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ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आये शुभांशु शुक्ला

नई दिल्ली. 15 जुलाई 2025 दोपहर 3 बजे भारतीय समयानुसार अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की 18 दिन की अंतर राष्ट्रीय ड्रैगन कैप्सूल से उतरे। यह वापिसी अंतरिक्ष उड़ान का सबसे महत्वपूर्ण और बेहद अहम चुनौतीपूर्ण हिस्सा है। वायुमण्डल में पुनः प्रवेश टीम ने इस रोमांचक प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से दर्शाया है।
प्रवेश की तैयारी
शुरूआत में ड्रैगन कैप्सूल सही कोण और स्थान के लिये डीऑर्बिट बर्न (कक्षा से बाहर निकलने की प्रक्रिया) के लिये तैयार होगा। यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यान सुरखित लैंडिंग के लिये सही जगह पर पहुंचेगा।
वायुमंडल में प्रवेश
ड्रैगन 27 हजार प्रतिकिमी प्रति घंट की रफ्तार से वायुमंडल में दाखिल होगा। जहां गर्मी और धर्षण से उसका तापमान 1600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचेगा। इस दौरान गर्म प्लाज्मा की परत संचार को रोक देगी। जिससे कुछ समय के लिये कंट्रोल रूम से संपर्क टूटेगा।
लैंडिंग और रिकवरी
वायुमंडल से बाहर निकलने के बाद छोटे-बड़े पैराशूट खुलेंगे। जो यान को धीमा करके समुद्र में सुरक्षित उतारेंगे। पास में रिकवरी टीम नौकायें और हेलीकाप्टर तैयार होंगे। जो शुभांशु और उनकी टीम को तत्काल मेडीकल जांच के लिये ले जायेंगे।

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