CM को दिल्ली से नई ऊर्जा मिली, बैकफुट पर आए भाजपा के पंडित जी
भोपाल. मुख्यमंत्री इन दिनों जिस अंदाज में काम कर रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें दिल्ली से नई ऊर्जा मिल गई है। साफ है कि सिंहासन की रेस पर विराम लग गया है। जो खुद को इस रेस में मान रहे थे, वो भी अब बदले-बदले से नजर आने लगे हैं। इनमें से एक हैं बीजेपी के पंडितजी। कभी मंच पर अपने ही साथी का कुर्ता पकड़कर ताली बजाने से रोकने वाले अब खुद ही उस रास्ते पर निकलते दिख रहे हैं। इतना ही नहीं, वे अब कहने लगे हैं कि ‘सरकार’ ही सिंघम हैं।
मात देने वाली चाल चलने के लिए इंतजार किया
सरकार ने सियासी शतरंज के खेल में मात देने वाली चाल चलने के लिए इंतजार किया। जबकि पंडितजी के तेवर देखकर उनके समर्थकों को लगा कि ‘सरकार’ लगातार कमजोर होते जा रहे हैं, लेकिन ऐसा था नहीं। सुना है कि ‘सरकार’ के थिंक टैंक कहे जाने वाले एक अफसर ने पंडितजी के बयानों के बीजेपी को होने वाले फायदे-नुकसान की एक रिपोर्ट तैयार की। जिसमें यह साबित करने की कोशिश की गई कि पंडितजी के बयानों का विपक्ष को कोई नुकसान नहीं हो रहा है और ना ही बीजेपी को फायदा।
राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक से पहले यह रिपोर्ट दिल्ली फारवर्ड की
सुना तो यह भी है कि राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले ‘सरकार’ के किसी शुभचिंतक ने यह रिपोर्ट दिल्ली फारवर्ड कर दी। जिसका असर यह हुआ कि पंडितजी अब बहुत कम बोल रहे हैं। बोलते भी हैं तो नापतौल कर, जिसमें विपक्ष पर हमले के बयान ज्यादा दिख रहे हैं। बीजेपी के एक नेता की टिप्पणी- अब पता चला कि असली सिंघम तो ‘सरकार’ ही हैं। तारीफ तो करना पड़ेगी, भले ही मजबूरी में।