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तिरूपति मंदिर में गैर हिन्दू कर्मचारियों को हटाया गया

तिरूमाला. 25 सितम्बर 2024 को आंधप्रदेश के सीएम चन्द्रबाबू नायडू ने दावा है कि तिरूपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्वी और मछली के तेल का उपयोग किया जा रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। लेकिन नायडू कोई सबूत पेश नहीं कर पाये। केस अभी भी सुप्रीम कोर्ट में है। लेकिन इसकी जांच तिरूपति मंदिर के 300 गैर हिन्दू कर्मचारियों पर भी आ गयी है। मंदिर का मैनेजमेंट देखने वाले तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने ऐसे सभी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
भारत के संविधान के आर्टिकल 14 से 18 में ही स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारी दिये गये है। आर्टिकल 16 में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। इसी आर्टिकल के सेक्शन 16.5 में किसी धार्मिक संस्थान या काम के लिये किसी विशेष धर्म या संप्रदाय का व्यक्ति नियुक्त किया जा सकता है। संविधान के इसी आर्टिकल के आधार पर तिरूपति मंदिर के ट्रस्ट TTD ने मंदिर में सिर्फ हिन्दू कर्मचारियों को नौकरी देने का आदेश दिया है। आंध्रप्रदेश चैरिटेबल, हिन्दू धार्मिक संस्थान और धार्मिक सेवा नियम के सेक्शन 3 में सिर्फ हिन्दू कर्मचारी होने की बात कही गयी है। आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट भी नवम्बर 2023 में सेवा नियम के इस सेक्शन को कानून करार दे चुका है। हाईकोर्ट का कहना था कि मंदिर अपने कर्मचारियों की सेवा शर्ते तय कर सकता है। यानी हिन्दू मंदिर या कोई दूसरी धार्मिक संस्था यह तय कर सकती है। उनके कर्मचारी सिर्फ हिन्दू हों।

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