दिल्ली ब्लास्ट-कौन है डॉक्टरों का ब्रेनवॉश करने वाला मौलवी इरफान गिरफ्तार, PoK में प्लानिंग
नई दिल्ली. दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए ब्लास्ट के तार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तक पहुंच रहे हैं। भारत में आतंकी हमलों के लिए 3-4 महीनों से साजिश रची जा रही थी। इसके पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा शामिल थे। खुफिया एजेंसियों को इसके संकेत पीओके में आतंकियों के इंटरसेप्ट कम्युनिकेशन से मिले हैं। जांच एजेंसियों को पता चला है जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग अक्टूबर से भारत में एक्टिव हो गई थी। इनका मकसद लड़कियों का ब्रेनवॉश करना था। फरीदाबाद से अरेस्ट किए गए तीन डॉक्टर इसी मॉड्यूल का हिस्सा थे। इस मॉड्यूल का दिल्ली ब्लास्ट से लिंक होने के सबूत मिल रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां इन सबूतों को वेरिफाई कर रही हैं।
पुलिस मौलवी इरफान अहमद तक भी पहुंची
फरीदाबाद में भारी मात्रा में मिले विस्फोटक से साफ है कि दिल्ली के आसपास बड़े हमले की साजिश थी। इससे जुड़े इनपुट मिलने के बाद खुफिया एजेंसियों ने पीओके में चल रही एक्टिविटी को इंटरसेप्ट किया। आखिर पुलिस इस नेटवर्क तक पहुंच गई। इसकी शुरुआत कश्मीर के नौगाम से हुई। इसी दौरान पुलिस मौलवी इरफान अहमद तक भी पहुंची, जिसने डॉक्टरों को ब्रेनवॉश किया था। सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि आतंकी संगठन भारत में पुराने नेटवर्क को पीओके से एक्टिव करने की कोशिश कर रहे हैं।
पीओके में आतंकियों की मीटिंग
सोर्स बताते हैं कि अगस्त से अक्टूबर के बीच पीओके में आतंकियों के अलग-अलग गुटों की हाई लेवल मीटिंग हुई थी। इसमें जमात-ए-इस्लामी के अलावा आईएसआई के सीनियर अफसर शामिल थे। इनकी बातचीत को भारत की खुफिया एजेंसियों ने इंटरसेप्ट किया था।
भारत में एक्टिव रहे आतंकी ग्रुप पिछले कुछ साल में निष्क्रिय हो गए हैं। इसकी वजह फंडिंग की कमी और कमांड न मिलना है। ऐसे ग्रुप को फंडिंग करके दोबारा एक्टिव करना।
आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग ले चुके पूर्व कमांडरों को फिर से काम पर लगाना। उन्हें ट्रेनिंग के दौरान पैसे मिलते थे। इसके बाद भी हर महीने वजीफा दिया जाता था। इसे फिर से शुरू करना।
भारत में स्लीपर सेल को एक्टिव करना। फिदायीन हमले के लिए भारत के लोगों का ब्रेनवॉश करना।

