हैरीटेज, जंगल सफारी व वाटर स्पोर्ट्स टूरिज्म को शामिल कर बनेगा ग्वालियर का पर्यटन मास्टर प्लान

ग्वालियर – विस्तृत पर्यटन मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इस सिलसिले में कलेक्टर रुचिका चौहान ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर मास्टर प्लान में सहयोग करने के निर्देश दिए। मास्टर प्लान तैयार करने के लिये शासन द्वारा आईपीई ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कंसलटेंट नियुक्त किया गया है। हैरीटेज, वाइल्ड लाइफ व जंगल सफारी एवं वाटर स्पोर्ट्स टूरिज्म को शामिल कर ग्वालियर का पर्यटन मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में जानकारी दी गई कि तिघरा क्षेत्र में वाटर टूरिज्म, जिले में स्थित सेंचुरी क्षेत्र में जंगल सफारी व वाइल्ड लाइफ टूरिज्म व ग्वालियर शहर में हैरीटेज आधारित टूरिज्म को बढ़ावा दिया जायेगा। तिघरा क्षेत्र में टूरिज्म के लिये लगभग 200 हैक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। शहर में स्थित बारादरी, बैजाताल व महाराज बाड़ा को भी पर्यटन मास्टर प्लान में शामिल किया जायेगा।
संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट, भदावना एवं मिट्टी से निर्मित एशिया के सबसे बड़े बांध हरसी को रूरल टूरिज्म को जिले के पर्यटन मास्टर प्लान में स्थान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपने आप में ऐतिहासिक विरासत समेटे हुए इन क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनायें हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन मास्टर प्लान को इस प्रकार से अंतिम रूप दें, जिससे आगरा – ग्वालियर – ओरछा टूरिस्ट सर्किट के भ्रमण पर आने वाले पर्यटक ग्वालियर में रात्रि विश्राम करने के लिये आकर्षित करें। इसके लिये पर्यटकों के लिये आवश्यक सुविधायें जुटाने के साथ-साथ शहर के पर्यटन स्थलों में नए आकर्षण विकसित किए जाएं। जिले के मास्टर प्लान में समीपवर्ती मुरैना जिले में स्थित ककनमठ, बटेश्वर मंदिर श्रृंखला, पढ़ावली व मितावली से ग्वालियर को जोड़ते हुए टूरिस्ट सर्किट का प्रावधान करें। बैठक में संबंधित अधिकारी एवं कंसलटेंट कंपनी, आईपीई ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि मौजूद थे।

