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हिल गयी थी शिवराज सरकार केके मोहम्मद की चिट्ठी से 15 वर्ष पहले, अब फिर वही हालात

ग्वालियर. आज से लगभग 15 वर्ष पूर्व सीनियर आर्कियोलॉजिस्ट केके मोहम्मद की चिट्ठी से आरएसएससे लेकर शिवराज सरकार तक हिल गयी थी। शिवराज सरकार ने आनन-फानन में मुरैना के मितावली, पडावली और बटेश्वर में मौजूद शिवमंदिरों को बचाने के लिये 2 कंपनियों की तैनाती कर दी थी। जिससे शिव मंदिरों को माफियाओं की ब्लास्टिंग से बचाया जा सके। आज फिर से मितावली पडावली में वहीं पुरानी स्थिति निर्मित हो गयी है। जिसको लेकर केके मोहम्मद फिर से मुखर हैं।


ब्लास्टिंग से मंदिरों को खतरा
पूर्व सीनियर आर्कियोलॉजिस्ट केके मोहम्मद ने बताया है कि उन्होंने पहले चिट्ठी लिखी थी। अब फिर से सरकार से बात करेंगे। क्योंकि अवैध उत्खनन से मंदिरों को खतरा पैदा हो गया है। बुधवार को केके मोहम्मद टूरिस्ट के दल के साथ मुरैना के मिलावली, पडावली पहुंचे थे जहां उन्हें वहीं स्थिति नजर आई है।
ऐतिहासिकता के लिये प्रसिद्ध है बटेश्वर मंदिर
मध्यप्रदेश में मुरैना से लगभग 30 किमी दूर जंगलों में स्थित बटेश्वर मंदिर अपनी एतिहासिकता के लिये प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान शिव, विष्णु और सती को समर्पित हैं। चम्बल के इन जंगलों में एक साथ 200 विशालकाय मंदिर स्थापित है। हालांकि इनमें ज्यादातर मंदिरों ने अब खण्डहर का रूप ले लिया है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार इनका निर्माण 8 से 10वीं सदी के बीच हुआ था। इसके पास ही पत्थरों की खदान हैं।
अवैध उत्खनन को लेकर चिंतित है ग्वालियर सांसद
हालांकि अब वह रिटायर हो चुके हैं। लेकिन देश और दुनिया में आर्कियोलॉजी मामले में बड़ी पकड़ रखते हैं। मुरैना के मितावली पडावली में हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर भी संजीदा है। वह भी कह रहे हैं कि यह मामला उनकी जानकारी में भी है। इसको लेकर वह सरकार को चिट्ठी लिख रहे हैं। पत्थर माफियाओं पर अंकुश लगाया जाये नही ंतो पूरा संपदा खतरे में आ जायेगी।

व‍िधायक ने बताया माफ‍ियाओं की सरकार 
वहींं, कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि यह माफियाओं की सरकार है. यह पत्थर माफियाओं पर अंकुश नहीं लगा सकती है. मुरैना के मितावली, पडावली में जो लोग सफेद पत्थर का अवैध कारोबार करते हैं. वह कोई और नहीं बल्कि सरकार से जुड़े हुए लोग हैं.

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