कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में 175 लोगों की समस्याओं की हुई सुनवाई
ग्वालियर – प्लॉट के नामांतरण का दस्तावेजों में अमल न हो पाने से सालिगराम परेशान रहते थे। अपने स्तर पर तमाम प्रयास करने के बाबजूद जब उनका काम नहीं बना तो वे कलेक्ट्रेट की जन सुनवाई में अपनी फरियाद लेकर पहुँच गए। जन सुनवाई में देखते ही देखते उनका काम हो गया। कलेक्टर रुचिका चौहान ने जब अमल कराकर उन्हें खसरे की नकल सौंपी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वे बोले कि मैं ताजिंदगी प्रदेश सरकार की जन-सुनवाई का आभारी रहूँगा। चुनाव की वजह से लम्बे अरसे बाद हुई कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में लगभग 175 आवेदक अपनी-अपनी फरियाद लेकर पहुँचे थे।
हाथीखाना रोड़ मुरार कैन्ट क्षेत्र के निवासी श्री सालिगराम राठौर ने मेहनत की कमाई से अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सावित्री देवी राठौर के नाम से शहर के वार्ड-63 के अंतर्गत ग्राम मऊ के समीप 800 वर्गफीट का प्लॉट खरीदा था। प्लॉट के नामांतरण का आदेश भी हो चुका था पर कागजों में अमल नहीं हो पा रहा था। उन्होंने अपनी यह व्यथा मंगलवार को जन-सुनवाई में पहुँचकर कलेक्टर को सुनाई। उनकी बात ध्यानपूर्वक सुनी और संबंधित तहसीलदार को बुलाकर उनके नामांतरण का अमल करा दिया। साथ ही खसरे की प्रति भी उन्हें सौंपी। इतनी आसानी से अमल हो जाने पर सालिगराम गदगद हो गए और जन-सुनवाई के प्रति धन्यवाद जाहिर करते हुए अपने घर लौटे।
बुजुर्गों, दिव्यांगों व महिलाओं को मिला “सारथी” का सहारा
अपने काम से कलेक्ट्रेट पहुँचे आम लोगों के बीच “सारथी” की चर्चा प्रमुखता से छाई थी। चलने-फिरने में कठिनाई महसूस करने वाले लोगों को पहाड़ी पर स्थित कलेक्ट्रेट तक पहुँचाने के लिए कलेक्ट्रेट की तलहटी में स्थित मुख्य द्वार पर जब “सारथी” वाहन खड़े मिले तो जरूरतमंद लोगों के चेहरे आश्चर्ययुक्त खुशी से चमकने लगे।
कलेक्टर की पहल पर जिला प्रशासन की ओर से दिव्यांगजन, वृद्धजन एवं गर्भवती महिलाओं के लिये टमटम (ई-रिक्शा) की व्यवस्था कराई है। इन वाहनों को “सारथी” नाम दिया गया है। “सारथी” वाहन हर मंगलवार को प्रात: 10.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक कलेक्ट्रेट की तलहटी में स्थित मुख्य द्वार पर उपलब्ध रहेंगे।