हाईकोर्ट ने जीवाजी विश्वविद्यालय कुलपति की कार्यप्रणाली को लेकर कुलाधिपति व प्रमुख सचिव से मांगा जवाब
ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती है। उन पर नियमों की अनदेखी करने पर कार्य परिषद के अधिकारों पर अतिक्रमण, अनियमितता के आरोप में हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। यह नोटिस कुलाधिपति (राज्यपाल) व प्रमुख सचिव को जारी किये गये है। यह सुनवाई सोमवार की हुई है।
क्या है पूरा मामला
जीवाजी विश्वविद्यालय के पूर्व कार्यपरिषद सदस्य केपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि 3 फरवरी 2021 को श्रन् ;जीवाजी यूनिवर्सिटीद्ध के कुलाधिपति को विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 14;3द्ध के अंतर्गत एक अभ्यावेदन पेश किया था। यह एक अर्ध न्यायिक प्रक्रिया है। कुलाधिपति के पास अभ्यावेदन लंबित हुए काफी समय हो गया हैए लेकिन उन्होंने अब तक इस पर कोई फैसला नहीं है। राजभवन के अधिकारी भी कुलपति से मिले हुए हैं। इसलिए फैसला नहीं लिया जा रहा है। जीवाजी विश्वविद्याल में हुए भ्रष्टाचार के चलते कुलपति को उनके पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। छात्र हित इसी में है कि वह तत्काल अपने पद से हट जाएं या हटाया जाए। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद इस मामले में कुलाधिपति ;राज्यपालद्ध व प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में इस मसले पर चार सप्ता के अंदर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता संकल्प शर्मा ने की।
याचिकाकर्त्ता केपी सिंह ने लगाये आरोप
1- बीएससी नर्सिंग चतुर्थ वर्ष 2019 के फैल छात्रों को पास की मार्कशीट जारी की गयी। इसमें कुलपति का सीधा हाथ है। स्वयं को बचाने के लिये छोटे कर्मचारियों को जिम्मेदार बताते हुए परेशान किया जा रहा है।
2- वर्ष 2010 व 2011 में बीपीएड की परीक्षायेंग लत तरीके से संपन्न कराई गयी। अध्यादेश के खिलाफ जाकर कार्य किया।
3- कुलपति ने यूनिवर्सिटी के अधिनियम व परिनियम का निष्ठापूर्वक पालन नहीं किया हे। वह नियमों के पालन में असफल रहीं है।
4- बीएड की परीक्षाओं के सेन्टर बनाने में अनियमितता की गयी है। 7 से 8 कॉलेज के सेंटर एक जगह ही बनाये गये।
5- विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष अतिथि विद्वानों की नियुक्ति होती है। इनकी नियुक्ति का अधिकार कार्य परिषद को दिया गया है। लेकिन इस अधिकार पर अतिक्रमण कर नियुक्तियां की है।