Newsमप्र छत्तीसगढ़

CD की प्रमाणिकता पर याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज, 65बी प्रमाण पत्र और मौलिकता का फैसला ट्रायल में किया जायेगा

ग्वालियर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच की युगल पीठ ने भ्रष्टाचार अधिनियम से जुड़े एक मामले में विशेष शास्त्र न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का खारिज कर दिया है। दरअसल, भिंड के मालनपुर में लोकायुक्त पुलिस ने प्रधान आरक्षक मनीष पचौरी को रिश्वत लेते हुए दबोचा था। जांच के दौरान पुलिस ने बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग की और उसका ट्रांसक्रिप्ट बनाकर उसे सीडी में सुरक्षित किया था।
मनीष पचौरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि पुलिस ने जो सीडी दी है वह मूल (ओरिजनल) नहीं बल्कि कॉपी है। निष्पक्ष सुनवाई के लिये उसे मूल रिकॉर्डिंग डिवाइस, उसकी क्लोन कॉपी और पूरा डिजीटल डाटा दिया जाना चाहिये था। इसलिये ट्रायल शुरू करने से पहले इस सीडी की सही या गलत होने की जांच होनी चाहिये।
ग्वालियर हाईकोर्ट की युगल पीठ ने कहा
अभी प्रारंभिक चरण है। इस वक्त सीडी की प्रामाणिकता, 65-बी सर्टिफिकेट की वैधता या रिकॉर्डिंग असली है या नहीं, ये सवाल ट्रायल के दौरान, साक्ष्य और जिरह में तय होंगे।
अभी इन मुद्दों पर रोक लगाना या ट्रायल रोके रखना ठीक नहीं है।
अभियोजन (लोकायुक्त) ने बताया कि जो सीडी आरोपी को दी गई है, वही सीडी कोर्ट में भी पेश की गई है, इसलिए उसे “डब्ड” या बदली गई मानने का कोई आधार नहीं है।
मूल रिकॉर्डिंग डिवाइस जब रिकॉर्ड में नहीं है, तो उसे आरोपी को उपलब्ध कराने का सवाल भी नहीं उठता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *