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विश्व आदिवासी दिवस पर पारंपरिक वेशभूषा में निकला चल समारोह

ऊर्जा मंत्री ने बजाए वाद्ययंत्र, धनुष पर तीर के संधान का किया प्रदर्शन
ग्वालियर – उरांव एवं अन्य आदिवासी समाज संगठन समिति की ओर से विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शनिवार को फूलबाग मैदान से चल समारोह निकला। चल समारोह में आदिवासी बंधुओं ने अपने पारंपरिक तीर धनुष के संधान का साहसिक प्रदर्शन किया। चल समारोह में वनांचल के पारंपरिक वाद्ययंत्रों की सुरीली ध्वनि पर युवक युवतियां लोकगीत गाते हुए थिरकते नजर आए। फूलबाग मैदान से शुरू होकर चल समारोह रेलवे स्टेशन, गांधी रोड, शास्त्री नगर विवेकानंद चौराहा होते हुए अजाक्स कार्यालय पहुंचा।
यहां ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया, समिति के संरक्षक महेशराम भगत, अध्यक्ष जगपति भगत, सचिव रामेश्वर राम पटेल, मुकेश मौर्य, बाणेश्वर भगत ने आदिवासी वर्ग के महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
इसके बाद विभिन्न टोलियों ने हाय रे सरगुजा नाचे…छोटा नागपुर हाय रे हीरा नागपुर…जैसे गीतों पर नृत्य प्रस्तुति दी, कार्यक्रम में विश्व आदिवासी दिवस हर साल मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में रहने वाले आदिवासी समुदायों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी संस्कृति, पहचान और योगदान का सम्मान करने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में आदिवासियों की अपनी एक विशिष्ट संस्कृति, भाषा, परंपरा और जीवन शैली है। यह दिन उनकी इस समृद्ध विरासत को बनाए रखने और उसका सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष जगपति भगत ने कहा कि आदिवासी लोग न केवल अपनी संस्कृति और परंपराओं को बचाए हुए हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग और समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस दौरान सचिव रामेश्वर राम पटेल ने उपस्थित समाजबंधुओं को संकल्प दिलाया कि हम आदिवासी समाज के अधिकारों का सम्मान करेंगे, उनकी परंपराओं को सहेजेंगे और विकास में भी योगदान देंगे।

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