तीनों को लाइब्रेरी में जाकर अखबार या अन्य किताबें पढ़ने की अनुमति भी नहीं है।

