“तानसेन संगीत समारोह से एक दिन पहले दुर्लभ यंत्रों से गुंजायमान होगा ग्वालियर शहर
पूर्वरंग के तहत 14 दिसम्बर को संगीत की नगरी में 10 स्थलों पर होंगीं प्रस्तुतियाँ
ग्वालियर – तानसेन समारोह के एक दिन पहले संगीत की नगरी ग्वालियर में दुर्लभ वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियाँ गूँजेंगीं। “तानसेन संगीत समारोह” शताब्दी आयोजन को ध्यान में रखकर समारोह में इस बार नए आयाम जोड़े गए हैं। जिसके तहत तानसेन समारोह के एक दिन पहले यानि 14 दिसम्बर को पूर्वरंग के रूप में संगीत की नगरी ग्वालियर के 10 प्रमुख स्थलों पर दुर्लभ वाद्य यंत्रों की प्रस्तुतियां होंगीं। इनमें टाउन हॉल महाराज बाड़ा, बैजाताल, हस्सू-हद्दू खाँ सभागृह, जयविलास पैलेस, राजामानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय, शंकर गांधर्व महाविद्यालय, दत्त मंदिर, ग्वालियर किला व तानसेन कलावीथिका शामिल है।
पूर्व रंग के तहत 14 दिसम्बर को सायंकाल 4.30 बजे महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल में सतीश खानवलकर – अम्बरीष कालेले का मोहनवीणा वादन होगा। इसी तरह बैजाताल पर भूषण कोष्ठी द्वारा सुरबहार वादन व दत्त मंदिर में सुश्री भिमण्णा जाधव द्वारा सुंदरी की प्रस्तुति दी जायेगी। पूर्वरंग के तहत हस्सू-हद्दू खाँ सभागृह में सुश्री शारदा मुष्टी का रुद्रवीणा वादन, जयविलास पैलेस में सुश्री श्रुति अधिकारी का संतूर वादन, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय सौरभ चौरसिया का नालतरंग वादन, शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय में सुश्री अर्पिता शर्मा का रुद्रवीणा वादन, शंकर गंधर्व महाविद्यालय में हिमांशु सैनी का सरोद वादन, ग्वालियर किला पर उस्ताद अब्दुल सलाम नौशाद का क्लेरोनेट वादन एवं तानसेन कलावीथिका में पं. अवधेश द्विवेदी एवं अनमोल द्विवेदी का पखावज पर दुर्लभ वाद्यों की प्रस्तुतियां देंगे।
शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सुर सम्राट तानसेन की याद में 100वाँ तानसेन संगीत समारोह 15 से 19 दिसम्बर तक संगीत की नगरी ग्वालियर में आयोजित होने जा रहा है।