अयोध्या में भगवान राम के लिए कमल-आसन तैयार, गर्भगृह का काम पूरा
अयोध्या. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के गर्भगृह की फिनिशिंग और लाइट फिटिंग का काम पूरा हो गया है, जिसके बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने शनिवार (9 दिसंबर) को गर्भगृह की दो तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। इधर, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में भगवान राम की झांकी निकाली जाएगी। इसे तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। इसमें भगवान राम के जन्म से लेकर वनवास और लंका जाने की कहानियां शामिल की गई हैं।
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक संगमरमर से बने कमल के फूल के आसन पर रामलला का सिंहासन रखा जाएगा, वह भी गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया है। सिंहासन, गर्भगृह में किस ऊंचाई पर रखा जाएगा, यह एक्सपर्ट तय करेंगे। दरअसल, सिंहासन की ऊंचाई पृथ्वी के घूमने के आधार पर तय होगी, ताकि रामनवमी पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के ललाट का स्पर्श कर गर्भगृह को रोशन करें।
22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। तैयारियों को लेकर राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिन चलने वाली बैठक आज से होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने शनिवार को अपने अकाउंट पर राम मंदिर के गर्भगृह से जुड़ी लेटेस्ट तस्वीर शेयर की। उन्होंने लिखा, प्रभु श्री रामलला का गर्भगृह स्थान लगभग तैयार है। हाल ही में लाइटिंग-फिटिंग का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है।
अखिल लोधी क्षत्रिय राम जानकी मंदिर के महंत कांति शरण का कहना है, राम कथा कुंज वर्कशॉप में रामायण की कई झांकियां बन रही हैं। दशरथ जी ने यज्ञ किया और अग्निदेव प्रकट हुए थे। उन सबको लेकर भगवान के धरती पर विराजमान होने तक पूरे सीन बन रहे हैं। हजारों साल से अधूरा पड़ा काम पूरा हो रहा है। त्रेता का काम कलयुग में हो रहा है।