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MP में होने वाली है बड़ी प्रशासनिक सर्जरी, 10 IAS अफसरों को मिलेगी नई जिम्मेदारी

भोपाल. मध्य प्रदेश में जल्द ही एक और प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है। इसमें 10 से अधिक वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के नाम हो सकते हैं। इनमें से एक एसीएस, एक प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी बताए जा रहे हैं। इसके अलावा उक्त श्रेणी के कुछ अधिकारियों को वर्तमान में दी गई अतिरिक्त जिम्मेदारी की जगह पूरा मौका दिया जा सकता है।
इन अधिकारियों के नाम शामिल
सूत्रों के मुताबिक उक्त संभावित बदलावों में जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा व मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों के नाम हो सकते हैं। वहीं कुछ अन्य विभागों में भी अधिकारियों की कमी को दूर करने के प्रयास हो सकते हैं तो मैदान में लंबे समय से काम कर रहे कुछ अधिकारियों को मंत्रालय बुलाया जा सकता है।
सितंबर में हुआ था बड़ा प्रशासनिक बदलाव
सितंबर में लंबे इंतजार के बाद राजगढ़, छतरपुर समेत 18 जिलों को जिला पंचायत सीईओ मिले। इनमें से 12 जिलों में आइएएस अफसरों को जिला पंचायत सीईओ की जिम्मेदारी दी है तो आठ जिलों में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को सीईओ बनाकर भेजा।

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MP की सड़कों से हटेंगी 15 साल पुरानी 899 बसें

भोपाल. मध्य प्रदेश की सड़कों पर ऐसी 899 बसें दौड़ रही हैं, जिन्होंने अपनी 15 साल की उम्र पार कर ली है। सीधी भाषा में कहें तो ये बस खटारा हो चुकी हैं, इसके बावजूद ये आज भी शहरों के बीच सवारियां ढोने का काम कर रही हैं। अब इस मामले पर सरकार ने सख्त कदम उठाया है। परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने प्रदेश के परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा को एक पत्र लिखकर इन सभी बसों की सूची सौंप दी है। इन पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इनमें सबसे ज्यादा खटारा बसें जबलपुर तो सबसे कम रीवा संभाग में चल रही हैं।

सबसे ज्यादा खटारा बसें जबलपुर तो सबसे कम रीवा संभाग में चल रही हैं। - Dainik Bhaskar
बस संचालकों में नाराजगी
सरकार के इस आदेश के बाद बस संचालकों में नाराजगी है। उनकी दलील है कि जब उनकी बसों को परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट दिया गया था, तब उनकी उम्र 15 साल नहीं हुई थी। बसों का फिटनेस और परमिट अभी बकाया है। ऐसे में अचानक बसों को बंद करने का फैसला अव्यवहारिक है।
परिवहन सचिव ने लिखा- अवैध तरीके से चल रहीं
14 नवंबर को परिवहन सचिव मनीष सिंह ने परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा को पत्र में लिखा- इंदौर, रीवा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, सागर क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार से जारी मंजिली गाड़ी परमिट की 899 बसों का विवरण सूची के रूप में संलग्न है। इस सूची में उन्हीं बस श्रेणी के वाहनों का विवरण है, जिन्होंने 15 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है।
चूंकि इनके परमिट की वैधता अभी समाप्त नहीं हुई है, इस कारण पूरी संभावना है कि ये बसें फील्ड में अवैध रूप से संचालित हो रही होंगी। अतः इन सभी श्रेणी की बसों, जो आमजन की सुरक्षा के मान से खतरनाक हैं, उनकी जांच करवा लें। अगर किसी बस का संचालन पाया जाता है तो उस बस संचालक के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाए।

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MP में LPG गैस के लिए कतारों में खड़े उपभोक्ता, दीपावली के बाद से संकट

भोपाल. शहडोल जिले में घरेलू एलपीजी गैस का संकट गहराता जा रहा है। दीपावली के बाद शुरू हुई सिलेंडर की कमी अब गंभीर हो चुकी है, जिसके कारण कई घरों की रसोई प्रभावित हो रही है। खासकर बुढार नगर में, गैस गोदामों के बाहर उपभोक्ता घंटों लंबी कतारों में लगने के बावजूद सिलेंडर नहीं मिलने से परेशान हैं।


उपभोक्ताओं ने कालाबाजारी की आशंका जताई
बुढार क्षेत्र में स्थिति सर्वाधिक खराब बताई जा रही है, जहां लगभग 20 हजार एलपीजी उपभोक्ता पंजीकृत हैं। इंडेन, एचपी और भारत गैस की आपूर्ति पिछले कई दिनों से अनियमित है। उपभोक्ताओं ने कालाबाजारी की आशंका जताई है। उनका आरोप है कि गैस एजेंसियों की ओर से गोदामों में कम आपूर्ति दिखाकर सिलेंडरों को ऊंचे दामों पर बाहर बेचा जा रहा है, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में गोदामों को खाली दर्शाया जा रहा है।


ग्रामीण क्षेत्रों में एक सप्ताह से आपूर्ति ठप
पूरे जिले में कुल 2 लाख 23 हजार घरेलू एलपीजी उपभोक्ता पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 1 लाख 50 हजार उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं, जबकि 80 से 90 हजार सामान्य उपभोक्ता भी गैस की कमी से जूझ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी हालात चिंताजनक हैं, जहां कई गांवों में पिछले एक सप्ताह से सिलेंडरों की आपूर्ति नहीं हुई है, जिससे त्योहारों के बाद रसोई का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इस बीच, जिला खाद्य आपूर्ति विभाग स्थिति को सामान्य बताने का प्रयास कर रहा है। जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन पटेल ने दावा किया है कि गैस की आपूर्ति बढ़ा दी गई है और जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक कालाबाजारी की कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

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Gwalior में पकड़े गए बांग्लादेशी परिवार के 9 लोगों को हावड़ा के लिए किया रवाना

ग्वालियर. बगैर नागरिकता के मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़े जाने की कार्रवाई पुलिस और प्रशासन की ओर से लगातार जारी है। जिन्हें पकड़ा गया है, अब उन्हें वापस बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। शनिवार को ऐसे नौ लोगों को ग्वालियर से बंगाल के हावड़ा के लिए रवाना किया गया।
अब परिवार की वापसी
इनके बांग्लादेशी होने की पुष्टि हो गई थी। नौ में से आठ लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं। यह पूरा परिवार ग्वालियर में ही आकर बस गया। 12 साल पहले इस परिवार को मुखिया आया, जिसने बाद में अपने बेटा-बहू को भी बुला लिया। फिर पूरा परिवार यहीं बस गया। मुखिया की यहां मौत भी हो चुकी है। बाकी पूरा परिवार यहीं रह रहा था। सालों बाद अब इन्हें वापस इनके वतन भेजा जा रहा है। शनिवार सुबह आठ बजे बस से इन लोगों को रवाना किया गया।

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घर के अंदर खोल लिया छापाखाना, धड़ल्ले से चला रहे 500 रुपए के नकली नोट

भोपाल. भोपाल में 500 रुपए के नकली नोट धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं। इन्हें यहीं छापा जा रहा है और फिर बाजार में खपाया जा रहा है। भोपाल पुलिस की कार्रवाई में नकली नोटों का यह गैर कानूनी कारोबार उजागर हुआ। पुलिस ने इस केस में यूपी निवासी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसने अपने घर में ही नकली नोटों के लिए अवैध छापाखाना तैयार कर लिया था। पुलिस के अनुसार वह कई लाख के नकली नोट बाजार में चला चुका है। महज 10 वीं पास आरोपी ने नकली नोट तैयार करने के लिए कई विदेशी किताबें पढ़ी। नकली नोट तैयार करने के काम आनेवाली सामग्री उसने ऑनलाइन खरीदी।

पिपलानी पुलिस ने एक घर से नकली नोट और सामान जब्त किया है। - Dainik Bhaskar
500–500 रुपए के नकली नोट बरामद किए
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यूपी निवासी विवेक यादव लंबे अर्से से नकली नोट बना रहा था। करोंद इलाके के कुछ दुकानदारों ने पुलिस को यह बात बताई। भोपाल पुलिस ने तुरंत बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी विवेक यादव के पास से 500–500 रुपए के नकली नोट बरामद किए। उसके पास से करीब 2 लाख रुपए के नकली नोट जब्त किए गए हैं। पुलिस आरोपी विवेक यादव से सख्ती से पूछताछ कर रही है।

पुलिस ने घर में नकली नोट छापने वाले युवक को गिरफ्तार किया है।
घर के अंदर ही छापाखाना
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने नकली नोट तैयार करने के लिए अपने घर के अंदर ही छापाखाना बना लिया था। उसके पास नोट छापने का पूरा मैकेनिज्म था। आरोपी विवेक यादव के घर पर करीब 30 लाख रुपए कीमत के नकली नोट छापने का रॉ मटेरियल बरामद हुआ है। वह 1 साल में करीब 6 लाख रुपए के नोट चला चुका है। आरोपी विवेक यादव 500 के एक-एक नोट करके बाजार में खपा रहा था।

आरोपी पर मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है।

 

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दिल्ली ब्लास्ट केस को लेकर MP पहुंची NIA टीम, संदिग्ध डॉक्टरों की तलाश में यूनिवर्सिटी नेटवर्क खंगाल रही है एजेंसी

भोपाल. दिल्ली में लाल किले के सामने पार्किंग में चलती कार में हुए विस्फोट की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम शुक्रवार रात बुरहानपुर पहुंचने की सूचना है। टीम रातभर यहां रुककर शनिवार सुबह वापस रवाना हो गई। किसी गिरफ्तारी की आधिकारित पुष्टि नहीं हुई है।जानकारी के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हुई थी। जांच के दौरान अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ डॉक्टरों के नाम एजेंसी के रडार पर आए हैं। इसी कड़ी में एनआईए टीम हालिया दिनों से डॉक्टरों और उनके नेटवर्क की तलाश विभिन्न स्थानों पर कर रही है।
सीएसपी बोले- हमसे कोई संपर्क नहीं किया
बुरहानपुर में टीम की मौजूदगी की खबर तो है, लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। सीएसपी गौरव पाटिल ने कहा कि एनआईए टीम के आने की सूचना मिली है, लेकिन उन्होंने हमसे कोई औपचारिक संपर्क नहीं किया। ऐसे में हम इस बारे में कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कह सकते।सूत्रों के अनुसार, एनआईए की टीम यहां अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले एक संदिग्ध डॉक्टर के बारे में कुछ जानकारी जुटाने आई थी। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है।

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MP में बच्चों की मौत के बाद एक्शन, कफ सिरप बनाने वाली 32 कंपनियों की जांच

भोपाल. छिंदवाड़ा में कथित तौर पर कोल्डरिप सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद मध्यप्रदेश में दवा निर्माण व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इसी के बाद प्रदेश की सभी 32 सिरप निर्माण कंपनियों की व्यापक जांच शुरू हुई। अब तक 7 कंपनियों की जांच पूरी की जा चुकी है, जिनमें गंभीर खामियां मिलीं।
मौत के बाद प्रदेशभर में दवा कंपनियों की जांच तेज
छिंदवाड़ा में हुई बच्चों की मौत के बाद प्रदेशभर में कफ सिरप उत्पादन सेंटर की जांच शुरू की गई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने केंद्रीय औषधि विभाग सब-जोन इंदौर के साथ मिलकर राज्य की सभी 32 कंपनियों की जांच का अभियान शुरू किया। शुरुआती चरण में 7 कंपनियों की जांच पूरी हुई, जहां कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
7 में से 5 कंपनियों पर कार्रवाई, एक ने स्वयं अनुमति सरेंडर की
जांच में पाया गया कि कई कंपनियां दवा निर्माण के मानकों का पालन नहीं कर रही थीं। इसके आधार पर पांच कंपनियों को नोटिस जारी कर उत्पादन रोका गया है। इंदौर की फर्म मेसर्स एडकॉन लैब ने दवा निर्माण की अनुमति स्वयं सरेंडर कर दी, जिसके बाद उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया।

 

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बीजेपी ने छिंदवाड़ा, निमाड, मंदसौर नए संभाग बनाए, 13 संभागीय प्रभारी नियुक्त

भोपाल. बिहार विधानसभा चुनाव से फ्री होते ही एमपी बीजेपी संगठन विस्तार में जुट गई है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने 3 नए संभाग बनाते हुए 13 संभागीय प्रभारी घोषित किए हैं। उनमें नागदा खाचरोद से विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह को भोपाल संभाग का प्रभारी बनाया है। प्रदेश उपाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत इंदौर संभाग के प्रभारी बनाए गए हैं।
प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत खरे को ग्वालियर, अभय यादव को चंबल
सागर सांसद और प्रदेश महामंत्री लता वानखेड़े को उज्जैन, राज्यसभा सांसद और प्रदेश महामंत्री सुमेर सिंह सोलंकी को छिंदवाड़ा, प्रदेश महामंत्री राहुल कोठारी को जबलपुर, प्रदेश महामंत्री गौरव रणदिवे को सागर, प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत खरे को ग्वालियर, अभय यादव को चंबल, विजय दुबे को रीवा, गौरव सिरोठिया को शहडोल, प्रदेश उपाध्यक्ष कांत देव सिंह को नर्मदापुरम, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा को निमाड़ और सुरेश आर्य को मंदसौर संभाग का प्रभारी बनाया गया है।
छिंदवाड़ा को अलग संभाग बनाया
कमलनाथ का गढ़ रहे छिंदवाड़ा को जबलपुर संभाग से अलग कर बीजेपी ने संगठनात्मक संभाग बनाया है। उज्जैन से मंदसौर को अलग किया गया है। इंदौर से निमाड़ को अलग कर नया संभाग बनाया है। बीजेपी संगठन का तर्क है कि इससे कामकाज और निगरानी में आसानी होगी।

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फंस गया SIR सर्वे, मोबाइल छोड़िए, कंप्यूटर का ABCD तक नहीं जानते बीएलओ

मुरैना. मुरैनामें चल रहे एसआईआर सर्वे में तकनीकी खामियों के चलते मतदाता और बीएलओ दोनों ही परेशान हैं। हालात यह हैं कि तकनीकी काम करने के लिए जिन बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है, वह मोबाइल तो छोड़िए कंप्यूटर की एबीसीडी तक नहीं जानते। जिसके चलते उन्हें घर-घर जाकर मतदाताओं से फॉर्म भरवाने और उसे ऑनलाइन फीड करने में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
पलायन कर गए हैं तो उनका नाम हटाना है
जिले की सभी सातों विधानसभा क्षेत्र में 4 नवंबर से शुरू हुए एसआईआर सर्वे में बीएलओ को घर-घर जाकर वर्ष 2003 में दर्ज मतदाताओं का मिलान वर्ष 2025 की सूची से करना है। अगर पुरानी मतदाता सूची में दर्ज लोग मृत हुए, पलायन कर गए हैं तो उनका नाम हटाना है और जो लोग पलायन करके मुरैना आए हैं, उनके नाम जोडने हैं। इनमें ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जो वर्ष 2003 के बाद शादी होकर मुरैना जिले में आई हैं।
एसडीएम ने खामियों की बात नकारी
एसआईआर सर्वे में आ रही तकनीकी खामियों को लेकर जब पत्रिका ने एसडीएम भूपेंद्र कुशवाह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि एसआईआर सर्वे में कोई दिक्कत नहीं आ रही। उन्होंने तो यहां तक भी कहा कि बीएलओ एप में दूसरे प्रांतों की मतदाता सूची ओपन हो रही है, जबकि हकीकत में बीएलओ एप में शुक्त्रस्वार रात 9 बजे तक भी दूसरे प्रांतों की मतदाता सूची ओपन नहीं हुई।

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दिल्ली ब्लास्ट, फरीदाबाद में मस्जिदों की चेकिंग, इमामों से पूछताछ, 15 डॉक्टर अंडरग्राउंड

नई दिल्ली. हरियाणा के फरीदाबाद में शनिवार को पुलिस मस्जिदों की चेकिंग कर रही है। इमामों से पूछताछ कर उनका वेरिफिकेशन किया जा रहा है। कॉलोनियों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। खासतौर पर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वालों के घरों की तलाशी ले रही है। लोगों को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

डबुआ की मस्जिद के इमाम और आस-पास के लोगों से पूछताछ करती पुलिस।
एक एमबीबीएस को पुलिस ने पश्चिम बंगाल से हिरासत में लिया
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का एक एमबीबीएस छात्र दिल्ली पुलिस ने पश्चिम बंगाल से हिरासत में लिया है। पुलिस को उसके आतंकियों से संबंध होने का शक हैं। इसके अलावा, दिल्ली ब्लास्ट में सीधा कनेक्शन जुड़ने के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस, यूपी एटीएस, गुरुग्राम एसटीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस डेरा डाले हुए हैं।
15 डॉक्टर अंडरग्राउंड
यहां से अब तक डॉ. मुजम्मिल, लेडी डॉक्टर शाहीन सईद, यूनिवर्सिटी की मस्जिद के मौलवी इश्तियाक और एचआर विभाग में काम करने वाले जमील को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया है। इस कार्रवाई के बाद करीब 15 डॉक्टर अंडरग्राउंड हो गए हैं। इनके फोन बंद हैं। ये सभी डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में थे। यूनिवर्सिटी स्टाफ का कहना है कि जांच से डरकर स्टाफ और बच्चे यूनिवर्सिटी नहीं आ रहे। यूनिवर्सिटी में आज ईडी भी जांच के लिए पहुंच सकती है। शुक्रवार को यहां रेवेन्यू और डीटीपी विभाग की टीम ने पहुंचकर जांच-पड़ताल की थी।