आप मुझसे इस तरह से बात नहीं कर सकते मैं ईसी का अध्यक्ष हूं और आप सम्मानित सदस्य, 3 दिन से अधिक लंबित फाईलों पर अधिकारी स्थिति स्पष्ट करें-कुलपति
ग्वालियर. महज आधे घंटे ही चल पायी बैठक को छोड़कर कलेक्टर कार्यालय के एनआईसी कक्ष में सीएम शिवराज सिंह चौहान की केन्द्रीय गृहमंत्री की तैयारियों को लेकर चल रही वीडियो कांफ्रेंसिंग में पहुंचना पड़ा। इस आधे घंटे में 3 दिन से अधिक टेबिल पर पड़ी लंबित फाईलों की हम बात कर रहे जीवाजी विश्ववि़द्यालय की कार्य परिषद् की बैठक की।
बैठक में कार्य परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर प्रो. अविनाश तिवारी, रजिस्टार राजेन्द्र बघेल, डॉ. पात्रो, योगेश उपाध्याय, शिवेन्द्रसिंह राठौर, विवेक भदौरिया, प्रदीप शर्मा, राजेन्द्र यादव, प्रो. जयसवाल और डीएन गोस्वामी आदि लोग बैठक में उपस्थित रहें।
बिल्डिंग मेंटेनेंस
अभी तक कार्यवाही नहीं हो पा रही है तो ईसी मेम्बर ने कहा उसके खिलाफ कार्यवाही कीजिये। इस पर बिना वर्क ऑर्डर के कोई कार्य नहीं किया जा सकता। आज ईसी की बैठक में वर्कऑर्डर के फाइल है यहां एप्रूव होने के बाद ही कार्यवाही शुरू की जायेगी। ईसी मेम्बर प्रदीप शर्मा बोले तो इसका मतलब आपको इसकी नॉलेज नहीं है इस बात पर कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी भड़क गये और बोले मैं कार्य परिषद का अध्यक्ष हूं और आप कार्य परिषद के सम्मानित सदस्य है मुझे आप इस तरह से बात नहीं कर सकते हैं। कुलपति के तेवर देखकर ईसी मेम्बर शांत हो गये।
अभी तक टायलेट नहीं हो पाये दुरूस्त
ईसी मेम्बर विवेक भदौरिया ने कहा कि अभी तक टॉयलेट ठीक नहीं हो पाये कभी समय निकल गया है और इसके बाद विश्वविद्यालय नेक की टीम निरीक्षण करने के लिये वाली तो 3 माह में कैसे ठीक हो पायेंगे।
ईसी मेम्बर शिवेंन्द्र बोले-बिल्डिंग कमेटी के मिनट कब एप्रूव हुए हैं।
कुलपति बोले -आज आप लोग की मॉनीटरिंग से गति मिली हैं, और मैं आपको बता दूं कि मैं फाइल ढूंढकर लाया हू। फाइल नहीं मिल रही थी तो ईसी मेम्बर ने कहा कि संबंधित खिलाफ कार्यवाही होना चाहिये।
विवेक -आप अपने मातहतों पर कार्यवाही करना होगी। इतने दिनों के बाद भी स्टोर में कोई रजिस्टर नहीं हैं। इसमें लेखा एवं स्टोर शामिल है। एक टेबिल पर 3 दिन अधिक फाइल रहती है इस पर कार्यवाही होना चाहिये। अंत में स्टोर एवं लेखा विभाग में ईसी सदस्यों निरीक्षण किया तो बहुत सी फाईले 3 दिन से अधिक दिनों से लंबित थी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अपनी स्थिति 2 दिन स्पष्ट करने के लिये कहा गया है।
ईसी प्रदीप शर्मा ने वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद 7 दिन में टायलेट ठीक नहीं हो पाये तो इस पर इंजीनियरिंग विभाग के यंत्री राजेश नायक ने अपना पक्ष रखते हुए कि आप बार-बार कहते 3 दिन में ठीक करो नही ंतो आपके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। जिनसे काम कराते हैं तो उनके बिलों का भुगतान 6-6 महीने तक अकाउंट विभाग में लटके रहते हैं। तो ईसी मेम्बरों ने कहा अकाउंट विभाग के एचओडी को बुलाईये।