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मप्र की 11 डिस्टलरी सैनिटाइजर का उत्पादन कर वेयर हाउस में स्टोर कर रही

ग्वालियर. इन्दौर स्थित ग्रेट गैलन डिस्टलरी में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये निःशुल्क 4500 लीटर सैनिटाइजर बनाकर संभागायुक्त के माध्यम शासकीय हॉस्पिटल को दे दिया है। यह पूरा अभियान आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में 11 डिस्टलरी में लगभग 1100 लीटर सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा है और सैनिटाइजर पूरे प्रदेश में शासकीय अधिकारियों के माध्यम से निःशुल्क वितरित किया जायेगा।
डिस्टलरी कितना सैनिटाइजर बना रही है
अभी फिलहाल तीन डिस्टलरी से सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू किया है। खरगौन स्थित मैसर्स एसोसिटेड 26 मार्च से 4500 लीटर प्रतिदिन, ग्वालियर स्थित ग्वालियर एल्कोब्रयू ने 25 मार्च से 2587 लीटर, रायसेन स्थित मैसर्स सोम डिस्टलरी 25 मार्च से 13500 लीटर यह सभी डिस्टलरी सैनिटाइजर का उत्पादन कर आबकारी विभाग के वेयरहाउस में पहुंचा रही हैं।
शेष डिस्टलरी को रॉ मटेरियल के अभाव में शुरू करने देरी आ रही है है। धार स्थित मैसर्स ओयसिस डिस्टलरी 28 मार्च से सैनिटाइजर उत्पादन का काम शुरू करेगी, मैसर्स अग्रवाल डिस्टलरी बनाना शुरू नहीं किया, छतरपुर स्थित मैसर्स जेगपिन बैवरीज, धार स्थित मैसर्स ग्रेट गैलन वेन्ट्रीज, राजगढ़ स्थित मैसर्स विंध्यांचल डिस्टलरी, सागर स्थित मैसर्स डीएसआर डिस्टलरी, भिण्ड स्थित मैसर्स ग्वालियर डिस्टलरी, छिंदवाड़ा स्थित मैसर्स गुलशन पोलिओल्स आदि हैं।
कैसे बनाया जाता है सैनिटाइजर
सैनिटाइजर के उत्पादन में एल्कोहल (स्प्रिट) हाइड्रोजन परऑक्साइज और गिलसरीन को मिक्स कर के सैनिटाइजर का उत्पादन कर बॉटलिंग कर के आबकारी विभाग के वेयर हाउस में जमा करायेंगे। इसके बाद जिले के अधिकारियों को भेजा जायेगा जहां आमजन नागरिकों को आवश्यकतानुसार वितरण किया जायेगा। मध्यप्रदेश की 11 डिस्टलरी सैनिटाइजर का उत्पादन शुरू करने जा रही है जिसमें फिलहाल 3 डिस्टलरी ने सैनिटाइजर का उत्पादन कर आबकारी  विभाग के वेयर हाउस में सैनिटाइजर पहुंचाना शुरू कर दिया है।

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