700 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामले में गुजरात से पकड़े गये आरोपियों 660 इंजेक्शन का मिला हिसाब
इन्दौर. विजयनगर थाना पुलिस 700 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले की छानबीन कर रही है। अभी 660 इंजेक्शन का हिसाब तो पुलिस को मिल गया है लेकिन अभी 40 इंजेक्शन की छानबीन जारी है।
क्या है पूरा मामला
विजयनगर पुलिस ने बुधवार को गुजरात से लाए गए 4 आरोपियों का 31 तक रिमांड लिया था। जिसमें उनका आगे और रिमांड बढ़ाया गया है। एसपी आशुतोष बागरी के मुताबिक नकली रेमडेसिविर मामले में पुलिस ने सुनील मिश्राए कुलदीप और अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था। यहां से उनका 31 मई तक का रिमांड मिला है।एसपी के मुताबिक सुनील के साथ अभी पुलिस गुजरात गई थी। वहां से कुछ दस्तावेज जब्त कर लाई है। आरोपियों ने जो 1200 इंजेक्शन मध्यप्रदेश में बेचे थेए उनमें से 700 इंजेक्शन इंदौर में दिए गए थे जिनमें से 660 का हिसाब पुलिस को मिल चुका है। वहीं 40 इंजेक्शन का हिसाब और लिया जाना है। पुलिस मामले में और जब्ती करेगी। इस मामले में जल्द खुलासा किया जाएगा। आरोपियों ने 500 इंजेक्शन जबलपुर में बेचना बताए थे।
बदमाशों के जुड़े तार
कुछ दिन पूर्व विजयनगर थाना प्रभारी तहजीव काजी को एक पीडि़त महिला ने शिकायत की थी और उसने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवायें एक व्यक्ति उपलब्ध करा रहा है। वह सिर्फ महिलाओं को ही यह देने की बात कह रहा है और इसके बाद पुलिस ने एसआई प्रियंका को जरूरतमंद बनाकर इंजेक्शन के लिये भेजा। आरोपी सुरेश यादव निवासी बाणगंगा से मैसेंजर पर टोसिलिजुमैब इंजेक्शन को देने की बात कर रहा था। महिला पुलिस अधिकारी और एक थाने के आरक्षक ने जाल बिछाकर उसे पकड़ लिया था।