ग्वालियर में 6 लोगों मौतों के बाद गांव चारों ओर पसरा मातम
ग्वालियर. उत्तरप्रदेश के हाथरस में सड़क दुर्घटना में ग्वालियर के 6 कांवडि़यों की मौत के बाद ग्वालियर उटीला बहांगीपुर खुर्द गांव में मातम पसर गया है। सभी मृतक इसी गांव के निवासी है। कुछ ने मौत से चंद मिनट पहले अपने घर पर बात की थी कि हाथरस आ गये हैं। जल्द घर लौटेंगे। लेकिन वह फिर कभी लौटे ही नहीं। मनोज ने अपने भाई विशाल, रणवीर ने पत्नी सोमवती को कॉल किया था और इसके बाद उनके मोबाइल बंद आने लगे।
कुछ समय बाद गांव के अन्य घरों में उत्तरप्रदेश पुलिस से खबर मिली और दर्दनाक घटना का पता लगा। वैसे तो यह दल हर साल कांवड़ में गंगाजल भरने जाता था। लेकिन इस बात इस दल में कुछ युवा थे। जिनकी शादी भी नहीं हुई है। विकास, अभिषेक और रणवीर जो पहली बार कांवड़ भरने गये थे। इनमें अभिषेक की हालत गंभीर हैं, जबकि विकास और रणवीर की मौत हो चुकी है।
ग्वालियर के बड़ागांव पर लगाया जाम
शनिवार की दोपहर 12 बजे के करीब सभी 6 शवों को लेकर परिजन ग्वालियर पहुंचे हैं। ग्वालियर पहुंचते ही परिजन गांव नहीं गये। बल्कि झांसी रोड स्थित ग्वालियर बायपास पर खुरैरी इलाके में शव रखकर जाम लगा दिया। जाम लगते ही प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गये। विधायक सतीश सिकरबार भी पीडि़त परिवारों से मिलने पहुंच गये। जबकि वह इलाका उनके विधानसभा क्षेत्र का नहीं था। उन्होंने जिला प्रशासन सेबात कर पीडित परिवारों को आर्थिक सहायता दिलवाई है।
गांव में पसरा मातम
उत्तरप्रदेश के हाथरस में कांवड़ यात्रा के बीच हादसे के शिकार हुए बहांगीखुर्द गांव के 6 युवकों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और सिर्फ विलाप की आवाजें ही गांव से निकल रही हैं। 3 मोहल्लों में बंटे इस गांव में सिर्फ महिलाओं और बच्चों का रूदन ही सुनाई दे रहा है। घरों के बाहर लोग बैठे हैं और सिर्फ एक ही चर्चा है कि भगवान इन बच्चों से क्या गलती हो गयी थी।
किसी घर में कोई कमाने वाला ही नहीं बचा
रणवीर सिंह जाटव 3 भाई हैं। रणवीर की शादी कम उम्र में हो गई थी। 30 साल की उम्र में उसके 3 बच्चे हैं, पत्नी का नाम सोमवती है। रणवीर घर में अकेला कमाने वाला था। उसने मौत से कुछ देर पहले ही पत्नी से बात की थी। पर वह यह नहीं जानता था कि यह उसकी आखिरी बातचीत है।
जबर सिंह 5भाई हैं और उसके परिवार में पत्नी व एक बच्ची है। परिवार में वह अकेला कमाने वाला था। उसके जाने के बाद परिवार में आर्थिक संकट छा गया है। अब घर का खर्च कैसे चलेगा यह भगवान ही मालिक है।
48 वर्षीय रमेश के परिवार में पत्नी और एक बेटी है। बेटी की वह शादी कर चुका है। उसके जाने के बाद परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया है। गांव में खेती है और उसे संभालना बहुत मुश्किल है।
मनोज बघेल अपने परिवार में अकेला कमाने वाला था और उसके 2 लड़के व 2 लड़की हैं। अभी तक एक भी बच्चे की उसने शादी नहीं की थी। बच्चे बड़े है और शादी लायक हैं, लेकिन अब मनोज के इस तरह दुनिया को अलविदा कहकर चले जाने से परिवार पर सामाजिक, आर्थिक कई तरह का संकट खड़ा हो गया है।
यही हाल नरेश पाल का है। नरेश के परिवार में दो लड़के व एक लड़की हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी नरेश के कंधों पर थी। बच्चों की शादी के लिए वह रिश्ते तलाश रहा था। इस बार वह कांवड़ के लिए जाना नहीं चाहता था, लेकिन पूरा दल जा रहा था तो उससे भी रहा नहीं गया। यह भी कह सकते हैं कि उसकी मौत उसे खींच ले गई।
27 वर्षीय विकास अविवाहित था। वह कांवड़ियों में सबसे छोटा था। मृतक के पिता का देहांत हो चुका है और वह तीन भाई हैं। एक भाई सेना में पदस्थ है, तो दूसरा पुलिस में है।