नक्सलियों पर विभिन्न राज्यों में कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपये का इनाम घोषित था
भोपाल, -नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति पर अमल के उत्साहजनक परिणाम लगातार सामने आने लगे हैं। नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने या कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी जा रही थी। इसी के परिणामस्वरूप 10 हार्डकोर, सशस्त्र और वर्दीधारी नक्सलियों ने भारत के संविधान पर विश्वास जताते हुए मध्यप्रदेश पुलिस के समक्ष आधुनिक हथियारों जैसे AK- 47, इंसास राइफल, SLR, वाकी टॉकी सेट आदि सहित आत्मसमर्पण किया। इन सभी नक्सलियों पर विभिन्न राज्यों में कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
शासन स्तर से निरंतर प्राप्त त्वरित सहयोग, सटीक इंटेलिजेंस, रणनीतिक सर्चिंग एवं लगातार जारी नक्सल विरोधी अभियानों और स्थानीय समुदाय के बढ़ते विश्वास के परिणामस्वरूप नक्सली गतिविधियाँ लगातार सिमट रही हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रदेश को नक्सलवाद-मुक्त बनाने का लक्ष्य तेज़ी से पूरा किया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक ने इस उपलब्धि को हॉक फोर्स, जिला पुलिस, CRPF, कोबरा और स्थानीय प्रशासन के सुव्यवस्थित संयुक्त अभियानों का परिणाम बताया, जिसने मंडला–बालाघाट के सीमावर्ती क्षेत्र और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के इलाकों को लगभग सशस्त्र नक्सली गतिविधियों से मुक्त कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर 2025 को भी महाराष्ट्र–मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एम.एम.सी.) जोन की एक हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली सुनीता पिता बिसरू ओयाम, निवासी गोमवेटा (छत्तीसगढ़) ने शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति पर विश्वास जताते हुए बालाघाट जिले में इंसास राइफल तथा हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था। वह मलाजखंड दर्रेकसा दलम में एसीएम थी और मध्यप्रदेश, गोंदिया एवं राजनांदगांव डिविजन में सक्रिय थी। सुनीता पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह मध्यप्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति-2023 के अंतर्गत पहला ऐसा आत्मसमर्पण था। इस प्रकरण ने प्रदेश में नक्सली ढांचे के कमजोर होने के संकेत पहले ही स्पष्ट कर दिए थे। महाराष्ट्र–मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन के प्रवक्ता अनंत उर्फ विकास नगपुरे पहले ही अपने दस सशस्त्र साथियों के साथ समर्पण कर चुके हैं, जिससे इस क्षेत्र में नक्सलियों का आधार और भी कमजोर हुआ है।