महिला अधिकारी व कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय कार्यषाला महिला अपराधों में घरेलू हिंसा के लिये
ग्वालियर- पुलिस कन्ट्रोल रूम सभागार ग्वालियर में एसएसपी धर्मवीर सिंह के निर्देश पर प्रषिक्षण की नोडल अधिकारी एएसपी सुमन गुर्जर की अगुआई में थानों के ऊर्जा डेस्क में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिये ‘‘घरेलू हिंसा से महिलाओं का सरंक्षण’’ विषय पर एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रषिक्षण देने आये एडीपीओ महिला अपराध प्रगति नायक के द्वारा ग्वालियर जिले के थानों में संचालित ऊर्जा डेस्क में पदस्त लगभग 40 महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को घरेलू हिंसा अधिनियम की बारीकियों से अवगत कराया गया।
प्रषिक्षण कार्यषाला में एडीपीओ महिला अपराध प्रगति नायक द्वारा कार्यशाला में उपस्थित महिला पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कहा कि घरेलू हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो महिलाओं, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के जीवन को प्रभावित करती है। यह हिंसा शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप में हो सकती है। उन्होने कहा कि घरेलू हिंसा से बचाव के लिए भारत में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 लागू किया गया है। इस अधिनियम का उद्देष्य पीडित महिला को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है, ।
कार्यषाला के द्वितीय सत्र में एएसपी सुमन गुर्जर द्वारा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम एक विषेष अधिनियम है जो घरेलू हिंसा से पीडित महिला व बच्चों को संरक्षित करती है, उन्होने डीआईआर फॉर्म के संबंध में विस्तार से बताया गया। तथा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों से कहा कि थाने में प्रत्येक पीडित महिला के आने पर अनिवार्य रूप से डीआईआर फॉर्म जरूर भरवायें जिसकी हर हफ्ते उनके द्वारा समीक्षा की जावेगी और हफ्ते में एक दिन शक्ति समिति के सदस्यों को काउसलिंग में शामिल जरूर करें व परामर्ष की अवधि 90 दिन से अधिक नही होना चाहिये। कार्यषाला के दौरान उनके द्वारा उपस्थित महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों से उनको थाने एवं फील्ड़ के दौरान आने वाली समस्याओं के संबंध में बातचीत की गई एवं उनकी समस्याओं के समाधान का आष्वासन दिया गया।