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व्यापमं कांड के आरोपी डॉ. जौहरी की अर्जी दूसरी बार खारिज

ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच की एकलपीठ ने व्यापंम कांड के आरोपी डॉ. मुकेशस्वरूप जौहरी और अन्य की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है। इस याचिका में सीबीआई द्वारा दर्ज आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गयी थी। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा गया है कि जब एक बार आरोप तय हो चुके हैं। याचिकाकर्ताओं ने पहले इसी आधार पर दायर रिवीजन याचिका वापिस ले ली थी तो अब उसी सामग्री के आधार पर दोबारा धारा 482 के तहत राहत नहीं मांगी जा सकती है। न्यायालय ने यह टिप्पणी की कि यदि कोई आरोपी पहले सभी आधारों को जानते हुए याचिका वापिस लेता है। फिर उन्हीं आधारों पर दोबारा याचिका दायर करता है तो यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग माना जायेगा। याचिका में कोई नयी परिस्थिति सामने नहीं आयी है।
पहले लगाई याचिका वापिस ली
सीबीआई ने डॉ. मुकेशस्वरूप जौहरी और अन्य के खिलाफ व्यापमं फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया था। जांच पूरी हने के बाद न्यायालय में चालान पेश किया गया और आरोप तय होने के बाद से न्यायालय में ट्राय चल रही है। डॉ. जौहरी ने पहले भी हाईकोर्ट में एक याचिका दायर लगाई थी जिसे उन्होंने वापिस ले लिया था। इसके बाद उन्होंने दोबारा यही याचिका दायर की। जिसमें पूर्व के तथ्यों को ही पेश किया गया था।
छह गवाहों के बयान दर्ज हो चुके
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई जारी है और अब तक 6 अभियोजन गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि आपराधिक कार्रवाई रुकी हुई है या अभियोजन में देरी हो रही है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप-पत्र के आधार पर बचाव के तर्क रखे थे, लेकिन न्यायालय ने माना कि सभी तर्क पहली सुनवाई में ही उपलब्ध थे और उन्हें दोबारा दोहराना उचित नहीं है।

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