पहलगाम हमला आतंकी में मुजफ्फराबाद और कराची के सेफ हाउस के संपर्क में थे, 4 आतंकियों की तस्वीरें की जारी
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के डिजीटल सबूत पाकिस्तान से जुड़ते नजर आ रहे है। खुफिया एजेंसियां ने कहा है कि हमले के संदिग्ध आतंकियों के डिजीटल फुटप्रिंट मुजफ्फराबाद औूर कराची स्थित सेफ हाउस तक पहुंच रहे हैं। इससे इस हमले के क्रॉस बार्डर लिंक का सबूत मिल रहा है। आपको बता दें कि इस हमले में अभी तक 28 सैलानियों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जन भर से अधिक लोग घायल हे। खुफिया सूत्रों ने घटनास्थल से बरामद एनालिसिस और हमले में बचे लोगों से मिली जानकारी के आधार पर कहा है कि आतंकियों ने सेना के लिये उपयोग होने वाले हथियारों का उपयोग हमले के लिये किया। इसका यह अर्थ निकलता है कि हमलावर पूरी तरह से ट्रेड थे। उन्हें सभी आवश्यक हथियार मिले थे। भारत की एजेंसियों को घटनास्थल के आस-पास एडवांस कैटेगरी के संचार उपकरण मिले हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि आतंकियों को बाहर से लॉजिस्टिक सपोर्ट और सहयोग मिल रहा था। खुफिया एजेंसियां का दावा है कि हमलावर उआतंकी पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटिव के साथ प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में थे। पहलगाम हमले संदिग्धों के डिजीटल कनेक्शन पाकिस्तान स्थित मुजफ्फराबाद और कराची के सेफ हाउस पर पाये जिससे सीमा पर आतंकियों के संबंध में साक्ष्य मजबूत हुए सुरक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की है। हथियारों की प्रकृति और हमले की सअीकता से पता चलता है कि आतंकियों ने प्रशिक्षित संचालकों से सैन्य सहायता ली थी।
आपको बता दें कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) जो छद्म नाम लेकर आतंकी हमले करता है ने इस हमले में की जिम्मेदारी ली है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार आतंकवादी पूरी तैयारी के साथ हमले के लिये आये थे। आतंकवादियों ने अपनी पीठ पर बैग टांग रखे थे। जिसमें सूखे मेवे, दवाईयां और संचार उपकरण थे। 5-6 विदेशी आतंकवादियों का एक समूह कुछ समय से जंगल में छिपा हुआ था। स्थानीय लोगों की मदद से पहलगाम की रैकी कर रहा था। तैयारी पूरी होने के बाद दहशतगर्दो ने मौका देखकर हमला कर दिया।
खुफियां एजेंसियों का दावा है कि 3 से 4 आतंकवादियों ने एके-47 से लगातार फायरिंग की है। इस बीच 2 पाकिस्तानी आतंकवादी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे। उनके साथ 2 स्थानीय आतंकी (आदिल और आसिफ) भी थे। यह 2 स्थानीय आतंकवादी बिजेभेरा और त्राल के है। पाकिस्तानी आतंकियों ने बॉडी कैमरा पहनकर सब कुछ रिकॉर्ड किया। ऐसा माना जा रहा है कि पहलगाम में आतंकवादियों हमला 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की तर्ज पर किया गया था। इस आतंकवादी हमले का उद्देश्य जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाना था। इस हमले के पीछे संभवतः पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई का हाथ है।