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पहलगाम हमला आतंकी में मुजफ्फराबाद और कराची के सेफ हाउस के संपर्क में थे, 4 आतंकियों की तस्वीरें की जारी

अनंतनाग में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन. फोटो- पीटीआई

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के डिजीटल सबूत पाकिस्तान से जुड़ते नजर आ रहे है। खुफिया एजेंसियां ने कहा है कि हमले के संदिग्ध आतंकियों के डिजीटल फुटप्रिंट मुजफ्फराबाद औूर कराची स्थित सेफ हाउस तक पहुंच रहे हैं। इससे इस हमले के क्रॉस बार्डर लिंक का सबूत मिल रहा है। आपको बता दें कि इस हमले में अभी तक 28 सैलानियों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जन भर से अधिक लोग घायल हे। खुफिया सूत्रों ने घटनास्थल से बरामद एनालिसिस और हमले में बचे लोगों से मिली जानकारी के आधार पर कहा है कि आतंकियों ने सेना के लिये उपयोग होने वाले हथियारों का उपयोग हमले के लिये किया। इसका यह अर्थ निकलता है कि हमलावर पूरी तरह से ट्रेड थे। उन्हें सभी आवश्यक हथियार मिले थे। भारत की एजेंसियों को घटनास्थल के आस-पास एडवांस कैटेगरी के संचार उपकरण मिले हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि आतंकियों को बाहर से लॉजिस्टिक सपोर्ट और सहयोग मिल रहा था। खुफिया एजेंसियां का दावा है कि हमलावर उआतंकी पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटिव के साथ प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में थे। पहलगाम हमले संदिग्धों के डिजीटल कनेक्शन पाकिस्तान स्थित मुजफ्फराबाद और कराची के सेफ हाउस पर पाये जिससे सीमा पर आतंकियों के संबंध में साक्ष्य मजबूत हुए सुरक्षा अधिकारियों ने पुष्टि की है। हथियारों की प्रकृति और हमले की सअीकता से पता चलता है कि आतंकियों ने प्रशिक्षित संचालकों से सैन्य सहायता ली थी।
आपको बता दें कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) जो छद्म नाम लेकर आतंकी हमले करता है ने इस हमले में की जिम्मेदारी ली है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार आतंकवादी पूरी तैयारी के साथ हमले के लिये आये थे। आतंकवादियों ने अपनी पीठ पर बैग टांग रखे थे। जिसमें सूखे मेवे, दवाईयां और संचार उपकरण थे। 5-6 विदेशी आतंकवादियों का एक समूह कुछ समय से जंगल में छिपा हुआ था। स्थानीय लोगों की मदद से पहलगाम की रैकी कर रहा था। तैयारी पूरी होने के बाद दहशतगर्दो ने मौका देखकर हमला कर दिया।
खुफियां एजेंसियों का दावा है कि 3 से 4 आतंकवादियों ने एके-47 से लगातार फायरिंग की है। इस बीच 2 पाकिस्तानी आतंकवादी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे। उनके साथ 2 स्थानीय आतंकी (आदिल और आसिफ) भी थे। यह 2 स्थानीय आतंकवादी बिजेभेरा और त्राल के है। पाकिस्तानी आतंकियों ने बॉडी कैमरा पहनकर सब कुछ रिकॉर्ड किया। ऐसा माना जा रहा है कि पहलगाम में आतंकवादियों हमला 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की तर्ज पर किया गया था। इस आतंकवादी हमले का उद्देश्य जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाना था। इस हमले के पीछे संभवतः पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई का हाथ है।

 

 

 

 

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पोप फ्रांसिस सोमवार की सुबह निधन

वेटिकन. फेरेल ने अपनी घोषणा में कहा है कि रोम के स्थानीय समय सुबह 7.35 बजे पोप फ्रांसिस ने अंतिम सांस ली। फ्रांसिस का पूरा जीवन लॉर्ड और चर्च की सेवा में समर्पित था। पोा फ्रांसिस ने हम सबको हमेशा साहस, प्यार और हाशिये के लोगों के पक्ष में खड़ा रहने के लिये प्रेरित किया था। पोप फ्रांसिस लॉर्ड जीसस के सच्चे शिष्य थे।
पोप फ्रांसिस को कैथलिक चर्चो में सुधार के लिये भी जाना जाता है। इसके बावजूद पोप परंपरावादियों के बीच भी लोकप्रिय थे। फ्रांसिस लातिन अमेरिका से बनने वाले पहले पोप थे। पोप फ्रांसिस ने रविवार को ईस्टर के अवसर पर सरप्राइज पब्लिक एपीयरेंस दी थी। उन्होंने सेंटर पीटर स्क्वायर से 35 हजार लोगों की भीड़ का हाथ मिलाकर अभिवाद स्वीकार किया था। वेटिकन के कार्डिनल केविन फेरेल ने बताया कि पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन ईश्वर की सेवा में समर्पित रहा।

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अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया में भूकंप, पहाड़ से गिरे पत्थर

कैलिफोर्निया. सोमवार की सुबह (भारतीय समयानुसार सोमवार की देर रात) 5.2 तीव्रता का भूकंप आया। जिससे सैनडिएगो में पहाड़ से पत्थर लुढ़कर कर सड़कों पर आ गिरे। घरों की अलमारियों में रखे सामान गिरने लगे। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 10.08 बजे आया और इसका कैन्द्र सैन डिएगो काउंटी में था। जो जूनियन से केवल कुछ मील 4 किमी दूर है। जूनियर करीब 1500 लोगों की आबादी वाला एक पहाड़ी शहर है। जो अपनी सेब पाई की दुकानों के लिये जाना जाता है।
इसका असर लॉस एंजिल्स काउंटी तक महसूस किया गया। जो लगभग 120 मील यानी 193 किमी दूर है। भूकंप के बाद कई छोटे झटके महसूस किये गये। जूनियन में 1870 के दशक में संचालित एक गोल्ड माइन के मालिक पॉल नेल्सन ने बताया है कि मुझे लगा है कि घर की खिड़कियां टूट जायेगी। क्योंकि वह काफी हिल रही थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा है कि कम्पन की वजह से काउंटरा पर रखे फोटो फ्रेम नीचे गिर गये। परिवहन अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है कि यात्री पहाडि़यों से गिरकर सड़कों और राजमार्गो पर आने वाले पत्थरों से सावधान रहें। जूनियर के उत्तर पश्चिम में स्टेट रूट 76 पर भी पहाडों से पत्थर लुड़ककर आये हैं।

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तहव्वुर राणा की NIA को मिली 18 दिन की कस्टडी मिली

नई दिल्ली. 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्त्ताओं में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को एनआईए की कस्टडी में भेज दिया गया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने देर रात तक चली सुनवाई के दौरान राणा को 18 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदरजीत सिंह ने एनआईए की याचिका पर यह फैसला सुनाया। 64 वर्षीय राणा को गुरूवार की देर रात भारी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट में पेश तिकया गया। इस बीच एक जेल वैन, बख्तरबंद स्वाट वाहन और एम्बूलेंस सहित एक बड़ा काफिला न्यायालय पहुंचा। जांए एजेंसी ने तहव्वुर राणा की 20 दिन की हिरासत की मांग की थी। लेकिन न्यायालय ने 18 दिन की कस्टडी मंजूर की।
इसके बाद कड़ी सुरक्षा में तहव्वुर राणा को न्यायालय से एनआईए मुख्यालय ले जाया गया है। एनआईए के हेडक्वार्टर में ही तहव्वुर राणा रात बितायेगा। सूत्रों के अनुसार राणा को एनआईए हेडक्वार्टर के ग्राउण्ड फ्लोर पर बने लॉकअप में रखा जायेगा। आज सुबह एनआईए की विशेष टीम तहव्वुर राणा से पूछताछ करेगी। यह पूछताछ मुख्यालय की तीसरी मंजिल पर बने क्वेश्चनिंग रूम में की जायेगी।

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रात 10.40 बजे एनआईए ने तहव्वुर राणा को न्यायालय में पेश किया

नई दिल्ली. साल 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को गुरूवार की शाम 6.22 बजे विमानतल विशेष प्लेन लैंड किया था। उसके बाद की पहली तस्वीर है। इसमें तहव्वुर राणा सफेद दाड़ी-बाल और ब्राउन रंग के जम्पसूट में एनआईए की हिरासत में दिखाई दे रहा है। शाम लगभग 6.30 बजे तहव्वुर राणा को लेकर आई विशेष फ्लाइट दिल्ली में उतरी है। इसके तत्काल बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तहव्वुर राणा को औपचरिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया है। टेक्निकल एयरपोर्ट पर पहुंचने के तत्काल बाद एनआईए ने उसके प्रत्यर्पण और गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
रात 10.40 बजे पटियाला स्थित एनआईए के न्यायालय में तहव्वुर राणा को पेश रिमांड की मांग की गयी है। इसके पहले मेडीकल किया गया था जिसकी रिपेोर्ट में न्यायालय में पेश किया गया है। सूत्रों के अनुसार एनआईए ने न्यायालय से टास्क के अनुसार 15 दिन का रिमांड किया गया है।

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यूएस के टैरिफ हमले से घबराया चीन, बोला-अब सबसे अधिक भारत से करेंगे आयात

नई दिल्ली. अमेरिका ने चीन पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। 2 अप्रैल यानी बुधवार से प्रभावी हो रहा है। ऐसे में चीन ने टैरिफ से बचने े लिये भारत की तरफ कदम बढ़ाया है। चीने ने कहाह है कि वह भारत के सबसे अधिक प्रॉडक्ट्स का आयात करेगा। नई दिल्ली में बीजिंग के राजदूत के मुताबिक चीन ने कहा है कि वह ज्यादा भारतीय उत्पादों का आयात करने और व्यापार सहयोग बढ़ाने के लिये तैयार है। यह घोषणा बुधवार का लागू होने वाले अमेरिकी टैरिफ से पहले की गयी है। दोनों एशियाई पड़ोसी 2020 में अपने बॉर्डर पर संघर्ष के बाद अपने संबंधों को फिर से बनाने का प्रयास कर रहे हे। चीनी राट्रपति शी जिनपिंग ने भारतीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को संदेश दिया कि चीन और भारत को और ज्यादा निकटता से सहयोग करना चाहिये। भाारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने ग्लोबल टाइम्स को दिये एक इंटरव्यू में कहा है कि वह हम व्यापार और अन्य सेक्टर में व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करने और चीनी बाजार के लिये उपयुक्त ज्यादा भारतीय उत्पादों का आयात करने के लिये भारतीय पक्ष के साथ काम करने के इच्छुक है।
भारत और चीन के बीच बढ़ रहा व्यापार
पिछले वित्त वर्ष में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 4 प्रतिशत बढ़कर 118.40 अरब डॉलर हो गया है। जिसमें मुख्य रूप से चीन से भारतीय आयात शामिल है। भारत ने 2020 के सीमा संघर्ष के बाद देश में चीनी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिये थे। अभी तक इन बाधाओं को नहीं हटाया है। इस दौरान भारत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा उठाई गयी चिंताओं को दूर करने के लिये टैरिफ कम करने पर काम कर रहा है। जिन्होंने टैरिफ नीतियों के लिये देश की आलोचना की थी। दोनों देशों ने एक शुरूआती व्यापार समझौते को सुरक्षित करने और अपने टैरिफ विवादों को हल करने के लियिे चर्चा शुरू की है।
जल्‍द व्‍यापार के लिए होंगी चर्चा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी की शुरुआत में भारत और चीन ने लगभग पांच साल बाद सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर सहमति जताई थी, जिसका उद्देश्य व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर मतभेदों को सुलझाना था. यह घटना भारत के टॉप राजनयिक विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बीजिंग में हुई बैठक के बाद हुआ. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष जल्द ही उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए एक रूपरेखा पर बातचीत करेंगे. चीन के विदेश मंत्रालय ने फिर से शुरू होने की पुष्टि की और पारस्परिक समर्थन और पारस्परिक उपलब्धि के महत्व पर जोर दिया.
चीनी राजदूत ने क्‍या कहा?
शू फेइहोंग ने भारतीय कारोबार का चीन (India-China Business) में अवसरों का पता लगाने और चीन के विकास के लाभों को शेयर करने का भी स्वागत किया. उन्‍होंने उम्मीद जताई कि भारत चीनी कंपनियों (India China Companies) के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी कारोबारी माहौल तैयार करेगा, ताकि पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और बढ़ाया जा सके.

 

 

 

 

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नेपाल में हिंसा के बाद सेना तैनात, काठमांडू में आगजनी से एक की मौत, कर्फ्यू लगाया, सरकार को एक हफ्ते का अल्टीमेटम

नेपाल के काठमांडू में शुक्रवार को राजशाही समर्थक सड़क पर उतरे। - Dainik Bhaskar

काठमांडू. नेपाल में राजशाही की मांग को लेकर शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के तिनकुने में एक इमारत में तोड़फोड की और उसे आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। जिसके जवाब में सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस घटना में एक युवक की मौत भी हो गयी।
प्रशासन ने काठमांडू में कर्फ्यू लागू कर दिया और सेना की तैनाती कर दी है। इस आन्दोलन में 40 से अधिक नेपाली संगठन शामिल हुए है। प्रदर्शनकारी राजाओं आओ देश बचाओ, भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हमें राजशाही वापिस चाहिये। जैसे नारे लगा रहे थे। उन्होंने सरकार को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की तो और ज्यादा उग्र तिवरोध प्रदर्शन होगा। नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र ने 19 फरवरी को प्रजातंत्र दिवस के अवसर पर लोगोां से समर्थन मांगा था। इसके बाद से ही देश में राजा लाओ, देश बचाओ आन्दोलन को लेकर तैयारियों चल रही थी।
राजा ज्ञानेन्द्र सिंह पर नंरसंहार का आरोप
नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह पर 1 जून 2001 को हुए नारायणहिति हत्याकांड में अपने परिवार के सदस्याओं की हत्या का आरोप लगा है। इस घटना में राजा वीरेन्द्र, रानी ऐश्वर्य समेत शाही परिवार के 9 लोगों की मौत हुई थी। आधिकारित तौर पर युवराज दीपेन्द्र को इस हत्याकांड के लिये जिम्मेदार ठहराया गया। हालांकि कई लोगों का मानना है कि ज्ञानेन्द्र ने सत्ता हासिल करने के लिये यह षडयंत्र रचा, क्योंकि उस रात वह महल में मौजूद नहीं थे और उनके परिवार को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस रहस्यमयी हत्याकांड के पीछे सच्चाई आज भी विवादास्पद बनी हुई है।
87 साल के नवराज सुवेदी कर रहे आंदोलन का नेतृत्व
आंदोलन का नेतृत्व नवराज सुवेदी कर रहे हैं। वे राज संस्था पुनर्स्थापना आंदोलन से जुड़े हुए हैं। इसका मकसद नेपाल में राजशाही को बहाल करना है। दरअसल, नेपाल में साल 2006 में राजशाही के खिलाफ विद्रोह तेज हो गया था।कई हफ्तों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद तत्कालीन राजा ज्ञानेंद्र को शासन छोड़कर सभी ताकत संसद को सौंपनी पड़ी। लेकिन अब नेपाल की जनता देश में फैले भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बार-बार सत्ता परिवर्तन से परेशान हो गई है।सुवेदी का नाम तब सुर्खियों में आया जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने उन्हें इस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया। हालांकि, उनके इस नेतृत्व को लेकर नेपाल के प्रमुख राजवादी दलों, जैसे राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (राप्रपा) और राप्रपा नेपाल, में कुछ असंतोष देखा गया है।

गृह मंत्रालय में आपातकालीन बैठक

नेपाल में जारी राजनीतिक अशांति के कारण गृह मंत्रालय में सुरक्षा प्रमुखों की आपात बैठक बुलाई गई है। गृहमंत्री रमेश लेखक ने इस बैठक का नेतृत्व किया, जिसमें नेपाल पुलिस के आईजी दीपक थापा, सशस्त्र प्रहरी बल के आईजी राजू अर्याल, नेपाली सेना के प्रधान सेनापति अशोक राज सिग्देल और खुफिया विभाग के प्रमुख हुतराज थापा उपस्थित रहे.है। इस बैठक के बाद गृह मंत्री रमेश लेखक द्वारा पत्रकार सम्मेलन किया जाएगा, जिसमें आज की घटनाओं के लिए पूर्व राजा को जिम्मेदार ठहराने की संभावना जताई जा रही है।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बुलाई आपात कैबिनेट बैठक

नेपाल में बिगड़ते हालातों के मद्देनजर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाई है। यह बैठक शाम 7 बजे प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर बुलाई गई, जिसमें देश की वर्तमान स्थिति और सुरक्षा उपायों पर चर्चा हुई है।

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म्यांमार में भूकंप ने मचाई तबाही, अभी तक 150 की मौत, 700 से अधिक जख्मी

म्यांमार. शुक्रवार को आये 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद 6.4 तीव्रता के आफ्टरशॉक ने भारी तबाही मचा दी है। इस आपदा में अभी तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है। 732 लोग जख्मी बताये जा रहे है। यह आंकड़ा और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। यह जानकारी म्यांमार की सैन्य सरकार (जुंटा) के प्रमुख ने दी है। भूकंप से कई बिल्डिंगें, पुल और ऐतिहासिक इमारतें गिर गयी है। इससे कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। अमेरिकी भूगर्मीय सर्वेक्षण के अनुसार भूकंप का केन्द्र मांडले शहर से 17.2 किमी दूर था। जहां लगभग 15 लाख लोग निवास करते है। मांडले के अलावा सगाइंग, नेपिडों और अन्य क्षेत्रों में भी भूकंप का जबरदस्त असर देखा गया है।

भूकंप की 14 तस्वीरें…

भूकंप के बाद एक घायल व्यक्ति जमीन पर पड़ा था, जिसे आसपास के लोग मदद देते नजर आए।
भूकंप के बाद एक घायल व्यक्ति जमीन पर पड़ा था, जिसे आसपास के लोग मदद देते नजर आए।
इमारत गिरने से घायल हुए एक शख्स को मेडिकल टीम ने मदद पहुंचाई।
इमारत गिरने से घायल हुए एक शख्स को मेडिकल टीम ने मदद पहुंचाई।
भूकंप के चलते म्यांमार की राजधानी नेपीदा में मंदिर और घर टूट गए।
भूकंप के चलते म्यांमार की राजधानी नेपीदा में मंदिर और घर टूट गए।
म्यांमार के नेपीदा में भूकंप के झटकों के चलते इमारतें गिर गई।
म्यांमार के नेपीदा में भूकंप के झटकों के चलते इमारतें गिर गई।
भूकंप से म्यांमार में मांडले शाही महल का कुछ हिस्सा ढह गया।
भूकंप से म्यांमार में मांडले शाही महल का कुछ हिस्सा ढह गया।
बैंकॉक में एक होटल के कमरे में लगी तस्वीरें भूकंप के झटकों से हिलने लगीं।
बैंकॉक में एक होटल के कमरे में लगी तस्वीरें भूकंप के झटकों से हिलने लगीं।
इमारत ढहने से धूल का गुबार उठा, जिसके बाद लोग भागते दिखाई दिए।
इमारत ढहने से धूल का गुबार उठा, जिसके बाद लोग भागते दिखाई दिए।
बैंकॉक में एक ऊंची इमारत के टॉप फ्लोर पर बने पूल से पानी गिरने लगा।
बैंकॉक में एक ऊंची इमारत के टॉप फ्लोर पर बने पूल से पानी गिरने लगा।
बैंकॉक की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में लोग बाहर निकल आए।
बैंकॉक की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में लोग बाहर निकल आए।
बैंकॉक में घरों की दीवारों पर दरारें आ गईं और छत के टुकड़े झड़कर नीचे गिर गए।
बैंकॉक में घरों की दीवारों पर दरारें आ गईं और छत के टुकड़े झड़कर नीचे गिर गए।
बैंकॉक में भूकंप के चलते एक इमारत में बने पूल पर रखे पत्थर गिर पड़े।
बैंकॉक में भूकंप के चलते एक इमारत में बने पूल पर रखे पत्थर गिर पड़े।
म्यांमार की इरावाडी नदी पर बना 51 साल पुराना पुल टूट गया।
म्यांमार की इरावाडी नदी पर बना 51 साल पुराना पुल टूट गया।
बैंकॉक में एक रेजिडेंशियल इमारत में घर के अंदर रखा लैंपशेड गिर गया।
बैंकॉक में एक रेजिडेंशियल इमारत में घर के अंदर रखा लैंपशेड गिर गया।

जाने अब तक क्या हुआ?

कहां आया:अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, मध्य म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर से 16 किमी (10 मील) उत्तर-पश्चिम में 10 किमी की गहराई पर था।
कहां तक असर हुआ: म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, भारत और दक्षिण-पश्चिम चीन समेत 5 देशों में असर देखा गया। यहां के कई इलाकों में तेज झटके महसूस किए गए। पीटीआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारत में कोलकाता, इंफाल, मेघालय और ईस्ट कार्गो हिल में इसके झटके महसूस किए गए। बांग्लादेश में ढाका, चटगांव समेत कई हिस्सों में 7.3 तीव्रता के झटके आए। म्यांमार में 12 मिनट बाद फिर 6.4 तीव्रता का आफ्टरशॉक आया।
अब तक नुकसान: अभी इसके बारे में पता नहीं चल पाया है। थाई सरकार एक आपातकालीन बैठक कर रही है। बैंकॉक में इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। म्यांमार की राजधानी नेपीदा में सड़कें टूट गई हैं।

भूकंप से जुड़े अपडेट
भूकंप की वजह से बैंकॉक पूरी तरह से लॉकडाउन है। मेट्रो सेवायें रोक दी गयी है। शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी थम गयी है। एयरपोर्ट और सबवे बन्द कर दिये गये है।
थाईलैंड में भूकंप सो एक शख्स की मौत हो गयी है जबकि 500 लोग लापता बताये जा रहे है ।
बैंकॉक में जो निर्माणाधीन इमारत जमींदोज हुई है। उसमें कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।
म्यांमार के मांडलेय शहर में भूकंप से सबसे से अधिक नुकसान पहुंचा है। यहां शहर के कई मंदिर और बौद्धस्थल टूट गये है।
बांग्लादेश में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये है। वहां रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.3 रहीं। ढाका और चटगांव समेत बांग्लादेश के कई शहरों में भ्ूाकंप के झटके महसूस किये गये है। हालांकि इससे अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति पर चिंता जताई है।
उन्होंने कहा है कि म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप वाद की स्थिति पर चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा हूं। भारत हरसंभव सहायकता के लिये तैयार है। हमने इस संबंध में प्रशासन को सतर्क रहने के लिये कहा है। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय से कहा है कि म्यांमार आई थाईलैंड की सरकारों के संपर्क में रहे। सभी के सुरक्षित होने की कामना की।

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गुस्साई भीड़ बोली न युद्ध चाहिये और न ही हमास, मुर्दा नहीं बनना चाहते, गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों ने निकाली रैली

नई दिल्ली. इजराइल और हमास की युद्ध के बीच अब हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों ने मोर्चा संभाल लिया है। मोचा हमास को गाजा से खदेड़ने के लिये पहली बार गाजा में लोगों ने हमास के विरोध में रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए उन्हें गाजा छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया। हमास के विरोध में भारी संख्या में गाजा की सड़कों पर निकले लोगों ने बताया है कि हमें न युद्ध चहिये और न ही हमास। हमें शांति से जीना है। सफेद झंडे लहराते हुए इन लोगों ने शांति की मांग की है। इस प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने बाहर निकलो , हमास बाहर निकलो और हम जीना चाहते है के नारे लगाये ऐसे में कहा जा रहा है कि यह हमास का अंत है और उसका अंत नजदीक है।
आपको बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था। जिसमें 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हो गयी थी। जबकि कई लोगों को अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद शुरू हुए इजरायल और हमास के बीच युद्ध में अभी तक 50 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है। गाजा बर्बाद हो चुका है। लोग युद्ध से थक चुके है और शांति से जीवन गुजर-’बसर करना चाहते ळें इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि इस युद्ध का मकसद हमास का सफाया करना है । इस संगठन को एक प्रशासनिक इकाई के रूप में नष्ट करना है। हालांकि अब उनका कहना है कि इस नये अभियान का मकसद समूह को बचे हुए बंधकों को छोड़ने के लिये मजबूर करना है।
हमास ने आरोप लगाया है कि इजरायल ने जनवरी के संघर्ष विराम समझौते की शर्तों को तोड़ा है, क्योंकि वो युद्ध को समाप्त करने और गाजा से अपने सैनिकों की वापसी और वार्ता शुरू करने में विफल रहा है।  हमास ने कहा कि वे अब भी बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत, स्टीव विटकॉफ की द्वारा तैयार किए गए “समझौते प्रस्तावों” पर विचार कर रहे है।

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कलात में आईईडी धमाके में पाकिस्तानी के 5 सैनिकों की मौत, बीएलए ने ली जिम्मेदारी

नई दिल्ली. पाकिस्तान के कलात में हुई आईईडी हमले की जिम्मेदारी ब्लूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। मंगलवार को हुए इस हमले में पाकिस्तान सेना के 5 सैनिक मारे गये थे। यह हमला कलात में हरबोई इलाके में हुआ है। BLA  के प्रवक्ता जीयंद बलूच के हवाले से एक बयान जारी किया है। जिसमें पाकिस्तानी सेना पर हाल ही में हुए हमले का विवरण दिया गया है। बीएलए ने दावा किया है कि उसके सदस्यों ने मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के काफिले में एक वाहन पर रिमोर्ट नियंत्रित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस से हमला किया है।
BLA ने क्या कहा
ग्रुप का दावा है कि विस्फोट में 5 पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों की तत्काल मौत हो गयी। 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये। जिनमें मेजर रैंक का एक अधिकारी भी शामिल है। बीएलए ने आगे दावा किया है कि धमाके में टारगेट किया गया वाहन पूरी तरह से नष्ट हो गया। BLA के बयान के अनुसार पाकिस्तानी सेना 24 मार्च 2025 से हरबोई और आसपास के इलाकों में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी। समूह द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उसके लड़ाकों ने काफिले को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है। जिससे सेना को अगले दिन पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा है।
हताहतों और पीछे हटने के दावों की अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गयी है। बीएलए के बयान में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के किसी आधिकारिक बयान का हवाला नहीं दिया गया है। 10 मार्च के बाद से यह बीएलए द्वारा किया गया है। तीसरा बड़ा हमला है। जब जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया गया और 100 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मौत हो गयी थी। जैसा कि बीएलए ने दावा किया था और पिछले हफ्ते नोशकी में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर हमला किया गया था।