डिजीटल अरेस्ट नहीं ऑनलाइन है ठगी, गैंग हवाला नेटवर्क चलाता था गिरोह, 4 टीमों की मदद से ऑपरेट करते थे ठग
जबलपुर. 2 दिन पहले जबलपुर स्टेट सायबर सेल और एसटीएफ ने 12 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया था। स्टेट सायबर ने बुधवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेशकर 2 सप्ताह का रिमांड लिया। पकड़े गये आरोपियों ने पूछताछ में कई खुलासे किये है। ऐसा पता चला है कि सतना निवासी अनजर हुसैन ने दिल्ली, गुडगांव, उत्तरप्रदेश, रायपुर, तमिलनाडु, हरियाणा और पश्चिम बंगाल समेत देश के कई राज्यों में अपनी गैंग फैलाई हुई है।
गिरोह के मेम्बर्स ग्रामीणों को चंद रूपये का लालच देकर उनका बैंक खाता किराये पर लेते, फिर इसके जरिये ना सिर्फ देश बल्कि दुबई में भी करोड़ों रूपये का ट्रांजेक्शन करते थे। हालांकि इस गिरोह का सरगना दिल्ली में बैठे एक व्यक्ति को बताया जा रहा है। जिसकी तलाश जारी है। स्टेट सायबर सेल का मानना है कि इस गैंग में सैकडों लोग हो सकते हैं। जिनकी लगातार तलाश की जा रही है। मामले को एटीएम ने टेरर फंडिंग से जोड़कर डेढ़ वर्ष पहले जांच शुरू की है। एटीएस ने जांच में पाया है कि यह सायबर फ्रॉड का मामला है। इसके बाद यह केस स्टे टसायबर सेल को ट्रांसफर किया गया है।
कम पढ़े-लिखे लोगों को बनाते थे निशाना
गैंग में अधिकतर लड़के पढ़े-लिखे थे। इनका टारगेट गांव के कम पढ़े-लिखे लोग होते थे। साइबर ठग बैंक खाता खुलवाने के नाम पर ग्रामीणों से आधार कार्ड और खाता खुलवाने के लिए अन्य दस्तावेज मांगते। फिर फोटो एडिट कर खाता खुलवाते। इस दौरान ओटीपी के लिए ठग अपना मोबाइल नंबर देते। बाद में इसी नंबर के आधार पर रुपए ट्रांसफर किया करते थे। ठगी के लिए सिर्फ प्राइवेट बैंक का उपयोग करते थे, क्योंकि यहां खाता बड़ी आसानी से खुल जाता है।