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इकहरा की महिलाओं ने मधुमक्खी पालन को बनाया अपना रोजगार 

ग्वालियर -राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने संगठित होकर मधुमक्खी पालन को अपना व्यवसाय बनाकर अपने जीवन को बेहतर बनाने का उल्लेखनीय कार्य किया है। स्व-सहायता समूह की 25 महिला सदस्यों द्वारा मधुमक्खी पालन कर लगभग 120 बॉक्स के साथ अपना कार्य प्रारंभ किया है। महिलाओं के उत्साह और मेहनत से 700 किलोग्राम शहद एवं 25 किलोग्राम मोम समूह ने एकत्रित किया है।
जिले की ग्राम पंचायत उदयपुरा, जखारा एवं इकहरा के 4 स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त कर मधुमक्खी पालन का व्यवसाय प्रारंभ किया। महिलाओं की मेहनत और प्रशासनिक अधिकारियों के मार्गदर्शन से समूह का काम निखरने लगा और उन्हें आर्थिक लाभ भी प्राप्त होने लगा। मधुमक्खी पालन समूह की महिलाओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुँचकर कलेक्टर रुचिका चौहान को समूह द्वारा तैयार किए गए शहद की बोतल भी प्रदान की। कलेक्टर ने महिलाओं से विस्तार से चर्चा की तथा मधुमक्खी पालन के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
समूह की महिलाओं ने कलेक्टर को बताया कि जिला पंचायत के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिलाया गया है। इसके साथ ही समूह द्वारा 120 बॉक्स के माध्यम से मधुमक्खी पालन का कार्य प्रारंभ किया गया। प्राप्त शहद को समूह के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र मुरैना में प्रोसेसिंग कराकर बाजार में 350 रूपए से 400 रूपए प्रतिकिलो के हिसाब से विक्रय किया जा रहा है।
कलेक्टर के निर्देश पर समूह द्वारा तैयार किए गए शहद विक्रय के लिये एक अस्थायी केन्द्र कलेक्ट्रेट में बनाया गया। जिले के अधिकारियों ने भी स्व-सहायता समूह की महिलाओं से शहद क्रय कर उनका उत्साहवर्धन किया।
इस मौके पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने मधुमक्खी पालन के कार्य में लगे स्व-सहायता समूह के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। इसके साथ ही जिले में अन्य जगहों पर भी स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।

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