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अब निजी सेंटर पर भी हाई रिस्क गर्भवती माताओं को नि:शुल्क सोनोग्राफी की सुविधा

सरकार डिजिटल पेमेंट के जरिए उपलब्ध करा रही है यह सुविधा
ग्वालियर – हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत निजी अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटर पर भी डिजिटल पेमेंट के जरिए नि:शुल्क सोनोग्राफी कराने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सोनोग्राफी का खर्चा सरकार वहन कर रही है। निजी सोनोग्राफी सेंटर पर डिजिटल पेमेंट के जरिए उपलब्ध कराई गई इस सुविधा से हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को अब अल्ट्रासोनोग्राफी के लिये इंतजार की जरूरत नहीं रही है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले की अधिकाधिक जरूरतमंद महिलाओं को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही इस सुविधा का लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं।
इस कड़ी में 9 जनवरी को जिले के भितरवार, बरई, हस्तिनापुर व डबरा के सरकारी अस्पताल एवं ग्वालियर शहर की 12 स्वास्थ्य संस्थओं में हाई रिस्क वाली गर्भवती माताओं की जांच के लिये क्लीनिक (विशेष स्वास्थ्य शिविर) लगाए गए। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपाली माथुर ने बताया कि इन शिविरों में हाई रिस्क गर्भवती माताओं के मोबाइल फोन पर ई-रुपी मॉडल के अंतर्गत ई-रुपी बाउचर जनरेट कर पंजीकृत सेंटर पर उनकी अल्ट्रासोनोग्राफी जाँच कराई गई।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह की 9 व 25 तारीख को सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित कर गर्भवती माताओं की निजी क्षेत्र की अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटर पर नि:शुल्क सोनोग्राफी जाँच कराने का निर्णय लिया है। राज्य शासन के निर्देशों के पालन में 9 जनवरी को जिले के चारों विकासखंडों में स्थित सरकारी अस्पतालों और ग्वालियर शहर के एक दर्जन अस्पतालों में क्लीनिक आयोजित कर हाई रिस्क महिलाओं को निजी सोनोग्राफी के जरिए अल्ट्रासोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध कराई गई। सरकार द्वारा जननी सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही नि:शुल्क सोनोग्राफी सुविधा का हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं के लिये विस्तार किया गया है। जिसके तहत पीसी-पीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत निजी सोनोग्राफी सेंटर में सरकार द्वारा अपने खर्चे पर गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी कराई जा रही है।

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