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MP में मोहन यादव मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के चलते विधायक और मंत्री एक्टिव

भोपाल. मध्य प्रदेश में मोहन यादव मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के चलते भाजपा विधायक और मंत्री एक्टिव हो गए हैं। कोई मंत्री बनने की जुगाड़ में है, तो कोई मंत्री पद बचाने के लिए फिल्डिंग में जुटा है। राजधानी में बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ। इस दौरान मंच पर तीन मंत्री और एक विधायक मौजूद थे। सभी सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ मंच पर ही गुफ्तगू करते नजर आए। मंत्री विजय शाह और मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की कुर्सी मुख्यमंत्री की कुर्सी के अगल-बगल में लगी थी। ऐसे में जब भी मौका मिला वे सीएम से बात करते रहे।

भोपाल में एक कार्यक्रम के मंच पर मंत्री और विधायक लगातार सीएम से बात करते नजर आए।
खास बात ये है कि जब मंत्री राव उदय प्रताप सिंह संबोधन के लिए उठे तो उनके पास बैठे भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी अपनी जगह से उठकर सीएम के पास राव उदय प्रताप सिंह की कुर्सी पर बैठ गए और सीएम से चर्चा करने लग गए। इसी तरह जब मंत्री विजय शाह संबोधन के लिए उठे तो उनकी कुर्सी पर मंत्री कृष्णा गौर बैठ गई और सीएम से बात करने लगी। हालांकि जब दोनों नेता अपने-अपने संबोधन के बाद लौट तो सबनानी और कृष्णा गौर फिर से अपनी जगह बैठ गए। अब इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मंच पर सीएम से चर्चा करते मंत्री और विधायक को लेकर लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल से जोड़कर देख रहे हैं।

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ग्वालियर में हाई टेंशन लाइन गिरने से 8 गोवंश की मौत

ग्वालियर. जनकगंज थाना क्षेत्र के तारागंज में गुरुवार एक बिजली की हाई टेंशन लाइन अचानक जमीन पर गिर गई। इसकी चपेट में आने से वहां बैठी आठ गायों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना दोपहर 2:00 से 2:30 बजे की है। घटना की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता और नेता मौके पर पहुंच गए। जहां उन्होंने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस बल भी घटनास्थल पर जा पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और हंगामा कर रहे हैं बजरंग दल के नेता और कार्यकर्ताओं को दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर मामला शांत करवा दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।

हाईटेंशन लाइन से ग्वालियर में मृत गोवंश।
एमपी में 23 गोवंश की मौत
मध्य प्रदेश में इन्फेक्शन से 23 गोवंश की मौत हो गई। जबलपुर नगर निगम की गोशाला में गुरुवार को 8 गोवंश के मृत पाए गए। जानकारी लगते ही गोसेवक भी यहां पहुंच गए और हंगामा कर दिया। गोसेवकों का आरोप है कि गोवंश के लिए शासन से पर्याप्त अनाज-भूसा आ रहा है, लेकिन निगम अधिकारियों की मिलीभगत से गायों का भोजन चोरी हो रहा है। नतीजतन गोवंश की मौत हो रही है।

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126 साल पुराने रजिस्ट्री के नियम बदल रहे, ऑनलाइन में MP का मॉडल हो सकता है स्वीकार

ग्वालियर. दरअसल मध्य प्रदेश में रजिस्ट्री के लिए संपदा-2 सॉफ्टवेयर लागू किया गया है। यह सॉफ्टवेयर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस की तकनीक पर काम करता है, रजिस्ट्री की जो लंबी प्रोसेस थी, उस प्रोसेस को कम कर दिया है। क्रेता-विक्रेता के उप पंजीयक के सामने खड़े पांच मिनट के भीतर पक्षकार के पास ई रजिस्ट्री पहुंच जाती है। संपदा-2 अप्रेल से विभाग में कार्य कर रहा है। इसके अलावा कहीं से भी बैठकर व्यक्ति रजिस्ट्री कर सकता है। वर्तमान में पावर ऑफ अटॉर्नी की व्यवस्था ऑनलाइन है। इसके लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। आधार से बायोमेट्रिक व फोटो लेने का तरीका मध्य प्रदेश में देखने को मिला है।
1899 में लागू हुआ था स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट
देश में स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट 1899 में लागू हुआ था। यह एक्ट अंग्रेजों के समय पर बनाया गया था। तभी से यह एक्ट चला आ रहा है, लेकिन राज्यों ने अपने हिसाब से बदलाव भी किए।
मध्य प्रदेश में 2015 के पहले मैनुअल स्टांप पर रजिस्ट्री होती थी, लेकिन 2015 में संपदा-1 लागू किया गया। ई स्टांप की व्यवस्था लागू हुई। ऑनलाइन रजिस्ट्री होने लगी।
संपदा-1 सॉफ्टवेयर पर 10 साल काम किया गया। अब संपदा-2 आ गया है। इस सॉफ्टवेयर में संपत्ति के विक्रय में होने वाले फर्जीवाड़े की संभावना को खत्म कर दिया है, क्योंकि सब कुछ आधार के माध्यम से हो रहा है।
गवाह की जरूरत नहीं
संपदा-2 में क्रेता-विक्रेता को गवाह की जरूरत नहीं है। सिर्फ दोनों की उपस्थित पर रजिस्ट्री होती है। इससे कार्यालय में भीड़ कम हुई है। रजिस्ट्री को संभालकर रखने की भी जरूरत नहीं है। कभी ई रजिस्ट्री निकाल सकते हैं।
टोकन सिस्टम लागू है। यदि एक उप पंजीयक के यहां रजिस्ट्री संपादित हो रही है तो दूसरे के यहां पहुंच जाएगी। वीआइपी कल्चर खत्म कर दिया है। नंबर से ही रजिस्ट्री उप पंजीयक के सामने खुलेगी।
ग्रामीण विकास मंत्रालय का दल आया है। रजिस्ट्री की ऑनलाइन प्रक्रिया देख रहे हैं।

 

 

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धौलपुर से बीना के बीच रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम का काम शुरू

ग्वालियर. रेलवे ने ट्रेन टक्कररोधी और कोहरे के दौरान संचालन में मददगार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस कवच 4.0 प्रणाली का काम धौलपुर से बीना के बीच शुरू करा दिया है, जो मानवीय चूक से निपटने में सक्षम होगा। अभी स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली आमने-सामने की टक्कर रोकने पर काम करती रही है, लेकिन कवच 4.0 कम दृश्यता में मददगार साबित होगा। झांसी मंडल में धौलपुर से बीना के बीच 315.66 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग पर एआई आधारित कवच स्थापित कर इसे इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। इसके लिए करीब 40 लांग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) टावर स्थापित किए जाएंगे। बीना से बबीना सहित अलग-अलग सेक्शन में खोदाई का काम शुरू कर दिया गया है। दिल्ली-भोपाल रेल मार्ग पर पलवल से मथुरा के बीच कवच स्थापित कर टेस्टिंग भी हो गई है। धौलपुर-बीना रेलखंड पर यह काम एचबीएल इंजीनियरिंग और शिवाकृति इंटरनेशनल कंपनी को सौंपा गया है, जिन्हें 24 माह में कवच एक्टिवेट करके देना है। इस पर 240 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
स्वदेशी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है कवच 4.0
कवच 4.0 भारतीय रेलवे की स्वदेशी और विश्व स्तरीय स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है। इसे सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल-4 (एसआइएल-4) के मानकों पर डिजाइन किया गया है, जो ट्रेन की सटीक लोकेशन ट्रैक करने में मदद करेगा। टक्कर की संभावना समाप्त होगी। इसके लिए हर 10 किमी पर एलटीई टावरों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी और विद्युत आपूर्ति की जाएगी, जिसे ट्रेन और नियंत्रण प्रणाली के बीच रियल टाइम डेटा ट्रांसमिशन होगा और ट्रेनों के बीच दूरी मेंटेन करने में मदद मिलती है।
ट्रेन के इंजन में लगे कवच डिवाइस, स्टेशन कंट्रोलर और आरएफआइडी टैग के बीच दोतरफा संचार बना रहता है। आपात स्थिति में तुरंत ट्रेन रोकने का आदेश मिलता है। सिग्नल की अनदेखी होने या दूसरी ट्रेन पास आने पर स्वचलित ब्रेक लग जाता है। यह डिवाइस कोहरे के कारण कम दृश्यता में भी प्रभावी हैं।

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कार-ट्रक की टक्कर में 3 वेटनरी डॉक्टर्स की मौत, 4 घायल

गुना. बजरंगगढ़ थाना क्षेत्र के भिलेरा गांव के पास बुधवार रात करीब 2 बजे तेज कार और ट्रक की टक्कर में 3 युवा वेटनरी डॉक्टर्स की मौत हो गई। 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी युवक अपने दोस्त की शादी से लौट रहे थे। दो घायलों को हालत गंभीर होने पर भोपाल रेफर किया गया है। बाकी का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस के मुताबिक, कार गुना की तरफ से आ रहे लगभग 12-पहिया ट्रक से टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसके परखच्चे उड़ गए। टक्कर से ट्रक भी नियंत्रण खोकर सड़क पर घूम गया और पलट गया।

हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए। - Dainik Bhaskar
राहगीर ने दी सूचना
रात का समय होने के कारण सड़क पर आवाजाही नहीं थी। हादसे में घायल युवक काफी देर तक सड़क पर पड़े कराहते रहे। बाद में एक राहगीर वहां से निकला, जिसने मौके का हाल देखकर तुरंत डायल-112 पर कॉल किया। सूचना मिलने पर पुलिस टीम पहुंची। कार बुरी तरह दब जाने के कारण टीम को कई घंटे मशक्कत करनी पड़ी। सभी घायलों और मृतकों को कार के मलबे से निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने 3 युवकों को मृत घोषित कर दिया। 2 घायलों की हालत गंभीर होने पर उन्हें भोपाल रेफर किया गया।

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ग्वालियर में युवक पर पुरानी रंजिश में लात-घूसों और डंडों से हमला, पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी

ग्वालियर. पुरानी रंजिश के चलते एक युवक को तीन बदमाशों ने लात-घूसों और डंडों से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने भी आया है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत और वीडियो के आधार पर तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।


सड़क पर पटककर लात-घूसों और डंडे से पिटा
यह घटना महाराजपुरा थाना क्षेत्र के संजय पुल के पास बुधवार रात करीब 8:00 बजे हुई। गदाईपुरा निवासी 19 वर्षीय योगेश दुबे बिरला नगर के एक मंदिर से दर्शन कर घर लौट रहा था। तभी रास्ते में शशिकांत परमार और आयुष लोधी ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर उसे रोक लिया। बदमाशों ने योगेश के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। जब योगेश ने इसका विरोध किया, तो तीनों ने मिलकर उस पर हमला कर दिया। उन्होंने योगेश को सड़क पर पटककर लात-घूसों और डंडे से पीटना शुरू कर दिया। इस मारपीट में योगेश के सिर और हाथ में चोटें आई हैं।
पुलिस ने जांच कर कार्रवाई की कही बात
मामले की जानकारी देते हुए हजीरा थाना सर्किल के सीएसपी नागेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि पुरानी रंजिश का बदला लेने दो युवकों ने अपने एक साथी के साथ मिलकर एक युवक के साथ मारपीट करती थी। मारपीट का एक वीडियो भी सामने आया है, पीड़ित युवक की शिकायत पर मारपीट करने वाले तीन बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

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पीतांबरा मंदिर के मुख्य द्वार के 8 पिलर बुधवार रात अचानक ढह गए, मौजूद दर्शनार्थी भी दहल गए

मुख्य गेट का निर्माण 10 करोड़ रुपए में किया जा रहा है। 12 पिलर रखे हुए थे। 12 में 8 पिलर गिरे। - Dainik Bhaskarदतिया. पीतांबरा मंदिर के निर्माणाधीन मुख्य द्वार के आठ पिलर बुधवार रात अचानक ढह गए। गनीमत यह रही कि उस दौरान निर्माण कार्य बंद हो चुका था, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता। निर्माणाधीन मुख्य द्वार का एक हिस्सा अचानक तेज धमाके जैसी आवाज के साथ भरभराकर ढहा तो मंदिर में मौजूद दर्शनार्थी भी दहल गए। सभी जब निर्माण स्थल की ओर पहुंचे तो वहां गेट के लिए तैयार किए जा रहे 12 पिलरों में से आठ पिलर पूरी तरह ढहकर जमींदोज नजर आए। पीतांबरा पीठ पर यह निर्माण कार्य लगभग एक वर्ष से चल रहा है। मुख्य द्वार के लिए इन पिलरों को तैयार किया जा रहा था।
हादसे के बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हुए
गनीमत रही कि हादसे के समय आसपास कोई मजदूर मौजूद नहीं था, वरना बड़ा जानमाल का नुकसान हो सकता था। घटना के बाद पूरा क्षेत्र धूल से भर गया। हादसे के बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पिलरों के इस तरह गिर जाने से तकनीकी खामियों, डिजाइन त्रुटियों और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल किए जाने लगे हैं। फिलहाल निर्माण से जुड़े अधिकारी और ठेकेदार स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने स्थिति का निरीक्षण किया।
कार्य लगभग एक वर्ष से चल रहा
बता दें कि मंदिर के सुंदरीकरण कार्य के तहत दाे मुख्य द्वार आने और जाने के लिए बनाकर तैयार किए जाने का कार्य लगभग एक वर्ष से चल रहा है। इस कार्य को देखते हुए मंदिर के प्रमुख सिंहद्वार को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। निर्माण स्थल भी सुरक्षा की दृष्टि से चारों तरफ से पीठ प्रबंधन ने कवर करा रखा था, ताकि श्रद्धालुओं का आवागमन उस ओर न हो सके। वहीं जब हादसा हुआ तब रोजमर्रा का काम कर मजदूर भी जा चुके थे। पीतांबरा पीठ पर मुख्य द्वार निर्माण कार्य के दौरान बनाए गए आठ पिलर तकनीकी खामी के कारण गिरे हैं। संभवत उन पर अधिक भार आने के कारण यह हुआ है। इसे लेकर जांच कराई जाएगी, ताकि आगे निर्माण कार्य में कोई खामी न रह सके। यह कार्य उदयपुर की रुपम कंस्ट्रेक्शन कंपनी कर रही है।
महेश दुबे, व्यवस्थापक पीतांबरा पीठ दतिया

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दिल्ली ब्लास्ट में शामिल MP में आतंकी के परिजन के मकान पर नोटिस

महू. महू में दिल्ली ब्लास्ट में शामिल आतंकियों के पनाहगार अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन मोहम्मद जवाद अहमद सिद्दीकी के पुश्तैनी मकान का निर्माण अवैध पाया गया है। छावनी परिषद ने इस मकान पर अनाधिकृत निर्माण हटाने का नोटिस चस्पा किया है। यदि तीन दिन में निर्माण नहीं हटाया गया, तो छावनी परिषद इसे तोड़ने की कार्रवाई करेगी। यह मकान महू के मुकेरी मोहल्ला स्थित मकान नंबर 1371 है। यह जवाद के पिता हम्माद सिद्दीकी के नाम पर बताया जा रहा है। छावनी परिषद में भी यह मकान हम्माद सिद्दीकी के नाम पर ही दर्ज है।


अधिकारी बोले अवैध निर्माण हटाने पहले भी 3 नोटिस दिए
छावनी परिषद महू के सीईओ विकास कुमार ने बताया कि बिना अनुमति किए गए निर्माण को हटाने के लिए पहले भी तीन नोटिस जारी किए जा चुके हैं। पहला नोटिस 23 दिसंबर 1996 को, यानी 29 साल पहले दिया गया था। इसके बाद 2 नवंबर 1996 को छावनी अधिनियम 1924 की धारा 185 और 27 मार्च 1997 को इसी अधिनियम की धारा 256 के तहत नोटिस जारी किए गए थे। इन नोटिसों के बावजूद जवाद के परिजनों ने अनाधिकृत निर्माण नहीं हटाया।

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ग्वालियर में कांग्रेस के विधानसभा प्रभारी पर लात–घूंसों और बंदूक के बट से हमला

ग्वालियर. देर रात घर के बाहर कांग्रेस नेता सत्येंद्र सिंह कुशवाह पर करीब 5 बदमाशों ने हमला कर दिया। उस वक्त वे एक शादी समारोह से लौटे थे और घर के बाहर कार पार्क कर रहे थे। जैसे ही उन्होंने कार का गेट खोला, बदमाशों ने उन्हें सड़क पर पटक दिया। वे ताबड़तोड़ लात-घूंसों और बंदूक के बट से पीटने लगे।

हमलावर कांग्रेस नेता सत्येंद्र सिंह को घर के सामने पीटते रहे। - Dainik Bhaskar
अस्पताल पहुंचाकर पुलिस काे सूचना दी
सत्येंद्र सिंह कुशवाह बचने के लिए जद्दोजहद करते रहे, लेकिन रात का समय होने के कारण कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। हमलावरों ने कांग्रेस नेता को तब तक पीटा, जब तक कि वह अधमरे नहीं हो गए। शोर सुनकर परिजन घर के बाहर निकले। इसके बाद हमलावर भाग निकले। परिजनों ने घायल कांग्रेस नेता को अस्पताल पहुंचाकर पुलिस काे सूचना दी है।
दिन में हमलावरों से कहासुनी हुई थी
घटना मेला ग्राउंड के पास न्यू विवेक विहार में रात 2 बजे की है। परिजनों ने गंभीर हालत में नेता को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया है। पूरी वारदात पास ही लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई है। दो हमलावरों के चेहरे खुले थे, जबकि तीन नकाबपोश थे। बताया जा रहा है कि जमीन विवाद को लेकर कांग्रेस नेता की मंगलवार को दिन में हमलावरों से कहासुनी हुई थी। पुलिस ने केस दर्ज कर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है।
सत्येंद्र सिंह का विवाद शैलू राजावत और रामेंद्र सिंह राजावत से चल रहा है
थाटीपुर स्थित न्यू विवेक विहार निवासी सत्येंद्र सिंह कुशवाह मूल रूप से मछंड लहार भिंड के रहने वाले हैं। वह प्रॉपर्टी कारोबारी होने के साथ-साथ सेवढ़ा विधानसभा में कांग्रेस के विधानसभा प्रभारी हैं। गांव की एक जमीन को लेकर सत्येंद्र सिंह का विवाद शैलू राजावत और रामेंद्र सिंह राजावत से चल रहा है। उसी जमीन को लेकर मंगलवार दोपहर में गोला का मंदिर थाना क्षेत्र की रणधीर कॉलोनी में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे और जमकर कहासुनी हुई थी। उस समय वहां मौजूद लोगों ने जैसे-तैसे मामला शांत कराया। सत्येंद्र का कहना है कि दूसरा पक्ष उस समय तो वहां से चला गया था, लेकिन रात में घर पहुंचते ही हमला कर दिया।

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MP के IAS अधिकारी को मिली बड़ी जिम्मेदारी, केंद्रीय कृषि मंत्रालय में बने डायरेक्टर

भोपाल. मध्य प्रदश के आईएएस अफसर को केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। एमपी कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी अविनाश लवानिया को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुला लिया गया है। केंद्र सरकार ने अविनाश लवानिया को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में डायरेक्टर पद पर नियुक्त किया है।
दिल्ली में जल्द पदभार करेंगे ग्रहण
जानकारी के मुताबिक, यह नियुक्ति सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के अंतर्गत 5 साल के लिए की गई है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से राज्य की मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में आईएएस लवानिया को तुरंत राज्य सरकार की ड्यूटी से मुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। नए आदेश के बाद वे जल्द ही दिल्ली में पदभार ग्रहण करेंगे।
वर्तमान में अविनाश लवानिया जबलपुर में पदस्थ
बता दें कि, आईएएस अधिकारी अविनास लवानिया वर्तमान में मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर पदस्थ हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के आदेश के बाद अब वे जल्द ही दिल्ली में पदभार ग्रहण करेंगे। जानकारी के मुताबिक, अविनाश लवानिया इससे पहले मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं और ऊर्जा क्षेत्र में उनके कार्यों की सराहना होती रही है।