MP को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए बड़ी कवायद, विकसित की जाएंगी 5 ईवी मॉडल सिटी
भोपाल. पैट्रोल, डीजल, सीएनजी वाहन जल्द ही बीते जमाने की बात हो जाएंगे। अब इलेक्ट्रिक वाहनों यानि ईवी का दौर है जिसके लिए मध्यप्रदेश भी कदमताल कर रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला एमपी, देश का पहला राज्य है। इस नीति में रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में चार्जिंग और स्वैपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाने में तेजी लाने के प्रयासों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जा रहा है। इतना ही नहीं, मध्यप्रदेश में ईवी बनने की क्षमता को देखते हुए इसे मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए भी कोशिश की जा रही है। राज्य सरकार ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए
मप्र में इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा
9 सितम्बर को विश्व ईवी दिवस है। इस मौके पर विशेष संदेश देते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन जनसहयोग से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में तेजी लाने के लिए सबसे प्रभावी समाधान हैं। उन्होंने विश्व ईवी दिवस पर लोगों से कार्बन उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है। मध्यप्रदेश में जल्दी ही इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा। प्रदेश में ईवी उद्योग के लिए जरूरी कौशल के साथ कार्यबल तैयार करने के लिए नीति में इंजीनियरिंग कालेजों और आईटीआई में ईवी संबंधित पाठयक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
5 प्रमुख नगरों को ईवी मॉडल सिटी बनाया जा रहा
विशेषज्ञों और अधिकारियों के अनुसार मध्यप्रदेश में ईवी बनने की क्षमता भी है। इसे ध्यान में रखते हुए एमपी को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। खास बात यह भी है कि प्रदेश के 5 प्रमुख नगरों को ईवी मॉडल सिटी बनाया जा रहा है। राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में स्थापित किया जाएगा।