महाकुंभ भगदड़ में एआई कैमरों में दिखाई दिये 120 संदिग्ध, इसमें से कुछ लोग भीड़ में घुसे तो मची भगदड़, STF-ATS जुटी जांच में
प्रयागराज. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के पहले मची भगदड़ में नया एंगल सामने आ रहा है। भगदड़ में साजिश की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार UP STF और महाकुंभ मेला की पुलिस इस घटना की साजिश के एंगल से जांच करने में जुटी हुई है। सूत्रों के मुताबिक घटना के समय मौजूद 2 लोगों ने बताया कि भगवा झड़ा लेकर कुछ लोग अचानक भीड़ में घुस आये थे। जिनके कारण से भगदड़ की शुरूआत हुई थी। इन दावों की पुष्टि के लिये सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
STF को उस वक्त एक्टिव कुछ मोबाइल फोन लगातार बन्द मिल रहे है। इससे भी साजिश की आशंका को बल मिल रहा है। एसटीएफ संगम नोज पर एक्टिव 16 हजार से अधिक मोबाइल फोन की चेकिंग की जा रही है। इनमें से 100 से अधिक नम्बर 24 घंटे सर्विलांस पर है। महाकुंभ में 28 जनवरी की देर रात लगभग 1.30 बजे संगम नोज इलाके में भगदड़ हुई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 लोगों की मौत हुई और 60 लोग घायल है।
AI से 120 संदिग्ध चेहरों की पहचान
एसटीएफ से जुड़े पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि घटनास्थल पर लगे कैमरों के फुटेज की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। सूत्रों के अनुसार तो 120 संदिग्ध चेहरों की एआई तकनीक से पहचान की गयी है। हालांकि अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। यूपी एसटीएफ ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है। उनकी एक टीम एसटीएफ के साथ काम कर रही है। जो वीडियो सामने आये है। उनकी भी फोरेंसिक एनालिसिस करवाई जा रही है।
STF के एडीजी पहुंचे महाकुंभ
STF के एडीजी अमिताभ यश भी अपनी टीम के साथ रविवार को महाकुंभ पहुंचे। उन्होंने संगम नोज का जायजा लिया। संगम में बोट से व्यवस्था देखी। पुलिस अफसरों से बात की।
इसलिए साजिश की आशंका
महाकुंभ शुरू होने से पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने धमकी भरा वीडियो जारी किया था। उसने महाकुंभ मेले में पीलीभीत एनकाउंटर का बदला लेने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद उसने धमकी दी थी। अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महाकुंभ को लेकर धमकी देने का मामला सामने आया था। इसकी जांच भी पुलिस कर रही है। IB और लोकल इंटेलिजेंस ने भी अघोरी के रूप में महाकुंभ में आतंकियों के गड़बड़ी की रिपोर्ट दी थी। महाकुंभ में भगदड़ के बाद सीएम योगी 1 फरवरी को अस्पताल पहुंचे और घायलों से मिलकर उनका हाल-चाल लिया।
‘जांच में सभी पहलू देखेंगे’
भगदड़ मामले की जांच कर रहे आयोग के सदस्य, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वीके गुप्ता से बात की। उनका कहना है कि ‘हम जांच कर रहे हैं कि क्या परिस्थितियां थीं, क्या कारण थे, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या साजिश के एंगल पर भी जांच कर रहे हैं। उनका जवाब था ‘परिस्थितियां और कारण में हम सभी चीजों को देखेंगे। सोशल मीडिया कंटेंट को भी देखेंगे, वीडियो की क्लिपिंग को भी देखेंगे। लोगों से बयान लेंगे।’
आगे क्या होगा?
फिलहाल, जांच जारी है और STF हर पहलू पर गौर कर रही है। जांच एजेंसियां अब भगदड़ में साजिश की संभावना पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। कल वसंत पंचमी का अमृत स्नान है, ऐसे में पुलिस और सुरक्षा एजेंसी हाई अलर्ट पर हैं।
महाकुंभ मेले में जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड़
भगदड़ के बाद महाकुंभ मेला कुछ खाली हो गया था। लेकिन वसंत पंचमी के स्नान के लिए फिर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि महाकुंभ में बिल्कुल भी डर नहीं लग रहा। यहां पर योगी सरकार की व्यवस्था बहुत अच्छी है। महिला सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। रविवार को एक करोड़से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
साजिश को लेकर क्या कहते हैं साधु-संत
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा- भगदड़ की घटना में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। जब से हम लोग प्रयागराज आए हैं, हमें टारगेट किया जा रहा। यह भी कहा गया कि जो गंगाजी में स्नान करेगा, वो पापी है। यह भी कहा गया कि गंगाजी का जलपान करने वाला बीमार हो जाएगा।
हमें लगता है कि जितने भी वामपंथी हैं, जितने भी सनातन विरोधी हैं, उनकी नजर हमारे कुंभ मेले को लग गई है। कुछ क्लिप ऐसे भी आए हैं जिनमें किसी माताजी ने यह भी कहा कि जब वह संगम नोज पर थीं, कुछ कच्छाधारी पहुंचे। करीब 10-11 की संख्या में वो लोग थे। उन्होंने माताओं-बहनों से धक्का-मुक्की की। इससे हमारी कुछ बहनें नीचे गिरीं। जब नीचे गिरीं, तो पीछे की भीड़ उनके ऊपर आ गई। फिर लोग गिरते गए और लोग ऊपर चढ़ते गए।