फोम के गद्दे की दुकान में लगी से 4 लोगों ने कूंदकर जान बचाई, 2 लोग जिन्दा जले
ग्वालियर. शहर के गस्त का ताजिया स्थित मोची ओली में गद्दे के गोदाम और दुकान में दोनों में ही भीषण आग लग गयी। दुकान के ऊपर एक परिवार रह रहा था जिसमें प्रेमनारायण शिवहरे, पत्नी रामबाई, उसका बेटा हरीश और उसकी पत्नी और बच्चे निवास कर रहे थे। इस तरह से यह दो परिवार जहां आग लगी थी ठीक उसी के ऊपर रहते थे। आपको बता दें कि आग इतनी भयानक थी कि इन लोगों को निकालना मुश्किल हो गया। कुछ लोग तो अपनी जान बचाकर पड़ोसियों की छत से कंूद कर बाहर निकल आये। लेकिन बुर्जुग दम्पति फंस गये। जिन्हें देर रात नहीं निकाला जा सका।
क्या है पूरा मामला
मोची ओली में हरीश शिवहरे की फोम के गद्दों की दुकान है। इसी 3 मंजिला मकान में उनका परिवार रहता है। ग्राउंड फ्लोर पर स्थित दुकान में लगी आग तेजी से पूरे घर में फेल गई। देखकर आसपास के लोग एकत्रित हो गए और उन्होंने हरीश और उनके परिवार के सदस्यों को छत से कूदने के लिए कहा। लोगों ने गद्दे बिछाकर हाथों में उन्हें संभाला। जिसमें हरीश, उनकी पत्नी राधा और 2 बच्चे नीचे आ गए, लेकिन उनके पिता प्रेमनारायण शिवहरे और मां राजरानी नहीं आ सकीं। गली संकरी होने से फायर ब्रिगेड को पहुंचने में दिक्कत हुई, तब तक आग काफी फैल चुकी थी।
माता पिता जिंदा जल गए
हरीश की पत्नी राधा के अनुसार पिता व्हील चेयर पर थे और मां भी ऊपर फंस गईं। वह दोनों नहीं कूद सके। जिससे वह आग में ही जिंदा जल गए।
पाइपलाइन में लीकेज
फायर ब्रिगेडकर्मी मौके पर पहुंचे यहां लेकिन एक ही फायर ब्रिगेड को बैक कर पहुंचाया गया। इसका पानी खत्म होने पर दूर से पाइपलाइन के जरिए पानी लाया गया लेकिन इसमें जगह जगह लीकेज होने के कारण प्रेशर से पानी नहीं पहुंच पा रहा था।
शटर तोडऩे में मशक्कत
आग की लपटें तेजी से ऊपरी मंजिल की ओर पहुंच रही थीं लेकिन पानी सही जगह तक नहीं पहुंच पा रहा था। दुकान के शटर को तोडऩे के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ी। यहां से गुजर रहे रोहित ने हथोड़ा के जरिए शटर को तोड़ा इसके बाद ही फायर ब्रिगेड कर्मी पानी डाल सके। लेकिन पानी का प्रेशर इतना अधिक नहीं था कि वह ऊपर तक पहुंच सके।