भ्रष्ट अधिकारियों की जांच के मामले में हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फेसला, चीफ जस्टिल को भेजा जायेगा मामला
ग्वालियर. MP हाईकोर्ट की युगल पीठ ने भ्रष्ट अधिकारियों की अभियोजन स्वीकृति पर महत्वपूर्ण फेसला दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार रोकने में किसी भी लोकसेवक पर आरोपों की जांच के लिये लोकायुक्त और उप लोकायुक्त एक स्वतंत्र निकाय बनाया है।
भ्रष्टाचार की जांच की अनुमति नहीं दिये जाने में लोकायुक्त अधिनियम 1981 मूल उद्देश्य ही खत्म हो जायेगा। यदि लोकायुक्त किसी के खिलाफ जांच कर रहा है। अभियोजन की मंजूरी नहीं दी जाती है। लोकायुक्त बिना दांत का बाध बन जायेगा।