मैं सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं लेकिन लॉकडाउन बहुत जरूरी है-पीएम नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी को लेकर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियों कार्यक्रम (मन की बात) को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत में लोगों से असुविधा के लिए क्षमा मांगी लेकिन लॉकडाउन को जरूर बताया और कहा कि खासतौर पर गरीब लोगों को परेशानी हो रही है। हो सकता है कुछ लोग मुझसे नाराज हो लेकिन यह जरूरी है। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना वायरस पीडि़तों के परिजन और डॉक्टरों से भी बात की और उनका उत्साह बढ़ाया।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
मैं सबसे पहले सभी देशवासियों से क्षमा मांगता हूं और मेरी आत्मा कहती है की आप मुझे जरूर क्षमा करेंगे क्योंकि कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े है जिसकी वजह से आपको कई तरह की कठिनाईयां उठानी पड़ रही है। बहुत से लोग मुझसे नाराज भी होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं आपकी परेशानी भी समझता हूं लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था।
कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये ज्ञान, विज्ञान, गरीब, संपन्न कमजोर, ताकतवर हर किसी को चुनौती दे रहा है। ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है न ही ये कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम। हमारे यहां कहा गया है- एवं एवं विकार, अपी तरून्हा साध्यते सुखं, यानि बीमारी और उसके प्रकोप में शुरूआत में ही निबटना चाहिए। बाद में रोग असाध्य हो जाते है तब इलाज भी मुश्किल हो जाता है। आज पूरा हिन्दुस्तान, हर हिन्दुस्तानी यी कर रहा है।
मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे है क्यों कि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे। अगर आप लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा।
कुछ लोगों को लगता है कि वो लॉकडाउन का पालन कर रहे है तो ऐसा करके वो मानो जैसे दूसरों की मदद कर रहे है। ये भ्रम पालना सही नहीं है। ये लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है। आपको अपने को बचाना है अपने परिवार को बचाना है।