धौलपुर से बीना के बीच रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम का काम शुरू
ग्वालियर. रेलवे ने ट्रेन टक्कररोधी और कोहरे के दौरान संचालन में मददगार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस कवच 4.0 प्रणाली का काम धौलपुर से बीना के बीच शुरू करा दिया है, जो मानवीय चूक से निपटने में सक्षम होगा। अभी स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली आमने-सामने की टक्कर रोकने पर काम करती रही है, लेकिन कवच 4.0 कम दृश्यता में मददगार साबित होगा। झांसी मंडल में धौलपुर से बीना के बीच 315.66 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग पर एआई आधारित कवच स्थापित कर इसे इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। इसके लिए करीब 40 लांग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) टावर स्थापित किए जाएंगे। बीना से बबीना सहित अलग-अलग सेक्शन में खोदाई का काम शुरू कर दिया गया है। दिल्ली-भोपाल रेल मार्ग पर पलवल से मथुरा के बीच कवच स्थापित कर टेस्टिंग भी हो गई है। धौलपुर-बीना रेलखंड पर यह काम एचबीएल इंजीनियरिंग और शिवाकृति इंटरनेशनल कंपनी को सौंपा गया है, जिन्हें 24 माह में कवच एक्टिवेट करके देना है। इस पर 240 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
स्वदेशी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है कवच 4.0
कवच 4.0 भारतीय रेलवे की स्वदेशी और विश्व स्तरीय स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है। इसे सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल-4 (एसआइएल-4) के मानकों पर डिजाइन किया गया है, जो ट्रेन की सटीक लोकेशन ट्रैक करने में मदद करेगा। टक्कर की संभावना समाप्त होगी। इसके लिए हर 10 किमी पर एलटीई टावरों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी और विद्युत आपूर्ति की जाएगी, जिसे ट्रेन और नियंत्रण प्रणाली के बीच रियल टाइम डेटा ट्रांसमिशन होगा और ट्रेनों के बीच दूरी मेंटेन करने में मदद मिलती है।
ट्रेन के इंजन में लगे कवच डिवाइस, स्टेशन कंट्रोलर और आरएफआइडी टैग के बीच दोतरफा संचार बना रहता है। आपात स्थिति में तुरंत ट्रेन रोकने का आदेश मिलता है। सिग्नल की अनदेखी होने या दूसरी ट्रेन पास आने पर स्वचलित ब्रेक लग जाता है। यह डिवाइस कोहरे के कारण कम दृश्यता में भी प्रभावी हैं।

