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ट्रक ने 3 छात्राओं को कुचला, एक की घटनास्थल पर ही हुई मौत, 2 हालत नाजुक

लड़कियां दौड़ प्रतियोगिता की तैयारी के लिए गांव से बाहर शिवपुरी-ग्वालियर हाईवे पर गईं थी। - Dainik Bhaskar

शिवपुरी. के कांकर गांव में खेल प्रतियोगिता की तैयारी कर रही छात्राओं को ट्रक ने कुचल दिया और इस हादसे में एक छात्रा की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। वहीं, ट्रक की चपेट में आने से 2 छात्रायें जख्मी हो गयी ।घटना बुधवार की सुबह 5 बजे की है। सतनबाड़ा थाना पुलिस ने ट्रक को जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
कांकर गांव के एक प्रायवेट स्कूल में कुछ ही दिनों में खेल प्रतियोगिता होने वाली है। इसी की तैयारी में स्कूली छात्रायें जुटी हुई थी। आज भी सुबह 4.30 बजे 10वीं की छात्रा अंजलि पाल15, 9वीं की छात्रा कविता प्रजापति15, पायल रजक 14, नैन्सी पाल, परी और उसका भाई जोनेश प्रजापति दौड़ की तैयारी के लिये गांव से बाहर शिवपुरी -ग्वालियर हाइवे पर गये थे। इसी बीच यह घटना घटी।
रेलिंग तोड़कर सर्विस लाइन में जा घुसा
सुबह 5 बजे के आसपास जब छात्रायें हाईवे की सर्विस लाइन पर दौड़ रही थी। तभी कांकर तालाब की पुलिस के पास ग्वालियर की तरफ आ रहा ट्रक नम्बर आरजे11जीसी 9843 सर्विस लाइन को तोड़ते हुए उस पार पहुंच गया। इस बीच अंजलि पाल, कविता प्रजापति, और पायल रजक उसकी चपेट में आ गयी। ट्रक की चपेट में आने से अंजलि की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। वहीं, कविता गंभीर रूप से घायल है। कविता के पैर में फ्रैक्चर हुआ है। पायल रजक को भी चोट आयी है। दोनों छात्राओं को पहले सतनबाड़ा और बाद में मेडीकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। गांव में नहीं है खेल मैदानहेमंत पाल ने बताया कि कांकर गांव की आबादी 7 हजार के लगभग हैं। लेकिन इस गांव में खेल मैदान नहीं है। मजबूरी में गांव के बच्चों सहित युवाओं को तैयारी के लिए हाईवे की सर्विस लाइन पर जाना पड़ता है। हमें हमेशा डर लगा रहता है, आज वहीं डर सच हो गया और दुर्घटना में उसकी होनहार भतीजी अंजलि की जान चली गई। बता दें कि घटना के वक्त करीब 7 से 8 बच्चे सर्विस लाइन पर मौजूद थे। लेकिन सभी के बीच दूरी थी। ऐसे में अगर सभी साथ होते तो ओर बड़ी घटना घट सकती थी।
पुलिस में भर्ती होना चाहती थीं छात्राएं
अंजलि पाल गांव की होनहार छात्रा थी। अंजलि और कविता दोनों की इच्छा पुलिस में भर्ती होने की थी। हेमंत पाल ने बताया कि उसकी भतीजी अंजलि गांव की टॉपर थी। हमेशा उसके नंबर 90 प्रतिशत के ऊपर ही आते थे। उसे अधिकारी बनने का शौक था इसी के चलते वह शुरू से ही इसी तरह की तैयारी में जुटी रहती थी।

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