बात कर्नल आशुतोष शर्मा के अदम्य साहस की, ग्रेनेड छिपाये आतंकी जवानों की ओर बढ़ रहा था,आशुतोष ने पास गोली मारी थी
नई दिल्ली. कर्नल आशुतोष शर्मा कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों को मारते मारते शहीद हो गये, पर कश्मीर उनकी जांबाजी से पहले भी वाकिफ होता रहा है, कई बार, एक दिन की बात है कि कर्नल आशुतोष शर्मा के जवान सड़क पर तैनात थे तभी एक आतंकी कश्मीरी फिरन पहने उनकी ओर बढ़ रहा था कर्नल आशुतोष की पैनी नजर उस आतंकी पर पड़ी और उन्होंने पास जाकर यानी प्वाइंट ब्लैंक रेंज से उसे गोली मार दी, इस तरह कर्नल आशुतोष ने तब ऐसा कर वहां मतैनात अपने और जम्मू कश्मीर पुलिस के कई जवानों की जान बचा ली थी। वह तकरीबन ढाई वर्ष से 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे। कमांडिंग ऑफिसर रहते ही उन्हें पिछले वर्ष इस जांबाजी के लिये सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। इससे पूर्व में भी उन्हें एक बार और सेना मेडल दिया जा चुका है।
आपको पता ही होगा कि राष्ट्रीय राइफल्स सेना का वह हिस्सा है, जो कश्मीर में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन की अगुआई करती है। 21 राष्ट्रीय राइफल्स का हेडक्वार्टर हंदवाडा में ही है, जो कश्मीर केकुपवाड़ा जिले में पड़ता है। कर्नल आशुतोष यू ंतो उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले हैं, लेकिन उनका परिवार इन दिनों जयपुर में रह रहा है। परिवार में पत्नी और 12 साल की बेटी हैं।
शनिवार की शाम को मुठभेड़ शुरू हुई
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में शनिवार को चलाए गए आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान 2 अधिकारियों सहित सुरक्षाबल के 5 जवान लापता हो गए थे। वहीं सुरक्षाबलों के जवान हंदवाड़ा में मुठभेड़ के दोरान उस मकान के अंदर गए जिसमें आतंकवादी छिपे हुए थे इसके बाद से ही जवानों से संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में शुक्रवार को तलाश अभियान चलाया था। सुरक्षाबलों ने इलाके में कड़ी तलाशी और छानबीन की। शनिवार की शाम को आतंकवादियों से सुरक्षाबलों का सामना हुआ और मुठभेड़ शुरू हुई इस बीच सेना के जानकारों ने बताया कि सुरक्षाबल के 5 जवान लापता है और उनसे संपर्क टूट गया।