तिघरा के आसपास के जंगलों में लगभग 25 तेंदुआ हो सकते हैं- देवव्रत पंवार
ग्वालियर. तिघरा के जंगलों में तेंदुआ प्रजाति के नर मादा मिले इन्हें देखकर सब हैरत में पड़ गये। आपको बता दें कि पिछले दिनों कैंसर पहाड़ी पर मिला ब्लैक तेंदुआ नहीं था बल्कि रंगीन तेंदुआ था लेकिन कैंमरे में ब्लैक एंड व्हाइट् कैप्चर हुआ था। ग्वालियर के आसपास के जंगलों में लगभग 25 तेंदुआ मिलने की संभावना है। यह अनुमान है ट्रैप कैमरा विशेषज्ञ देवव्रत पंवार का है। इन्होंने एक पत्रकारवार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया है। इस प्रोजेक्टर हमने वन विभाग के सहयोग कर पायें और इसमें कोर्डिनेटर डॉ. नारायण शिवहरे हैं।
तेंदुआ ढूढ़ने में 25 दिन लगे
ट्रैप कैमरा विशेषज्ञ देवव्रत पंवार और वर्ल्ड लाइफ फोटोग्राफर उददयन पंवार ने बताया कि हमें सबसे पहले तेंदुआ के पैरों के निशान मिले थे ऐसे हमें अन्दाजा हो गया कि यहां तेंदुआ मौजूद है तो हमने 6 ट्रैप कैमरे ऐसी जगह लगाये जैसे पानी पीने की जगह, निकलने की जगह, जहां पंजे के निशान मिले, इस तरह संभावनाओं वाली 6 ट्रैप कैमरे 10-12 किलोमीटर की जगह को कवर कर रहे थे और ट्रैप कैमरे 25 दिन तक लगाये रखें हमें बीच बीच में बैट्री बदलने के लिये जाते थे। ट्रैप कैमरे में नर मादा की फोटो कैद हो गयी।
सफारी की संभावना बहुत है
भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए घाटीगांव, लखनापुर, नलकेश्वर, माद्दा खो, बरई, मुरैना, करियावटी आदि इलाके में सफारी प्रोजेक्ट खोला जा सकता है। फोरेस्ट टूरिज्म की बहुत संभावना हे।