पुलिस बोली‘-बृजभूषण की गिरफ़तारी के लायक सबूत नहीं, पॉक्सो एक्ट में दर्ज कराने वाली रेसलर के बालिग होने का दावा

नई दिल्ली. रेसलर्स केस में दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा है कि डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण को गिरफ्तार करने लायक सबूत अभी तक नहीं मिले हैं। इस संबंध में एक और मोड आया है जिस महिला पहलवान ने पाक्सो के तहत बृजभूषण पर यौन शौषण का आरोप लगाया था। उसके बालिग होने का दावा किया जा रहा है।

दिल्ली पुलिस बोली
न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से बताया है कि रेसलर्स ने बृजभूषण के खिलाफ जो आरोप लगाये हैं। उन्हें साबित करने के लिये सबूत अभी नहीं मिले हैं। बृजभूषण न तो गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं और न ही सबूतों को मिटा रहे हैं। हम अगले 15 दिन में कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेंगे।
गलत हुआ तो गिरफ्तार हो जाऊंगा और फांसी लगा लूंगा- बृजभूषण
बृजभूषण शरणसिंह ने कहा है कि आगे आगे देखिये होता क्या है। जांच तो करने दीजिये। अब तो हमारे हाथ में खेल है नहीं, दिल्ली पुलिस के हाथ में हैं। उन्हीं पहलवानों के निवेदन पर एफआईआर हुई हैं। अब अब उनकी क्या मदद कर सकते हैं। गंगा जी में मेडल डालने गये थे। गंगा जी के बजाये टिकैत को दे दिये। मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है। गिरफ्तारी के सवाल पर कहा है कि अगर मैं गलत पाया गया तो गिरफ्तारी हो जायेगी। इतना ही नहीं,ह बृजभूषण सिंह ने फिर दोहराया कि अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित होता है। तो मैं स्वयं को फांसी लगा लूंगा।
पढ़िए.. इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरनास्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।

