दिल्ली दंगे में आतंकिया की स्लीपर सेल पर भी शक, जांच एनआईए को देने की तैयारी
नई दिल्ली. दिल्ली दंगे की जांच में शक की सुई आतंकी संगठनों की स्लीपर सेल की ओर घूम रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 36 घंटे भारत में रहने के दौरान हिंसा चरम पर थी उनकी वापसी के तुरंत बाद हिंसा कम होने लगी। जांच एजेंसियां इसे इत्तेफाक नहीं मान रही। हिंसा की टाइमिंग और व्यापकता को देखते हुए यह महज दंगे का मामला नहीं माना जा रहा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुरूआती जांच में बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश के संकेत मिले है। ऐसे में जांच एनआईए को सौंपी जाएगी।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका भी जांची जा रही
जानकारी के अनुासर गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है। एनआईए आतंकवाद के मामलों की जांच करती है। हिंसाग्रस्त इलाकों में आतंकियों की स्लीपर सेल थी। ट्रम्प की यात्रा के दौरान इन्हें सक्रिय किया गया। गोली लगने से 13 मौतें होना भी आतंकी साजिश का संकेत माना जा रहा है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की भूमिका भी जांची जा रही है। दूसरी तरफ दिल्ली में हालात सामान्य हो रहे है। धारा 144 में शनिवार सुबह 4 घंटे की छूट दी गई हालांकि स्कूल 7 मार्च तक बंद रहेंगे।
दंगाइयों को पहचानकर सूची बनाई जा रही
पुलिस और आईबी दंगाइयों के घर चिह्नित कर रही है। फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से भी दंगाइयों को पहचानकर सूची बनाई जा रही है। दूसरी तरफ दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दी गई। कांग्रेस ने पुलिस पर एकतरफा जांच का आरोप लगाया है। पार्टी ने प्रदर्शनकारियों पर गंभीर आरोप वाले सभी मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से एमिकस क्यूरे नियुक्त करने की मांग की है।