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ग्वालियर की तान्या मित्तल पर विग बॉस में कॉमेडियन प्रणित ने जोक मारा तो सलमान खान ने लगाई फटकार

नई दिल्ली. सुपरस्टार सलमान खान शनिवार के दिन अपने पॉपुलर रियलिटी शो बिग बॉस 19 के पहले वीकेंण्ड का वार एपिसोड में नजर आये। जिसमें उन्होंने सभी घरवालों संग बातचीत की। जहां एक ओर सलमाएन ने कुछ कंटेस्टें्स संग मस्ती माजक किया। वहीं कुछ कंटेस्टेंट्स उनके गुस्से का शिकार हुए।
बिग बॉस के घर में किस पर बरसे सलमान
बिग बॉस 19 का पहला वीकेंड का वार एपिसोड काफी एंटरटेनिंग रहा है। सलमान ने इस बीच घर के 3 सदस्यों अभिषेक बजाज, गौरव खन्ना और कॉमेडियर प्रणित मोरे की क्लास लगाई। अभिषेक को सलमान ने घर में गंदगी फैलाने और सही ढंग से नहीं रहने के लिये लताड़ लगाई। वहीं एक्टर ने गौरव खन्ना को कैप्टेंसी टास्क के दौरान कुनिका सदानंद को सपोर्ट नही ंदेने वाली बात पर भी घेरा।
सलमान ने तान्या मित्तल को बनाया घर का सितारा
इसके बाद स्टैण्डअप कॉमेडियन प्रणित मौरे सलमान के निशाने पर आये। उन्होंने प्रणित को तान्या पर जोक मारने के लिये क्लास लगाई। सलमान के अनुसार वह ग्वालियर की तान्य मित्तल केअलावा किसी और पर जोक नहीं मारते जो गलत है। एक्टर ने प्रणित को उन पर जोक मारने के लिये भी घेरा जो कॉमेडियन ने घर में आने से पहले सलमान के लिये उपयोग किये थे।
दरअसल गौरव कुनिका की जगह असनूर कौर को घर की कप्तान बनाना चाहते थे। उनके अनुसार अशनूर भी उतनी ही काबिल है। जितना कोई और कंटेस्टेंट, जिससे कुनिका नाराज हुई। हालांकि जब सलमान ने गौरव को इस बात पर घेरा, तब पूरा घर गौरव के खिलाफ होता नजर आया। मगर वह अपनी बात पर अटल दिखे।

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अमेरिका के स्कूल में फायरिंग में 2 बच्चों की मौत 17 जख्मी, शूटर ने स्वयं को भी मारी गोली

नई दिल्ली. अमेरिका के मिनेसोटा राज्यके मिनियापोलिस में एनानुंसिएशन कैथोलिक स्कूल में गोलीबार की घटना हुई है। घटना में कईलोगों के हताहत होने की आशंका है। न्याय विभाग के अधिकारी ने बताया कि फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गयी। जिसमें 2 बच्चे भी शामिल है। मृतकों में तीसरा नाम शूटर का है। जिसिने स्वयं को भी गोली मार ली थी। वहीं, घटना में 20 लोग घायल हुए है। मारे गये 2 बच्चों की आयु 8 और 10 साल थी। घायल हुए 17 लोगों में से 14 बच्चे थे जिनमें 2 बच्चों की हालत नाजुक है।
गर्वनर टिम वाल्ज के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनियापोलिस स्थित एनानुंसिएशन कैथौलिक स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना में कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। गर्वनर टिम वाल्ज ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि मुझे एनानुंसिएशन कैथोलिक स्कूल में हुई फायरिंग की जानकारी दी गयी है। जैसे-जैसे हमें और जानकारी मिलेगी। मैं आपको अपडेट देता रहूंगा। बीसीए और स्टेट पेट्रोलिंग टीम घटनास्थल पर मौजूद है।
एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जब गोलीबारी हुई, तब स्कूल से बच्चों के निकलने का वक्त था और कई लोगों के हताहत होने की आशंका है. शहर के अधिकारियों के हवाले से, एबीसी ने यह भी कहा कि हमलावर को कब्जे में ले लिया गया है और अब लोगों के लिए कोई खतरा नहीं है।
इस स्कूल में प्री-किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चे पढ़ते हैं. सचिव क्रिस्टी नोएम ने एक बयान में कहा कि गृह सुरक्षा विभाग स्थिति पर नज़र रख रहा है. उन्होंने आगे कहा, “मैं इस जघन्य हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना कर रही हूं।

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इजरायल ने सीरिया पर अभी तक सबसे बड़ा किया हमला, ईरान और गाजा के बाद क्यों खुला युद्ध का नया मोर्चा

नई दिल्ली. मिडिल ईस्ट में पिछले कुछ सालों से कई मोर्चो पर युद्ध छिड़ा हुआ है। इसमें लगभग हर मोर्चे पर इजरायल की संलिप्तता नजर आ रही है। अब इजरायल ने सीरिया पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर जोरदार हवाई हमला किया है। जिसमें रक्षा मंत्रालयों को निशाना बनाया गया है। सोमवार से ही इजरायल सीरिया की इस्लामिक नेतृत्व वाली सरकार की सेना को टारगेट किया गया है। इजरायल के हमले के बाद दमिश्क में लोग जबरदस्त धमाकों से डर गये और आसमान में धुएं के गुबार देखे गये। सीरिया की सरकारी मीडिया ने बताया है कि यह हमले इजरायल ने किये। इससे पहले इजरायल के रक्षामंत्री ने चेतावनी दी थी कि दर्दनाक हमले होंगे।
इजरायल ने हमला क्यों किया
सीरिया के दक्षिणी शहर स्वेइदा में स्थानीय सुरक्षाबलों ने डूज समुदाय के लड़ाकों के बीच झड़प की खबरें आयी थी। इसके बाद इजरायल ने सीरियाई बलों को निशाना बनाना शुरू किया। इससे पहले इजरायल ने धमकी दी थी कि अगर सीरियाई सेना दक्षिण सीरिया में ड्रूज़ समुदाय पर हमला करना बंद नही करेगी तो वह सीरियाई सेना को तबाह कर देगा। दक्षिण सीरिया के स्वेइदा शहर में ड्रूज़ लड़ाके और सरकार की सेना के बीच हिंसक झड़पें हो रही है। जिसमें अभी तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके है। ड्रूज़ लोग एक अलग धर्म मानते हैं। जो इस्लाम से जुड़ा है। यह सीरिया, लेबनान और इजरायल में रहते है। इजरायल के ड्रूज़ लोग भी सीरिया के ड्रूज़ की मदद की मांग कर रहे हैं।
कौन हैं ड्रूज़
ड्रूज़ नागरिक अरब ही माने जाते है। इस समुदाय की उत्पत्ति 11वीं सदी के दौरान मिस्त्र में हुई थी। यह समुदाय सीरिया, लेबनान, जॉडर्न और इजरायल में है इनकी तादाद करीब 10 लाख है। यह समुदाय इस्लाम या यहूदी धर्म को नहीं मानता है बल्कि एक अलग धर्म को मानता है। ड्रूज़ जिस धर्म को मानते हैं वह हिन्दू, बौद्ध और अन्य धर्मो का मिला-जुलाकर बना है।

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लाइव शो छोड़कर भागी न्यूज एंकर, चारों ओर सिर्फ धुएं का गुबार

नई दिल्ली. इजरायल ने सीरिया के दमिश्क शहर पर जोरदार हमला किया है। हमले के समय चारों ओर सिर्फ धुएं का गुबार नजर आया। दमिश्क शहर पर जब इजरायल की सेना ने हमला किया। उस समय एक टीवी चैनल पर लाइव प्रोग्राम चल रहा था। हमले का असर इतना जोरदार था कि टीवी पर लाइव शो कर रही एंकर प्रोग्राम छोड़ कर भाग गयी।
इजराइल ने बताया है कि अगर सीरियाई सरकार की सेना दक्षिण सीरिया में डू़ज लड़ाकों और बेदुईन कबीलों के हथियारबंद लोगों के बीच हो रही लड़ाई को रोका जा सके। लेकिन बाद में सीरियाई सेना की स्वयं डूज़ लड़ाकों से भिंड़ंत हो गयी।

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ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आये शुभांशु शुक्ला

नई दिल्ली. 15 जुलाई 2025 दोपहर 3 बजे भारतीय समयानुसार अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की 18 दिन की अंतर राष्ट्रीय ड्रैगन कैप्सूल से उतरे। यह वापिसी अंतरिक्ष उड़ान का सबसे महत्वपूर्ण और बेहद अहम चुनौतीपूर्ण हिस्सा है। वायुमण्डल में पुनः प्रवेश टीम ने इस रोमांचक प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से दर्शाया है।
प्रवेश की तैयारी
शुरूआत में ड्रैगन कैप्सूल सही कोण और स्थान के लिये डीऑर्बिट बर्न (कक्षा से बाहर निकलने की प्रक्रिया) के लिये तैयार होगा। यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यान सुरखित लैंडिंग के लिये सही जगह पर पहुंचेगा।
वायुमंडल में प्रवेश
ड्रैगन 27 हजार प्रतिकिमी प्रति घंट की रफ्तार से वायुमंडल में दाखिल होगा। जहां गर्मी और धर्षण से उसका तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचेगा। इस दौरान गर्म प्लाज्मा की परत संचार को रोक देगी। जिससे कुछ समय के लिये कंट्रोल रूम से संपर्क टूटेगा।
लैंडिंग और रिकवरी
वायुमंडल से बाहर निकलने के बाद छोटे-बड़े पैराशूट खुलेंगे। जो यान को धीमा करके समुद्र में सुरक्षित उतारेंगे। पास में रिकवरी टीम नौकायें और हेलीकाप्टर तैयार होंगे। जो शुभांशु और उनकी टीम को तत्काल मेडीकल जांच के लिये ले जायेंगे।

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चीन ने तैयार किया महाबली हथियार, 30 मिनट में न्यूयॉर्क को धूल में मिला सकता है

नई दिल्ली. चीन ने हाल ही में डीएफ-5बी नाम का एक लांग रेंज मिसाइल पेश किया है जो कई परमाणु वारहेड्स ले जाने में सक्षम है। प्रत्येक वारहेड की विस्फोटक शक्ति हिरोशिमा पर गिराये गये बम से 200 गुना से भी अधिक मजबूत है। यह मिसाइल 12 हजार किमी तक दूरी तय कर सकती है। जिसका मतलब है कि अगर इसे वीजिंग से लांच किया जाये तो यह न्यूयॉर्क तक पहुंच सकता है। इससे पहले कि आपके ऑनलाईन फूड ऑर्डर पहुंचे। इन वारहेड्स में 3 से 4 मेगाटन की शक्ति है। यह किलोटन नहीं, मेगाटन है। यानी कि एक पूरा शहर मिटा देने वाली विनाशकारी शक्ति, यह कोई नयी तकनीकी नहीं है। डीएफ-5बी कई सालों से अस्तित्व में है। चीन बस दुनिया को याद दिला रहा है कि यह अभी भी बहुत अधिक मायने रखता है।
क्या है यह चीन की मिसाइल
डीएफ-5बी जो एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। यह कई परमाणु वारहेड्स ले जाने में सक्षम है। प्रत्येक वारहेड की विस्फोटक शक्ति हिराशिमा पर गिराये गये बम से 200 गुना से भी अधिक खतरनाक है। डीएफ-5बी 12हजार किमी तक की दूरी तय कर सकता है। इसका मतलब है कि अगर इसे बीजिंग सऐ लांच किया जाये, तो यह न्यूयॉर्क तक सिर्फ 30 मिनट में पहुंच सकता है।

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राष्ट्रपति ट्रम्प की सुरक्षा में लगी बड़ी सेंध, राष्ट्रपति ट्रम्प के गोल्फ कोर्स के ऊपर उड़ रहे प्लेन तो फायटर प्लेन ने खदेड़ा

नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प और फर्स्ट लेडी जब वीकेंड पर न्यू जर्सी के बेडमिंस्टर स्थित निजी गोल्फ कोर्स में मौजूद थे। उसी दौरान उनकी सुरक्षा में बड़ी सेंध लगने से हड़कम्प मच गया। शनिवार 5 जुलाई को एक नागरिक विमान ने अस्थाई उड़ान प्रतिबंध (TFR) का उल्लंघन किया। जिसके बाद उत्तरी अमेरिका एयरोस्पेस डिफेंस (NORAD) के लड़ाकू विमान ने तत्काल कार्यवाही करते हुए उस विमान को इटरसेप्ट कर रोक दिया।
NORAD ने बताया कि यह घटना दोपहर 2.39 बजे (EDT) हुई जतब सामान्य नागरिक विमान ने प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया तो NORAD के फायटर जेट ने हेडबट रणनीति अपनाते हुए पायलट का ध्यान खींचा और विमान को सुरक्षित रूप से प्रतिबंधित इलाके से बाहर निकाल दिया गया।
एक दिन में 5 बार किया नियमों का किया उल्लघंन
एक बयान में बताया गया है कि यह दिनभर में पांचवा TFR   उल्लंघन था। इससे पहले 3और उल्लंघन हो चुके थे। जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गयी। US एयरफोर्स ने सभी पायलटों को एफएए द्वारा जारी नोटिस टू एयर मिशन (NOTAM) पढ़ने और पालन करने सख्त हिदायत दी है। एयरफोर्स ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि आप बेड मिंस्टर, एनजे के आस-पास उड़ान भरने की सोच रहे है तो नोटम 1353, 1358 और 2247 पर जरूर नजर डाले। यह सुरक्षा के लिये हैं। कोई बहाना नहीं चलेगा। सावधान रहें और प्रतिबंधित हवाई इलाके से बाहर रहें। नोरेड द्वारा टीएफआर उल्लंघन की स्थिति में कैसे कार्यवाही की जाती है। इसलिये उन्होंने एक वीडियो लिंक भी साझाा किया है। जो जागरूकता बढ़ाने के लिये है।

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इजरायली सेना के गाजा में हवाई हमले में 81 फिलिस्तीनियों की मौत 400 से अधिक जख्मी

यरूशलम. इजराइली सेना ने गाजा पट्टी पर एक बार फिर भीषण हवाई हमला किया है। इस हमले में कम से कम 81 फिलिस्तीनियों की मौत हो गयी है। जबकि 400 से अधिक लोग जख्मी हुए है। मारे गये लोगों में बड़ी संख्या में महिलायें और बच्चे शामिल है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन मौतों की पुष्टि की है।
इजराइली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों में एक अपार्टमेंट, स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंटों का निशाना बनाया है। बमबारी के बाद इलाके में चारों ओर सिर्फ धूल, आग और लाशें नजर आयी है। विस्थापित फिलिस्तीनी यूसुफ अबू नासेर ने इस त्रासदी की भयावहता का बयान किया है। यूसुफ अबू नासेर कहते हैं। हमले के बाद सब कुछ धूल और आग में बदल गया था। जब मैं वापिस आया तो अपने टेंट के नीचे बदबे पिता को स्वयं बाहर निकाला मेरी बहन टेंट के नीचे दबकर सांस नहीं ले पा रही थी। उसकी बुरी तरह से घायल थे। मेरे पिता की टांगें बुरी तरह जख्मी थी। मैंने किसी तरह से उनको वहां से निकाला है।

 

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अंतरिक्ष के रास्ते शुभांशु का पहला संदेश ‘‘मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा है’’

नई दिल्ली. भारत के शुभांशु शुक्ला के साथ ही 3 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्पलेक्स 39ए से उड़ान भर चुका है। स्पेसक्राफ्ट ने ठीक दोपहर 12.01 बजे (भारतीय समय अनुसार) उड़ान भरी। स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया। उन्होंने कहा है कि नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों व्हाट ए राइड 41 वर्षो के बाद हम वापिस अंतरिक्ष में पहुंच गये है। कमाल की राइड थी। इस वक्त हम 7.5 किमी प्रति सेकेड की गति से पृथ्वी के चारों ओर घूम रहे हैं। मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है। जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं। मैं आप सबके साथ हूं।

मिशन से जुड़ी 4 तस्वीरें…

लखनऊ में एक्सियम-4 की लॉन्चिंग देखते हुए शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हुए। मिशन के सफल टेकऑफ पर ताली बजाकर खुशी जताई।
लखनऊ में एक्सियम-4 की लॉन्चिंग देखते हुए शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हुए। मिशन के सफल टेकऑफ पर ताली बजाकर खुशी जताई।
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार सभी एस्ट्रोनॉट। 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS पहुंचेंगे।
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार सभी एस्ट्रोनॉट। 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS पहुंचेंगे।
लॉन्च के करीब 10 मिनट बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फाल्कन-9 रॉकेट से अलग हो गया।
लॉन्च के करीब 10 मिनट बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट फाल्कन-9 रॉकेट से अलग हो गया।
लॉन्च से पहले फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर पर कॉम्प्लेक्स 39 A में खड़ा फाल्कन-9 रॉकेट और कैप्सूल।
लॉन्च से पहले फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर पर कॉम्प्लेक्स 39 A में खड़ा फाल्कन-9 रॉकेट और कैप्सूल।

भारतीय गगनयात्री शुभांशु शुक्ला एक्सियम मिशन 4 के तहत आज यानी, 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए। उनका ये मिशन पहले 6 बार तकनीकी दिक्कतों के कारण टल चुका था। उनके साथ तीन अन्य एस्ट्रोनॉट भी स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए। मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS से जुड़ेगा।अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु ने कहा- व्हाट ए राइड। मेरे कंधे पर लगा तिरंगा बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं। वहीं लॉन्चिंग सफल होने पर शुभांशु के माता-पिता आशा शुक्ला और शंभु दयाल शुक्ला भावुक हो गए। उन्होंने बेटे की सफलता पर ताली बजाकर खुशी जताई।

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ईरान एक फोन से सीजफायर के लिये माना, आखिर कतर पर दूसरे देशों को है क्यों इतना भरोसा

नई दिल्ली. मध्य-पूर्व में बसा छोटा सा देश कतर जिसकी आवादी महज 30 लाख है। उसकी सबसे बड़ी ताकत अकूत धन-दौलत है। इसके अलावा भी कतर की एक ताकत है। वह अंर्तराष्ट्रीय संघर्षो के समाधान में डिप्लोमेटिक पावरहाउस की तरह काम करना। हाल के सालों में दुनिया में जितने भी बड़े संघर्ष हुए है। कतर ने अपने सॉफ्ट पावर का उपयोग कर उन्हें सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ईरान और इजरायल के बीच मंगलवार को हुए सीजफायर में भी कतर की भूमिका रही है।
रॉयटर्स के अनुसार ट्रम्प ने पहले इजरायल को सीजफायर के लिये राजी किया और फिर कतर के शासक से कहा है कि वह ईरान को सीजफायर के लिये राजी कमरें। इसके बाद कतर के पीएम शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने ईरानी अधिकारियों को फोन किया और उन्हें सीजफायर के लिये मनाया है। यह कोई पहला मौका नहीं है। जब किसी संघर्ष में कतर ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई हो बल्कि पहले भी कतर इस तरह की सफल मध्यस्थता करता रहा है।
अफगानिस्तान-अमेरिका संघर्ष
अमेरिका 11 ने 11 सितम्बर 2001 के हमले के बाद अफगानिस्तान पर हमला कर तालिबान के साथ लड़ाई शुरू की थी। अमेरिकी सैनिकों और तालिबान के बीच दो दशक तक संघर्ष चला और आखिरकार अमेरिका को अफगानिस्तान से वापिस लौटना पड़ा। सत्ता दोबारा तालिबान के नियंत्रण में चली गयी। अफगानिस्तान से अमेरिकी और नेटो सैनिकों की वापिसी और अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा में कतर ने ही मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।