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झांसी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें कैंसिल, 26 नवंबर से बदलेंगे रूट

भोपाल. झांसी रेलवे स्टेशन पर मरम्मत कार्य के चलते यात्रियों को अगले कुछ महीनों तक बड़ी असुविधा झेलनी पड़ेगी। प्लेटफार्म नंबर तीन और सात के वाशबेल एप्रन की मरम्मत होने के कारण 25 नवंबर से झांसी एक्सप्रेस सहित कुल 22 ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह मरम्मत कार्य लंबे समय से लंबित था, जिसके कारण अब ट्रेनों का संचालन अस्थायी रूप से प्रभावित किया जा रहा है।
रेलवे ने बताया कि यदि यात्री 25 नवंबर के बाद झांसी की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो उन्हें अपनी ट्रेनें अच्छी तरह जांच लेनी चाहिए, क्योंकि बड़ी संख्या में सेवाएँ प्रभावित होंगी। रद्द की गई ट्रेनों में आगरा कैंट-झांसी एक्सप्रेस, झांसी-इटावा एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ शामिल हैं, जो 25 नवंबर से 8 जनवरी तक बंद रहेंगी। वहीं, झांसी-आगरा एक्सप्रेस और इटावा-झांसी एक्सप्रेस 26 नवंबर से 9 जनवरी 2026 तक रद्द रहेंगी।

 

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आज से 16 कोच के साथ चलेगी इंदौर–नागपुर वंदे भारत

इंदौर. पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल की इंदौर-नागपुर-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस को यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सोमवार से स्थायी रूप से 16 कोच के साथ चलाया जाएगा। आठ अतिरिक्त कोच जोड़ने के बाद ट्रेन की बैठने की क्षमता दोगुनी हो गई है। पहले यह ट्रेन आठ कोच के साथ चलती थी, जिसमें 526 सीटें उपलब्ध थीं। अब 16 कोच होने के बाद सीट क्षमता बढ़कर 1124 हो गई है। इससे यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने में आसानी होगी और सुविधा भी बढ़ेगी।
टाइम टेबल में कोई बदलाव नहीं
ट्रेन की समय-सारिणी पूर्ववत ही रहेगी। पहले दिन सीसी, सीसी तत्काल और ईसी श्रेणी में सीटें उपलब्ध थीं, लेकिन रविवार रात को ही ईसी तत्काल की सभी सीटें फुल हो गईं और यात्रियों को नो मोर बुकिंग का संदेश दिखाई दिया। खास बात यह रही कि एग्जीक्यूटिव क्लास तत्काल की टिकटों की बुकिंग सबसे ज्यादा हुई।

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सिटीसेंटर पॉश इलाकों में 2 स्पा सेंटर पर रेड, ब्लैक पर्ल, SS आयुर्वेदा सेंटर पर छापामार कार्रवाई की

ग्वालियर. रविवार की शाम पुलिस ने सिटीसेंटर जैसे पॉश इलाकों में 2 स्पा सेंटर पर रेड की है। दोनों स्पा सेंटर से 7 युवतियां और 4 युवक कमरों में आपत्तिजनक अवस्था में मिले हैं। ब्लैक पर्ल और एसएस आयुर्वेदा मसाज एंड स्पा सेंटर से काफी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट की सूचना पर पुलिस ने ASP विदिता डागर के नेतृत्व में यह छापामार कार्रवाई की है। पुलिस ने स्पा सेंटर में मिली लड़कियों और लड़कों को महिला थाना पहुंचाया है। लड़कियां अन्य शहरों, प्रदेश की बताई जा रही हैं। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस को पता लगा है कि एक पुरुष और महिला दोनों स्पा सेंटर में अनैतिक गतिविधियां संचालित कर रही थी। जिस पर दोनों स्पा सेंटर के संचालक पर अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।
पुलिस टीम तैयार कर दोनों स्पा सेंटर पर एक साथ दबिश दी
शहर की ASP  विदिता डागर ने बताया कि पुलिस लगातार स्पा सेंटर व मसाज पार्लर पर चेकिंग कर रही थी। इसी सिलसिले में रविवार शाम को सूचना मिली थी कि सिटीसेंटर कैलाशविहार में चिरायु हॉस्पिटल के पास ब्लैक पर्ल स्पा सेंटर व एसएस आयुर्वेदा स्पासेंटर में सेक्स रैकेट चल रहा है। लगातार यहां अलग-अलग लड़कियां व लड़के देखे जा रहे हैं। जिस पर DSP महिला सेल शिखा सोनी, CSP हिना खान, TI इंदरगंज दीप्ति तोमर, महिला थाना प्रभारी रश्मि भदौरिया के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीम तैयार कर दोनों स्पा सेंटर पर एक साथ दबिश दी गई।
पुलिस की टीम जब सिटी सेंटर जैसे पॉश इलाके में इन स्पा सेंटर के अंदर पहुंची तो यहां का अलग ही नजारा था। यहां ब्लैक पर्ल स्पा सेंटर में अंदर कमरे में एक युवक-युवती आपत्तिजनक अवस्था में मिले हैं। जबकि पास ही के रूम में एक अन्य युवती भी बैठी मिली।
पुलिस ने अपना व्यक्ति कस्टमर बनाकर वहां भेजा
इसी तरह से एसएस आयुर्वेदा में भी लड़के-लड़कियां आपत्तिजनक अवस्था में बेड पर मिले। पुलिस ने पहले अपना एक व्यक्ति कस्टमर बनाकर वहां भेजा था, जब उससे डील हो गई और यकीन हो गया कि अंदर अनैतिक देह व्यापार गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, उसके बाद पुलिस ने दबिश दी है। पुलिस ने मौके से पकड़े गए सभी युवक-युवतियों को महिला थाना पहुंचाया है।
दो हजार से पांच हजार तक की सेवा
पकड़े गए स्पा सेंटर के मैनेजरों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जब पूछताछ की है, जिस पर पता लगा है कि यहां दो हजार से लेकर पांच हजार रुपए तक में स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट की सुविधा दी जा रही थी। लड़की की उम्र जितनी कम होती थी, सर्विस चार्ज उतना ज्यादा होता था।
पकड़ी गई युवतियां दिल्ली, ग्वालियर, मुरैना की
स्पा सेंटर से पकड़ी गई युवतियों के बारे में पता लगा है कि इनमें ज्यादातर लड़कियां दिल्ली, यूपी और एमपी के टीकमगढ़, मुरैना व ग्वालियर के शहरों से आई हैं। इनको एक एजेंट ने यहां भेजा था। युवतियों को हर दिन के हिसाब से पैसा दिया जाता था। इसमें कई लड़कियां ऐसी भी हैं, जिनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। युवतियों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।

 

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ग्वालियर से नागपुर तक सिक्स-लेन कॉरिडोर बनाने की तैयारी,9 जिलों से गुजरेगा सिक्स-लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर

ग्वालियर. मध्य प्रदश को जल्द ही एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। ग्वालियर से बैतूल होते हुए सीधा नागपुर तक सिक्स-लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। जो कि राज्य के 9 जिलों से होकर गुजरेगा। जिससे मात्र 17 घंटे में ही नागपुर की दूरी तय हो जाएगी।
इन 9 जिलों से गुजरेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर
सिक्स-लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, भोपाल, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल होते हुए नागरपुर में एंट्री करेंगा। इसके लिए जिलों में एक-एक इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाया जाएगा। इसके चलते यूपी-एमपी और महाराष्ट्र की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। प्रदेश के खजुराहो, सांची, पन्ना टाइगर रिजर्व, पचमढ़ी, सतपुड़ा, कूनो नेशनल पार्क टूरिस्टों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
ग्वालियर-आगरा हाइवे से नागपुर-पुणे-मुंबई हाइवे जुड़ेगा
ग्वालियर-नागपुर के बीच लिए सीधा हाईवे बनाने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सहमति मिली है। फिजिबिलिटी सर्वे के लिए मालवीय कंपनी को जिम्मा सौंपा गया है। इसमें यह देखा जाएगा कि कितना ट्रैफिक मिलेगा।

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ग्वालियर में आउटसोर्स कर्मियों की 7 दिन की कटी सैलरी

ग्वालियर. मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में लापरवाही पर आउटसोर्स कर्मियों का 7 दिन का वेतन काटने के साथ जेडओ को नोटिस जारी किया है। निगमायुक्त संघप्रिय ने बताया कि बीएलओ के सहयोग के लिए लगाए गए आउटसोर्स कर्मियों की उपस्थिति की कलेक्टर कार्यालय में संयुक्त समीक्षा बैठक में जांच की गई, तो पता चला कि कई कर्मचारी निर्धारित मतदान केंद्रों पर ड्यूटी के दौरान मौजूद नहीं थे। इससे पुनरीक्षण और डिजिटलीकरण कार्य प्रभावित हुआ।
काट दिया वेतन
निगम द्वारा जारी सूची में कुल 11 कर्मियों को अनुपस्थित पाया गया। इसमें मतदान केंद्र क्रमांक 116 नीलूश यादव, 117 हिमांशु शर्मा, 118 हृदेश शर्मा, 119 विनय दीक्षित, 120 अरुण सिंह, 121 शुभमजन सिंह, 122 निखिल यादव, 199 पंकज यादव, 153 जीतेंद्र कुमार, 123 दीपक पाल, 198 अभिषेक यादव शामिल हैं। निर्वाचन जैसे संवेदनशील कार्य में लापरवाही को गंभीर मानते हुए निगम ने सभी अनुपस्थित आउटसोर्स कर्मियों के सात दिन का वेतन काटा गया। इधर, विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में उदासीनता बरतने पर क्षेत्राधिकारी (जेडओ) क्षेत्र क्रमांक 22 उत्पल सिंह भदौरिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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ताज एक्सप्रेस झांसी की जगह ग्वालियर से संचालित होगी

ग्वालियर. आने वाले दिनों में अगर आप ट्रेन से सफर करने वाले है तो ये खबर आपके काम की है। यात्रियों को जानकारी के लिए बता दें कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर वॉशेबल एप्रिन हटाकर गिट्टी रहित पटरी बिछाने का काम 25 नवंबर से शुरू होगा और 8 जनवरी तक चलेगा। इस कारण कुछ ट्रेनों का रूट बदल दिया है।
ट्रेनों के प्लेटफॉर्म बदले
अब ताज एक्सप्रेस झांसी की जगह ग्वालियर से संचालित होगी। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ने वाली है। ताज एक्सप्रेस को दोपहर में लगभग पांच घंटे तक प्लेटफार्म तीन पर खड़ा किया जाएगा। इस कारण प्लेटफार्म तीन से ग्वालियर से भिंड जाने वाली भिंड पैसेंजर का प्लेटफार्म बदलने की प्लानिंग कर ली गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार ग्वालियर भिंड पैसेंजर को प्लेटफार्म एक या चार से चलाया जा सकता है। यार्ड में जगह नहीं, इसलिए ताज प्लेटफार्म पर
कुछ समय पहले जब ताज एक्सप्रेस ग्वालियर से दिल्ली के लिए चलती थी, उस समय ट्रेन को यार्ड में ले जाया जाता था। लेकिन अब जब से ताज एक्सप्रेस झांसी से संचालित होने के बाद ग्वालियर से चलने लगी है, तभी से इसे यार्ड में नहीं भेजा जा रहा है। रेलवे अधिकारी अब यार्ड में जगह नहीं होने की कहकर प्लेटफार्म पर ही खड़ी कर रहे हैं। इससे यात्रियों को परेशानी होगी।

 

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DRDO ने Su-30MKI से स्वदेशी ‘गौरव’ ग्लाइड बम का सफल परीक्षण किया,थर-थर कांपेगा पाकिस्तान

नई दिल्ली. भारत अपनी सैन्य क्षमता और टेक्नोलॉजी को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन पर काम कर रहा है। इस रास्ते में उसको बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। डीआरडीओ ने भारतीय वायुसेना के एसयु-30एमकेआई फाइटर जेट से स्वदेशी एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग-रेंज ग्लाइड बम गौरव के परीक्षण में सफलता हासिल कर ली है। यह बम दूर से ही दुश्मन के ठिकानों को सटीकता के साथ निशाना बनाकर नष्ट करने में सक्षम हैं, जिससे पायलट और विमान जोखिम से दूर रहते हैं। यह भारत की आधुनिक युद्ध क्षमता को एक नया आयाम देता है।
क्या है गौरव ग्लाइड बम
गौरव ऐसा हथियार है, जिसे हवा से काफी दूरी पर छोड़ा जाता है। यह छोड़ने के बाद लंबी दूरी तक ग्लाइड करता है। लक्ष्य पर सटीक प्रहार करता है। इसकी ताकत और उच्च विनाश क्षमता इसे बंकर, किलेबंद ठिकानों और पहाड़ी पोजिशन पर बेहद प्रभावी बनाती है। दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देते हुए प्रहार करना इसका सबसे बड़ा गुण है।
डीआरडीओ ने इस बम के दो वर्जन किए हैं विकसित
गौरव पीसीबी: बंकर, कंक्रीट संरचनाओं और पहाड़ी ठिकानों को भेदने के लिए डिजाइन किया।
गौरव पीएफ: खुले ठिकानों और बड़े क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले ऑपरेशंस के लिए उपयोगी।
दोनों संस्करण आधुनिक लड़ाई के अलग-अलग हालात में फायदेमंद साबित होंगे।
डिफेंस में आत्मनिर्भरता की राह
भारत लंबे समय से फाइटर जेट इंजन और एडवांस हथियारों के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहा है। यही वजह रही कि तेजस एमके2 और एएमसीए जैसे प्रोजेक्ट में देरी हुई।
अब डीआरडीओ और सरकार स्वदेशी इंजनों, मिसाइलों, रडार, एयर-डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर तकनीक के विकास पर तेजी से काम कर रहे हैं। गौरव इसका सशक्त उदाहरण है।

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भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर बॉटम परफार्मर जिले, एसआईआर डिजिटाइजेशन में सीहोर, अशोकनगर जैसे छोटे जिले अव्वल

भोपाल. सुविधाओं के बाद भी मध्य प्रदेश के विकसित और महानगरीय उपलब्धि वाले जिले भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर में एसआईआर की परफार्मेंस 18 दिनों में छोटे जिले की अपेक्षा पुअर है। हैरत की बात यह है कि यह सभी प्रदेश के 55 जिलों में बॉटम 10 जिलों की कैटेगरी में शामिल हैं जहां सबसे कम डिजिटाइजेशन हो सका है। चुनाव आयोग की सख्ती के बाद भी एमपी के वोटर्स की एसआईआर में प्रोग्रेस नहीं आ पा रही है। प्रदेश में 27 अक्टूबर की स्थिति में 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 मतदाता हैं जिसमें से 2 करोड़ 76 लाख 19 हजार 799 वोटर्स के एसआईआर डिटेल अभी डिजिटाइज होना बाकी है। 22 नवंबर की सुबह तक चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार डिजिटाइजेशन का प्रतिशत 48.11 है।

फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
परफार्मेंस की रिपोर्ट हर दिन बदल रही
संभागीय मुख्यालयों की बात करें तो सागर संभाग बॉटम जिलों से 11 वें स्थान पर हैं जहां 46.65 प्रतिशत डिजिटाइजेशन हुआ है और रीवा टाप परफार्मिंग जिलों की लिस्ट में 51.27 प्रतिशत के साथ 24वें स्थान पर है। हालांकि परफार्मेंस की यह रिपोर्ट हर दिन बदल रही है लेकिन इसके बाद भी छोटे जिलों का काम तेजी से हो रहा है। इसकी वजह इन जिलों के वोटर संख्या बड़े शहर वाले जिलों की अपेक्षा कम होना बताया जा रहा है। एक अन्य वजह एसआईआर फाॅर्म सभी को नहीं मिल पाना और फॉर्म सौंपने के बाद उसका कलेक्शन नहीं करना भी बताई जा रही है।

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ग्वालियर में बारातों से लगा जाम, 2 किमी लंबे जाम में दो घंटे तक फंसे रहे वाहन

ग्वालियर. शनिवार को तगड़ा सहालग (शादियां) का असर शहर की सड़कों पर भी साफ दिखाई दिया है। शहर से लेकर हाइवे तक ट्रैफिक जाम रहा है। सबसे ज्यादा खराब हालात ग्वालियर-झांसी हाइवे पर सिकरौदा पॉइंट व आगरा-मुम्बई नेशनल हाइवे पर निरावली पॉइंट पर रहे हैं। यहां दो किलोमीटर लंबा जाम लगा था और डेढ़ से दो घंटे वाहन ट्रैफिक जाम में फंसे रहे और रेंगते हुए ही निकले हैं। ट्रैफिक जाम की खबर मिलते ही शहर से लेकर हाइवे तक पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल करती हुई नजर आई है। रात 11 बजे तक सड़कों से यातायात सामान्य नहीं हो सका था।

हाइवे पर घंटों जाम लगा रहा। - Dainik Bhaskar
सड़कों पर बारातों और नाचते बारातियों के कारण ट्रैफिक जाम रहा
पुलिस जाम खुलवाने में जुटी नजर आई है। एक तरफ तो हाइवे पर जाम के कारण वाहनों की लंबी लाइन लग गई थी। सबसे ज्यादा हालत निरावली और सिकरौदा चौराहे पर हुई और स्थिति को संभालने के लिए डीएसपी यातायात सहित सभी यातायात निरीक्षक व पुलिस बल जाम खुलवाने में जुट गया। शहर की सड़कों पर बारातों और नाचते बारातियों के कारण ट्रैफिक जाम हो रहा था। जिस कारण शहर के थानों का बल ने अपने-अपने क्षेत्र में एक्टिव होकर जाम खुलवाया है।

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MP में बिजली चोरी पकड़ने वालों को मिलेगी इंजीनियर की सैलरी

भोपाल. बिजली चोरी रोकने में वर्षों से असफल रही बिजली कंपनियों ने इस बार एक ऐसा प्रयोग शुरू किया है, जिसने इंजीनियरों विशेष रूप से जेई और एई में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विवादित आदेश के अनुसार, अब बिजली चोरी पकड़वाने वाले बाहरी लोगों को मिलने वाला इनाम कंपनी के बजट से नहीं, बल्कि संबंधित क्षेत्र के जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर के वेतन से काटकर दिया जाएगा। अगस्त में जारी हुए इस आदेश से कई जिलों के इंजीनियर परेशान हैं और कई पर वेतन कटौती की तलवार लटक गई है।
आश्चर्य की बात यह है कि ऊर्जा विभाग से लेकर शीर्ष अधिकारियों तक, हर स्तर पर उपलब्धियों का श्रेय साझा किया जाता है, लेकिन बिजली चोरी रोकने की जिम्मेदारी तय करते समय केवल मैदानी इंजीनियरों को निशाना बनाया गया है। इसी वजह से यह मामला गरमा गया है और इसे अन्यायपूर्ण बताया जा रहा है। जल्द ही इस आदेश को अब पश्चिम और मध्य क्षेत्र की बिजली कंपनियों में लागू करने की तैयारी है, जिससे विवाद और बढ़ने की संभावना है।